📋 Topics:-
Meaning:
A small family where only parents and their children live together.
👉 ऐसा परिवार जहाँ सिर्फ़ माता-पिता और बच्चे रहते हैं।
Example:
रवि के घर में सिर्फ़ मम्मी, पापा और वह खुद रहते हैं — यह एक nuclear family है।
Keyword Tip: Small, close, independent family.
Meaning:
A big family where grandparents, uncles, aunts, cousins all live together under one roof.
👉 ऐसा परिवार जिसमें दादा-दादी, चाचा-चाची, भाई-बहन सब साथ रहते हैं।
Example:
सीमा अपने दादा-दादी और चाचाओं के साथ रहती है — यह joint family है।
Keyword Tip: Togetherness, shared responsibilities.
Meaning:
The duties or tasks that a person must do carefully and honestly.
👉 वह काम जो हमें ईमानदारी और ध्यान से पूरा करना होता है।
Example:
घर की सफाई करना, माता-पिता की मदद करना — बच्चों की responsibility है।
Keyword Tip: Duty, obligation, work we must do.
Meaning:
Customs or practices that have been followed by families or communities for many generations.
👉 वो रीति-रिवाज़ जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आ रहे हैं।
Example:
दीवाली पर घर सजाना और दीप जलाना हमारी tradition है।
Keyword Tip: Culture, old customs, heritage.
Meaning:
Special days celebrated with joy to mark religious, national, or seasonal events.
👉 खुशी के वो दिन जो धार्मिक, राष्ट्रीय या मौसमी कारणों से मनाए जाते हैं।
Example:
Diwali, Holi, Independence Day, Pongal — ये सब festivals हैं।
Keyword Tip: Celebration, unity, happiness.
Meaning:
Festivals celebrated by the whole country to remember important national events.
👉 वो त्योहार जो पूरे देश में एक साथ मनाए जाते हैं।
Example:
15 August (Independence Day), 26 January (Republic Day)।
Keyword Tip: Country unity, patriotism.
Meaning:
Festivals celebrated according to religious beliefs and faiths.
👉 धर्म और आस्था से जुड़े त्योहार।
Example:
Eid, Christmas, Diwali, Guru Nanak Jayanti आदि।
Keyword Tip: Faith-based celebrations.
Meaning:
Festivals celebrated with changes in seasons or harvest times.
👉 मौसम या फसल कटाई से जुड़े त्योहार।
Example:
Baisakhi, Makar Sankranti, Pongal, Onam।
Keyword Tip: Nature, farming, seasons.
Meaning:
The work or job a person does to earn a living (जीविका चलाना)।
Example:
Teacher, doctor, farmer, carpenter — सभी के अलग-अलग occupations हैं।
Keyword Tip: Profession, livelihood, job.
Meaning:
The occupation of growing crops and rearing animals.
👉 खेती करना और पशुपालन करना।
Example:
किसान खेतों में गेहूँ और धान उगाता है — यह उसकी farming है।
Keyword Tip: Agriculture, crop growing.
Meaning:
Art of making useful things by hand.
👉 हाथों से सुंदर या उपयोगी वस्तुएँ बनाना।
Example:
मिट्टी के बर्तन, बांस की टोकरियाँ, कढ़ाई — ये सब crafts हैं।
Keyword Tip: Handmade art, creativity.
Meaning:
Jobs that involve helping others instead of making products.
👉 ऐसा पेशा जिसमें हम दूसरों की मदद करते हैं, वस्तु नहीं बनाते।
Example:
Doctor, nurse, teacher, police — ये सब service occupations हैं।
Keyword Tip: Helping work, public service.
Meaning:
Occupations that are specific to a region and depend on local resources.
👉 किसी क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों के अनुसार होने वाले काम।
Example:
कश्मीर में ऊन बनाना, राजस्थान में हस्तकला, तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ना।
Keyword Tip: Area-based livelihood.
Meaning:
Things or practices that are old, culture-based, and passed from ancestors.
👉 जो पुरानी परंपरा से जुड़े और पीढ़ियों से चले आ रहे हैं।
Example:
चरखा से कपड़ा बुनना — एक traditional तरीका है।
Keyword Tip: Old customs, heritage.
Meaning:
New or up-to-date methods using machines, science, or technology.
👉 जो नई तकनीक या वैज्ञानिक तरीकों से किया जाता है।
Example:
पावर लूम से कपड़ा बनाना — एक modern तरीका है।
Keyword Tip: New, advanced, technological.
Meaning:
Clothes worn according to weather conditions.
👉 जो कपड़े हम मौसम के अनुसार पहनते हैं।
Example:
गर्मी में सूती, सर्दी में ऊनी कपड़े पहनना।
Keyword Tip: Weather protection, comfort.
Meaning:
Instruments used to make work easier and faster.
👉 काम को आसान और तेज़ करने के लिए उपयोगी वस्तुएँ।
Example:
हथौड़ा, सिलाई मशीन, करघा, ट्रैक्टर — ये सब tools हैं।
Keyword Tip: Work instruments, machines.
Meaning:
A manually operated machine used to weave fabric.
👉 हाथ से चलने वाला करघा, जिससे कपड़ा बुना जाता है।
Example:
वाराणसी की बनारसी साड़ी handloom पर बनाई जाती है।
Keyword Tip: Handmade weaving, local textile.
Meaning:
The way of life, beliefs, values, and traditions of people.
👉 लोगों का जीवन-ढंग, रीति-रिवाज और विश्वास।
Example:
भारत की विविध culture हमें एकता में विविधता सिखाती है।
Keyword Tip: Way of life, heritage.
Meaning:
People who help others in community life through their services.
👉 वे लोग जो अपने काम से समाज की मदद करते हैं।
Example:
Teacher, postman, doctor, sweeper — सभी community helpers हैं।
Keyword Tip: Helping people in society.
Meaning:
The quality or character that makes a person or group unique.
👉 कोई व्यक्ति या समुदाय जो चीज़ उन्हें विशेष बनाती है।
Example:
हमारे कपड़े और भाषा हमारी identity हैं।
Keyword Tip: Who we are, self-recognition.
Meaning:
The state of being joined together for a common purpose.
👉 एक साथ मिलकर रहना या कार्य करना।
Example:
राष्ट्रीय त्योहार हमें unity का संदेश देते हैं।
Keyword Tip: Togetherness, oneness.
Meaning:
Valuable traditions, buildings, art, or culture passed from ancestors.
👉 हमारे पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक या ऐतिहासिक धरोहर।
Example:
ताजमहल और पारंपरिक नृत्य हमारे देश की heritage हैं।
Keyword Tip: Ancient legacy, cultural treasure.
Meaning:
The means of earning money to live.
👉 वह साधन जिससे व्यक्ति जीवनयापन करता है।
Example:
किसान की livelihood उसकी खेती पर निर्भर है।
Keyword Tip: Source of income.
Meaning:
Bringing new ideas or methods to improve existing work.
👉 पुराने कार्य को बेहतर बनाने के लिए नए विचार लाना।
Example:
हाथ करघे को बिजली से चलाना एक innovation है।
Keyword Tip: Creativity, improvement.
Family Types:
Nuclear = छोटा परिवार (parents + children)
Joint = बड़ा परिवार (grandparents + relatives)
Roles & Responsibilities:
हर सदस्य की जिम्मेदारी होती है — सहयोग, आदर, मदद।
Festivals & Traditions:
National: Independence Day, Republic Day
Religious: Eid, Christmas, Diwali
Seasonal: Baisakhi, Pongal, Onam
Festivals promote unity & culture.
Occupations:
Farming: खेती-बाड़ी
Craft: हस्तकला
Services: डॉक्टर, शिक्षक
Local Occupation: क्षेत्र अनुसार काम
Clothes & Tools:
Traditional Clothes: साड़ी, धोती, लुंगी
Modern Clothes: शर्ट, जीन्स, जैकेट
Seasonal Clothes: सूती, ऊनी, रेनकोट
Traditional Tools: चरखा, हाथ करघा
Modern Tools: सिलाई मशीन, पावर लूम
Key Values:
Unity (एकता)
Culture (संस्कृति)
Respect (सम्मान)
Responsibility (जिम्मेदारी)
Livelihood (आजीविका)
✨ Final Teacher Tip:
इन शब्दों को केवल रटिए नहीं —
बच्चों को रोज़मर्रा के उदाहरणों से जोड़िए।
👉 जब वे घर, त्योहार या पेशों को समझेंगे,
तभी वे “Family & Relationships” का असली अर्थ महसूस करेंगे। 💫
Family (परिवार) वह सामाजिक इकाई (social unit) है जहाँ व्यक्ति जन्म लेता है, बढ़ता है और सीखता है।
यह बच्चे की पहली school होती है। यहीं से बच्चा values (मूल्य), discipline (अनुशासन) और social behaviour (सामाजिक व्यवहार) सीखता है।
परिवार हमें पहचान (identity) और सुरक्षा (security) देता है।
🔹 Example:
जैसे – जब बच्चा बोलना या खाना सीखता है, तो सबसे पहले वह अपने माता-पिता या दादा-दादी को देखकर सीखता है।
🔹 Key idea: Family = First learning environment (पहला शिक्षण वातावरण)
इसमें केवल माता-पिता (parents) और उनके बच्चे (children) रहते हैं।
यह परिवार छोटा (small) होता है और निर्णय जल्दी लिए जाते हैं।
यहाँ हर सदस्य की individual responsibility (व्यक्तिगत जिम्मेदारी) अधिक होती है।
Privacy (निजता) अधिक होती है लेकिन support system (सहयोग) कम हो सकता है।
🔹 Example:
राजू के घर में सिर्फ मम्मी, पापा और वह खुद रहते हैं – यह nuclear family है।
🔹 Advantages (फायदे):
निर्णय जल्दी होते हैं
व्यक्तिगत स्वतंत्रता (freedom) होती है
आधुनिक जीवनशैली के अनुसार अनुकूल
🔹 Disadvantages (नुकसान):
बच्चा अकेलापन महसूस कर सकता है
आपातकाल (emergency) में मदद कम मिलती है
इसमें दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, भाई-बहन आदि सभी सदस्य एक साथ रहते हैं।
यह परिवार बड़ा (large) होता है और सब लोग एक-दूसरे के साथ साझा जिम्मेदारी (shared responsibility) निभाते हैं।
इसमें collective decision-making (सामूहिक निर्णय) होता है।
🔹 Example:
सीमा अपने दादा-दादी, चाचा, चाची और cousins के साथ रहती है – यह joint family है।
🔹 Advantages (फायदे):
बच्चा sharing (साझा करना) और cooperation (सहयोग) सीखता है
emotional support (भावनात्मक सहारा) मिलता है
बुजुर्गों के अनुभव से सीखने का अवसर
🔹 Disadvantages (नुकसान):
कभी-कभी conflicts (विवाद) या मतभेद हो सकते हैं
व्यक्तिगत स्वतंत्रता कम हो सकती है
जब किसी कारण से केवल मां या पिता में से कोई एक बच्चे की परवरिश करता है, तो यह single parent family कहलाती है।
इसमें जिम्मेदारी एक व्यक्ति पर होती है, लेकिन बच्चा फिर भी प्यार और समर्थन पा सकता है।
🔹 Example:
रवि की मां अकेले उसकी परवरिश करती हैं — यह एक single parent family है।
परिवार का आर्थिक सहारा (financial support) देते हैं।
बच्चों को अनुशासन (discipline) और निर्णय क्षमता (decision-making) सिखाते हैं।
बच्चे की देखभाल, शिक्षा, और संस्कार में मुख्य भूमिका निभाती हैं।
परिवार को भावनात्मक समर्थन (emotional support) देती हैं।
बच्चों को संस्कृति (culture) और परंपराएँ (traditions) सिखाते हैं।
बच्चे को moral values (नैतिक मूल्य) समझाते हैं।
परिवार के नियमों का पालन करते हैं।
Respect (सम्मान) और help (मदद) करना सीखते हैं।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक जब बच्चों से “घर पर कौन-कौन रहता है?” पूछते हैं, तो बच्चे अपने परिवार के सदस्य बताते हैं — इससे शिक्षक को उनके पारिवारिक वातावरण का अंदाज़ा मिलता है।
परिवार बच्चे का पहला समाज (first society) है।
यहाँ से बच्चा सीखता है:
Values (मूल्य) – जैसे ईमानदारी, दया, सम्मान
Language (भाषा) – बोलने और संवाद करने का तरीका
Behaviour (व्यवहार) – दूसरों से कैसा बर्ताव करना है
Social Skills (सामाजिक कौशल) – मिलजुल कर रहना, साझा करना
Emotional Stability (भावनात्मक स्थिरता) – प्यार, सहारा और सुरक्षा का अनुभव
🔹 Example:
अगर परिवार में सभी एक-दूसरे की मदद करते हैं, तो बच्चा भी helping nature सीखता है।
शिक्षक को हर बच्चे के परिवार की पृष्ठभूमि (family background) समझनी चाहिए।
इससे वह बच्चे की समस्याएँ (problems) और क्षमताएँ (strengths) पहचान सकता है।
अगर बच्चा single parent family से है, तो उसे अधिक emotional support की ज़रूरत हो सकती है।
शिक्षक को सभी परिवार प्रकारों का सम्मान (respect all family forms) करना चाहिए।
🔹 Classroom Example:
अगर कोई बच्चा बार-बार उदास रहता है, तो शिक्षक को उसके घर का माहौल जानने की कोशिश करनी चाहिए — शायद माता-पिता अलग रहते हों या परिवार में तनाव हो।
Family = First learning environment जहाँ बच्चा बोलना, रहना, और व्यवहार करना सीखता है।
Nuclear Family – छोटा परिवार (parents + children), स्वतंत्रता ज़्यादा, support कम।
Joint Family – बड़ा परिवार (दादा-दादी, चाचा-चाची आदि), सहयोग और प्यार ज़्यादा।
Single Parent Family – एक ही अभिभावक, जिम्मेदारी अधिक लेकिन प्यार उतना ही।
हर सदस्य की भूमिका – पिता (आर्थिक सहारा), माता (देखभाल), दादा-दादी (संस्कार), बच्चे (सम्मान)।
परिवार का महत्व – मूल्य, भाषा, व्यवहार, सामाजिक और भावनात्मक विकास का आधार।
शिक्षक की भूमिका – बच्चे के परिवार को समझकर उसे उचित सहारा देना।
🌿 Final Thought:
परिवार बच्चे के जीवन का पहला विद्यालय और सबसे बड़ा सहारा है।
एक समझदार शिक्षक वही है जो हर बच्चे के पारिवारिक संदर्भ को समझकर उसे सकारात्मक वातावरण प्रदान करे।
Festival (त्योहार) वे विशेष दिन हैं जिन्हें लोग खुशी, एकता और संस्कृति (culture) के रूप में मनाते हैं।
Traditions (परंपराएँ) वे पुरानी रीति-रिवाज़ (old customs) हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आती हैं।
त्योहार और परंपराएँ हमारी संस्कृति (culture), मूल्य (values) और सामाजिक एकता (social unity) को दर्शाती हैं।
🔹 Example:
दीवाली पर घर सजाना, होली पर रंग लगाना, या ईद पर सेवई खाना — ये सब traditions हैं।
🔹 Keyword:
Tradition = संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का समूह
Festival = खुशी और एकता का प्रतीक दिन
Cultural Awareness (सांस्कृतिक समझ):
बच्चे को अपने देश और समाज की परंपराओं की जानकारी मिलती है।
Unity & Brotherhood (एकता और भाईचारा):
त्योहार लोगों को जोड़ते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म या क्षेत्र के हों।
Moral Values (नैतिक मूल्य):
बच्चे sharing (साझा करना), helping (मदद करना) और respect (सम्मान) जैसे मूल्य सीखते हैं।
Happiness and Social Interaction (खुशी और सामाजिक मेलजोल):
त्योहार बच्चों को social participation (सामाजिक भागीदारी) सिखाते हैं।
Learning through Experience (अनुभव से सीखना):
त्योहारों से बच्चे art, music, food, dress आदि के बारे में जानकार होते हैं।
🔹 Classroom Example:
जब स्कूल में “दीवाली सेलिब्रेशन” होती है, तो बच्चे सफाई, सजावट, teamwork और environmental awareness सीखते हैं।
ये त्योहार देशभक्ति (patriotism) और राष्ट्रीय एकता (national unity) को बढ़ाते हैं।
ये पूरे देश में मनाए जाते हैं, धर्म या क्षेत्र की सीमा से परे।
Independence Day (स्वतंत्रता दिवस) – 15 अगस्त
भारत के स्वतंत्र होने की खुशी में मनाया जाता है।
स्कूलों में झंडा फहराया जाता है, बच्चे देशभक्ति गीत गाते हैं।
Republic Day (गणतंत्र दिवस) – 26 जनवरी
इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
दिल्ली में परेड (Parade) होती है, स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programmes) होते हैं।
Gandhi Jayanti (गांधी जयंती) – 2 अक्टूबर
महात्मा गांधी की जयंती पर लोग अहिंसा (non-violence) और सत्य (truth) के सिद्धांतों को याद करते हैं।
स्कूलों में स्वच्छता अभियान (cleanliness drives) कराए जाते हैं।
🔹 Key Idea:
National Festivals unite the whole nation (पूरा देश जोड़ते हैं)।
ये त्योहार अलग-अलग धर्मों (religions) द्वारा मनाए जाते हैं।
इनका उद्देश्य धार्मिक आस्था (faith) और सामुदायिक सौहार्द (communal harmony) बढ़ाना होता है।
Diwali (दीवाली) – हिंदू धर्म का प्रकाश पर्व, अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक।
घर सजाए जाते हैं, दीपक जलाए जाते हैं।
बच्चा सीखता है: “Light over darkness, good over evil.”
Holi (होली) – रंगों का त्योहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक।
बच्चे खेल के माध्यम से sharing & friendship सीखते हैं।
Eid (ईद) – मुसलमानों का पवित्र त्योहार, रोज़े (fasting) के बाद मनाया जाता है।
बच्चे helping the poor (गरीबों की मदद) का मूल्य सीखते हैं।
Christmas (क्रिसमस) – ईसाई धर्म का त्योहार, यीशु मसीह के जन्म का दिन।
बच्चे love, joy and giving (प्यार, खुशी और देने की भावना) सीखते हैं।
Guru Nanak Jayanti – सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती।
बच्चे equality (समानता) और honesty (ईमानदारी) का महत्व समझते हैं।
🔹 Key Idea:
Religious festivals teach respect for all religions (सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाते हैं)।
ये त्योहार प्रकृति (nature) और कृषि (agriculture) से जुड़े होते हैं।
इनसे लोगों में environmental awareness (पर्यावरण जागरूकता) बढ़ती है।
Baisakhi (बैसाखी) – फसल कटाई का त्योहार (North India)
किसान God of Harvest (फसल के देवता) का धन्यवाद करते हैं।
Pongal (पोंगल) – दक्षिण भारत का फसल पर्व, सूर्य देव की पूजा की जाती है।
Onam (ओणम) – केरल का त्योहार, राजा महाबली की याद में।
बच्चे सादगी और विनम्रता सीखते हैं।
Makar Sankranti (मकर संक्रांति) – सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है।
पतंग उड़ाना, तिल-गुड़ बाँटना – साझा करने का प्रतीक।
🔹 Key Idea:
Seasonal festivals connect people with nature and gratitude (प्रकृति और आभार से जोड़ते हैं)।
बच्चे को परंपराएँ सिखाने का पहला माध्यम परिवार है।
माता-पिता बच्चे को बताते हैं कि त्योहार क्यों और कैसे मनाया जाता है।
परिवार में मिल-जुलकर त्योहार मनाने से बच्चे में belongingness (अपनापन) की भावना आती है।
स्कूल में different festivals मनाए जाते हैं ताकि बच्चे unity in diversity (विविधता में एकता) को समझें।
शिक्षक को सभी त्योहारों का समान सम्मान (equal respect) दिखाना चाहिए।
त्योहारों के माध्यम से बच्चों में values education (मूल्य शिक्षा) दी जाती है।
🔹 Classroom Example:
टीचर बच्चों से “अपने पसंदीदा त्योहार का चित्र बनाओ” कहलवा सकते हैं — इससे बच्चे की संस्कृति और रचनात्मकता दोनों झलकती हैं।
Festival Corner: कक्षा में एक कोना बनाएं जहाँ हर महीने का त्योहार दर्शाया जाए।
Role Play / Drama: बच्चे त्योहारों पर आधारित नाटक करें — जैसे “रामायण का एक दृश्य”, “सांता क्लॉज़ बनो”।
Story Telling: त्योहारों से जुड़ी कहानियाँ सुनाकर बच्चे में moral learning कराई जा सकती है।
Art Activity: बच्चे greeting cards, rangoli, या flag decoration बना सकते हैं।
Discussion: “त्योहार हमें क्या सिखाते हैं?” पर समूह चर्चा।
Festivals = खुशी, संस्कृति और एकता का प्रतीक।
Traditions = पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली रीति-रिवाज़ें।
National Festivals: Independence Day, Republic Day, Gandhi Jayanti – देशभक्ति सिखाते हैं।
Religious Festivals: Diwali, Eid, Christmas – धार्मिक सौहार्द और सम्मान सिखाते हैं।
Seasonal Festivals: Baisakhi, Pongal, Onam – प्रकृति और फसल से जुड़ाव दिखाते हैं।
Family बच्चे को त्योहार मनाना सिखाती है, School उनमें मूल्य शिक्षा देता है।
त्योहारों से बच्चे sharing, love, respect, unity और teamwork सीखते हैं।
शिक्षक को सभी धर्मों और परंपराओं का समान सम्मान दिखाना चाहिए।
🌿 Final Thought:
त्योहार केवल उत्सव नहीं हैं, वे शिक्षा, संस्कृति और एकता के प्रतीक हैं।
एक संवेदनशील शिक्षक त्योहारों को value-based learning का सुंदर अवसर बनाता है।
Occupation (व्यवसाय) वह कार्य है जिससे व्यक्ति रोज़गार (livelihood) कमाता है और समाज की जरूरतें (social needs) पूरी करता है।
हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के कार्य से जुड़ा होता है – यही उसका occupation कहलाता है।
🔹 Keyword:
Occupation = Source of livelihood (जीविका का साधन)
🔹 Example:
किसान खेती करता है, बढ़ई फर्नीचर बनाता है, अध्यापक पढ़ाता है — ये सब occupations हैं।
खेती सबसे प्राचीन (oldest) और मुख्य व्यवसाय (primary occupation) है।
इसमें कृषक (farmers) जमीन में फसल (crops) उगाते हैं — जैसे गेहूं, धान, सब्जियाँ आदि।
किसान food producers (अन्न उत्पादक) होते हैं — वे समाज की बुनियादी ज़रूरत पूरी करते हैं।
🔹 Work involved:
जुताई (ploughing), बुवाई (sowing), सिंचाई (irrigation), कटाई (harvesting) आदि।
🔹 Daily life Example:
हम रोज़ जो खाना खाते हैं — चावल, दाल, सब्जी — यह सब किसान की मेहनत का परिणाम है।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक “कृषक दिवस” या “Food from Farm” गतिविधि करा सकते हैं जहाँ बच्चे बताएँ कि उनका भोजन खेत से कैसे आता है।
🔹 Keyword:
Farming = Agriculture (कृषि कार्य)
Craftsmen (कारीगर) अपने हाथों से वस्तुएँ बनाते हैं जिन्हें लोग उपयोग या सजावट के लिए खरीदते हैं।
यह skill-based occupation (कौशल आधारित व्यवसाय) है।
🔹 Examples of Craft occupations:
Potter (कुम्हार) – मिट्टी के बर्तन बनाता है।
Carpenter (बढ़ई) – लकड़ी से फर्नीचर बनाता है।
Weaver (बुनकर) – कपड़ा बुनता है।
Blacksmith (लोहार) – औज़ार और लोहे की वस्तुएँ बनाता है।
Tailor (दरजी) – कपड़े सिलता है।
🔹 Importance:
ये व्यवसाय हमारी संस्कृति (culture) और परंपराओं (tradition) को जीवित रखते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में handicrafts (हस्तशिल्प) रोजगार का प्रमुख साधन हैं।
🔹 Classroom Example:
टीचर “art & craft day” में बच्चों को मिट्टी से छोटे बर्तन या पेपर टॉय बनवाकर dignity of labour (श्रम का सम्मान) सिखा सकते हैं।
🔹 Keyword:
Craft = Skilled manual work (हस्तकला / कौशलयुक्त कार्य)
ये वे कार्य हैं जिनसे समाज को सहायता (help) या सेवा (service) मिलती है।
इन्हें Service Occupations (सेवा व्यवसाय) कहा जाता है।
🔹 Examples of Service Occupations:
Teacher (शिक्षक) – बच्चों को शिक्षा देता है।
Doctor / Nurse (डॉक्टर / नर्स) – लोगों की सेहत का ध्यान रखते हैं।
Policeman (पुलिसकर्मी) – सुरक्षा देता है।
Postman (डाकिया) – पत्र और पार्सल पहुँचाता है।
Driver (चालक) – वाहन चलाता है।
🔹 Importance:
ये समाज को सुविधा (comfort) और सुरक्षा (security) प्रदान करते हैं।
ये बच्चे को duty (कर्तव्य) और helping attitude (सहायता की भावना) सिखाते हैं।
🔹 Classroom Example:
बच्चों से “आपके घर के आस-पास कौन-कौन सेवा देने वाले लोग काम करते हैं?” पूछना।
🔹 Keyword:
Services = Occupations that help others (दूसरों की सहायता करने वाले कार्य)
Local occupations वे कार्य हैं जो किसी विशेष क्षेत्र (local area) की भौगोलिक स्थिति, संसाधन (resources) और संस्कृति (culture) पर निर्भर करते हैं।
🔹 Examples:
समुद्री क्षेत्र – मछली पकड़ना (fishing)
पहाड़ी क्षेत्र – फल बागान (orchard work) या ऊन बुनाई (wool weaving)
गाँवों में – दूध उत्पादन (dairy work), हस्तकला
शहरों में – दुकानदारी (shopkeeping), auto / taxi driving, computer repair आदि
🔹 Importance:
यह क्षेत्र विशेष की आर्थिक गतिविधियों (economic activities) को दर्शाता है।
बच्चों को local economy (स्थानीय अर्थव्यवस्था) की समझ मिलती है।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से कह सकते हैं — “अपने इलाके में लोग कौन-कौन से काम करते हैं?”
फिर बच्चे चित्रों के साथ चार्ट बना सकते हैं।
🔹 Keyword:
Local Occupation = Work linked to local resources (स्थानीय संसाधनों से जुड़ा कार्य)
Interdependence (पारस्परिक निर्भरता):
हर व्यक्ति किसी न किसी कार्य में दूसरे पर निर्भर होता है।
→ किसान अन्न देता है, दर्जी कपड़े सिलता है, शिक्षक ज्ञान देता है।
Economic Development (आर्थिक विकास):
सभी व्यवसाय मिलकर देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करते हैं।
Social Balance (सामाजिक संतुलन):
हर कार्य महत्वपूर्ण है – इससे समाज में समानता और सम्मान का भाव आता है।
Value Education (मूल्य शिक्षा):
बच्चे श्रम का सम्मान (respect for work) और सहयोग (cooperation) सीखते हैं।
🔹 Classroom Example:
जब बच्चे “Community Helpers” पर चार्ट बनाते हैं, तो वे समझते हैं कि हर व्यक्ति का काम समाज के लिए जरूरी है।
Family बच्चों को शुरू से बताती है कि उनके माता-पिता या दादा-दादी क्या काम करते हैं।
इससे बच्चे में awareness (जागरूकता) और respect (सम्मान) की भावना आती है।
Community (समुदाय) विभिन्न व्यवसायों के माध्यम से एक-दूसरे की मदद करता है।
🔹 Example:
एक गाँव में किसान, बढ़ई, लुहार और शिक्षक मिलकर समाज की ज़रूरतें पूरी करते हैं।
Observation Activities:
बच्चों से आसपास के लोगों के काम पहचानने को कहें (जैसे दूधवाला, माली, नाई)।
Role Play / Drama:
“Doctor-Patient”, “Teacher-Student”, “Farmer-Seller” जैसी enactment कराई जा सकती है।
Field Visit:
बच्चों को खेत, डाकघर या कार्यशाला (workshop) ले जाकर वास्तविक अनुभव दिलाया जा सकता है।
Storytelling:
“किसान की मेहनत”, “ईमानदार दर्जी” जैसी कहानियों से value-based learning कराई जा सकती है।
Chart Making:
“Different Occupations in My Area” विषय पर समूह कार्य कराया जा सकता है।
Occupation = Work done to earn a living (जीविका का साधन)।
Main Types:
Farming → खेती, अन्न उत्पादन
Craft → हस्तकला, जैसे कुम्हार, बढ़ई
Services → समाज की सहायता जैसे डॉक्टर, शिक्षक
Local Occupations → क्षेत्र के अनुसार जैसे मछली पकड़ना, दुकानदारी
सभी व्यवसाय समाज के लिए आवश्यक (essential) हैं।
व्यवसायों से बच्चे श्रम का सम्मान (dignity of labour) और सहयोग (cooperation) सीखते हैं।
परिवार और स्कूल दोनों बच्चे में व्यवसायों के प्रति सम्मान और समझ विकसित करते हैं।
शिक्षक को हर पेशे का समान आदर सिखाना चाहिए — क्योंकि हर कार्य सम्माननीय (respectable) है।
🌿 Final Thought:
समाज की सुंदरता इसी में है कि हर व्यक्ति अपने कार्य से दूसरों की ज़िंदगी आसान बनाता है।
शिक्षक का दायित्व है कि वह बच्चों को यह समझाए —
👉 “कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, हर काम का अपना महत्व होता है।”
Clothes वो वस्त्र हैं जिन्हें हम body (शरीर) को ढकने और protection (सुरक्षा) के लिए पहनते हैं।
ये हमारी culture (संस्कृति), climate (जलवायु) और occupation (पेशा) के अनुसार बदलते हैं।
कपड़े हमें सर्दी, गर्मी, धूप, बरसात से बचाते हैं और आत्मविश्वास (confidence) देते हैं।
🔹 Example:
गर्मी में हम हल्के सूती कपड़े पहनते हैं, जबकि सर्दी में ऊनी स्वेटर।
Tools वे साधन हैं जिनसे कोई कार्य आसान और जल्दी किया जा सके।
पुराने समय में औज़ार हाथ से चलते थे, आजकल मशीनों से।
🔹 Example:
पहले कपड़ा चरखा (spinning wheel) से बुना जाता था, अब power loom से।
🔹 Keyword:
Tool = Instrument used to perform work easily (काम को आसान बनाने वाला साधन)
ये कपड़े हमारे संस्कृति और रीति-रिवाज़ (culture & customs) पर आधारित होते हैं।
हर राज्य और समुदाय के पारंपरिक वस्त्र अलग होते हैं।
ये कपड़े आमतौर पर हाथ से बुने (handwoven) और प्राकृतिक कपड़ों से बने होते हैं।
🔹 Examples:
उत्तर भारत: साड़ी, धोती, कुर्ता-पायजामा
दक्षिण भारत: लुंगी, साड़ी
पंजाब: सलवार-कमीज़, पगड़ी
राजस्थान: घाघरा-चोली, बंदेज़ दुपट्टा
🔹 Importance:
पारंपरिक वस्त्र हमारी पहचान (identity) और संस्कृति (heritage) का प्रतीक हैं।
ये कपड़े फैक्टरी या मशीन से बने होते हैं।
इन पर fashion (फैशन) और comfort (आराम) का प्रभाव होता है।
आजकल कपड़ों में synthetic fibers (कृत्रिम रेशे) जैसे नायलॉन, पॉलिएस्टर आदि का प्रयोग होता है।
🔹 Examples:
शर्ट, जीन्स, टी-शर्ट, स्कर्ट, ट्राउज़र, जैकेट आदि।
🔹 Features:
हल्के, धोने में आसान
कम समय में तैयार
रंगों और डिज़ाइन में विविधता
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से कह सकते हैं — “तुम्हारे घर के बुजुर्ग कौन से कपड़े पहनते हैं और तुम कौन से?”
इससे वे पारंपरिक और आधुनिक कपड़ों का अंतर समझेंगे।
Seasonal clothes वे कपड़े हैं जो मौसम के अनुसार पहने जाते हैं ताकि शरीर को protection (सुरक्षा) मिले।
हल्के, ढीले और सूती कपड़े
Cotton (सूती कपड़ा) पसीना सोखता है और शरीर को ठंडा रखता है।
🔹 Example: स्कूल यूनिफ़ॉर्म, सूती शर्ट, सलवार-कमीज़
ऊन के बने woolen clothes (ऊन के कपड़े)
शरीर की गर्मी को बाहर नहीं जाने देते।
🔹 Example: स्वेटर, कोट, मफलर
Waterproof (जलरोधक) कपड़े, ताकि भीगने से बचें।
🔹 Example: रेनकोट, छाता, रबर के जूते
🔹 Keyword:
Seasonal clothes = Weather-based protection wear (मौसम के अनुसार सुरक्षा देने वाले वस्त्र)
🔹 Classroom Example:
“Seasons and Clothes” activity – बच्चों से अलग-अलग मौसम के कपड़ों की तस्वीरें लाकर चार्ट बनवाना।
भारत के अलग-अलग राज्यों में handloom (हाथ से बुना कपड़ा) और handicraft (हस्तकला) का अपना महत्व है।
यह हमारे देश की rich culture (समृद्ध संस्कृति) और traditional skill (पारंपरिक कौशल) को दर्शाते हैं।
🔹 Examples of Famous Local Crafts:
Banarasi Saree (वाराणसी): सुनहरी जरी का काम।
Kanchipuram Silk (तमिलनाडु): रेशमी साड़ी।
Pashmina Shawl (कश्मीर): ऊन से बनी मुलायम शाल।
Phulkari (पंजाब): हाथ की कढ़ाई का काम।
Bandhani (राजस्थान/गुजरात): टाई-डाई रंगाई तकनीक।
🔹 Importance:
स्थानीय कारीगरों को रोजगार मिलता है।
बच्चे अपने क्षेत्र की कला और परंपरा को पहचानते हैं।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक “Our Local Craft” विषय पर प्रदर्शन (exhibition) करवा सकते हैं, जहाँ बच्चे घर से हस्तनिर्मित वस्त्र या चित्र लाएँ।
पुराने समय में लोग हाथ से चलने वाले औज़ार इस्तेमाल करते थे।
इन औज़ारों से कपड़ा बनाना या काम करना समय-साध्य (time-consuming) होता था।
🔹 Examples:
चरखा (Spinning Wheel) – कपास से धागा बनाने के लिए
हाथ करघा (Handloom) – कपड़ा बुनने के लिए
कैंची, सुई, लकड़ी का बेलन, मिट्टी के चाक (potter’s wheel)
🔹 Feature:
काम धीमा लेकिन मेहनत और कला से भरपूर।
अब औज़ारों में technology (तकनीक) और machines (मशीनें) का प्रयोग होता है।
काम तेज़, सटीक और कम मेहनत वाला हो गया है।
🔹 Examples:
Sewing Machine (सिलाई मशीन) – कपड़े सिलने के लिए
Power Loom (बिजली करघा) – कपड़ा जल्दी बनाने के लिए
Electric Iron (बिजली का इस्त्री) – कपड़े प्रेस करने के लिए
Mixing Machines, Cutting Machines, Weaving Machines आदि
🔹 Feature:
समय की बचत, अधिक उत्पादन, कम मेहनत।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक “Old vs New Tools” चार्ट बनवाकर बच्चों से तुलना करवाएँ — चरखा बनाम सिलाई मशीन।
परिवार बच्चों को सिखाता है कि कपड़े कैसे धोएँ, पहनें, और सुरक्षित रखें।
घर के बड़े लोग उन्हें पारंपरिक वस्त्रों और स्थानीय कला से परिचित कराते हैं।
शिक्षक बच्चों को बताता है कि कैसे कपड़े मौसम और अवसर के अनुसार बदलते हैं।
स्कूल में "Show and Tell" या "Dress-up Day" जैसी गतिविधियाँ कराई जा सकती हैं।
बच्चे सीखते हैं कि हर कपड़ा और औज़ार मानव जीवन की सुविधा (comfort) और संस्कृति से जुड़ा है।
🔹 Example:
“Community Helpers Day” में बच्चे अलग-अलग पेशे के कपड़े पहनकर आते हैं — जैसे डॉक्टर, किसान, पुलिसकर्मी आदि।
Clothes protect and express culture (कपड़े सुरक्षा और संस्कृति दोनों का प्रतीक हैं)।
Traditional Clothes – सांस्कृतिक और हाथ से बने कपड़े।
Modern Clothes – मशीनों से बने, फैशन आधारित कपड़े।
Seasonal Clothes – मौसम के अनुसार बदलते हैं (गर्मी – सूती, सर्दी – ऊनी, बरसात – रेनकोट)।
Local Crafts & Handloom – जैसे बनारसी, कांजीवरम, फुलकारी, पश्मीना; ये हमारे देश की कला दिखाते हैं।
Traditional Tools – चरखा, हाथ करघा; Modern Tools – सिलाई मशीन, पावर लूम।
Family & School – बच्चों में कपड़ों और औज़ारों के प्रति समझ और सम्मान विकसित करते हैं।
हर कपड़ा और औज़ार मानव जीवन को आरामदायक (comfortable) और सुरक्षित (safe) बनाते हैं।
🌿 Final Thought:
“कपड़े और औज़ार केवल ज़रूरत नहीं, बल्कि संस्कृति, मेहनत और रचनात्मकता का प्रतीक हैं।”
एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह बच्चों को सिखाए —
👉 हर पेशा, हर कला और हर औज़ार का अपना महत्व होता है।
📋 Topics:-
👉 Meaning: जहाँ से कोई चीज़ मिलती या उत्पन्न होती है (where something comes from)।
👉 Example:
Plants और animals हमारे food sources हैं।
जैसे – हम पौधों से सब्जियाँ और जानवरों से दूध प्राप्त करते हैं।
👉 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से पूछते हैं – “Milk कहाँ से आता है?” – यह “food source” समझाने का तरीका है।
👉 Meaning: खाना लंबे समय तक खराब न हो इसके लिए उसे सही तरीके से रखना।
👉 Example:
दूध को फ्रिज में रखना, अचार में नमक डालना — ये सब preservation के तरीके हैं।
👉 Classroom Example:
बच्चों से कहें – “आपकी मम्मी कौन-सी चीज़ें फ्रिज में रखती हैं?”
इससे concept real life से जुड़ता है।
👉 Meaning: शरीर और आसपास के वातावरण को साफ और रोगमुक्त रखना (to maintain cleanliness and prevent disease)।
👉 Example:
खाने से पहले हाथ धोना और नहाना hygiene के अच्छे उदाहरण हैं।
👉 Classroom Example:
स्कूल में “Hand Wash Activity” से बच्चों को Hygiene सिखाया जा सकता है।
👉 Meaning: वह स्थान जहाँ कोई व्यक्ति या जीव सुरक्षित रूप से रह सके (safe living place)।
👉 Example:
मनुष्य घर में रहता है, पक्षी घोंसले में – दोनों ही अपने shelter में रहते हैं।
👉 Classroom Example:
Teacher बच्चों से पूछते हैं – “जानवर कहाँ रहते हैं?”
→ Cow in shed, Bird in nest, Human in house.
👉 Meaning: कोई भी वस्तु बनाने के लिए जो चीज़ें इस्तेमाल होती हैं।
👉 Example:
घर बनाने के लिए bricks (ईंट), wood (लकड़ी), cement (सीमेंट) का प्रयोग होता है।
👉 Classroom Example:
EVS में "Match the house with its material" activity से बच्चे सीखते हैं।
👉 Meaning: जो पुराने समय से चलते आ रहे हैं।
👉 Example:
पहले लोग mud houses (कच्चे घर) में रहते थे — यह traditional shelter है।
👉 Classroom Example:
बच्चों से पूछें – “आपके दादी-नाना का घर कैसा था?”
→ उन्हें Traditional shelter का idea मिलेगा।
👉 Meaning: जो आज के समय में नई तकनीक या सुविधा से बना हो।
👉 Example:
आज के घरों में cement, glass, paint, tiles का उपयोग होता है — ये Modern Houses कहलाते हैं।
👉 Classroom Example:
School के smart classroom में projector और AC का उपयोग — modern setup का उदाहरण है।
👉 Meaning: एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों या वस्तुओं को ले जाने की प्रक्रिया।
👉 Example:
Bus, train, aeroplane, bicycle सभी means of transport हैं।
👉 Classroom Example:
“Draw your favourite vehicle” activity से बच्चों को Transport की समझ दी जा सकती है।
👉 Meaning: हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के लिए अपनाए गए नियम।
👉 Example:
सड़क पार करते समय zebra crossing का उपयोग करना एक safety rule है।
👉 Classroom Example:
“Road Safety Day” पर बच्चों को traffic symbols सिखाना।
👉 Meaning: ऐसा पानी जो रोग फैलाने वाले कीटाणुओं से मुक्त हो।
👉 Example:
उबला हुआ या फिल्टर किया गया पानी पीना चाहिए।
👉 Classroom Example:
Teacher पानी के दो जार लाएँ — एक साफ, एक गंदा — और बच्चों से पूछें कौन-सा पीने योग्य है।
👉 Meaning: किसी संसाधन (resource) को बचाकर रखना और समझदारी से उपयोग करना।
👉 Example:
नल बंद रखना, वर्षा जल संचयन करना – यह पानी का conservation है।
👉 Classroom Example:
बच्चों से “Save Water” slogan बनवाना जैसे “हर बूंद की कीमत है।”
👉 Meaning: बारिश के पानी को इकट्ठा करके भविष्य में उपयोग के लिए बचाना।
👉 Example:
स्कूल की छत पर पाइप लगाकर बारिश का पानी टंकी में जमा करना।
👉 Classroom Example:
EVS project activity: “Draw a diagram of Rainwater Harvesting System.”
👉 Meaning: जब हवा, पानी, या मिट्टी गंदे या हानिकारक हो जाते हैं।
👉 Example:
नदी में कचरा डालना Water Pollution कहलाता है।
👉 Classroom Example:
बच्चों को नदी की तस्वीर दिखाकर पूछें – “क्या यह साफ पानी है?”
👉 Meaning: ऐसी आदतें जो हमें स्वस्थ और रोगमुक्त रखती हैं।
👉 Example:
समय पर खाना, हाथ धोना, पर्याप्त नींद लेना — ये healthy habits हैं।
👉 Classroom Example:
“Healthy vs Unhealthy habits” chart बनवाना बच्चों को समझने में मदद करता है।
👉 Meaning: पानी को इतनी गर्मी देना कि germs (कीटाणु) मर जाएँ।
👉 Example:
पीने से पहले पानी उबालने से बीमारियाँ नहीं फैलतीं।
👉 Classroom Example:
Science corner में “Boiling experiment” दिखाया जा सकता है।
👉 Meaning: खाना पकाने और खाने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तन।
👉 Example:
Plate, bowl, spoon, pot सभी utensils हैं।
👉 Classroom Example:
EVS chart में “kitchen items” की तस्वीरें लगाई जा सकती हैं।
👉 Meaning: जो लकड़ी से फर्नीचर या घर की चीज़ें बनाता है।
👉 Example:
कुर्सी और मेज़ बनाने वाला व्यक्ति carpenter कहलाता है।
👉 Classroom Example:
“Community Helpers” chapter में बच्चों को बढ़ई की role play activity कराई जा सकती है।
👉 Meaning: जो चीज़ जलकर ऊर्जा (energy) देता है।
👉 Example:
LPG gas, wood, coal सभी fuel हैं।
👉 Classroom Example:
Teacher बच्चों से पूछें — “आपके घर में खाना बनाने के लिए क्या इस्तेमाल होता है?”
👉 Meaning: किसी चीज़ को फेंकने के बजाय उसे दोबारा इस्तेमाल करने लायक बनाना।
👉 Example:
पुरानी बोतलों से गमले बनाना — recycling का उदाहरण है।
👉 Classroom Example:
“Best out of Waste” activity recycling सिखाने का अच्छा तरीका है।
👉 Meaning: हमारे आसपास की सभी चीज़ें — जैसे हवा, पानी, पौधे, जानवर आदि।
👉 Example:
स्वच्छ पर्यावरण में रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
👉 Classroom Example:
“Plant a Tree” campaign से बच्चे Environment care सीखते हैं।
Source: Origin of food/water/materials.
Preservation: Keeping food fresh for longer time.
Hygiene: Clean body + clean surroundings = good health.
Shelter: Safe living place (house, hut, nest).
Traditional vs Modern: Old ways vs new technology.
Transport: Movement of people/goods.
Safety Rules: Protect us from accidents.
Conservation: Saving resources like water and fuel.
Rainwater Harvesting: Collecting rainwater for later use.
Healthy Habits: Hand washing, eating fresh food, sleeping well.
Boiling/Filter: Make water germ-free.
Fuel: Wood, coal, LPG for cooking.
Recycle: Reuse waste materials.
Environment: Air, water, land — all living around us.
📚 CTET Pedagogy Tip:
EVS में “Food, Shelter & Travel” विषय को Activity-Based Learning से सिखाना चाहिए —
जैसे role-play (“Community helpers”), poster making (“Save Water”), observation charts (“Types of Houses”), और local visits (“Transport means around us”)।
इससे बच्चों में observation skill + environmental awareness + value education तीनों विकसित होते हैं।
Food (भोजन) वह पदार्थ है जो हमें ऊर्जा (energy), पोषण (nutrition) और स्वास्थ्य (health) देता है।
यह शरीर को मजबूत (strong), स्वस्थ (healthy) और सक्रिय (active) बनाता है।
बिना भोजन के हम न तो काम कर सकते हैं, न ही बढ़ सकते हैं।
🔹 Example:
जैसे मोबाइल को चार्ज करने के लिए बिजली चाहिए, वैसे ही हमारे शरीर को काम करने के लिए food की ज़रूरत होती है।
🔹 Keywords:
Nutrition (पोषण) = शरीर को आवश्यक तत्व मिलना
Energy (ऊर्जा) = कार्य करने की शक्ति
पौधे हमें फल (fruits), सब्जियाँ (vegetables), अनाज (grains), दलहन (pulses), तेल (oil) और मसाले (spices) देते हैं।
पौधों के अलग-अलग हिस्सों से अलग-अलग भोजन मिलता है।
🔹 Examples:
Root (जड़): गाजर, मूली, शकरकंद
Stem (तना): गन्ना, आलू
Leaf (पत्ता): पालक, मेथी
Flower (फूल): फूलगोभी, केसर
Fruit (फल): आम, केला, सेब
Seeds (बीज): गेहूँ, चावल, मूंग, मसूर
🔹 Keyword Tip:
Plants are producers (उत्पादक) – वे सूर्य की ऊर्जा से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं (Photosynthesis).
जानवर हमें दूध (milk), अंडा (egg), मांस (meat), मछली (fish), और शहद (honey) देते हैं।
ये भोजन शरीर को प्रोटीन (protein) और वसा (fat) देते हैं जो शरीर की वृद्धि (growth) और मरम्मत (repair) में मदद करते हैं।
🔹 Examples:
Cow, Buffalo: दूध
Hen: अंडा
Goat, Chicken, Fish: मांस
Bee: शहद
🔹 Keyword Tip:
Animals are consumers (उपभोक्ता) – वे भोजन प्राप्त करते हैं, बनाते नहीं।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से पूछ सकते हैं – “तुम्हारे घर में दूध किससे आता है? या कौन सा फल पौधों से मिलता है?”
यह प्रश्न उनके observation skills को बढ़ाता है।
Cooking (पकाना) का अर्थ है food को गर्म करके स्वादिष्ट, मुलायम और सुरक्षित बनाना।
पकाने से भोजन digest (पचाने में आसान) हो जाता है और स्वाद बढ़ जाता है।
लेकिन ज़्यादा पकाने से nutrients (पोषक तत्व) नष्ट हो सकते हैं।
🔹 Why we cook food? (क्यों पकाते हैं?)
स्वादिष्ट बनाने के लिए
पचाने में आसान करने के लिए
जीवाणुओं (germs) को मारने के लिए
विविधता (variety) लाने के लिए
🔹 Methods of Cooking (पकाने के तरीके):
Boiling (उबालना): चावल, दाल, अंडा
Frying (तलना): पूरी, पराठा
Steaming (भाप में पकाना): इडली, ढोकला
Roasting (भूनना): मकई, मूँगफली
Baking (बेक करना): केक, ब्रेड
🔹 Safety Tip:
खाना पकाने से पहले हाथ धोएँ, और ढककर रखें ताकि कीटाणु न लगें।
🔹 Classroom Example:
“Cooking without fire” activity करवाई जा सकती है — बच्चे फल सलाद या सैंडविच बना सकते हैं।
Preservation (संरक्षण) का अर्थ है — भोजन को लंबे समय तक खराब होने से बचाना।
इससे हम भोजन को safe (सुरक्षित) और usable (उपयोगी) रख सकते हैं।
🔹 Why we preserve food?
ताकि वह जल्दी खराब न हो।
भविष्य के लिए रखा जा सके।
खाद्य सामग्री की बर्बादी (wastage) न हो।
🔹 Methods of Preservation (संरक्षण के तरीके):
Drying (सुखाना): पापड़, अचार, मिर्च
Pickling (अचार बनाना): नींबू, आम
Refrigeration (ठंडा करना): दूध, फल
Salting (नमक लगाना): मछली, अचार
Sugaring (चीनी डालना): जैम, जेली
Canning (डिब्बाबंद करना): फल या सब्जियाँ टिन में बंद करना
🔹 Daily Life Example:
घर में माँ जब नींबू का अचार बनाकर रखती हैं, तो वो food preservation का उदाहरण है।
🔹 Classroom Example:
बच्चों से पूछें – “कौन से खाने घर में ज़्यादा दिन चल जाते हैं और कौन से जल्दी खराब हो जाते हैं?”
अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए Healthy Food Habits बहुत ज़रूरी हैं।
भोजन का असर केवल शरीर पर नहीं, बल्कि मस्तिष्क (mind) और व्यवहार (behavior) पर भी पड़ता है।
🔹 Good Food Habits:
संतुलित भोजन (Balanced Diet) लें – जिसमें सभी पोषक तत्व हों।
नियमित समय पर खाना खाएँ।
ताज़ा (Fresh) और साफ़ (Clean) भोजन करें।
खाने से पहले और बाद में हाथ धोएँ।
जंक फूड (Junk Food) कम खाएँ – जैसे चिप्स, कोल्ड ड्रिंक, पिज़्ज़ा।
पानी खूब पिएँ – शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
धीरे-धीरे चबाकर खाएँ – digestion बेहतर होता है।
🔹 Unhealthy Habits से बचें:
खुला खाना, बासी खाना या ज़्यादा तेल-मसाले वाला खाना।
टीवी देखते हुए या जल्दी-जल्दी खाना खाना।
🔹 Classroom Example:
“Healthy Tiffin Day” मनाया जा सकता है, जिसमें बच्चे पौष्टिक खाना लाकर साझा करें।
बच्चे सबसे पहले घर में खाने की आदतें सीखते हैं।
माता-पिता उन्हें सिखाते हैं – क्या खाना है, कैसे खाना है, और क्यों।
घर में यदि संतुलित भोजन मिलेगा, तो बच्चे भी वही अपनाएँगे।
शिक्षक बच्चों को पोषण और स्वच्छता (hygiene) के महत्व से अवगत कराते हैं।
Mid-Day Meal Scheme (मिड-डे मील योजना) भी बच्चों में भोजन की आदतों को सुधारने में सहायक है।
स्कूल में “Food Chart” या “Balanced Diet Chart” जैसी गतिविधियाँ कराई जा सकती हैं।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से उनके टिफिन में क्या लाते हैं, यह लिखवाकर “Healthy vs Unhealthy Food” चार्ट बना सकते हैं।
🔸 Food gives us energy and nutrients (भोजन हमें ऊर्जा और पोषण देता है)।
🔸 Sources of food:
Plants → फल, सब्जियाँ, अनाज
Animals → दूध, अंडा, मांस, शहद
🔸 Cooking makes food soft, tasty, and safe.
Methods – boiling, frying, steaming, roasting, baking.
🔸 Preservation = Keeping food safe for long time.
Drying, pickling, refrigeration, canning.
🔸 Healthy Food Habits:
Clean hands, fresh food, balanced diet, drink water.
Avoid junk food.
🔸 Family & School – बच्चों को सिखाते हैं कि भोजन केवल खाने के लिए नहीं, सेहत के लिए है।
🌟 Final Thought (For CTET & Classroom):
“Healthy food builds healthy minds.”
(स्वस्थ भोजन, स्वस्थ मन और शरीर की नींव है।)
शिक्षक को चाहिए कि वह बच्चों में
👉 खाने के प्रति जागरूकता (awareness)
👉 स्वच्छता की आदत (clean habits)
और 👉 स्थानीय खाद्य पदार्थों का सम्मान (respect for local food)
जगाने पर ध्यान दें। 🍎🥦🍛
Shelter (आवास) का मतलब है — वह स्थान (place) जहाँ मनुष्य सुरक्षित (safe) और आरामदायक (comfortable) जीवन व्यतीत करता है।
यह हमें मौसम (weather), जानवरों (animals), चोरों (thieves) और प्राकृतिक आपदाओं (natural calamities) से बचाता है।
🔹 Example:
जैसे पक्षी अपना घोंसला (nest) बनाते हैं, वैसे ही मनुष्य अपने रहने के लिए घर बनाता है।
🔹 Keywords:
Shelter = आश्रय / घर
Safety = सुरक्षा
Comfort = आराम
घर दो मुख्य प्रकार के होते हैं:
👉 (A) Kutcha Houses (कच्चे घर)
👉 (B) Pucca Houses (पक्के घर)
ये घर अस्थायी (temporary) होते हैं।
मिट्टी (mud), बाँस (bamboo), घास (straw), और लकड़ी (wood) से बनाए जाते हैं।
बारिश या तूफान में जल्दी टूट सकते हैं।
आमतौर पर गाँवों या गरीब इलाकों में पाए जाते हैं।
🔹 Examples:
मिट्टी और गोबर से लिपे हुए घर, झोपड़ी, झोंपड़ा आदि।
🔹 Classroom Example:
बच्चों से कहें – “किसने कभी मिट्टी का घर देखा है? गाँव में रहते हुए किस तरह के घर होते हैं?”
ये घर स्थायी (permanent) होते हैं।
ईंट (bricks), सीमेंट (cement), लोहा (iron), पत्थर (stone) और कंक्रीट (concrete) से बनाए जाते हैं।
यह मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ होते हैं।
शहरों में ज़्यादातर ऐसे घर पाए जाते हैं।
🔹 Examples:
मकान, फ्लैट, इमारतें (buildings), बंगलो, अपार्टमेंट।
🔹 Keywords:
Permanent house (स्थायी घर)
Durable (टिकाऊ)
मिट्टी (Mud)
घास (Straw)
लकड़ी (Wood)
गोबर (Cow dung)
बाँस (Bamboo)
🔹 ये सामग्री स्थानीय (local) होती है और सस्ती (cheap) होती है।
🔹 पर्यावरण को कम नुकसान पहुँचाती है।
ईंट (Bricks)
सीमेंट (Cement)
लोहा (Iron)
स्टील (Steel)
कांच (Glass)
🔹 ये घर को मजबूत (strong) और लंबे समय तक टिकाऊ (long-lasting) बनाते हैं।
🔹 Daily Life Example:
शहरों में बनने वाले ऊँचे-ऊँचे अपार्टमेंट्स modern materials से बने होते हैं।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से “घर बनाने की सामग्री” लाकर दिखाने को कह सकते हैं — जैसे ईंट का टुकड़ा, छोटा लकड़ी का टुकड़ा या मिट्टी का नमूना।
पुराने समय में लोग प्राकृतिक संसाधनों (natural resources) से बने घरों में रहते थे।
घर अक्सर एक मंज़िला (single storey) होते थे।
दीवारें मिट्टी की और छत पुआल या टाइलों की होती थी।
अंदर का तापमान ठंडा रहता था (climate-friendly)।
🔹 Example:
गाँवों में अभी भी पुराने मिट्टी के घर दिखते हैं जिन पर गोबर से लीपाई की जाती है।
आज के घर cement, bricks, iron, steel से बने होते हैं।
बहुमंज़िला (multi-storey) इमारतें और अपार्टमेंट आम हैं।
Water supply, electricity, bathrooms, kitchen जैसी सुविधाएँ होती हैं।
कई घरों में air-conditioner, solar panel, rainwater harvesting जैसी आधुनिक तकनीकें होती हैं।
🔹 Example:
शहरों के फ्लैट्स, बंगलो, सोसायटी कॉम्प्लेक्स।
🔹 Keyword Tip:
Old houses = Simple, natural, eco-friendly
Modern houses = Advanced, comfortable, technology-based
भारत एक विविध देश है — यहाँ जलवायु (climate) और भौगोलिक स्थिति (geographical condition) के अनुसार घरों के प्रकार बदलते हैं।
यहाँ ढलवाँ छत (sloping roof) वाले घर बनाए जाते हैं ताकि पानी नीचे गिर जाए।
Example: असम, मेघालय, केरल।
दीवारें मोटी और छोटी खिड़कियाँ होती हैं ताकि गर्मी अंदर न जाए।
Example: राजस्थान के घर – मिट्टी और पत्थर के बने।
घर लकड़ी (wood) और पत्थर (stone) से बने होते हैं ताकि ठंड में गर्म रहें।
Example: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड।
घरों को ऊँचे खंभों (stilts) पर बनाया जाता है ताकि समुद्री पानी अंदर न आए।
Example: अंडमान, लक्षद्वीप, गोवा के कुछ भाग।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक “India map” पर विभिन्न क्षेत्रों के घरों की तस्वीरें दिखाकर चर्चा कर सकते हैं।
पहले घर साझेदारी (cooperation) से बनाए जाते थे — पूरा गाँव मिलकर किसी का घर बनाने में मदद करता था।
आज भी कई जगहों पर community work (सामूहिक श्रम) देखा जा सकता है।
Family घर की सजावट (decoration), सफाई (cleaning) और रखरखाव (maintenance) में भूमिका निभाती है।
🔹 Example:
त्योहारों पर घर की सफाई और रंगाई पूरे परिवार का सामूहिक कार्य होता है।
🔹 Keyword Tip:
Community Living (सामुदायिक जीवन) बच्चों को सहयोग (cooperation) और जिम्मेदारी (responsibility) सिखाता है।
🔸 Shelter = A place for safety and comfort.
🔸 Two types of houses:
• Kutcha (कच्चे) – Mud, bamboo, straw
• Pucca (पक्के) – Brick, cement, iron
🔸 Old shelters: Natural, eco-friendly, simple.
🔸 Modern shelters: Concrete, advanced, comfortable.
🔸 Building materials:
Traditional – मिट्टी, लकड़ी, घास
Modern – ईंट, सीमेंट, लोहा
🔸 Houses vary with climate:
Rainy = Sloping roof
Hot = Thick walls
Hilly = Wooden houses
Coastal = Stilt houses
🔸 Family & Community – घर बनाने, सजाने और संभालने में सहयोग करते हैं।
🌟 Teacher’s Tip (CTET Pedagogical Link):
EVS pedagogy में “Shelter” topic पढ़ाते समय बच्चों को observation, discussion, drawing और comparison के माध्यम से सिखाना चाहिए।
उदाहरण:
“Draw your house and label the materials used.”
“Compare your house with a house in Rajasthan or Kerala.”
इससे बच्चों में environmental awareness और respect for diversity बढ़ती है।
Travel (यात्रा) का अर्थ है – एक स्थान (place) से दूसरे स्थान तक आवागमन (movement) करना।
यह हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि हमें काम (work), स्कूल (school), मित्रों (friends) और परिवार (family) से मिलने के लिए यात्रा करनी पड़ती है।
🔹 Why we travel? (हम यात्रा क्यों करते हैं)
स्कूल या नौकरी पर जाने के लिए
बाजार या मंदिर जाने के लिए
रिश्तेदारों से मिलने या घूमने (tour/trip) के लिए
🔹 Daily Example:
रवि रोज़ साइकिल से स्कूल जाता है — यह भी यात्रा है।
🔹 Keyword:
Travel = यात्रा / Movement from one place to another
यातायात के साधनों को तीन भागों में बाँटा गया है:
जो साधन ज़मीन (land) पर चलते हैं, उन्हें Land Transport कहते हैं।
इसमें सड़क (road) और रेल (railway) दोनों शामिल हैं।
🔹 Examples:
Cycle (साइकिल), Scooter (स्कूटर), Car (कार), Bus (बस), Train (रेलगाड़ी), Truck (ट्रक)
🔹 Advantages:
यात्रा जल्दी और आराम से होती है।
एक जगह से दूसरी जगह सामान भी ले जाया जा सकता है।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से पूछ सकते हैं — "कौन-कौन स्कूल पैदल आता है? कौन साइकिल या बस से आता है?"
जो साधन पानी (water) पर चलते हैं, उन्हें Water Transport कहा जाता है।
ये मुख्य रूप से नदियों, झीलों, समुद्रों में चलते हैं।
🔹 Examples:
Boat (नाव), Ship (जहाज़), Ferry (पोत), Steamer (भाप जहाज़)
🔹 Old Times Example:
पहले लोग लकड़ी की नाव से यात्रा करते थे और नदी पार करते थे।
🔹 Modern Example:
आज बड़े जहाज समुद्र पार कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार (international trade) करते हैं।
जो साधन हवा (air) में चलते हैं, उन्हें Air Transport कहते हैं।
यह सबसे तेज़ (fastest) और आरामदायक (comfortable) माध्यम है।
🔹 Examples:
Airplane (विमान), Helicopter (हेलिकॉप्टर), Jet (जेट विमान)
🔹 Use:
लंबी दूरी (long distance) और आपात स्थिति (emergency) में उपयोगी होता है।
🔹 Example:
बीमार व्यक्ति को जल्दी अस्पताल ले जाने के लिए air ambulance का प्रयोग किया जाता है।
पहले लोग यात्रा के लिए जानवरों (animals) या सरल साधनों का उपयोग करते थे।
दूरी तय करने में ज्यादा समय लगता था।
🔹 Examples:
Bullock cart (बैलगाड़ी), Horse cart (घोड़ा गाड़ी), Camel cart (ऊँट गाड़ी), Boat (नाव), Palanquin (पालकी), Walking (पैदल)।
🔹 Example:
गाँवों में पहले लोग बैलगाड़ी से बाजार जाते थे।
अब यात्रा तेज़ (fast) और आरामदायक (comfortable) हो गई है।
मशीनों और ईंधन (fuel) के प्रयोग से यात्रा आसान हो गई।
🔹 Examples:
Car, Bus, Train, Airplane, Metro, Ship, Scooter, Truck, Bicycle।
🔹 Example:
अब दिल्ली से मुंबई की यात्रा ट्रेन या विमान से कुछ घंटों में हो जाती है।
🔹 Keyword Tip:
Old = Slow, Animal-based
Modern = Fast, Machine-based
सड़क पर या यात्रा के समय सुरक्षा (safety) सबसे ज़रूरी होती है।
हर व्यक्ति को traffic rules (यातायात नियम) का पालन करना चाहिए।
Traffic Lights (यातायात संकेत):
Red (लाल) – रुकें
Yellow (पीला) – तैयार रहें
Green (हरा) – चलें
Footpath (पैदल मार्ग) पर चलना चाहिए।
सड़क पार करते समय Zebra Crossing (ज़ेब्रा क्रॉसिंग) का उपयोग करें।
Helmet (हेलमेट) और Seat Belt (सीट बेल्ट) ज़रूर लगाएँ।
Speed limit (गति सीमा) का पालन करें।
वाहन चलाते समय Mobile phone का उपयोग न करें।
बच्चों को School Bus Safety Rules सिखाएँ – बस चलने से पहले सीट पर बैठें, बस में झगड़ा न करें।
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से "Traffic Light Game" खेलवा सकते हैं —
(लाल = रुकना, हरा = चलना, पीला = तैयार रहना)।
People Movement (लोगों की आवाजाही):
लोग एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं।
Goods Transport (सामान का परिवहन):
सामान गाँव से शहर और शहर से गाँव आसानी से पहुँचाया जा सकता है।
Trade & Business (व्यापार और व्यवसाय):
वाहनों के माध्यम से व्यापार बढ़ता है।
Emergency Use (आपात स्थिति में):
एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस वाहन मदद करते हैं।
🔹 Example:
अगर किसी को तुरंत अस्पताल पहुँचाना हो, तो एम्बुलेंस का प्रयोग किया जाता है।
🔸 Travel = Movement from one place to another.
🔸 Three Means of Transport:
• Land – Car, Bus, Train
• Water – Boat, Ship
• Air – Aeroplane, Helicopter
🔸 Old Transport: Bullock cart, Camel cart, Boat, Palanquin.
🔸 Modern Transport: Car, Bus, Metro, Aeroplane.
🔸 Safety Rules:
• Follow traffic lights
• Use zebra crossing
• Wear helmet and seat belt
• Don’t use mobile while driving
🔸 Importance:
• Time saving
• Helps in trade
• Emergency services
• Connects people and places
🌟 Teacher’s Tip (CTET Pedagogy Link):
EVS में “Travel” विषय को बच्चों के real-life connection से जोड़ना चाहिए।
Activities:
“Draw different vehicles you see on road.”
“Make traffic signals using colored papers.”
“Show old vs modern transport pictures.”
इससे बच्चे observation skills, safety awareness, और environmental understanding सीखते हैं।
Water (पानी) जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।
बिना पानी के जीवित प्राणी (living beings) जीवित नहीं रह सकते।
इसे "Elixir of Life" (जीवन का अमृत) कहा जाता है।
🔹 Importance:
मनुष्य, पशु-पक्षी, और पौधे सभी को पानी की आवश्यकता होती है।
हमारे शरीर का लगभग 70% हिस्सा पानी से बना होता है।
🔹 Daily Example:
सुबह उठकर सबसे पहले हम दाँत साफ करने और मुँह धोने के लिए पानी का प्रयोग करते हैं।
Rain (बारिश)
River (नदी)
Lake (झील)
Pond (तालाब)
Well (कुआँ)
Spring (झरना)
Tap (नल)
Hand pump (हैंडपंप)
Borewell (बोरवेल)
Dam (बाँध)
Water tank (पानी की टंकी)
🔹 Classroom Example:
शिक्षक बच्चों से पूछ सकते हैं – “आपके घर में पानी कहाँ से आता है?”
इससे बच्चे स्थानीय जल स्रोतों के बारे में सोचने लगते हैं।
हमारे जीवन का हर हिस्सा पानी से जुड़ा है:
Drinking (पीने के लिए)
Cooking (खाना बनाने के लिए)
Cleaning (सफाई के लिए)
Bathing (नहाने के लिए)
Washing clothes (कपड़े धोने के लिए)
Farming (खेती के लिए)
Gardening (बागवानी के लिए)
Industrial use (कारखानों में उपयोग)
🔹 Example:
बच्चे जब घर में पौधों को पानी देते हैं या माता-पिता के साथ बर्तन धोने में मदद करते हैं, तो वे “water use” को practically समझते हैं।
हमें स्वच्छ (clean) और शुद्ध (pure) पानी पीना चाहिए।
गंदा पानी बीमारियाँ (diseases) जैसे टायफॉइड, हैजा (cholera), डायरिया फैला सकता है।
पानी को उबालकर (boiling) या फिल्टर (filtering) करके पीना सुरक्षित होता है।
🔹 Daily Example:
घर में पानी RO (Reverse Osmosis) फिल्टर या Matka (मटका) में रखा जाता है ताकि वह ठंडा और साफ रहे।
🔹 Keywords:
Potable Water (पीने योग्य पानी)
Contaminated Water (दूषित पानी)
खाना बनाने के लिए साफ पानी जरूरी है क्योंकि यह directly food में जाता है।
चावल, दाल, सब्जी, सूप, और पेय पदार्थ बनाने में पानी का उपयोग होता है।
गंदे पानी से खाना बनाने पर भोजन भी दूषित हो जाता है।
🔹 Example:
अगर सब्जी या फल गंदे पानी से धोए जाएँ तो पेट दर्द या फूड पॉइज़निंग हो सकती है।
🔹 Classroom Link:
बच्चों को “घर में माँ पानी का कहाँ-कहाँ उपयोग करती हैं?” पूछकर observational learning कराई जा सकती है।
पानी का उपयोग हमारे घर, बर्तन, कपड़े, और फर्श साफ करने में होता है।
यह स्वच्छता (cleanliness) और स्वास्थ्य (health) के लिए बहुत जरूरी है।
🔹 Example:
बच्चे रोज़ स्कूल आने से पहले नहाते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं — यह भी पानी का उपयोग है।
🔹 Important Concept:
Clean surroundings (स्वच्छ वातावरण) से diseases (बीमारियाँ) नहीं फैलतीं।
Hygiene (स्वच्छता) का मतलब है – शरीर और आसपास के वातावरण को साफ रखना।
पानी personal hygiene (व्यक्तिगत स्वच्छता) बनाए रखने में मदद करता है।
🔹 Uses in Hygiene:
नहाने के लिए
हाथ धोने के लिए (Hand washing before meals)
दाँत साफ करने के लिए
शौचालय के बाद सफाई के लिए
बर्तन धोने और घर की सफाई के लिए
🔹 Example:
खाना खाने से पहले हाथ न धोने से पेट में कीटाणु जा सकते हैं।
🔹 Classroom Tip:
शिक्षक “Hand Wash Day” मनाकर बच्चों को साबुन और पानी से सही तरीके से हाथ धोना सिखा सकते हैं।
पानी बहुमूल्य संसाधन (precious resource) है, इसलिए इसे बचाना (save) बहुत जरूरी है।
🔹 Ways to Save Water:
नल खुला न छोड़ें।
बर्तन धोते समय पानी बर्बाद न करें।
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) अपनाएँ।
पौधों को सुबह या शाम को पानी दें ताकि कम पानी लगे।
कार या बाइक धोने में बाल्टी का प्रयोग करें, पाइप का नहीं।
🔹 Example:
स्कूल में “Save Water” अभियान चलाकर बच्चे जिम्मेदारी से व्यवहार सीख सकते हैं।
🔹 Keywords:
Conservation = संरक्षण / बचाव
Rainwater Harvesting = वर्षा जल संग्रहण
🔸 Water = Essential for all living beings.
🔸 Sources: Rain, River, Lake, Well, Tap, Handpump.
🔸 Uses: Drinking, Cooking, Cleaning, Farming, Bathing.
🔸 Drinking water should be clean and boiled or filtered.
🔸 Hygiene: Wash hands, take bath, clean utensils and surroundings.
🔸 Dirty water spreads diseases (Typhoid, Cholera, Diarrhea).
🔸 Conserve water: Turn off taps, reuse water, rainwater harvesting.
🌿 Teacher’s Tip (CTET Pedagogy Link):
EVS में “Water” विषय को Activity-Based Learning से सिखाना चाहिए।
🔹 Activities:
“Water in My Day” chart बनवाना — बच्चे लिखें कि वे दिनभर पानी कहाँ-कहाँ इस्तेमाल करते हैं।
Water cycle drawing करवाना।
“Save Water” slogan writing या poster making।
इन गतिविधियों से बच्चे responsibility (जिम्मेदारी) और environmental awareness (पर्यावरणीय जागरूकता) दोनों सीखते हैं।
📋 Topics:-
Meaning: शरीर का कोई भी भाग जो विशेष काम करता है, उसे Organ कहते हैं।
ये दो प्रकार के होते हैं – External organs (बाहरी अंग) और Internal organs (आंतरिक अंग)।
Example: आँखें (Eyes), नाक (Nose), हाथ (Hands) बाहरी अंग हैं; जबकि हृदय (Heart), फेफड़े (Lungs) आंतरिक अंग हैं।
🩺 “Our body works like a machine where every organ has its own function.”
Meaning: जो अंग शरीर के बाहर से दिखाई देते हैं, उन्हें External parts कहते हैं।
Example: सिर, पैर, बाल, त्वचा, आँखें, कान आदि।
👶 “Teacher asked students to point to their external parts like eyes and nose.”
Meaning: जो शरीर के अंदर होते हैं और दिखाई नहीं देते, लेकिन शरीर के काम को नियंत्रित करते हैं।
Example: दिल (Heart), फेफड़े (Lungs), मस्तिष्क (Brain), पेट (Stomach)।
❤️ “The heart pumps blood to all parts of the body.”
Meaning: शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग जो सोचने, समझने और शरीर के हर कार्य को नियंत्रित करता है।
Example: जब हम सवाल हल करते हैं या निर्णय लेते हैं, तो यह काम हमारा brain करता है।
🧠 “Brain helps us to remember lessons taught by the teacher.”
Meaning: ये शरीर के अंदर दो थैले जैसे अंग हैं जो साँस लेने (Breathing) में मदद करते हैं।
Example: जब हम गहरी साँस लेते हैं, तो फेफड़े हवा अंदर लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर छोड़ते हैं।
🌬️ “Running makes our lungs stronger.”
Meaning: ऐसा भोजन जिसमें सभी Nutrients (पोषक तत्व) उचित मात्रा में हों — जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज।
Example: रोटी, दाल, सब्ज़ी, फल और दूध का भोजन एक balanced diet है।
🍱 “A balanced diet keeps us healthy and energetic.”
Meaning: भोजन के वे हिस्से जो हमारे शरीर को बढ़ने, ठीक होने और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।
Example: दूध में protein, फल में vitamins, अनाज में carbohydrates होते हैं।
🥛 “Nutrients are the building blocks of our body.”
Meaning: जब शरीर को कोई पोषक तत्व (nutrient) पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता, तो जो रोग होते हैं उन्हें Deficiency diseases कहते हैं।
Example:
Vitamin D की कमी → Rickets (हड्डियाँ कमजोर)
Iron की कमी → Anaemia (खून की कमी)
👩⚕️ “Eating leafy vegetables prevents deficiency diseases.”
Meaning: शरीर और वातावरण को साफ रखने की आदतें ताकि बीमारियाँ न फैलें।
Example: रोज़ नहाना, हाथ धोना, साफ कपड़े पहनना।
🚿 “Good hygiene keeps us healthy.”
Meaning: साफ-सफाई बनाए रखना – चाहे शरीर की हो, घर की या स्कूल की।
Example: कक्षा में कूड़ा न फैलाना भी cleanliness का हिस्सा है।
🧹 “Cleanliness is next to godliness.”
Meaning: घर, स्कूल और समाज में साफ-सफाई बनाए रखने की पूरी प्रणाली — जैसे कचरा निपटान, स्वच्छ शौचालय आदि।
Example: गाँव में नालियों की सफाई और कचरा अलग-अलग रखना sanitation कहलाता है।
🚮 “Good sanitation prevents diseases like diarrhoea.”
Meaning: किसी दुर्घटना या चोट लगने पर दी जाने वाली तुरंत मदद (immediate help) को First Aid कहते हैं।
Example: खून बहने पर कपड़े से दबाना या जलने पर ठंडा पानी डालना।
🩹 “Every school must have a First Aid box.”
Meaning: हमारे शरीर के पाँच अंग जिनसे हम दुनिया को महसूस करते हैं — आँख (Eyes), कान (Ears), नाक (Nose), जीभ (Tongue), त्वचा (Skin)।
Example: आँखें देखने के लिए, कान सुनने के लिए, जीभ स्वाद लेने के लिए।
👁️ “Sense organs help us to learn about our surroundings.”
Meaning: किसी अंग या वस्तु का किया जाने वाला काम function कहलाता है।
Example: आँखों का function है देखना, कानों का सुनना।
⚙️ “Each sense organ has its own special function.”
Meaning: बीमारी या नुकसान होने से पहले की जाने वाली सावधानी।
Example: उबला हुआ पानी पीना बीमारियों की prevention है।
🩺 “Prevention is better than cure.”
Meaning: बहुत छोटे जीव जो हमें दिखाई नहीं देते लेकिन बीमारियाँ फैलाते हैं।
Example: गंदे हाथों से खाने पर germs हमारे शरीर में चले जाते हैं।
🦠 “Washing hands removes harmful germs.”
Meaning: जब खाना शरीर में टूटकर ऊर्जा (energy) में बदलता है, उसे digestion कहते हैं।
Example: पेट में खाना पचने के बाद हमें ताकत मिलती है।
🍚 “Digestion helps our body to use food properly.”
Meaning: जब हृदय खून को शरीर के सभी भागों में पहुँचाता है, तो उसे circulation कहते हैं।
Example: अगर दिल काम न करे तो खून का circulation रुक जाएगा।
❤️ “Heart maintains blood circulation in the body.”
Meaning: जब germs हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और रोग फैलाते हैं।
Example: घाव को बिना साफ़ किए छोड़ने से infection हो सकता है।
💉 “Clean wounds properly to avoid infection.”
Meaning: शरीर की वह शक्ति जो बीमारियों से लड़ती है।
Example: फल, दूध और व्यायाम से हमारी immunity बढ़ती है।
🍊 “Strong immunity keeps diseases away.”
✅ Health = शरीर, मन और समाज की सुखद अवस्था।
✅ Hygiene = साफ-सफाई की आदतें जो स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं।
✅ Balanced Diet = भोजन जिसमें सभी पोषक तत्व हों।
✅ Deficiency Disease = किसी पोषक तत्व की कमी से होने वाला रोग।
✅ Sense Organs (5) = Eyes, Ears, Nose, Tongue, Skin.
✅ Cleanliness = रोगों से बचने का पहला कदम।
✅ Sanitation = समाज में साफ-सफाई की व्यवस्था।
✅ First Aid = आपात स्थिति में दी जाने वाली तुरंत मदद।
✅ Germs = छोटे जीव जो बीमारियाँ फैलाते हैं।
✅ Immunity = शरीर की रक्षा करने की शक्ति।
✅ Brain = शरीर का नियंत्रण केंद्र।
✅ Lungs = साँस लेने में मदद करते हैं।
✅ Heart = रक्त को पंप करता है।
✅ Digestion = भोजन से ऊर्जा बनना।
✅ Circulation = शरीर में रक्त का प्रवाह।
✅ Prevention is better than cure – बीमार पड़ने से पहले सावधानी रखें।
Human Body (मानव शरीर) एक जीवित प्रणाली (living system) है, जो कई अंगों से मिलकर बनी है।
शरीर के हर हिस्से का अपना विशेष कार्य होता है।
यह machine (यंत्र) की तरह काम करता है — सभी भाग मिलकर जीवन को चलाते हैं।
🔹 Example:
जैसे एक गाड़ी में इंजन, पहिए और ब्रेक सब साथ मिलकर काम करते हैं, वैसे ही हमारे शरीर के अंग मिलकर हमें जीवित रखते हैं।
ये वे अंग हैं जो हमें बाहर से दिखाई देते हैं (visible parts)।
Head (सिर) – इसमें बाल, आँखें, नाक, मुँह, कान होते हैं।
Neck (गर्दन) – सिर को शरीर से जोड़ता है।
Arms (बाँहें) – वस्तुएँ उठाने, लिखने और खेलने में मदद करती हैं।
Hands (हाथ) – पकड़ने, लिखने, खाने और काम करने के लिए।
Legs (पैर) – चलने, दौड़ने और खड़े होने के लिए।
Feet (पाँव) – शरीर का भार संभालते हैं।
Eyes (आँखें) – देखने के लिए।
Ears (कान) – सुनने के लिए।
Nose (नाक) – सूँघने और साँस लेने के लिए।
Mouth (मुँह) – बोलने और खाने के लिए।
🔹 Daily Example:
जब बच्चा बॉल खेलता है तो वह हाथ, आँख और पैर — तीनों अंगों का साथ में उपयोग करता है।
हर बाहरी अंग का एक विशिष्ट कार्य (specific function) होता है।
Eyes (आँखें) – हमें देखने (to see) में मदद करती हैं।
👉 Example: किताब पढ़ना, रंग पहचानना।
Ears (कान) – हमें सुनने (to hear) में मदद करते हैं।
👉 Example: शिक्षक की आवाज़ सुनना या घंटी बजते ही पहचानना।
Nose (नाक) – सूँघने (to smell) और साँस लेने (to breathe) में मदद करती है।
👉 Example: फूलों की खुशबू या गैस की गंध पहचानना।
Tongue (जीभ) – स्वाद चखने (to taste) और बोलने (to speak) में मदद करती है।
👉 Example: मीठा, नमकीन, खट्टा स्वाद पहचानना।
Skin (त्वचा) – शरीर को ढकती है (covers the body) और स्पर्श (touch) का अनुभव कराती है।
👉 Example: ठंडा पानी या गर्म चीज़ छूने से महसूस करना।
Hands & Legs (हाथ-पैर) – शरीर की गतिविधियों (movements) में मदद करते हैं।
👉 Example: दौड़ना, कूदना, लिखना, खाना खाना।
ये वे अंग हैं जो हमें बाहर से दिखाई नहीं देते (invisible parts), परंतु शरीर के अंदर काम करते रहते हैं।
Brain (मस्तिष्क)
Heart (हृदय)
Lungs (फेफड़े)
Stomach (पेट)
Liver (यकृत)
Kidneys (गुर्दे)
Intestines (आंतें)
Bones and Muscles (हड्डियाँ और मांसपेशियाँ)
शरीर का control centre (नियंत्रण केंद्र) है।
यह सोचने, याद रखने, बोलने और काम करने में मदद करता है।
सभी अंगों को निर्देश देता है कि क्या करना है।
🔹 Example:
जब आप गर्म चीज़ छूते हैं, तो Brain तुरंत संदेश देता है “हाथ हटाओ!”
शरीर में रक्त (blood) को पंप (pump) करता है।
रक्त हमारे शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व (oxygen & nutrients) पहुँचाता है।
🔹 Example:
जब हम दौड़ते हैं, Heart तेज़ धड़कने लगता है ताकि शरीर को ज़्यादा ऑक्सीजन मिले।
साँस लेने (breathing) में मदद करते हैं।
हवा से ऑक्सीजन (oxygen) लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) निकालते हैं।
🔹 Example:
गहरी साँस लेने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
इसमें खाना पचाया (digested) जाता है।
पाचक रस (digestive juices) खाना तोड़कर ऊर्जा में बदलते हैं।
🔹 Example:
हम जो भोजन करते हैं, वह पेट में जाकर ऊर्जा बनाता है जिससे हम खेल या पढ़ाई कर पाते हैं।
यह खून साफ (purify blood) करता है और ऊर्जा (energy) संचित रखता है।
शरीर में रासायनिक प्रक्रियाएँ (chemical functions) नियंत्रित करता है।
🔹 Example:
अगर हम ज़्यादा तला या junk food खाते हैं तो Liver पर भार बढ़ता है।
शरीर के अवशिष्ट पदार्थ (waste materials) को मूत्र (urine) के रूप में बाहर निकालते हैं।
यह शरीर में पानी का संतुलन (water balance) बनाए रखते हैं।
🔹 Example:
हम रोज़ जब पेशाब करते हैं, तो शरीर के हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
Bones (हड्डियाँ) शरीर को आकृति (shape) और सहारा (support) देती हैं।
Muscles (मांसपेशियाँ) शरीर को हिलने-डुलने (movement) में मदद करती हैं।
🔹 Example:
बिना हड्डियों के हम खड़े भी नहीं हो सकते; muscles हमें चलने-फिरने में मदद करती हैं।
रोज़ नहाएँ (take bath daily) और हाथ-पैर साफ रखें।
स्वस्थ आहार (healthy food) खाएँ — फल, सब्ज़ियाँ, दूध।
नियमित व्यायाम (exercise) करें ताकि शरीर मज़बूत रहे।
पर्याप्त नींद (sleep) लें।
अपने दाँत, बाल और नाखूनों की देखभाल करें।
🔹 Example:
अगर हम रोज़ न नहाएँ तो शरीर पर गंदगी और कीटाणु जमा हो जाते हैं जिससे बीमारी हो सकती है।
🔸 Human body is like a machine — all parts work together.
🔸 External parts: Eyes, Ears, Nose, Mouth, Hands, Legs, Skin.
🔸 Internal parts: Brain, Heart, Lungs, Stomach, Liver, Kidneys.
🔸 Brain controls all actions.
🔸 Heart pumps blood.
🔸 Lungs help in breathing.
🔸 Stomach digests food.
🔸 Kidneys remove waste.
🔸 Bones and muscles give shape and movement.
🔸 Keep body clean, eat healthy food, exercise daily.
🧠 CTET Pedagogy Tip:
EVS में “Human Body” विषय को Activity-based learning से सिखाना चाहिए।
🔹 Activities for Classroom:
“Touch and Feel” Game – बच्चे आँख बंद कर किसी वस्तु को छूकर पहचानें (Skin function)।
“Draw your body parts” chart।
“Breathing exercise” demonstration।
“Heartbeat observation” – हाथ छाती पर रखकर heartbeat महसूस कराना।
इससे बच्चों में observation skill, scientific thinking, और body awareness विकसित होती है।
हमारे शरीर में 5 Sense Organs (पाँच इंद्रियाँ) होती हैं।
ये हमें दुनिया को समझने, महसूस करने और प्रतिक्रिया देने (to understand, feel and respond) में मदद करती हैं।
ये इंद्रियाँ हमारे brain (मस्तिष्क) को संदेश भेजती हैं ताकि हम सही काम कर सकें।
🔹 Example:
अगर कोई गरम चीज़ छूते ही हम हाथ पीछे खींच लेते हैं — यह हमारी skin (त्वचा) और brain के बीच संपर्क का परिणाम है।
Sense organs हमें जानकारी (information) देते हैं।
ये हमें सुरक्षित (safe) रखते हैं।
इनके बिना हम दुनिया को महसूस नहीं कर सकते।
ये हमारी सीखने की प्रक्रिया (learning process) का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
🔹 Example (classroom):
जब शिक्षक कहानी सुनाते हैं — बच्चे कान से सुनते, आँख से देखते, और मस्तिष्क से समझते हैं।
आँखें हमें देखने (to see) में मदद करती हैं।
इनके द्वारा हम रंग, आकार, आकार (shape), दूरी (distance) आदि पहचानते हैं।
आँखों से मिलने वाली जानकारी brain तक पहुँचती है, जो उसे समझकर हमें पहचानने में मदद करता है।
🔹 Daily Examples:
किताब पढ़ना
ट्रैफिक सिग्नल के रंग पहचानना
दोस्त को दूर से पहचानना
✨ Keywords:
Vision (दृष्टि) – देखने की शक्ति
Pupil (पुतली) – आँख का केंद्र भाग जिससे प्रकाश अंदर जाता है
कान हमें आवाज़ (sound) सुनने में मदद करते हैं।
हम धीमी या तेज़ आवाज़ें, संगीत, बोलचाल सब पहचान पाते हैं।
कान हमें संतुलन (balance) बनाए रखने में भी मदद करते हैं।
🔹 Daily Examples:
शिक्षक की आवाज़ सुनना
कार का हॉर्न पहचानना
संगीत सुनकर नाचना
✨ Keywords:
Sound waves (ध्वनि तरंगें) – कानों के अंदर जाकर दिमाग तक पहुँचती हैं।
Eardrum (कर्णपटह) – ध्वनि को पहचानने में मदद करता है।
नाक हमें गंध (smell) पहचानने में मदद करती है।
इससे हम अच्छी और बुरी गंध में फर्क कर सकते हैं।
नाक से हम साँस (breathing) भी लेते हैं, जिससे शरीर को oxygen मिलती है।
🔹 Daily Examples:
फूल की खुशबू सूँघना
गैस या धुएँ की गंध पहचानकर सतर्क होना
खाना अच्छा या खराब पहचानना
✨ Keywords:
Nostrils (नथुने) – नाक के छेद, जिनसे हवा अंदर जाती है।
Smell receptors (गंध ग्रहक) – गंध पहचानने वाली कोशिकाएँ।
जीभ हमें स्वाद (taste) पहचानने में मदद करती है।
जीभ पर taste buds (स्वाद कोशिकाएँ) होती हैं जो चार मुख्य स्वाद पहचानती हैं:
मीठा (sweet), नमकीन (salty), खट्टा (sour), कड़वा (bitter)
जीभ बोलने में भी मदद करती है।
🔹 Daily Examples:
मीठी चीज़ खाकर खुशी महसूस करना
खराब खाना चखते ही थूक देना
बोलते समय जीभ की गति से शब्द बनना
✨ Keywords:
Taste buds (स्वाद कोशिकाएँ) – छोटे बिंदु जो स्वाद पहचानते हैं।
Speech (वाणी) – जीभ की मदद से बोलना।
त्वचा शरीर का सबसे बड़ा अंग (largest organ) है।
यह हमें स्पर्श (touch), ठंडा-गर्म (hot-cold), दर्द (pain) और दबाव (pressure) महसूस कराती है।
त्वचा हमें बाहरी चोटों और कीटाणुओं (germs) से भी बचाती है।
🔹 Daily Examples:
गर्म चीज़ छूते ही हाथ पीछे खींचना
ठंडी हवा लगने पर काँपना
चोट लगने पर दर्द महसूस करना
✨ Keywords:
Touch receptors (स्पर्श ग्रहक) – त्वचा की कोशिकाएँ जो स्पर्श पहचानती हैं।
Protection (संरक्षण) – त्वचा शरीर को सुरक्षा देती है।
रोज़ ठंडे पानी से धोएँ।
बहुत देर तक मोबाइल या टीवी न देखें।
पढ़ाई करते समय उचित रोशनी (proper light) में बैठें।
कान में नुकीली चीज़ (sharp objects) न डालें।
कान साफ़ लेकिन हल्के तरीके से करें।
ज़्यादा तेज़ आवाज़ (loud sound) से बचें।
नाक साफ़ रखें, गंदे हाथ न डालें।
धूल और धुएँ से बचें।
ठंड लगने पर नाक को ढकें।
रोज़ दाँत और जीभ ब्रश से साफ़ करें।
ज़्यादा मसालेदार या बासी खाना न खाएँ।
मीठा खाने के बाद कुल्ला करें।
रोज़ नहाएँ और साफ़ कपड़े पहनें।
मच्छरों और कीटाणुओं से बचने के लिए शरीर साफ़ रखें।
मॉइस्चराइज़र या तेल लगाकर त्वचा को मुलायम रखें।
🔹 There are five sense organs – Eyes, Ears, Nose, Tongue, Skin.
🔹 These help us to see, hear, smell, taste, and feel.
🔹 Sense organs send messages to the brain for understanding.
🔹 Proper care keeps our senses healthy.
🔹 Don’t insert sharp objects in ears or nose.
🔹 Eat healthy food for a healthy body and senses.
🔹 Keep your surroundings clean for good sensory health.
EVS में Sense Organs को Activity-based & Observation-based learning से सिखाना सबसे अच्छा होता है।
🎯 Classroom Activities:
“Guess the Sound” – आँख बंद कर ध्वनि पहचानना (ear activity)
“Taste Test” – मीठा, नमकीन, खट्टा पहचानना (tongue activity)
“Touch and Feel” – मुलायम/खुरदुरा वस्तु पहचानना (skin activity)
“Smell and Tell” – फूल या मसालों की गंध पहचानना (nose activity)
“Color Match Game” – रंग पहचानना (eye activity)
इन गतिविधियों से बच्चों में observation skills, attention, और scientific curiosity विकसित होती है।
Food (भोजन) वह पदार्थ है जिसे हम खाते और पीते हैं ताकि हमें ऊर्जा (energy), विकास (growth) और स्वास्थ्य (health) मिले।
Nutrition (पोषण) वह प्रक्रिया है जिससे हमारा शरीर भोजन से पोषक तत्व (nutrients) लेकर काम करता है।
🔹 Example:
जब हम दूध, दाल, फल, सब्ज़ियाँ खाते हैं — तो शरीर को protein, vitamins, minerals, fat जैसे पोषक तत्व मिलते हैं।
✨ Keywords:
Nutrients (पोषक तत्व): भोजन में पाए जाने वाले उपयोगी तत्व।
Energy (ऊर्जा): शरीर के कार्य करने की शक्ति।
भोजन में पाँच मुख्य nutrients (पोषक तत्व) होते हैं —
Carbohydrates, Proteins, Fats, Vitamins, Minerals
यह हमें energy (ऊर्जा) देते हैं।
इन्हें energy-giving foods (ऊर्जा देने वाला भोजन) कहते हैं।
🔹 Sources: चावल, गेहूँ, आलू, रोटी, चीनी।
🔹 Example: रोज़ सुबह रोटी या पराठा खाने से शरीर को काम करने की ताकत मिलती है।
ये शरीर के growth (विकास) और repair (मरम्मत) में मदद करते हैं।
इन्हें body-building foods (शरीर बनाने वाला भोजन) कहा जाता है।
🔹 Sources: दूध, अंडा, दाल, मछली, सोया, पनीर।
🔹 Example: बच्चे की लंबाई बढ़ने और चोट ठीक होने में प्रोटीन मदद करता है।
यह extra energy देते हैं और शरीर को गर्म रखते हैं।
ज़्यादा वसा से मोटापा (obesity) भी हो सकता है, इसलिए सीमित मात्रा में खाएँ।
🔹 Sources: मक्खन, तेल, घी, मूँगफली, सूखे मेवे।
🔹 Example: सर्दियों में घी और मूँगफली खाने से शरीर गर्म रहता है।
ये शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति (immunity) देते हैं।
ये protective foods (संरक्षक भोजन) कहलाते हैं।
🔹 Sources: फल, सब्ज़ियाँ, दूध, अंडा।
🔹 Example: नींबू, संतरा में Vitamin C होता है जो सर्दी-जुकाम से बचाता है।
ये शरीर को मजबूती (strength) देते हैं और हड्डियों, दाँतों, खून आदि के निर्माण में मदद करते हैं।
इन्हें भी protective foods कहा जाता है।
🔹 Sources: नमक, दूध, हरी सब्ज़ियाँ, फल, अनाज।
🔹 Example: दूध में Calcium होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
Balanced Diet (संतुलित आहार) वह आहार है जिसमें सभी nutrients (पोषक तत्व) सही मात्रा में होते हैं।
यह शरीर को ऊर्जा, वृद्धि, सुरक्षा और स्वास्थ्य — चारों देता है।
🔹 Features of a Balanced Diet:
इसमें सभी प्रकार के पोषक तत्व होने चाहिए।
इसमें फल, सब्ज़ियाँ, अनाज, दालें, दूध, तेल शामिल हों।
यह उम्र और काम के अनुसार होना चाहिए।
🔹 Example (Daily Life):
अगर कोई बच्चा सुबह दूध, दोपहर में दाल-चावल-सब्ज़ी और रात में रोटी-सलाद खाता है — तो यह balanced diet है।
✨ Keywords:
Balanced Diet (संतुलित आहार) – सभी पोषक तत्वों से भरपूर भोजन।
Protective Foods (संरक्षक भोजन) – शरीर को रोगों से बचाने वाला भोजन।
जब शरीर को किसी पोषक तत्व की कमी (deficiency) होती है, तो रोग (disease) हो जाता है।
शरीर में कमजोरी, थकान, और ऊर्जा की कमी।
🔹 Example: बार-बार थक जाना, काम में मन न लगना।
बच्चों में विकास रुक जाता है (growth stops)
शरीर दुबला और कमजोर हो जाता है।
🔹 Disease: Kwashiorkor
🔹 Example: अफ्रीका या गरीब इलाकों में बच्चों में पेट फूलना और शरीर कमजोर होना।
| Vitamin | Deficiency Disease | Effect / Example |
|---|---|---|
| Vitamin A | Night Blindness (रात में दिखाई न देना) | अंधेरे में न दिखना |
| Vitamin B | Beri-Beri | कमजोरी और थकावट |
| Vitamin C | Scurvy | मसूड़ों से खून आना |
| Vitamin D | Rickets | हड्डियाँ टेढ़ी होना |
🔹 Example (classroom):
Teacher बच्चों को अलग-अलग फल और सब्ज़ियों के रंगों से बताती हैं कि हर रंग में अलग विटामिन होता है।
Iron की कमी → Anaemia (खून की कमी)
Calcium की कमी → कमजोर हड्डियाँ और दाँत
🔹 Example: जो बच्चे दूध और हरी सब्ज़ी नहीं खाते, उनमें हड्डियाँ कमजोर होती हैं।
रोज़ फल और सब्ज़ियाँ खाएँ।
जंक फूड (junk food) से बचें।
भोजन धीरे-धीरे चबाकर खाएँ।
समय पर नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना करें।
ज़्यादा पानी पिएँ।
साफ़-सुथरा खाना खाएँ ताकि infection (संक्रमण) न हो।
🔹 Classroom Example:
Teacher “My Healthy Plate” activity करवा सकती हैं — बच्चे अपनी थाली में रंग-बिरंगी चीज़ें लगाएँ और बताएं कौन-सा खाना किस nutrient का है।
✅ Food gives us energy, growth, and protection.
✅ There are five nutrients – Carbohydrates, Proteins, Fats, Vitamins, Minerals.
✅ Balanced diet = All nutrients in right proportion.
✅ Deficiency diseases occur when nutrients are missing.
✅ Examples:
Vitamin A → Night blindness
Vitamin C → Scurvy
Protein → Kwashiorkor
Iron → Anaemia
✅ Eat clean, fresh, and varied food every day.
EVS में “Food & Nutrition” को Activity-Based Learning से सिखाया जा सकता है।
🎯 Classroom Activities:
“Healthy vs Junk” food sorting chart
“Food rainbow” – बच्चे रंगों से विटामिन पहचानें
“Nutrient Quiz” – कौन-सा खाना क्या देता है
“Plate Making” – Balanced diet की थाली बनाना
📍 यह विषय EVS में Integration with Health & Hygiene, Science, and Social Environment का बहुत अच्छा उदाहरण है।
Health (स्वास्थ्य) का मतलब है — शरीर, मन और समाज का संतुलित व सुखद स्थिति (state of physical, mental & social well-being)।
Hygiene (स्वच्छता) का अर्थ है — साफ-सफाई की आदतें (clean habits) जो हमें स्वस्थ रखती हैं।
🔹 Simple Explanation:
सिर्फ बीमार न होना ही स्वास्थ्य नहीं है, बल्कि खुश रहना, साफ रहना और संतुलित जीवन जीना भी स्वास्थ्य है।
🔹 Example:
जो बच्चा रोज़ नहाता है, दाँत साफ़ करता है, और साफ कपड़े पहनता है — वह healthy (स्वस्थ) और hygienic (स्वच्छ) है।
✨ Keywords:
Health (स्वास्थ्य) – शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सुख की अवस्था।
Hygiene (स्वच्छता) – साफ-सफाई बनाए रखने की आदतें।
स्वच्छता हमें बीमारियों से बचाती है (prevents diseases)।
स्वच्छ वातावरण में मन प्रसन्न रहता है और काम करने की शक्ति बढ़ती है।
स्वच्छ व्यक्ति समाज में अच्छा उदाहरण (good role model) बनता है।
गंदगी से कीटाणु (germs) और मक्खियाँ पनपती हैं, जिससे रोग फैलते हैं (diseases spread)।
🔹 Example (daily life):
अगर घर में कूड़ा ढका हुआ न रखा जाए, तो मक्खियाँ बैठती हैं और Typhoid, Diarrhoea (टाइफाइड, डायरिया) जैसे रोग फैल सकते हैं।
✨ Keywords:
Germs (कीटाणु): छोटे जीव जो बीमारियाँ फैलाते हैं।
Cleanliness (स्वच्छता): सफाई बनाए रखना।
Sanitation (स्वच्छता व्यवस्था) का मतलब है – हमारे घर, स्कूल और समाज में साफ-सफाई बनाए रखना।
इसमें कचरे का सही निपटान (waste disposal) और स्वच्छ शौचालय (clean toilets) शामिल हैं।
🔹 Main Points:
Wet Waste (गीला कचरा) – सब्ज़ियों के छिलके, खाने का बचा हिस्सा।
Dry Waste (सूखा कचरा) – कागज, प्लास्टिक, धातु, बोतलें आदि।
कचरे को अलग-अलग डिब्बों (segregation bins) में डालना चाहिए —
हरा डिब्बा: गीला कचरा
नीला डिब्बा: सूखा कचरा
🔹 Example:
विद्यालय में “Clean Classroom Drive” चलाकर बच्चे खुद कूड़ा अलग-अलग डिब्बों में डाल सकते हैं।
✨ Keywords:
Sanitation (स्वच्छता व्यवस्था) – सफाई और स्वच्छता का पालन।
Waste management (कचरा प्रबंधन) – कचरे को अलग करके सही जगह डालना।
Personal hygiene का मतलब है — अपने शरीर की नियमित देखभाल (daily care of body)।
🔹 Main Points:
रोज़ नहाना और साफ कपड़े पहनना।
रोज़ दाँत साफ़ करना।
बाल और नाखून छोटे और साफ़ रखना।
भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना।
साफ़ पानी पीना और ढका हुआ रखना।
खाँसते या छींकते समय मुँह ढकना।
🔹 Example (classroom):
शिक्षक “Hygiene Pledge” करवा सकते हैं — बच्चे रोज़ कहें, “मैं अपने हाथ खाने से पहले ज़रूर धोऊँगा।”
✨ Keywords:
Personal hygiene (व्यक्तिगत स्वच्छता) – शरीर को साफ़-सुथरा रखने की आदतें।
Handwashing (हाथ धोना) – रोगों से बचने की सबसे आसान आदत।
जब पूरा समुदाय या गाँव-शहर मिलकर सफाई बनाए रखता है, तो उसे community hygiene कहते हैं।
यह समाज के सभी लोगों की साझी जिम्मेदारी (shared responsibility) होती है।
🔹 Main Points:
सार्वजनिक स्थानों (public places) पर कूड़ा न फैलाएँ।
स्वच्छ शौचालयों का प्रयोग करें।
नालियों (drains) को खुला न छोड़ें।
गंदा पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छर पनपते हैं।
“Swachh Bharat Abhiyan” जैसी सरकारी योजनाओं में भाग लें।
🔹 Example:
स्कूल में “Clean India Day” मनाया जा सकता है — बच्चे और शिक्षक मिलकर स्कूल परिसर साफ़ करते हैं।
✨ Keywords:
Community hygiene (सामुदायिक स्वच्छता) – पूरे समाज की सफाई व्यवस्था।
Public health (जन स्वास्थ्य) – समाज की स्वास्थ्य स्थिति।
First Aid (प्राथमिक उपचार) का मतलब है – घायल या बीमार व्यक्ति को तुरंत दी जाने वाली शुरुआती मदद।
इसका उद्देश्य है – जीवन बचाना और चोट को बढ़ने से रोकना।
यह आपातकाल (emergency) में जीवन बचा सकता है।
घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचने से पहले सुरक्षित स्थिति में रखता है।
सावधानी और आत्मविश्वास (confidence) बढ़ाता है।
Calm the patient (घायल को शांत रखें)।
Stop bleeding (खून बहना रोकें) — साफ कपड़े या पट्टी से घाव दबाएँ।
Clean the wound (घाव साफ करें) — Dettol या साबुन-पानी से।
Burns (जलने पर): ठंडा पानी डालें, मरहम लगाएँ।
Nose bleeding (नाक से खून): सिर आगे झुकाएँ, ठंडी पट्टी रखें।
Fracture (हड्डी टूटना): हिलाएँ नहीं, लकड़ी से सहारा दें और डॉक्टर को दिखाएँ।
Insect bite (कीट काटने पर): नींबू या बेकिंग सोडा लगाएँ, ज़रूरत हो तो डॉक्टर को दिखाएँ।
🔹 Example:
अगर किसी बच्चे को खेलते समय चोट लग जाए, तो शिक्षक पट्टी बाँधकर First Aid Box से मदद कर सकते हैं।
✨ Keywords:
First Aid (प्राथमिक उपचार) – आपात स्थिति में दी जाने वाली शुरुआती मदद।
Emergency (आपातकाल) – अचानक बीमारी या चोट की स्थिति।
✅ Health – शरीर, मन और समाज की सुखद स्थिति है।
✅ Hygiene – साफ-सफाई की आदतें जो स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं।
✅ Cleanliness हमें रोगों से बचाती है।
✅ Sanitation में कचरे का सही निपटान और स्वच्छ परिवेश शामिल है।
✅ Personal hygiene – शरीर की रोज़ की देखभाल।
✅ Community hygiene – समाज में मिलजुलकर स्वच्छता बनाए रखना।
✅ First Aid – घायल व्यक्ति को दी जाने वाली तत्काल मदद।
✅ Clean habits = Healthy body = Happy life 💧
🎯 1. Activity: “Health Habits Chart”
बच्चे घर और स्कूल में अपनाई जाने वाली 5 स्वच्छ आदतें लिखें।
🎯 2. Role Play:
बच्चे “First Aid Helper” बनकर आपात स्थिति में क्या करना है, दिखाएँ।
🎯 3. Observation Task:
कक्षा या स्कूल की सफाई व्यवस्था पर चर्चा करें — क्या सुधारा जा सकता है?
🎯 4. Integration:
यह विषय EVS + Moral Education + Health Education तीनों से जुड़ा है।
📋 Topics:-
Meaning: किसी क्षेत्र में उगने वाले सभी प्रकार के पौधों को vegetation (वनस्पति) कहा जाता है। इसमें पेड़, झाड़ियाँ, घास आदि सब शामिल होते हैं।
Simple Words: “जगह की हरियाली या पौधों की उपस्थिति।”
Example:
राजस्थान में कम बारिश होने के कारण वहाँ की vegetation सूखी और कम होती है।
Meaning: यह एक प्रक्रिया है जिसमें पौधे सूर्य की रोशनी, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की मदद से अपना भोजन (food) बनाते हैं।
Simple Explanation: “पौधे सूरज की रोशनी से खाना बनाते हैं।”
Example:
जब सूरज निकलता है, तो हरे पौधे photosynthesis करते हैं और oxygen (ऑक्सीजन) छोड़ते हैं।
Meaning: जमीन में फसल उगाना और पशुपालन करना agriculture कहलाता है।
Simple Explanation: “खेत में अनाज, फल, सब्ज़ियाँ उगाना।”
Example:
किसान खेत में गेहूँ और धान उगाकर agriculture करते हैं।
Meaning: ऐसे पौधे जो दवाइयाँ (medicines) बनाने में उपयोग किए जाते हैं।
Example:
Tulsi (तुलसी) सर्दी-खाँसी में काम आती है, इसलिए यह एक medicinal plant है।
Meaning: जब बीज (seed) से नया पौधा निकलता है, उसे germination कहते हैं।
Simple Words: “बीज से पौधा बनने की प्रक्रिया।”
Example:
बच्चे जब मटर के बीज गीले कपड़े में रखते हैं और अंकुर निकलता है, तो वह germination है।
Meaning: किसी जीव का natural home (प्राकृतिक निवास स्थान), जहाँ उसे खाना, पानी और सुरक्षा मिलती है।
Example:
मछलियों का habitat पानी है, जबकि ऊँट का habitat रेगिस्तान।
Meaning: किसी जीव का अपने environment (पर्यावरण) के अनुसार खुद को बदल लेना ताकि वह जीवित रह सके (survive)।
Example:
ऊँट के शरीर में adaptation है — उसकी लंबी पलकों और कूबड़ से वह रेगिस्तान में जीवित रह सकता है।
Meaning: पौधों और जानवरों को नष्ट होने से बचाने का कार्य conservation कहलाता है।
Simple Words: “प्रकृति की चीज़ों को बचाकर रखना।”
Example:
वन्य जीवों के conservation के लिए सरकार ने sanctuaries और national parks बनाए हैं।
Meaning: ऐसे जीव-जंतु जिनकी संख्या बहुत कम रह गई है और जो लुप्त (extinct) होने की कगार पर हैं।
Example:
Tiger (बाघ) और Rhinoceros (गैंडा) को endangered species माना गया है।
Meaning: वह सुरक्षित क्षेत्र जहाँ जानवरों को शिकार से सुरक्षा (protection) दी जाती है।
Example:
राजस्थान का Ranthambore Sanctuary बाघों की रक्षा के लिए प्रसिद्ध है।
Meaning: सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र जहाँ जानवरों और पौधों की रक्षा की जाती है।
Example:
Jim Corbett National Park (उत्तराखंड) भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है।
Meaning: जीवों की वह श्रृंखला जिसमें energy (ऊर्जा) एक जीव से दूसरे में खाद्य के रूप में स्थानांतरित (transferred) होती है।
Example:
Grass → Deer → Tiger → Decomposer
(घास → हिरण → बाघ → अपघटक)
Meaning: ऐसे जीव जो मरे हुए पौधों और जानवरों को सड़ाकर मिट्टी में मिला देते हैं, ताकि मिट्टी उपजाऊ बन सके।
Example:
Fungus (फफूंदी) और Bacteria (जीवाणु) प्राकृतिक decomposers हैं।
Meaning: जो जीव केवल मांस खाते हैं (meat-eating animals)।
Example:
शेर, बाघ, चील जैसे जीव carnivorous कहलाते हैं।
Meaning: जो जीव केवल पौधे या घास खाते हैं।
Example:
गाय, बकरी, हाथी herbivorous animals हैं।
Meaning: जो पौधे और जानवर दोनों खाते हैं।
Example:
मनुष्य और भालू omnivorous जीव हैं।
Meaning: पौधों में मौजूद हरा पदार्थ जो सूर्य की रोशनी से खाना बनाने में मदद करता है, उसे chlorophyll (क्लोरोफिल) कहते हैं।
Example:
पत्तियों में हरा रंग chlorophyll pigment के कारण होता है।
Meaning: कुछ पक्षी मौसम बदलने पर दूसरी जगह चले जाते हैं ताकि अनुकूल तापमान मिल सके।
Example:
साइबेरियन क्रेन सर्दियों में भारत आती है — यह migration कहलाता है।
Meaning: जब किसी जीव की पूरी प्रजाति पृथ्वी से खत्म हो जाती है, तो उसे extinction कहते हैं।
Example:
Dinosaur अब धरती से खत्म हो चुके हैं — ये extinct animals हैं।
Meaning: नई जगहों पर पेड़ लगाना ताकि पर्यावरण सुधरे।
Example:
स्कूल में "पेड़ लगाओ अभियान" afforestation का एक अच्छा उदाहरण है।
✅ Vegetation – किसी क्षेत्र की पौधों की हरियाली।
✅ Photosynthesis – पौधे सूर्य की रोशनी से भोजन बनाते हैं।
✅ Agriculture – फसल और पशुपालन की प्रक्रिया।
✅ Medicinal Plants – दवाइयों में उपयोग होने वाले पौधे (Tulsi, Neem)।
✅ Habitat – जीव का प्राकृतिक घर।
✅ Adaptation – पर्यावरण के अनुसार खुद को बदलना।
✅ Conservation – पेड़-पौधों और जानवरों की रक्षा।
✅ Endangered Species – लुप्त होने के कगार पर जीव।
✅ Sanctuary – जानवरों के लिए सुरक्षित क्षेत्र।
✅ National Park – सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र।
✅ Food Chain – कौन किसे खाता है का क्रम।
✅ Decomposer – मरे हुए जीवों को सड़ाकर मिट्टी में मिलाने वाले सूक्ष्मजीव।
✅ Carnivorous / Herbivorous / Omnivorous – आहार के आधार पर जीवों के प्रकार।
✅ Migration – पक्षियों का मौसम के अनुसार स्थान बदलना।
✅ Extinction – जीव का पृथ्वी से खत्म हो जाना।
✅ Afforestation – पर्यावरण बचाने के लिए पेड़ लगाना।
Plants (पौधे) हमारे जीवन का आधार हैं — ये हमें food (भोजन), oxygen (ऑक्सीजन), shelter (आश्रय), और raw materials (कच्चा माल) देते हैं।
🌿 Example: पेड़ हमें छाया और फल देते हैं, जबकि पौधे हवा को शुद्ध करते हैं।
पौधों के प्रकार उनके आकार (size) और ऊँचाई (height) के अनुसार अलग-अलग होते हैं:
(a) Trees (पेड़):
बड़े, मजबूत तने (trunk) वाले पौधे।
ये लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
🌳 Example: नीम (Neem), आम (Mango), बरगद (Banyan)।
(b) Shrubs (झाड़ियाँ):
मध्यम आकार के पौधे, जिनके कई पतले तने होते हैं।
🌹 Example: गुलाब (Rose), गुड़हल (Hibiscus)।
(c) Herbs (जड़ी-बूटियाँ):
छोटे पौधे जिनका तना नर्म (soft stem) होता है।
🌿 Example: धनिया (Coriander), तुलसी (Tulsi)।
(d) Climbers (लताएँ):
जो पौधे खुद से नहीं खड़े रह सकते, सहारा लेकर चढ़ते हैं।
🍇 Example: मनी प्लांट (Money plant), अंगूर (Grapevine)।
(e) Creepers (रेंगने वाले पौधे):
जो ज़मीन पर फैलते हैं और रेंगते हैं।
🍉 Example: तरबूज (Watermelon), कद्दू (Pumpkin)।
हर पौधे के कुछ मुख्य भाग होते हैं — Root (जड़), Stem (तना), Leaf (पत्ता), Flower (फूल), Fruit (फल), Seed (बीज)।
Root (जड़):
पौधे को ज़मीन में मजबूती (anchorage) देती है।
मिट्टी से पानी और पोषक तत्व (nutrients) लेती है।
🌾 Example: गाजर (Carrot) और मूली (Radish) में जड़ें भोजन के रूप में उपयोग होती हैं।
Stem (तना):
पौधे को सीधा रखता है और जड़ों से पानी-पोषक तत्वों को ऊपर पहुँचाता है।
पत्तियों और फूलों को सहारा देता है।
🌿 Example: गन्ना (Sugarcane) का तना मीठा रस रखता है।
Leaf (पत्ता):
इसे पौधे की food factory (भोजन बनाने की फैक्ट्री) कहा जाता है।
इसमें photosynthesis (प्रकाश-संश्लेषण) होता है — पौधा सूरज की रोशनी, पानी और हवा से भोजन बनाता है।
🍃 Example: पत्तागोभी (Cabbage) और पालक (Spinach) की पत्तियाँ खाई जाती हैं।
Flower (फूल):
पौधे का सबसे सुंदर हिस्सा, जिससे फल और बीज बनते हैं।
🌸 Example: सूरजमुखी (Sunflower), गुलाब (Rose)।
Fruit (फल):
फूल से फल बनता है। इसमें बीज (seeds) होते हैं।
🍎 Example: आम, सेब, केला आदि फल।
Seed (बीज):
नए पौधे का जन्म seed से होता है।
🌱 Example: जब बीज मिट्टी में बोया जाता है तो अंकुर (sprout) बनता है।
Food (भोजन):
पौधे हमें फल, सब्जियाँ, अनाज, दालें और तेल देते हैं।
🥦 Example: चावल, गेहूँ, सेब, टमाटर।
Oxygen (ऑक्सीजन):
पौधे हवा से carbon dioxide (कार्बन डाइऑक्साइड) लेते हैं और oxygen छोड़ते हैं, जिससे हम साँस लेते हैं।
Clothing (कपड़े):
कुछ पौधों से कपड़े बनते हैं।
👕 Example: कपास (Cotton) से सूती कपड़े, सन (Jute) से बोरियाँ।
Shelter & Furniture (आश्रय और फर्नीचर):
पेड़ों की लकड़ी घर, कुर्सी, मेज बनाने में काम आती है।
🪵 Example: सागौन (Teak), शीशम (Rosewood)।
Medicine (औषधि):
कई पौधे medicinal plants (औषधीय पौधे) हैं जो दवाइयों में काम आते हैं।
🌿 Example: तुलसी, नीम, अदरक, हल्दी।
Paper & Rubber:
पेड़ों से कागज़ और रबर बनता है।
📚 Example: बांस और रबर के पेड़ से सामग्री मिलती है।
Beauty & Environment:
पौधे हमारे वातावरण को सुंदर और ठंडा बनाते हैं।
🌲 Example: पार्क और गार्डन में हरियाली वातावरण को सुखद बनाती है।
Agriculture (कृषि) का अर्थ है — भोजन और अन्य उपयोगी वस्तुएँ उगाने की प्रक्रिया।
🌾 Example: किसान गेहूँ, चावल, सब्जियाँ आदि खेतों में उगाते हैं।
खेती के लिए ज़रूरी चीज़ें:
Soil (मिट्टी) – पौधों को पोषण देती है।
Water (पानी) – सिंचाई (Irrigation) के लिए ज़रूरी।
Sunlight (धूप) – पौधों के बढ़ने में मदद करती है।
Fertilizers (खाद/उर्वरक) – मिट्टी को पोषक बनाते हैं।
Tools (औज़ार):
किसान हल, ट्रैक्टर, दरांती आदि का उपयोग करते हैं।
Crops (फसलें):
दो प्रकार की फसलें होती हैं —
Kharif (खरीफ फसलें): बरसात में बोई जाती हैं (जैसे धान, मक्का)।
Rabi (रबी फसलें): सर्दी में बोई जाती हैं (जैसे गेहूँ, चना)।
Tulsi (तुलसी):
सर्दी-खाँसी और गले के दर्द में लाभदायक।
Neem (नीम):
त्वचा के रोगों में उपयोगी और कीटाणु-रोधी (antiseptic)।
Aloe Vera (घृतकुमारी):
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद, जलने पर राहत देता है।
Turmeric (हल्दी):
सूजन और घाव में उपयोगी, शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है।
Ginger (अदरक):
पाचन में मदद करता है और सर्दी-जुकाम दूर करता है।
Peppermint (पुदीना):
पेट की गैस और पाचन संबंधी रोगों में उपयोगी।
✅ पौधों के प्रकार – Trees, Shrubs, Herbs, Climbers, Creepers
✅ पौधों के भाग – Root, Stem, Leaf, Flower, Fruit, Seed
✅ Root – मिट्टी से पानी और पोषक तत्व लेती है।
✅ Stem – पौधे को सहारा देता है और पोषक तत्व पहुँचाता है।
✅ Leaf – भोजन बनाती है (Photosynthesis)।
✅ Flower – फल और बीज बनाता है।
✅ Uses of plants – Food, Oxygen, Clothes, Shelter, Medicine, Paper, Rubber
✅ Agriculture – फसल उगाने की प्रक्रिया।
✅ Fasalon ke Prakar – Kharif (धान, मक्का) और Rabi (गेहूँ, चना)।
✅ Medicinal plants – Tulsi, Neem, Aloe Vera, Turmeric, Ginger, Peppermint
✅ पौधे हमारे जीवन का आधार हैं – भोजन, हवा, छाया, दवा सब कुछ पौधों से मिलता है।
जानवर हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
वे पर्यावरण का संतुलन बनाए रखते हैं और हमें कई तरह से मदद करते हैं।
जानवरों को उनके रहने के स्थान और उपयोग के आधार पर बाँटा जा सकता है।
Meaning (अर्थ):
जो जानवर मनुष्य द्वारा पाले जाते हैं (kept by humans) और कामों में मदद करते हैं, उन्हें पालतू जानवर कहा जाता है।
Features (विशेषताएँ):
ये इंसानों के साथ रह सकते हैं।
ये भोजन, काम या सुरक्षा के लिए उपयोग होते हैं।
Examples (उदाहरण):
गाय (Cow) – दूध देती है।
बैल (Ox) – खेत जोतने में मदद करता है।
भेड़ (Sheep) – ऊन देती है।
बकरी (Goat) – दूध और मांस देती है।
ऊँट (Camel) – रेगिस्तान में "रेगिस्तान का जहाज" कहलाता है।
Classroom Example:
“हमारे गाँव में कई बच्चे स्कूल आते समय गाय और बकरियाँ चराते हुए देखते हैं।”
Meaning:
जो जानवर जंगलों में रहते हैं (live in forests) और मनुष्यों द्वारा नहीं पाले जा सकते, उन्हें जंगली जानवर कहते हैं।
Features:
ये अपने food (भोजन) के लिए खुद शिकार करते हैं या पेड़ों से फल खाते हैं।
ये स्वतंत्र (independent) रहते हैं।
Examples:
शेर (Lion), बाघ (Tiger), हाथी (Elephant), हिरण (Deer), भालू (Bear)।
Classroom Example:
“हम चिड़ियाघर (Zoo) में जंगली जानवरों को पिंजरों में देखते हैं क्योंकि वे जंगल से लाए जाते हैं।”
Meaning:
जो जानवर साथी (companionship) के लिए घरों में रखे जाते हैं, उन्हें Pet Animals (पालतू साथी जानवर) कहते हैं।
Features:
ये प्यार करने वाले होते हैं और घर की सुरक्षा या मनोरंजन के लिए रखे जाते हैं।
Examples:
कुत्ता (Dog), बिल्ली (Cat), खरगोश (Rabbit), तोता (Parrot), मछली (Fish)।
Daily Example:
“हमारे पड़ोसी का कुत्ता रोज़ बच्चों के साथ खेलता है।”
For Food (भोजन के लिए):
कुछ जानवर दूध (Milk), मांस (Meat), अंडे (Eggs) देते हैं।
🥛 Example: गाय, बकरी, मुर्गी।
For Work (काम के लिए):
जानवर खेत जोतने, सामान ढोने और यात्रा करने में मदद करते हैं।
🐂 Example: बैल, ऊँट, घोड़ा, गधा, हाथी।
For Clothing (कपड़ों के लिए):
कुछ जानवरों से ऊन (Wool) और रेशम (Silk) मिलता है।
🧶 Example: भेड़ (Sheep) से ऊन, रेशम कीट (Silkworm) से रेशम।
For Security (सुरक्षा के लिए):
कुत्ते (Dogs) घरों और संपत्ति की रक्षा करते हैं।
For Companionship (साथी के रूप में):
पालतू जानवर जैसे बिल्ली और कुत्ता हमारे emotional support (भावनात्मक सहारा) देते हैं।
For Transport (यातायात के लिए):
ऊँट, घोड़े, गधे आदि का उपयोग सामान या लोगों को ले जाने में होता है।
Land Animals (स्थलीय जानवर):
जो ज़मीन पर रहते हैं।
🐘 Example: शेर, हाथी, बाघ।
Water Animals (जलचर):
जो पानी में रहते हैं।
🐟 Example: मछली, व्हेल, डॉल्फिन।
Air Animals (वायवीय):
जो उड़ सकते हैं।
🕊️ Example: तोता, कबूतर, चील।
Amphibians (उभयचर):
जो पानी और ज़मीन दोनों जगह रह सकते हैं।
🐸 Example: मेंढक (Frog)।
Meaning (अर्थ):
जानवरों को बचाना और उनकी संख्या को बनाए रखना (to protect and preserve animals) ही संरक्षण कहलाता है।
Why it is important (महत्त्व क्यों है):
हर जानवर food chain (खाद्य श्रृंखला) का हिस्सा है।
अगर कोई प्रजाति खत्म हो जाए तो प्राकृतिक संतुलन (ecological balance) बिगड़ जाता है।
Reasons for Decline (संख्या घटने के कारण):
जंगलों की कटाई (Deforestation)
शिकार (Hunting / Poaching)
प्रदूषण (Pollution)
आवास का नष्ट होना (Loss of Habitat)
Methods of Conservation (संरक्षण के उपाय):
Forest laws (वन कानून) बनाना — ताकि शिकार रोका जा सके।
Wildlife sanctuaries (वन्यजीव अभयारण्य) बनाना।
National parks (राष्ट्रीय उद्यान) स्थापित करना।
Awareness programs (जागरूकता अभियान) चलाना।
Tree plantation (वृक्षारोपण) करना।
Examples:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Uttarakhand) – बाघों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Assam) – गेंडे (Rhinoceros) के लिए प्रसिद्ध।
जानवरों के साथ दयालुता (Kindness) और सम्मान (Respect) से व्यवहार करना चाहिए।
जानवरों को चोट या भूखा नहीं रखना चाहिए।
पालतू जानवरों की देखभाल (Care) – उन्हें समय पर भोजन, पानी और साफ जगह देनी चाहिए।
जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक स्थानों (natural habitats) में ही सुरक्षित रहना चाहिए।
✅ Animals के प्रकार:
Domestic (पालतू काम के लिए) – गाय, बैल, बकरी
Wild (जंगली) – शेर, बाघ, हाथी
Pet (घर में साथी) – कुत्ता, बिल्ली, तोता
✅ Uses of Animals:
Food: दूध, मांस, अंडे
Work: खेत जोतना, सामान ढोना
Clothing: ऊन, रेशम
Security: कुत्ते घर की रक्षा करते हैं
Transport: ऊँट, घोड़ा
✅ Habitats:
Land (स्थल): हाथी
Water (जल): मछली
Air (वायु): पक्षी
Amphibian (दोनों): मेंढक
✅ Conservation:
कारण – शिकार, जंगलों की कटाई
उपाय – राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, कानून, वृक्षारोपण, जागरूकता
✅ Responsibility:
जानवरों के साथ दया और देखभाल का व्यवहार।
Food Chain (खाद्य श्रृंखला) वह क्रम (sequence) है जिसमें energy (ऊर्जा) एक जीव से दूसरे जीव में food के माध्यम से स्थानांतरित होती है।
सरल शब्दों में — यह दिखाता है कि कौन किसे खाता है (who eats whom)।
🧩 Example:
Grass → Grasshopper → Frog → Snake → Eagle
(घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → चील)
यहाँ घास से ऊर्जा शुरू होती है और धीरे-धीरे ऊपर के जीवों में पहुँचती है।
Producers (उत्पादक):
ये वे जीव हैं जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं (make their own food)।
सामान्यतः ये plants (पौधे) होते हैं।
🌿 Example: हरी घास, पेड़, झाड़ियाँ।
Consumers (उपभोक्ता):
जो जीव दूसरों पर निर्भर करते हैं।
तीन प्रकार के होते हैं:
(i) Herbivores (शाकाहारी) – जो केवल पौधे खाते हैं।
🐄 Example: गाय, बकरी, हिरण
(ii) Carnivores (मांसाहारी) – जो दूसरे जानवर खाते हैं।
🦁 Example: शेर, बाघ, चील
(iii) Omnivores (सर्वाहारी) – जो पौधे और जानवर दोनों खाते हैं।
👨👩👧👦 Example: मनुष्य, भालू
Decomposers (अपघटक):
ये सूक्ष्मजीव (microorganisms) होते हैं जो मरे हुए पौधों और जानवरों को सड़ाकर मिट्टी में मिला देते हैं।
🦠 Example: फफूंदी (Fungus), बैक्टीरिया (Bacteria)
Energy Flow (ऊर्जा का प्रवाह):
ऊर्जा सूरज (Sun) से पौधों में और फिर जानवरों में जाती है।
प्रत्येक स्तर को Trophic Level (आहार स्तर) कहा जाता है।
यह दिखाती है कि सभी जीव एक-दूसरे पर निर्भर (interdependent) हैं।
यह पर्यावरण का संतुलन (ecological balance) बनाए रखती है।
अगर किसी एक जीव की संख्या घट जाए, तो पूरी food chain प्रभावित हो जाती है।
🧠 Example:
अगर मेंढक नष्ट हो जाए, तो टिड्डों की संख्या बढ़ जाएगी और फसलों को नुकसान होगा।
Adaptation का मतलब है – किसी जीव का अपने वातावरण (environment) के अनुसार खुद को ढाल लेना ताकि वह जीवित रह सके (survive)।
(जो ज़मीन पर उगते हैं)
Plain Areas (मैदानी क्षेत्र):
यहाँ के पौधों की पत्तियाँ चौड़ी (broad leaves) होती हैं ताकि वे ज्यादा सूर्य का प्रकाश ले सकें।
🌳 Example: आम (Mango), पीपल (Peepal)
Desert Plants (रेगिस्तानी पौधे):
यहाँ बहुत कम पानी होता है, इसलिए पौधे अपने को पानी बचाने के लिए अनुकूल बना लेते हैं।
पत्तियाँ काँटे (spines) बन जाती हैं और तना मोटा होकर पानी जमा करता है।
🌵 Example: कैक्टस (Cactus)
Mountain Plants (पर्वतीय पौधे):
यहाँ ठंड ज़्यादा होती है।
पौधों पर सुई जैसी पत्तियाँ (needle-like leaves) होती हैं और शाखाएँ ढलान पर होती हैं ताकि बर्फ फिसल जाए।
🌲 Example: देवदार (Pine), फर (Fir)
(जो पानी में उगते हैं)
Floating Plants (तैरने वाले पौधे):
ये पानी की सतह पर तैरते हैं।
🌿 Example: जलकुंभी (Water Hyacinth), Duckweed
Fixed Plants (स्थिर पौधे):
इनकी जड़ें मिट्टी में जुड़ी होती हैं और पत्तियाँ पानी पर तैरती हैं।
🌸 Example: कमल (Lotus)
Underwater Plants (जल के अंदर रहने वाले):
इनकी पत्तियाँ पतली (thin) होती हैं ताकि वे पानी में आसानी से हिल सकें।
🌾 Example: Hydrilla
ज़मीन पर चलने के लिए मज़बूत पैर और पंजे (strong legs and paws) होते हैं।
कुछ रेगिस्तानी जानवर जैसे ऊँट (Camel) के पास
कूबड़ (hump) में पानी/चरबी संग्रह करने की क्षमता होती है।
लंबी पलकों (long eyelashes) से धूल नहीं जाती।
इनके पास पंख (fins) और गलफड़े (gills) होते हैं ताकि पानी में सांस ले सकें।
शरीर streamlined (धारदार आकार) होता है ताकि पानी में आसानी से तैर सकें।
🐟 Example: मछली, डॉल्फिन
इनके पास हल्की हड्डियाँ (light bones) होती हैं ताकि उड़ सकें।
इनके पास पंख (wings) और तेज दृष्टि (sharp eyesight) होती है।
🕊️ Example: पक्षी, चमगादड़ (Bat)
बहुत ठंडे स्थानों में रहते हैं।
इनके शरीर पर मोटी फर (thick fur) और चरबी (fat layer) होती है जो ठंड से बचाती है।
🐻❄️ Example: Polar bear, Penguin
जो पेड़ों पर रहते हैं, उनके पास लंबी पूँछ (long tails) और मजबूत पंजे (strong claws) होते हैं।
🐒 Example: बंदर (Monkey)
जो पानी और जमीन दोनों पर रह सकते हैं।
इनके पास webbed feet (जालीदार पैर) होते हैं।
🐸 Example: मेंढक (Frog)
✅ Food Chain:
क्रम – Producer → Consumer → Decomposer
उदाहरण: Grass → Deer → Tiger → Decomposer
महत्त्व – Energy flow और ecological balance बनाए रखना।
✅ Adaptation:
किसी जीव का अपने environment के अनुसार बदलना।
✅ Plant Adaptations:
Desert Plants: Cactus – पानी बचाना।
Mountain Plants: Pine – सुई जैसी पत्तियाँ।
Aquatic Plants: Lotus – तैरने वाली पत्तियाँ।
✅ Animal Adaptations:
Terrestrial: ऊँट – कूबड़, लंबी पलकें।
Aquatic: मछली – गलफड़े, पंख।
Aerial: पक्षी – पंख, हल्की हड्डियाँ।
Polar: Polar bear – मोटी फर, चरबी।
Amphibian: मेंढक – पानी और जमीन दोनों पर।
✅ Key Concept:
“Every living organism changes according to its surroundings to survive — that’s adaptation.”
📋 Topics:-
🔹 Meaning (अर्थ):
वे चीज़ें जो हमें प्रकृति (Nature) से बिना बनाए मिलती हैं – जैसे पानी, हवा, मिट्टी, जंगल, खनिज (minerals) आदि।
🔹 Example:
– जैसे हम पीने का पानी खुद नहीं बनाते, यह प्रकृति से मिलता है, इसलिए यह एक Natural Resource है।
🔹 Meaning:
किसी चीज़ का सावधानी से उपयोग करना (Careful Use) ताकि वह भविष्य के लिए भी बनी रहे।
🔹 Example:
– नल खुला छोड़ने के बजाय बंद कर देना Water Conservation कहलाता है।
🔹 Meaning:
वह पानी जो धरती के अंदर मिट्टी और चट्टानों के बीच जमा होता है।
हम इसे कुएँ या बोरिंग से निकालते हैं।
🔹 Example:
– गाँव में हैंडपंप से निकलने वाला पानी Groundwater होता है।
🔹 Meaning:
बारिश के पानी को इकट्ठा करके बाद में उपयोग के लिए रखना।
🔹 Example:
– स्कूल की छत से पानी टंकी में जमा करना Rainwater Harvesting का अच्छा तरीका है।
🔹 Meaning:
जब हवा, पानी, मिट्टी आदि में हानिकारक पदार्थ (harmful materials) मिल जाते हैं, जिससे जीव-जंतु या मनुष्य को नुकसान होता है।
🔹 Example:
– फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआँ Air Pollution करता है।
🔹 Meaning:
जब हवा में धूल, धुआँ, गैसें आदि मिलकर उसे गंदा कर देती हैं।
🔹 Example:
– कारों और बसों से निकलने वाला धुआँ हवा को दूषित करता है।
🔹 Meaning:
जब हवा या पानी मिट्टी को बहा ले जाते हैं, जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति घट जाती है।
🔹 Example:
– जब पहाड़ी पर पेड़ कट जाते हैं तो बारिश मिट्टी बहा ले जाती है, इसे Soil Erosion कहते हैं।
🔹 Meaning:
जब मनुष्य लकड़ी, खेती या निर्माण के लिए जंगलों के पेड़ काट देता है।
🔹 Example:
– सड़क बनाने के लिए पेड़ों की कटाई Deforestation कहलाती है।
🔹 Meaning:
नए पेड़ लगाना ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे।
🔹 Example:
– स्कूल में “एक बच्चा – एक पेड़” अभियान चलाना Afforestation का उदाहरण है।
🔹 Meaning:
पृथ्वी के तापमान (temperature) का धीरे-धीरे बढ़ना।
यह Greenhouse gases की अधिकता से होता है।
🔹 Example:
– ग्लेशियर (हिमनद) का पिघलना Global Warming का परिणाम है।
🔹 Meaning:
वातावरण में मौजूद गैसें (CO₂, Methane आदि) सूर्य की गर्मी को फँसा लेती हैं जिससे पृथ्वी गर्म होती जाती है।
🔹 Example:
– यह ठीक वैसा है जैसे हम खिड़की बंद कर दें तो कमरे में गर्मी बढ़ जाती है।
🔹 Meaning:
जब किसी स्थान का मौसम (temperature, rainfall, wind) लंबे समय में बदल जाए।
🔹 Example:
– जहाँ पहले नियमित बारिश होती थी, अब सूखा पड़ने लगा – यह Climate Change है।
🔹 Meaning:
वह प्रक्रिया जिसमें पानी वाष्प बनकर ऊपर जाता है (evaporation), बादल बनता है (condensation) और बारिश (precipitation) के रूप में वापस आता है।
🔹 Example:
– जब हम गर्म पानी उबालते हैं और भाप बनती है – यह Evaporation का भाग है।
🔹 Meaning:
पानी का गर्मी से भाप (vapour) में बदल जाना।
🔹 Example:
– धूप में रखी गीली कपड़े सूख जाते हैं – यह Evaporation है।
🔹 Meaning:
जब भाप ठंडी होकर फिर से पानी की बूंदों में बदल जाती है।
🔹 Example:
– ठंडे गिलास के बाहर पानी की बूंदें बन जाना Condensation है।
🔹 Meaning:
जब कोई वस्तु रोशनी को रोकती है, तो उसके पीछे अंधेरा भाग बनता है – यही Shadow है।
🔹 Example:
– धूप में हमारा शरीर जब सूरज की दिशा रोकता है तो ज़मीन पर छाया बनती है।
🔹 Meaning:
चंद्रमा के आकार में होने वाले बदलाव जैसे अमावस्या (New Moon) से पूर्णिमा (Full Moon) तक के रूप।
🔹 Example:
– हर रात चंद्रमा का अलग आकार दिखना Moon Phases कहलाता है।
🔹 Meaning:
जब कोई जीव-जंतु या पौधा अपने वातावरण के अनुसार अपने शरीर या व्यवहार को बदलता है, ताकि वह वहाँ जीवित रह सके।
🔹 Example:
– ऊँट रेगिस्तान में रहने के लिए अपने शरीर में पानी जमा रखता है – यह Adaptation है।
🔹 Meaning:
एक निश्चित अवधि का मौसम परिवर्तन जो बार-बार हर साल होता है।
🔹 Example:
– गर्मी (Summer), सर्दी (Winter), बरसात (Rainy) – ये तीन मुख्य Seasons हैं।
🔹 Meaning:
वे संसाधन जो बार-बार बन सकते हैं, जैसे – पानी, हवा, सूर्य की रोशनी।
🔹 Example:
– सूर्य से हर दिन नई ऊर्जा मिलती है, यह Renewable Resource है।
🔹 Meaning:
वे संसाधन जो एक बार खत्म हो जाने पर जल्दी नहीं बनते, जैसे – कोयला, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस।
🔹 Example:
– पेट्रोल खत्म होने पर उसे तुरंत नहीं बनाया जा सकता, इसलिए यह Non-Renewable Resource है।
🔹 Meaning:
जीव-जंतु, पौधे और उनके वातावरण के बीच आपसी संबंध (interaction) को Ecosystem कहते हैं।
🔹 Example:
– तालाब में मछली, पौधे और पानी मिलकर एक Ecosystem बनाते हैं।
🔹 Meaning:
किसी क्षेत्र में रहने वाले विभिन्न प्रकार के पौधे और जानवरों की विविधता।
🔹 Example:
– भारत में जंगल, रेगिस्तान और पहाड़ों में अलग-अलग जीव मिलते हैं, जो Biodiversity दिखाते हैं।
🔹 Meaning:
पूरा विश्व का वातावरण जिसमें हवा, पानी, मिट्टी और जीव-जंतु आते हैं।
🔹 Example:
– जब एक देश प्रदूषण फैलाता है तो उसका असर दूसरे देश के मौसम पर भी होता है – यह Global Environment की विशेषता है।
🔹 Meaning:
वह विकास जिससे आज की ज़रूरतें पूरी हों, पर भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी संसाधन बचे रहें।
🔹 Example:
– पेड़ काटने से पहले नए पेड़ लगाना – यही Sustainable Development है।
✅ Natural Resources: प्रकृति से मिलने वाले साधन जैसे पानी, हवा, मिट्टी।
✅ Conservation: संसाधनों का समझदारी से उपयोग।
✅ Pollution: हवा, पानी, मिट्टी में हानिकारक तत्वों की मिलावट।
✅ Deforestation: पेड़ों की कटाई → Soil Erosion, Global Warming।
✅ Water Cycle: Evaporation → Condensation → Rain → Flow back।
✅ Adaptation: जीव-जंतु या पौधों का वातावरण अनुसार ढलना।
✅ Global Warming: तापमान बढ़ना – CO₂ और Methane बढ़ने से।
✅ Climate Change: मौसम का असंतुलन।
✅ Renewable/Non-renewable Resources: दो मुख्य प्रकार के प्राकृतिक साधन।
✅ Sustainable Development: आज का विकास + भविष्य की सुरक्षा।
📚 CTET TIP:
EVS में कठिन शब्दों को daily life से जोड़कर याद करना सबसे आसान तरीका है।
जैसे – “वृक्षारोपण” = “Tree Plantation Day in School” — तुरंत connect हो जाता है 🌱
Water (जल) जीवन के लिए सबसे आवश्यक प्राकृतिक संसाधन है।
👉 बिना पानी के कोई भी जीव-जंतु या पौधा जीवित नहीं रह सकता।
Human Uses (मनुष्य के उपयोग) –
पीने के लिए
खाना बनाने के लिए
कपड़े धोने के लिए
खेती (agriculture) के लिए
बिजली बनाने (hydroelectric power) के लिए
उद्योगों (industries) में
Daily Example:
सुबह उठते ही हम ब्रश करने, नहाने और खाना पकाने में पानी का उपयोग करते हैं — यह दिखाता है कि water is essential for daily life।
जल हमें प्राकृतिक स्रोतों (natural sources) से मिलता है।
मुख्य जल स्रोत हैं —
Rivers (नदियाँ)
Ponds/Lakes (तालाब/झीलें)
Rain (वर्षा)
Groundwater (भूजल)
Snow & Glacier (बर्फ और हिमनद)
Sea/Ocean (समुद्र)
Note: पृथ्वी पर कुल जल का लगभग 97% समुद्रों में खारा (salty) है, जो पीने योग्य नहीं है। केवल 3% मीठा पानी (fresh water) है, जिसमें से बहुत कम हमें आसानी से मिलता है।
River (नदी) बहता हुआ मीठे पानी का स्रोत है, जो पहाड़ों या झीलों से निकलकर समुद्र में मिलती है।
भारत की प्रमुख नदियाँ हैं – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा, सतलज आदि।
Uses of Rivers:
Drinking Water (पीने का पानी) का स्रोत
Irrigation (सिंचाई) के लिए
Electricity (बिजली) बनाने के लिए – जैसे बाँधों (dams) से
Transportation (परिवहन) – नावों द्वारा
Example:
किसान नहरों (canals) के माध्यम से गंगा नदी के पानी से खेतों की सिंचाई करते हैं।
Note: नदियाँ जीवन देती हैं, इसलिए इन्हें “lifeline of civilization” (सभ्यता की जीवनरेखा) कहा जाता है।
Pond (तालाब) और Lake (झील) स्थिर (still) मीठे पानी के स्रोत हैं।
ये वर्षा के पानी को एकत्र (store) करके पूरे साल उपयोग के लिए सुरक्षित रखते हैं।
Uses:
गाँवों में पशुओं को पानी पिलाने और कपड़े धोने के लिए।
कुछ झीलें पर्यटन (tourism) के लिए प्रसिद्ध हैं।
कुछ तालाबों में मछली पालन (fish farming) भी होता है।
Examples:
Lake: दल झील (श्रीनगर), चिल्का झील (ओडिशा)
Pond: गाँव का छोटा जलाशय जिसमें वर्षा का पानी जमा होता है।
Rain (बारिश) पानी का सबसे प्राकृतिक और मुख्य स्रोत है।
Process:
सूरज की गर्मी से पानी evaporate (वाष्पित) होकर बादल बनाता है।
जब बादल ठंडे होते हैं, तो पानी की बूंदें condense (संघनित) होकर गिरती हैं – इसे rainfall (वर्षा) कहते हैं।
Importance of Rain:
नदियों और झीलों को भरती है।
फसलों को पानी देती है।
भूजल (groundwater) को recharge करती है।
Example:
– किसान कहते हैं “अच्छी बारिश होगी तो फसल अच्छी होगी।”
Note:
अत्यधिक बारिश से flood (बाढ़) आती है, और बहुत कम बारिश से drought (सूखा) पड़ता है।
Meaning: जो पानी जमीन के नीचे (under the surface) मिट्टी और चट्टानों के बीच संग्रहित होता है, उसे groundwater (भूजल) कहते हैं।
Source: बारिश का पानी जब जमीन में समा जाता है, तो वह नीचे जाकर aquifers (जलभंडार) में जमा हो जाता है।
Extraction:
Wells (कुएँ)
Hand Pumps (हैंडपंप)
Tube Wells (ट्यूबवेल)
Use:
पीने के लिए
सिंचाई (irrigation) के लिए
घरेलू कार्यों में
Example:
गाँवों में अधिकांश लोग hand pump से पानी निकालते हैं — यही groundwater होता है।
Problem:
अत्यधिक निकासी (overuse) से भूजल का स्तर कम (depletion) हो रहा है, जिससे जल संकट बढ़ता है।
Water conservation (जल संरक्षण) का मतलब है — पानी का सही उपयोग और बर्बादी रोकना।
Methods (तरीके):
नलों को खुला न छोड़ें।
Rainwater harvesting (वर्षा जल संचयन) करें।
पुराने पानी को दोबारा उपयोग करें (reuse water)।
पेड़ लगाएँ ताकि पानी जमीन में समा सके।
Example:
स्कूल में छत पर rainwater harvesting system लगाया जा सकता है ताकि बारिश का पानी टंकी में जमा हो।
Slogan:
“Save Water, Save Life” (जल है तो कल है)
जब गंदगी, केमिकल, प्लास्टिक, सीवेज आदि जल स्रोतों में मिल जाते हैं, तो उसे water pollution (जल प्रदूषण) कहते हैं।
Causes:
फैक्ट्रियों का गंदा पानी
प्लास्टिक कचरा
नालों का पानी नदियों में जाना
साबुन, डिटर्जेंट से झीलों का प्रदूषण
Effects:
पानी पीने योग्य नहीं रहता।
जलीय जीव (aquatic animals) मर जाते हैं।
बीमारियाँ (diseases) फैलती हैं।
Example:
यमुना नदी का जल प्रदूषण दिल्ली के आसपास बहुत बढ़ गया है क्योंकि उसमें सीवेज और औद्योगिक कचरा बहाया जाता है।
✅ Water is essential for all living beings.
✅ Sources of water: Rivers, Lakes/Ponds, Rain, Groundwater.
✅ Rivers – Flowing water source; used for irrigation, drinking, transport, electricity.
✅ Ponds/Lakes – Store rainwater; used for animals, washing, fishing, tourism.
✅ Rain – Main natural source; fills rivers, lakes, and recharges groundwater.
✅ Groundwater – Stored below earth; extracted through wells and pumps.
✅ Conservation of Water – Save water, reuse, harvest rainwater.
✅ Water Pollution – Mixing of harmful substances in water; must be prevented.
✅ Slogan: “Jal hai to kal hai” – Without water, life is impossible.
Air (वायु) एक अदृश्य (invisible) गैसों का मिश्रण (mixture of gases) है।
हमें यह दिखाई नहीं देती, लेकिन इसके बिना जीवन संभव नहीं है।
वायु चारों ओर फैली हुई है — इसे atmosphere (वायुमंडल) कहते हैं।
Major components (मुख्य घटक):
Nitrogen (नाइट्रोजन) – लगभग 78%
Oxygen (ऑक्सीजन) – लगभग 21%
Carbon dioxide (कार्बन डाइऑक्साइड) – लगभग 0.03%
Water vapour, Dust, Other gases – थोड़ी मात्रा में
Example (उदाहरण):
जब हवा चलती है तो हमें पत्ते हिलते दिखते हैं — यह दिखाता है कि air is present around us (वायु हमारे चारों ओर है)।
Breathing (श्वसन) के लिए जरूरी:
जीवित प्राणी oxygen (ऑक्सीजन) लेते हैं और carbon dioxide (कार्बन डाइऑक्साइड) छोड़ते हैं।
👉 Plants photosynthesis में ऑक्सीजन बनाते हैं और मनुष्य उसे श्वसन में उपयोग करते हैं।
Plants के लिए:
पौधे carbon dioxide लेते हैं और भोजन (food) बनाते हैं।
इससे oxygen balance (ऑक्सीजन संतुलन) बना रहता है।
Wind (हवा) से हमें cool air (ठंडी हवा) मिलती है, जो मौसम को सुहावना बनाती है।
Air helps in movement (गति में मदद):
हवाई जहाज (aeroplanes) उड़ते हैं।
नावों की पाल (sails of boats) हवा से चलती हैं।
पवन चक्की (windmill) घूमती है जिससे बिजली बनती है।
For burning (जलने के लिए):
– आग जलाने के लिए भी हवा (oxygen) जरूरी है।
Example: अगर मोमबत्ती को ग्लास से ढक दें, तो कुछ देर बाद बुझ जाती है क्योंकि अंदर की ऑक्सीजन खत्म हो जाती है।
Sound transmission (ध्वनि का प्रसार):
– हवा से ही आवाज एक जगह से दूसरी जगह पहुँचती है।
Humans and Animals (मनुष्य और पशु):
साँस लेने के लिए ऑक्सीजन चाहिए।
बिना हवा के कुछ ही मिनटों में जीवन खत्म हो जाएगा।
Plants (पौधे):
Carbon dioxide लेकर भोजन बनाते हैं।
Oxygen छोड़ते हैं जिससे अन्य जीवित प्राणी जीवित रहते हैं।
Balance in nature (प्रकृति में संतुलन):
– पौधे और प्राणी मिलकर oxygen–carbon dioxide cycle को संतुलित रखते हैं।
Meaning:
जब वायु में हानिकारक (harmful) गैसें, धूल, धुआँ, या रासायनिक पदार्थ मिल जाते हैं, तो वह air pollution (वायु प्रदूषण) कहलाता है।
Causes (कारण):
वाहनों (vehicles) का धुआँ
कारखानों (factories) से निकलता धुआँ
कचरा या पत्तियाँ जलाना
धूल (dust)
रासायनिक स्प्रे (chemical sprays, pesticides)
Harmful Effects (हानिकारक प्रभाव):
Health problems: खाँसी, साँस लेने में तकलीफ़ (asthma, allergies)
Global warming: पृथ्वी का तापमान बढ़ता है।
Acid rain: वायुमंडल में गैसों से बनने वाली अम्लीय वर्षा।
Plants and animals पर भी असर पड़ता है।
Example (उदाहरण):
– बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई में स्मॉग (smog) छा जाता है, जिससे आँखों में जलन और सांस की दिक्कत होती है।
Conservation (संरक्षण) का मतलब है — वायु को स्वच्छ (clean) और प्रदूषण-मुक्त बनाए रखना।
Ways to conserve air (वायु को बचाने के तरीके):
Tree plantation (पेड़ लगाना): पौधे carbon dioxide लेते हैं और oxygen छोड़ते हैं।
Reduce vehicles (वाहनों का कम उपयोग): कार के बजाय साइकिल या सार्वजनिक परिवहन (public transport) का उपयोग करें।
Avoid burning (जलाना बंद करें): कचरा, प्लास्टिक, पत्तियाँ न जलाएँ।
Use clean fuels (स्वच्छ ईंधन): जैसे CNG, LPG, solar energy।
Spread awareness (जागरूकता): लोगों को स्वच्छ वायु के महत्व के बारे में शिक्षित करें।
Example (उदाहरण):
– स्कूल में “No Vehicle Day” मनाया जा सकता है ताकि बच्चे पैदल या साइकिल से आएँ।
Government steps:
Pollution Control Boards (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)
Afforestation programmes (वनरोपण कार्यक्रम)
Use of green energy (हरित ऊर्जा का उपयोग)
पेड़ oxygen बनाते हैं और carbon dioxide को अवशोषित करते हैं।
वे हवा को ठंडा और स्वच्छ बनाते हैं।
Deforestation (वनों की कटाई) से वायु प्रदूषण और तापमान दोनों बढ़ते हैं।
इसलिए कहा गया है —
“Plant more trees to breathe more clean air.” (ज्यादा पेड़ लगाओ, स्वच्छ हवा पाओ)
हवा से clouds (बादल) बनते हैं और बारिश होती है।
यह seed dispersal (बीज फैलाने) में मदद करती है।
हवा से मौसम बदलता है – जैसे ठंडी हवा, गर्म हवा, मानसूनी हवा।
Example:
– हवा से उड़ते कपास के बीज दूर तक फैल जाते हैं और नए पौधे बनते हैं।
✅ Air is a mixture of gases – nitrogen, oxygen, carbon dioxide, etc.
✅ Air is essential for breathing, burning, and photosynthesis.
✅ Air pollution means mixing of harmful gases and dust in the air.
✅ Causes of air pollution: Vehicles, factories, burning waste, chemicals.
✅ Effects: Health issues, global warming, acid rain.
✅ Air conservation methods:
Plant trees 🌳
Use public transport 🚴♂️
Avoid burning waste ♻️
Use clean fuels 🔋
✅ Trees maintain air balance by absorbing CO₂ and releasing O₂.
✅ Slogan: “Clean Air, Healthy Life” / “स्वच्छ वायु, स्वस्थ जीवन”
Soil (मिट्टी) पृथ्वी की ऊपरी परत है, जिसमें पौधे उगते हैं और अनेक जीव रहते हैं।
यह small rock particles (पत्थरों के छोटे टुकड़े), minerals (खनिज), air (वायु), water (जल) और organic matter (सजीव पदार्थ) से मिलकर बनी होती है।
मिट्टी का निर्माण weathering (अपक्षय) से होता है — जब बड़े पत्थर वर्षों तक हवा, पानी, तापमान आदि से टूटकर बारीक कणों में बदल जाते हैं।
मिट्टी हमारे जीवन का आधार है क्योंकि food, shelter और clothing तीनों का संबंध मिट्टी से है।
Example:
– किसान खेतों में मिट्टी में बीज बोता है।
– हम अपने घरों की ईंटें मिट्टी से बनाते हैं।
मिट्टी कई परतों में बँटी होती है —
Top Soil (ऊपरी परत): इसमें humus (सड़ी गली पत्तियाँ) और पोषक तत्व होते हैं। पौधे इसी में उगते हैं।
Sub Soil (मध्य परत): इसमें कुछ खनिज और नमी होती है।
Bed Rock (नीचे की परत): ठोस चट्टानों की परत होती है।
Example:
जब खेत की मिट्टी खोदी जाती है, तो ऊपर की परत काली या भूरी होती है और नीचे की परत हल्के रंग की दिखती है।
भारत में मुख्यतः तीन प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं —
इसमें sand particles (रेत के कण) ज्यादा होते हैं।
यह जल्दी dry (सूख) जाती है क्योंकि पानी इसमें नहीं रुकता।
खेती के लिए बहुत उपयुक्त नहीं, लेकिन मूंगफली, तरबूज जैसी फसलें यहाँ उगाई जा सकती हैं।
Example: राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र।
इसमें tiny clay particles (सूक्ष्म चिकनी मिट्टी के कण) होते हैं।
यह water-holding capacity (पानी रोकने की क्षमता) बहुत ज्यादा रखती है।
यह भारी मिट्टी होती है और धान (rice), गन्ना (sugarcane) जैसी फसलों के लिए उपयुक्त है।
Example: उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों में पाई जाती है।
यह सबसे fertile (उपजाऊ) मिट्टी होती है क्योंकि इसमें रेत + चिकनी मिट्टी + ह्यूमस का संतुलन होता है।
यह न तो बहुत सूखी होती है और न ही बहुत गीली।
लगभग सभी फसलों जैसे गेहूँ, दालें, सब्ज़ियाँ आदि के लिए उपयुक्त।
Example: गंगा के मैदान (Gangetic plains) में पाई जाती है।
Agriculture (कृषि):
– मिट्टी में पौधे उगाए जाते हैं जो हमें भोजन देते हैं।
Construction (निर्माण):
– मिट्टी से ईंट, टाइल, और मिट्टी के घर बनाए जाते हैं।
Pottery (कुम्हारी कला):
– मिट्टी से बर्तन, खिलौने, और मूर्तियाँ बनती हैं।
Habitat for organisms (जीवों का घर):
– कीड़े-मकोड़े, केंचुए, चूहे, साँप आदि मिट्टी में रहते हैं।
Water storage (जल का भंडारण):
– मिट्टी जल को अवशोषित कर भू-जल (groundwater) बनाती है।
Filtration (छानने का कार्य):
– मिट्टी पानी को छानने (filter करने) में मदद करती है।
Example:
– बच्चों की स्कूल की बगिया में पौधों के लिए मिट्टी जरूरी होती है।
जब हवा या पानी मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ परत को बहा ले जाते हैं, तो उसे Soil Erosion (मिट्टी का कटाव) कहते हैं।
यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि इससे जमीन की fertility (उपजाऊ शक्ति) कम हो जाती है।
Causes (कारण):
जंगलों की कटाई (deforestation)
अत्यधिक खेती (over farming)
बारिश या तेज़ हवा
चराई के लिए भूमि का अधिक उपयोग (overgrazing)
Example:
– पहाड़ी क्षेत्रों में तेज़ बारिश से मिट्टी बह जाती है और चट्टानें खुल जाती हैं।
Soil conservation (मिट्टी संरक्षण) का मतलब है — मिट्टी को कटाव से बचाना और उपजाऊ बनाये रखना।
Methods (तरीके):
🌳 Afforestation (वृक्षारोपण): पेड़ मिट्टी को बाँधकर रखते हैं, जिससे मिट्टी बहती नहीं।
🪵 Terrace farming (सीढ़ीनुमा खेती): पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी कटने से बचती है।
🌾 Crop rotation (फसल चक्र): अलग-अलग फसलें उगाने से मिट्टी में पोषक तत्व बने रहते हैं।
🚫 Overgrazing रोकना: जानवरों से मिट्टी के कटाव को रोकना।
💧 Bund making (मेड़ बनाना): खेतों की किनारों पर मेड़ बनाकर पानी और मिट्टी को रोकना।
Example:
– स्कूल में “Tree Plantation Day” मनाकर बच्चों को मिट्टी बचाने के तरीके सिखाए जा सकते हैं।
मिट्टी पौधों और जीवों के जीवन की नींव है।
यह जल, वायु, और पौधों के बीच संतुलन बनाए रखती है।
मिट्टी पौधों को पोषण देती है, जिससे ऑक्सीजन और भोजन का स्रोत बना रहता है।
इसलिए कहा गया है —
“Healthy Soil = Healthy Life” (स्वस्थ मिट्टी = स्वस्थ जीवन)
✅ Soil = पृथ्वी की ऊपरी उपजाऊ परत, जो पौधों के विकास के लिए जरूरी है।
✅ मिट्टी के मुख्य घटक: पत्थर के कण, खनिज, जल, वायु, ह्यूमस।
✅ मुख्य प्रकार:
Sandy (रेतीली) – पानी नहीं रोकती
Clayey (चिकनी) – ज्यादा पानी रोकती
Loamy (दोमट) – सबसे उपजाऊ
✅ Uses: कृषि, निर्माण, मिट्टी के बर्तन, जीवों का घर, जल भंडारण।
✅ Soil erosion = हवा/पानी से मिट्टी का बह जाना।
✅ Conservation methods: वृक्षारोपण, सीढ़ीनुमा खेती, फसल चक्र, मेड़ बनाना।
✅ Deforestation मिट्टी कटाव का मुख्य कारण है।
✅ Slogan: “Save Soil, Save Earth” / “मिट्टी बचाओ, पृथ्वी बचाओ”
Weather (मौसम) किसी स्थान की दैनिक स्थिति (daily condition) को कहते हैं — जैसे तापमान (temperature), हवा (wind), बादल (clouds), नमी (humidity) और वर्षा (rainfall)।
→ यह हर दिन बदलता रहता है।
Example:
– आज सुबह ठंड है, लेकिन दोपहर में गर्मी बढ़ जाती है — यह मौसम का परिवर्तन है।
– बच्चों को स्कूल में कभी धूप मिलती है, कभी बारिश — यह भी मौसम का उदाहरण है।
मौसम को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्व:
Temperature (तापमान)
Humidity (नमी)
Wind (हवा की दिशा और गति)
Rainfall (वर्षा)
Season (ऋतु) वह समय होता है जिसमें कई सप्ताह या महीनों तक एक जैसा मौसम बना रहता है।
भारत में मुख्यतः तीन ऋतुएँ (seasons) होती हैं —
Summer (ग्रीष्म ऋतु)
Winter (शीत ऋतु)
Rainy (वर्षा ऋतु)
ऋतुएँ सूरज (Sun) की स्थिति और पृथ्वी के झुकाव (tilt of the Earth) के कारण बदलती हैं।
Example:
– मार्च से जून तक गर्मी, जुलाई से सितंबर तक बारिश, अक्टूबर से फरवरी तक ठंड।
Duration (अवधि): मार्च से जून तक।
इस समय Sunlight (सूर्य की किरणें) सीधी पड़ती हैं, जिससे तापमान बढ़ जाता है।
दिन लंबे और रातें छोटी होती हैं।
लोग हल्के कपड़े (cotton clothes) पहनते हैं और ठंडे पेय पदार्थ (cold drinks, लस्सी, नींबू पानी) पीते हैं।
पौधों में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए सिंचाई (irrigation) की आवश्यकता बढ़ जाती है।
जानवर छाया या पानी की जगहों पर रहते हैं।
Example:
– बच्चे गर्मियों में आम, तरबूज खाते हैं और पंखे या कूलर का उपयोग करते हैं।
Duration: जुलाई से सितंबर तक।
यह ऋतु monsoon winds (मानसूनी हवाएँ) के कारण आती है, जो समुद्र से जल वाष्प (water vapor) लाकर बारिश करवाती हैं।
खेतों में नई फसलें उगाई जाती हैं जैसे धान (rice), मूंग आदि।
नदियाँ, तालाब और झीलें भर जाती हैं।
जानवरों और पौधों को पर्याप्त पानी मिलता है।
लोग raincoats, umbrellas का उपयोग करते हैं।
Example:
– स्कूल में बच्चे “Rainy Day” पर छाता लेकर आते हैं।
Duration: नवंबर से फरवरी तक।
इस समय Sunlight slanting (सूर्य की किरणें तिरछी) पड़ती हैं, जिससे तापमान कम रहता है।
दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं।
लोग ऊनी कपड़े (woollen clothes) पहनते हैं और आग या हीटर से गर्मी लेते हैं।
जानवर खुद को बचाने के लिए hibernation (शीतनिद्रा) में चले जाते हैं — जैसे भालू (bear)।
फसलें जैसे गेहूँ, सरसों इस समय उगाई जाती हैं।
Example:
– स्कूल में बच्चे स्वेटर और जैकेट पहनकर आते हैं।
👉 Adaptation (अनुकूलन) का अर्थ है — किसी जीव या पौधे का अपने वातावरण (environment) के अनुसार खुद को ढाल लेना।
जानवर पेड़ों की छाया या गुफाओं में रहते हैं (e.g. कुत्ता, गाय)।
ऊँट (camel) के शरीर में पानी संग्रह करने की क्षमता होती है, इसलिए वह गर्म रेगिस्तान में रह सकता है।
पौधों में छोटे पत्ते या कांटे होते हैं ताकि पानी की कमी से बच सकें (जैसे कैक्टस)।
मेंढक, केंचुए और घोंघे इस मौसम में ज़्यादा सक्रिय हो जाते हैं।
पौधों में तेज़ वृद्धि होती है क्योंकि मिट्टी में नमी होती है।
कुछ जीव अपने बिलों में छिप जाते हैं ताकि बारिश से सुरक्षित रहें।
कई जानवर जैसे भालू, साँप, मेढ़क hibernation (शीतनिद्रा) में चले जाते हैं।
पक्षी गर्म स्थानों की ओर migration (प्रवासन) करते हैं।
– जैसे साइबेरियन पक्षी भारत आते हैं।
पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है या वे सूखे दिखाई देते हैं।
मौसम हमारे जीवन, कृषि और पर्यावरण को प्रभावित करता है।
किसान मौसम के अनुसार फसलें उगाते हैं।
जानवर और पौधे अपने जीवन चक्र को ऋतु के अनुसार समायोजित करते हैं।
हमारी खाने-पीने की चीजें, कपड़े और जीवनशैली भी मौसम पर निर्भर करती हैं।
Example:
– गर्मियों में आम, तरबूज;
– सर्दियों में गाजर, मूली;
– बरसात में धान, जूट जैसी फसलें।
✅ Weather = दिन-प्रतिदिन बदलने वाली स्थिति (तापमान, नमी, हवा)।
✅ Season = लम्बे समय तक एक जैसा मौसम रहने की अवधि।
✅ Main Seasons: Summer, Rainy, Winter.
✅ Summer:
सीधी धूप, गर्मी
हल्के कपड़े, ठंडे पेय
पौधों में जल की कमी
✅ Rainy:
मानसूनी हवाएँ, वर्षा
Umbrella, raincoat
धान की खेती
✅ Winter:
ठंडा मौसम, ऊनी कपड़े
Hibernation (जानवरों की शीतनिद्रा)
गेहूँ, सरसों की फसल
✅ Adaptation:
जीव व पौधे अपने पर्यावरण के अनुसार खुद को ढालते हैं।
ऊँट – रेगिस्तान,
भालू – हाइबरनेशन,
पक्षी – प्रवास।
✅ Slogan for classroom:
“Every Season Teaches Us Change and Balance”
(हर ऋतु हमें परिवर्तन और संतुलन सिखाती है)
Earth (पृथ्वी) अपनी धुरी (axis) पर rotation (घूमना) करती है।
👉 यह घूमने की प्रक्रिया लगभग 24 घंटे में पूरी होती है।
जब पृथ्वी का कोई भाग Sun (सूर्य) की ओर होता है, वहाँ Day (दिन) होता है।
जब वह भाग सूर्य से दूर होता है, वहाँ Night (रात) होती है।
Rotation (घूमने) की दिशा — पश्चिम से पूर्व (West to East) होती है।
इसलिए सूरज हमें East (पूर्व) से उगता और West (पश्चिम) में डूबता दिखाई देता है।
Example:
– सुबह सूरज उगने पर स्कूल जाना (daytime activity)।
– रात में चाँद और तारे दिखते हैं (nighttime observation)।
पृथ्वी का यह घूमना ही दिन और रात का कारण है, न कि सूरज का घूमना।
जब कोई वस्तु light (प्रकाश) के रास्ते में आती है, तो उसके पीछे shadow (छाया) बनती है।
छाया तभी बनती है जब —
प्रकाश का स्रोत (source of light) हो,
वस्तु प्रकाश को रोक सके (opaque object),
और प्रकाश एक दिशा से आ रहा हो।
छाया का आकार (size) और दिशा (direction) सूरज की स्थिति पर निर्भर करती है।
सुबह और शाम को छाया लंबी (long) होती है।
दोपहर में छाया छोटी (short) होती है।
Example:
– स्कूल की प्रांगण में जब बच्चे खड़े होते हैं, तो सुबह उनकी छाया लंबी होती है, दोपहर में छोटी।
– पेड़ों या इमारतों की छाया भी इसी तरह बदलती है।
Shadow moves opposite to light source (प्रकाश के विपरीत दिशा में छाया बनती है)।
Moon (चन्द्रमा) स्वयं प्रकाश नहीं देता, यह Sunlight (सूर्य का प्रकाश) को reflect (परावर्तित) करता है।
पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा की स्थिति बदलने से हमें चाँद का आकार (phases of moon – चन्द्रमा के रूप) बदलता दिखाई देता है।
Main Phases (मुख्य रूप):
New Moon (अमावस्या): जब चाँद दिखाई नहीं देता।
Crescent Moon (चाँद की कलियाँ): जब चाँद का थोड़ा भाग दिखता है।
Half Moon (अर्धचंद्र): जब आधा चाँद दिखता है।
Full Moon (पूर्णिमा): जब पूरा चाँद दिखाई देता है।
यह पूरा cycle (चक्र) लगभग 29.5 दिन में पूरा होता है।
Example:
– त्योहारों में जैसे करवा चौथ, गुरुपूर्णिमा, होली, आदि चाँद की तिथियों पर मनाए जाते हैं।
Water Cycle (जल चक्र) का अर्थ है — पानी का सतत चक्र (continuous cycle) जो पृथ्वी पर चलता रहता है।
यह चार मुख्य चरणों में होता है 👇
सूरज की गर्मी से नदियों, समुद्रों, तालाबों का पानी भाप (water vapor) बनकर ऊपर उड़ जाता है।
Example: गर्मियों में बाल्टी में रखा पानी धीरे-धीरे सूख जाता है।
यह भाप ऊपर ठंडी हवा में जाकर बादलों (clouds) में बदल जाती है।
Example: ठंडी बोतल पर पानी की बूंदें बन जाना — condensation का उदाहरण है।
जब बादल बहुत भारी हो जाते हैं, तो उनमें से पानी बारिश (rain) के रूप में गिरता है।
कभी-कभी यह बर्फ (snow) या ओले (hail) के रूप में भी गिर सकता है।
Example: मॉनसून के समय बादल काले हो जाते हैं और बारिश शुरू होती है।
गिरा हुआ पानी नदियों, झीलों, तालाबों और समुद्रों में एकत्र हो जाता है।
यह फिर से सूरज की गर्मी से वाष्प बनता है — और चक्र चलता रहता है।
Conclusion:
यह Water Cycle पृथ्वी पर पानी की निरंतर उपलब्धता बनाए रखता है।
Day and Night: हमें काम और विश्राम का क्रम सिखाता है।
Shadows: हमें प्रकाश और दिशा का ज्ञान देता है (used in sundials, shadow games)।
Moon Phases: समय और तिथि बताने में मदद करते हैं (traditional calendars)।
Water Cycle: पृथ्वी पर जल का संतुलन बनाए रखता है और जीवन के लिए आवश्यक है।
Example (Classroom Activity):
– बच्चे अपनी छाया देखकर दिशा जानना सीख सकते हैं।
– वाटर साइकिल का चार्ट बनाकर उसका क्रम समझाया जा सकता है।
✅ Day and Night → पृथ्वी के rotation (घूमने) से होता है।
✅ Shadow → तब बनती है जब प्रकाश किसी opaque object से टकराकर रुकता है।
✅ Shadow size → सुबह/शाम को लंबी, दोपहर में छोटी।
✅ Moon Phases → चाँद का रूप बदलना, 29.5 दिन में पूरा चक्र।
✅ Water Cycle Steps:
Evaporation (वाष्पीकरण)
Condensation (संघनन)
Precipitation (वर्षा)
Collection (संग्रह)
✅ Importance:
प्राकृतिक घटनाएँ जीवन का संतुलन बनाए रखती हैं।
जल चक्र से पानी पुनः प्राप्त होता है।
दिन-रात से जीवन का तालमेल बना रहता है।
✅ Classroom Tip:
“Observe Nature Daily – Every Shadow, Every Drop, Every Phase Teaches Science!”
(हर छाया, हर बूँद और हर चाँद का रूप हमें विज्ञान सिखाता है।)
जब पर्यावरण के किसी हिस्से — जैसे हवा (air), पानी (water), मिट्टी (soil) — में हानिकारक पदार्थ (harmful substances) मिल जाते हैं और यह मानव, पशु या पौधों को नुकसान पहुँचाते हैं, तो उसे Pollution (प्रदूषण) कहते हैं।
कारण (Causes):
गाड़ियों, फैक्ट्रियों, और जलने वाले कचरे से निकलने वाला धुआँ।
कोयला, पेट्रोल, डीज़ल आदि का अधिक प्रयोग।
प्रभाव (Effects):
साँस लेने में कठिनाई, Asthma (दमा) जैसी बीमारियाँ।
पर्यावरण में smog (धुआँ+कोहरा) बनना।
Example:
– दिल्ली में सर्दियों में गाड़ियों और पराली जलाने से हवा ज़्यादा गंदी हो जाती है।
रोकथाम (Prevention):
पेड़ लगाना, साइकिल का उपयोग करना, सार्वजनिक परिवहन (public transport) अपनाना।
कारण:
नदियों में कचरा, गंदे नाले और फैक्ट्री का पानी मिलना।
कीटनाशक (pesticides) और रासायनिक खाद (chemical fertilizers) का प्रयोग।
प्रभाव:
पीने का पानी अस्वच्छ (impure) हो जाता है।
मछलियाँ और जलीय जीव मर जाते हैं।
Example:
– गंगा नदी में पूजा सामग्री और फैक्ट्री का अपशिष्ट मिलना।
रोकथाम:
नदियों में कचरा न डालें।
गाँवों में Rainwater Harvesting (वर्षा जल संचयन) को बढ़ावा दें।
कारण:
रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग।
प्लास्टिक और गैर-नष्ट (non-biodegradable) कचरा फेंकना।
प्रभाव:
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति घटती है।
फसलें दूषित (contaminated) हो जाती हैं।
Example:
– खेतों में प्लास्टिक और बोतलें फेंकने से मिट्टी खराब हो जाती है।
रोकथाम:
जैविक खाद (organic manure) का प्रयोग करें।
प्लास्टिक का प्रयोग कम करें।
कारण:
तेज़ संगीत, गाड़ियों के हॉर्न, मशीनों की आवाज़ें।
प्रभाव:
सुनने की शक्ति घटती है।
चिड़चिड़ापन, थकान, तनाव बढ़ता है।
Example:
– स्कूल के पास लगातार ट्रैफिक की आवाज़ से ध्यान केंद्रित करना कठिन हो जाता है।
रोकथाम:
हॉर्न का कम प्रयोग, साइलेंसर का प्रयोग, स्कूल क्षेत्रों में “No Horn Zone” लगाना।
जब मनुष्य पेड़ों और वनों को अपनी आवश्यकताओं के लिए काट देता है, उसे Deforestation (वनों की कटाई) कहते हैं।
खेती के लिए ज़मीन बनाना।
घर, सड़कें और कारखाने बनाने के लिए पेड़ों की कटाई।
लकड़ी का अत्यधिक प्रयोग (furniture, fuel आदि)।
Soil Erosion (मृदा अपरदन): पेड़ जड़ों से मिट्टी को बाँधते हैं, कटने पर मिट्टी बह जाती है।
Floods (बाढ़): पेड़ों की कमी से वर्षा का पानी रुक नहीं पाता।
Loss of Wildlife (वन्यजीवों का नुकसान): जानवरों का घर (habitat) नष्ट हो जाता है।
Climate Change (जलवायु परिवर्तन): वनों की कमी से हवा में Carbon Dioxide (CO₂) बढ़ जाती है।
Afforestation (वृक्षारोपण): अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ।
Forest Conservation (वन संरक्षण): वनों को कटने से बचाएँ।
Use Recycled Paper (पुनः उपयोग कागज़): पेड़ों की मांग कम होगी।
Classroom Example: बच्चों से “एक छात्र – एक पौधा” अभियान करवाना।
Global Warming का मतलब है — पृथ्वी का तापमान (temperature) धीरे-धीरे बढ़ना, जो मुख्य रूप से Greenhouse Gases (ग्रीनहाउस गैसें) के बढ़ने से होता है।
Carbon Dioxide (CO₂)
Methane (CH₄)
Nitrous Oxide (N₂O)
ये गैसें पृथ्वी के वातावरण में गर्मी को फँसा लेती हैं (trap heat), जिससे तापमान बढ़ता है।
कोयला, तेल, गैस जलाने से गैसें निकलना।
वनों की कटाई से CO₂ का स्तर बढ़ना।
बढ़ते वाहन और उद्योग।
Climate Change (जलवायु परिवर्तन): मौसम असंतुलित हो जाता है।
Glaciers Melting (हिमनदों का पिघलना): समुद्र का स्तर बढ़ता है।
Heat Waves (लू चलना): गर्मियों में तापमान बहुत बढ़ जाता है।
Animals & Plants Impact: कई जीव अपने वातावरण में जी नहीं पाते।
पेड़ लगाएँ, ताकि CO₂ अवशोषित हो सके।
सौर ऊर्जा (Solar Energy) और पवन ऊर्जा (Wind Energy) का प्रयोग करें।
बिजली और पानी का संयमित उपयोग करें।
प्लास्टिक का उपयोग कम करें।
✅ Pollution (प्रदूषण):
पर्यावरण में हानिकारक पदार्थों की मिलावट।
चार प्रकार – Air, Water, Soil, Noise।
✅ Deforestation (वनों की कटाई):
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई।
परिणाम – Soil erosion, बाढ़, वन्यजीवों का नुकसान, Climate change।
समाधान – वृक्षारोपण, पुनः उपयोग, वनों का संरक्षण।
✅ Global Warming (वैश्विक ऊष्मीकरण):
पृथ्वी का तापमान बढ़ना।
कारण – CO₂, Methane जैसी गैसों का बढ़ना।
परिणाम – ग्लेशियर पिघलना, जलवायु परिवर्तन।
समाधान – पर्यावरण मित्र ऊर्जा का उपयोग, पेड़ लगाना।
✅ Classroom Connection:
बच्चों से “Save Earth” posters बनवाएँ।
स्कूली बगीचे में पौधे लगाकर “Green Zone” बनाएँ।
✅ Exam Tip:
👉 “Pollution, Deforestation, and Global Warming – ये तीनों आपस में जुड़ी हुई समस्याएँ हैं।”
– एक बढ़ती है तो दूसरी अपने आप बढ़ती है।
📋 Topics:-
Meaning: वह जगह या इलाका जहाँ हम रहते हैं। इसमें हमारे घर, दुकानें, स्कूल, सड़कें, पार्क आदि शामिल होते हैं।
Example: जैसे – “मेरा स्कूल मेरी लोकलिटी में ही है, इसलिए मैं पैदल चला जाता हूँ।”
Meaning: हमारे घर के आसपास रहने वाले लोग और उनकी जगहें — इन्हें हमारा Neighborhood (पड़ोस) कहा जाता है।
Example: हमारे पड़ोसी अंकल जो बिजली का काम करते हैं, वे भी हमारे Neighborhood का हिस्सा हैं।
Meaning: वे लोग जो हमारी दैनिक ज़रूरतों (daily needs) में मदद करते हैं, जैसे – डाकिया, सफाईकर्मी, अध्यापक, डॉक्टर आदि।
Example: जब कूड़ा उठाने वाला रोज़ सुबह आता है, तो वह भी एक Community Helper है।
Meaning: ऐसे लोगों का समूह जो एक जगह पर रहते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं।
Example: हमारे गाँव का त्योहार जब सब मिलकर मनाते हैं, तो वह Community Life का उदाहरण है।
Meaning: वे जगहें जो सभी लोगों के उपयोग के लिए होती हैं — जैसे पार्क, डाकघर, अस्पताल, बस स्टैंड, स्कूल आदि।
Example: स्कूल एक Public Place है जहाँ हर बच्चा आ सकता है।
Meaning: किसी बड़े क्षेत्र (जैसे देश या शहर) का छोटा चित्र, जिससे हमें उसकी जगहों की जानकारी मिलती है।
Example: स्कूल में इंडिया का नक्शा देखकर बच्चे राज्यों और नदियों को पहचानते हैं।
Meaning: पृथ्वी का गोल आकार का मॉडल, जिससे हम महाद्वीप (continents), महासागर (oceans), और देशों को देख सकते हैं।
Example: क्लास में टीचर जब Globe घुमाकर दिखाती हैं कि भारत कहाँ है — वह वास्तविक पृथ्वी का छोटा रूप होता है।
Meaning: नक्शे में किसी चीज़ को दिखाने के लिए इस्तेमाल किए गए छोटे चित्र या निशान।
Example: पेड़ के लिए हरा चिन्ह 🌳 या रेलवे लाइन के लिए दो समानांतर रेखाएँ दिखाना।
Meaning: रास्ता या दिशा बताने का तरीका — जैसे North (उत्तर), South (दक्षिण), East (पूर्व), West (पश्चिम)।
Example: सूरज हमेशा East (पूर्व) दिशा से निकलता है।
Meaning: दिशा बताने वाला यंत्र जिसमें एक सुई (needle) हमेशा उत्तर दिशा की ओर इशारा करती है।
Example: स्काउट कैंप में बच्चे Compass से North दिशा पहचानना सीखते हैं।
Meaning: भारत के अंदर छोटे प्रशासनिक क्षेत्र जिन्हें राज्य कहा जाता है — जैसे राजस्थान, तमिलनाडु, असम।
Example: हम उत्तर प्रदेश में रहते हैं — यह एक बड़ा State है।
Meaning: किसी राज्य या देश का प्रमुख शहर जहाँ सरकार का मुख्य दफ्तर होता है।
Example: भारत की राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) है।
Meaning: जो देश हमारे देश की सीमाओं (borders) के पास स्थित हैं।
Example: भारत के पड़ोसी देश — नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, म्यांमार।
Meaning: किसी देश या समाज में अलग-अलग भाषा, खाना, पहनावा, रीति-रिवाज आदि का होना।
Example: दक्षिण भारत में डोसा पसंद किया जाता है, उत्तर भारत में रोटी — यह Cultural Diversity है।
Meaning: किसी समाज की जीवन शैली, त्योहार, कला, संगीत, नृत्य, परंपराएँ आदि — ये सब मिलकर संस्कृति बनाते हैं।
Example: दीवाली, ईद और पोंगल मनाना भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
Meaning: वे लोग जो जानवरों का शिकार करते थे और पेड़ों से फल, जड़ें आदि इकट्ठा करते थे।
Example: शुरुआती मनुष्य रोज़ खाने की खोज में घूमते रहते थे — इसलिए उन्हें Hunter-Gatherers कहा गया।
Meaning: पत्थरों से बनाए गए औज़ार जिन्हें काटने, शिकार करने या चीज़ें तोड़ने में इस्तेमाल किया जाता था।
Example: तेज धार वाले पत्थरों से वे मांस काटते थे।
Meaning: पत्थरों की टकराहट से चिंगारी निकली और सूखी घास जल गई — इस तरह मनुष्य ने पहली बार आग जलाई।
Example: आज हम माचिस या गैस जलाते हैं, लेकिन तब यह बहुत बड़ी खोज थी।
Meaning: गुफाओं की दीवारों पर बनाए गए चित्र जिनमें जानवरों, शिकार और जीवन की झलक दिखती थी।
Example: बच्चे Art Class में जो चित्र बनाते हैं, वैसा ही शुरुआती मनुष्य गुफाओं में बनाता था।
Meaning: जब मनुष्यों ने देखा कि बीज मिट्टी में डालने से पौधे उगते हैं, तो उन्होंने खेती शुरू की।
Example: अब उन्हें रोज़ जंगल नहीं जाना पड़ता था — यही स्थायी जीवन की शुरुआत थी।
✅ Locality & Neighborhood:
Locality = जहाँ हम रहते हैं।
Helpers = समाज में मदद करने वाले लोग।
Public Places = सबके उपयोग की जगहें।
✅ Maps & Directions:
Map = क्षेत्र का छोटा चित्र।
Globe = पृथ्वी का मॉडल।
Directions = उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम।
Symbols = नक्शे में वस्तु दर्शाने वाले चिन्ह।
✅ Our Country:
India = 28 States + 8 Union Territories।
Capital of India = New Delhi।
Neighbours = Pakistan, China, Nepal, Bhutan, Bangladesh, Myanmar, Sri Lanka।
Diversity = अलग-अलग भाषा, पहनावा, त्योहार।
Culture = जीवन शैली और परंपराएँ।
✅ Early Humans:
Hunter-Gatherers = शिकार और संग्रह करने वाले।
Fire = पत्थरों की टकराहट से खोजी गई।
Tools = पत्थर से बने औज़ार।
Cave Paintings = जीवन की कहानी के चित्र।
Farming = स्थायी जीवन की शुरुआत।
🎯 CTET Concept Tip:
इस यूनिट से अक्सर Vocabulary-Based Questions आते हैं जैसे —
🔹 “Public Places का अर्थ क्या है?”
🔹 “Fire Discovery क्यों महत्वपूर्ण थी?”
🔹 “Diversity और Culture में अंतर क्या है?”
🔹 “Globe क्या दर्शाता है?”
Locality (स्थानीय क्षेत्र) का मतलब है – वह इलाका जहाँ हम रहते हैं।
जैसे – हमारी गली, कॉलोनी या गाँव का भाग।
Neighborhood (पड़ोस) का मतलब है – हमारे आस-पास रहने वाले लोग और स्थान।
Example:
आपका घर, पास की किराना दुकान, पार्क, स्कूल – ये सब neighborhood का हिस्सा हैं।
हमारे neighbors (पड़ोसी) हमें ज़रूरत के समय मदद करते हैं।
एक अच्छा पड़ोस सुरक्षित, साफ़ और सहयोगी होता है।
हम मिलजुलकर त्योहार मनाते हैं, जैसे – दीपावली, ईद, होली आदि।
Example:
जब घर में कोई बीमारी होती है, तो पड़ोसी डॉक्टर का नंबर या दवा लाकर मदद करते हैं।
वे लोग जो हमारे आसपास काम करके समाज को मदद पहुँचाते हैं, उन्हें Community Helpers कहते हैं।
Example:
डॉक्टर, पुलिस, शिक्षक, डाकिया, सफाई कर्मचारी, किसान आदि।
बीमार लोगों का इलाज करता है।
Hospital (अस्पताल) में काम करता है।
Example: जब हमें बुखार होता है, तो डॉक्टर दवा देते हैं।
कानून और व्यवस्था बनाए रखता है।
लोगों की सुरक्षा करता है।
Example: सड़क पर ट्रैफिक संभालना या अपराधी पकड़ना।
बच्चों को पढ़ाता और अच्छे संस्कार देता है।
Example: स्कूल में हमें पढ़ाने वाला शिक्षक समाज का निर्माता है।
सड़क, पार्क और स्कूल की सफाई करता है।
बीमारियाँ फैलने से रोकता है।
Example: सुबह नगर निगम के कर्मचारी सड़क साफ़ करते हैं।
खेतों में फसल उगाता है।
हमें अनाज, फल, सब्ज़ियाँ देता है।
Example: अगर किसान न हों, तो हमें खाना नहीं मिलेगा।
आग बुझाने का काम करता है।
लोगों की जान और संपत्ति बचाता है।
Example: किसी घर में आग लगने पर फायर ब्रिगेड बुलाते हैं।
चिट्ठी, पार्सल और बिल पहुँचाता है।
Example: गाँवों में आज भी डाकिया सूचना पहुँचाता है।
बस, ट्रक, टैक्सी आदि चलाकर लोगों को एक स्थान से दूसरे तक ले जाते हैं।
Example: स्कूल बस का ड्राइवर बच्चों को रोज़ स्कूल लाता है।
ऐसे स्थान जहाँ हर व्यक्ति जा सकता है और उपयोग कर सकता है, उन्हें Public Places कहते हैं।
Example: स्कूल, डाकघर, पार्क, पुस्तकालय, अस्पताल आदि।
यहाँ बच्चे शिक्षा (Education) प्राप्त करते हैं।
शिक्षक, विद्यार्थी और प्रधानाचार्य मिलकर सीखने का वातावरण बनाते हैं।
Example: स्कूल वह जगह है जहाँ हम पढ़ना, लिखना और अनुशासन सीखते हैं।
बीमार या घायल लोगों का इलाज होता है।
डॉक्टर, नर्स और कंपाउंडर काम करते हैं।
Example: अस्पताल में दवा और टीका लगाया जाता है ताकि बीमारी न फैले।
पत्र, मनी ऑर्डर और पार्सल भेजने का स्थान।
आजकल यह बैंकिंग सेवा भी देता है।
Example: गाँवों में लोग पैसे जमा करने के लिए डाकघर जाते हैं।
लोग यहाँ पैसे जमा या निकालते हैं।
बैंक ATM और loan (ऋण) जैसी सुविधाएँ देता है।
Example: किसान बैंक से बीज खरीदने के लिए ऋण लेते हैं।
जहाँ ट्रेनें रुकती और चलती हैं।
यात्रियों को सफ़र करने की सुविधा मिलती है।
Example: स्टेशन पर टिकट काउंटर और प्लेटफॉर्म होते हैं।
लोग यहाँ घूमने, व्यायाम करने और बच्चों को खेलने के लिए आते हैं।
Example: शाम को परिवार के साथ पार्क जाना सेहत के लिए अच्छा है।
जहाँ किताबें रखी जाती हैं जिन्हें पढ़ने या उधार लेने की सुविधा होती है।
Example: स्कूल की लाइब्रेरी में विद्यार्थी किताबें लेकर पढ़ते हैं।
लोग ईश्वर की पूजा करने और शांति पाने के लिए यहाँ जाते हैं।
Example: मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च – सब धार्मिक स्थान हैं।
समाज में हर व्यक्ति का काम अलग लेकिन महत्त्वपूर्ण होता है।
अगर कोई एक वर्ग का कार्य रुक जाए, तो पूरा समाज प्रभावित होता है।
Example: अगर सफाईकर्मी काम न करें, तो बीमारियाँ फैल सकती हैं।
सार्वजनिक स्थान हमें सुविधा (facility) और सामाजिक जुड़ाव (social connection) देते हैं।
Example: पार्क और स्कूल हमें एक-दूसरे से जोड़ते हैं।
Public places को साफ़ रखना हमारी जिम्मेदारी है।
हमें कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए।
पेड़ों को नुकसान न पहुँचाएँ, सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान करें।
Example: स्कूल या पार्क में पिकनिक के बाद कचरा इकट्ठा करके डस्टबिन में डालें।
✅ Locality & Neighborhood: वह क्षेत्र जहाँ हम रहते हैं और हमारे आस-पास के लोग।
✅ Community Helpers: समाज के वे लोग जो अलग-अलग काम करके जीवन आसान बनाते हैं – जैसे डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी।
✅ Public Places: सबके उपयोग के स्थान जैसे स्कूल, बैंक, अस्पताल, पार्क।
✅ Importance: सभी का काम जरूरी – सहयोग से ही समाज चलता है।
✅ Cleanliness: सार्वजनिक स्थानों को साफ़ रखना और नियमों का पालन करना आवश्यक है।
✅ Values (मूल्य): सहयोग, स्वच्छता, आदर और जिम्मेदारी सिखाते हैं।
📚 CTET Concept Tip:
इस अध्याय में values-based understanding पूछी जाती है —
जैसे “अगर सड़क पर कचरा पड़ा है तो बच्चे क्या करें?”
इसलिए examples + moral values पर ध्यान दें।
Map (नक्शा) किसी स्थान या क्षेत्र (place or area) का चित्र (picture) होता है जो ऊपर से देखने पर (top view) जैसा दिखाई देता है।
नक्शे में किसी जगह की स्थिति (location), दिशाएँ (directions), और महत्वपूर्ण चिन्ह (symbols) दिखाए जाते हैं।
Example:
जब हम Google Map पर रास्ता देखते हैं – वही एक digital map (डिजिटल नक्शा) है।
नक्शा हमें रास्ता ढूँढने, दिशा पहचानने, और स्थान समझने में मदद करता है।
नक्शे से हम जान सकते हैं कि कौन-सी जगह कहाँ है – जैसे स्कूल, नदी, पहाड़, गाँव, शहर आदि।
Classroom Example:
टीचर जब ब्लैकबोर्ड पर स्कूल का नक्शा बनाते हैं, तो बच्चे समझते हैं कि कक्षा, खेल का मैदान और पुस्तकालय कहाँ हैं।
Direction (दिशा) का मतलब है — किसी स्थान या वस्तु की स्थिति बताने का तरीका (way to locate position)।
North (उत्तर)
South (दक्षिण)
East (पूरब)
West (पश्चिम)
➡️ इन्हें चार मुख्य दिशाएँ (Cardinal Directions) कहते हैं।
उत्तर और पूरब के बीच – North-East (उत्तर-पूर्व)
दक्षिण और पूरब के बीच – South-East (दक्षिण-पूर्व)
दक्षिण और पश्चिम के बीच – South-West (दक्षिण-पश्चिम)
उत्तर और पश्चिम के बीच – North-West (उत्तर-पश्चिम)
Daily Life Example:
अगर सूरज उग रहा है, तो वो East (पूरब) दिशा है। अगर पीठ पूरब की ओर करके खड़े हों, तो सामने West (पश्चिम) होगा।
Classroom Tip:
बच्चों को Compass या Classroom Map से दिशाएँ पहचानने को कहा जा सकता है।
Symbols (प्रतीक / चिन्ह) ऐसे छोटे चित्र या संकेत (signs) होते हैं जो नक्शे पर बड़ी चीज़ों को दर्शाने के लिए बनाए जाते हैं।
क्योंकि नक्शे पर सब कुछ असली आकार में नहीं दिखाया जा सकता, इसलिए symbols का प्रयोग किया जाता है।
Symbols नक्शा पढ़ने को आसान (simple) और समझने योग्य (understandable) बनाते हैं।
हर देश के नक्शों में standard symbols (मानक प्रतीक) उपयोग होते हैं।
Examples:
पेड़ / जंगल के लिए — हरा रंग या पेड़ का चित्र 🌳
नदी के लिए — नीली रेखा या नीला रंग 🌊
सड़क के लिए — काली या लाल रेखा 🚗
रेलमार्ग (railway line) — दोहरी काली रेखा 🚆
मंदिर / धार्मिक स्थान — छोटा त्रिकोण ⛪
Classroom Example:
टीचर बच्चों से कह सकते हैं — “नक्शे में नीली रेखा कहाँ दिख रही है?”
→ बच्चे पहचानेंगे कि वह river (नदी) है।
Globe (ग्लोब) पृथ्वी (Earth) का लघु मॉडल (miniature model) होता है।
यह एक गेंद के आकार (sphere-shaped) का उपकरण है जो दिखाता है कि पृथ्वी गोल है।
महाद्वीप (Continents) – जैसे Asia, Africa, Europe
महासागर (Oceans) – जैसे Pacific Ocean, Indian Ocean
देश (Countries) – जैसे India, China, USA
विषुवत रेखा (Equator) और ध्रुव (Poles)
Daily Life Example:
स्कूल की लाइब्रेरी में रखे ग्लोब को घुमाकर बच्चे अपने देश India को ढूँढते हैं।
यह हमें पृथ्वी का आकार (shape) और स्थिति (position) समझाता है।
यह दिखाता है कि दिन और रात (day & night) कैसे बनते हैं।
यह नक्शे से ज़्यादा वास्तविक (realistic) होता है।
Classroom Example:
टीचर ग्लोब घुमाकर दिखाते हैं कि जब भारत में दिन होता है, तब अमेरिका में रात होती है।
Simple Map (सरल नक्शा) किसी छोटे क्षेत्र का चित्र होता है जो आसानी से समझ में आ सके।
इसे हम handmade (हाथ से बना) भी बना सकते हैं।
School Map – जिसमें कक्षा, ऑफिस, खेल का मैदान आदि दिखाए जाते हैं।
Home to School Route Map – घर से स्कूल तक का रास्ता।
Village or City Map – जिसमें सड़कें, मंदिर, पोस्ट ऑफिस आदि दिखते हैं।
Title (शीर्षक) – नक्शा किसका है, यह बताता है।
Example: “Map of My School”
Directions (दिशाएँ) – ऊपर की ओर हमेशा North (उत्तर) दिखाया जाता है।
Symbols (प्रतीक चिन्ह) – चीज़ें दर्शाने के लिए प्रयोग होते हैं।
Scale (मानक अनुपात) – वास्तविक दूरी और नक्शे की दूरी का संबंध।
Example:
अगर नक्शे में 1 cm = 1 km है, तो इसका मतलब है – असली दुनिया में 1 km दूरी नक्शे में सिर्फ 1 cm में दिखेगी।
बच्चों को स्थानिक समझ (spatial understanding) विकसित करने में मदद करते हैं।
यात्रा करने या किसी को रास्ता बताने में उपयोगी हैं।
Daily Example:
जब हम किसी दोस्त को अपने घर का रास्ता बताते हैं – “पहले पार्क के पास से जाना, फिर मंदिर के बगल में मेरा घर है।”
→ यही एक प्रकार का mental map (मानसिक नक्शा) है।
✅ Map (नक्शा): किसी क्षेत्र का ऊपरी दृश्य (top view) चित्र।
✅ Directions (दिशाएँ): North, South, East, West – मुख्य चार दिशाएँ।
✅ Intermediate Directions: NE, SE, SW, NW।
✅ Symbols (प्रतीक चिन्ह): नक्शे में बड़ी चीज़ों को छोटे चिन्हों से दिखाने का तरीका।
✅ Globe: पृथ्वी का गोलाकार मॉडल जो महाद्वीप, महासागर और देश दिखाता है।
✅ Simple Map: छोटा व आसानी से समझने योग्य नक्शा – जैसे स्कूल या गाँव का नक्शा।
✅ Scale: नक्शे की दूरी और वास्तविक दूरी का अनुपात।
✅ Title: नक्शे का नाम बताने वाला भाग।
✅ Importance: नक्शे और ग्लोब हमें दिशाएँ, स्थान और पृथ्वी की रचना समझने में मदद करते हैं।
📚 CTET Concept Tip:
इस टॉपिक से अक्सर सवाल पूछे जाते हैं जैसे —
"नक्शे में उत्तर दिशा किस ओर होती है?"
या “ग्लोब और नक्शे में क्या अंतर है?”
इसलिए concept + examples + directions तीनों याद रखें।
हमारा देश भारत (India) है।
यह दक्षिण एशिया (South Asia) में स्थित है।
भारत का पूरा नाम Republic of India (भारतीय गणराज्य) है।
भारत एशिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश (7th largest country) है।
इसके चारों ओर समुद्र, पहाड़, मैदान और रेगिस्तान हैं — यानी विविध भौगोलिक क्षेत्र (varied geographical areas)।
दक्षिण में Indian Ocean (हिंद महासागर),
पश्चिम में Arabian Sea (अरब सागर),
और पूर्व में Bay of Bengal (बंगाल की खाड़ी) है।
National Flag (राष्ट्रीय ध्वज): तिरंगा – केसरिया, सफेद, हरा।
National Emblem (राष्ट्रीय प्रतीक): अशोक स्तंभ (Sarnath Lion Capital)।
National Anthem (राष्ट्रीय गान): जन गण मन।
National Song (राष्ट्रीय गीत): वंदे मातरम।
National Animal (राष्ट्रीय पशु): बाघ (Tiger)।
National Bird (राष्ट्रीय पक्षी): मोर (Peacock)।
Classroom Example:
बच्चे प्रतिदिन प्रार्थना सभा (Morning Assembly) में "जन गण मन" गाकर देश की एकता महसूस करते हैं।
भारत में कुल 28 States (राज्य) हैं।
हर राज्य का अपना मुख्यमंत्री (Chief Minister) और राजधानी (Capital) होती है।
Examples:
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) – राजधानी: लखनऊ (Lucknow)
महाराष्ट्र (Maharashtra) – राजधानी: मुंबई (Mumbai)
राजस्थान (Rajasthan) – राजधानी: जयपुर (Jaipur)
तमिलनाडु (Tamil Nadu) – राजधानी: चेन्नई (Chennai)
भारत में 8 Union Territories (केंद्र शासित प्रदेश) हैं।
इनका संचालन केंद्र सरकार (Central Government) करती है।
Examples:
दिल्ली (Delhi), चंडीगढ़ (Chandigarh), पुडुचेरी (Puducherry), लक्षद्वीप (Lakshadweep) आदि।
Daily Example:
दिल्ली – एक Union Territory है, पर यहाँ मुख्यमंत्री और विधानसभा दोनों हैं।
जो देश भारत की सीमाओं से जुड़े हुए (share boundaries) हैं, वे Neighbouring Countries (पड़ोसी देश) कहलाते हैं।
भारत के 9 पड़ोसी देश हैं –
Pakistan (पाकिस्तान) – पश्चिम में
China (चीन) – उत्तर में
Nepal (नेपाल) – उत्तर में
Bhutan (भूटान) – उत्तर में
Bangladesh (बांग्लादेश) – पूर्व में
Myanmar (म्यांमार) – पूर्व में
Sri Lanka (श्रीलंका) – दक्षिण में (समुद्र के पार)
Afghanistan (अफ़ग़ानिस्तान) – उत्तर-पश्चिम में
Maldives (मालदीव) – दक्षिण-पश्चिम में
Daily Life Example:
भारत और नेपाल के बीच लोग आसानी से यात्रा कर सकते हैं — इसलिए उन्हें friendly neighbours (मित्रवत पड़ोसी) कहा जाता है।
Diversity (विविधता) का अर्थ है – अलग-अलग चीज़ों का एक साथ होना।
भारत में भाषा, पहनावा, भोजन, रीति-रिवाज, धर्म और त्योहारों में विविधता पाई जाती है।
भारत में 22 प्रमुख भाषाएँ (scheduled languages) बोली जाती हैं।
Hindi (हिंदी) और English (अंग्रेज़ी) राजभाषाएँ हैं।
Examples:
तमिलनाडु – तमिल भाषा
बंगाल – बांग्ला भाषा
गुजरात – गुजराती भाषा
उत्तर भारत में – साड़ी, सलवार-कमीज़, कुर्ता-पायजामा
दक्षिण भारत में – धोती, लुंगी, साड़ी
पूर्वोत्तर भारत में – पारंपरिक रंगीन परिधान
उत्तर भारत – रोटी, दाल, सब्जी
दक्षिण भारत – इडली, डोसा, सांभर
पश्चिम भारत – ढोकला, थेपला
पूर्व भारत – मछली, चावल
Classroom Example:
“Show and Tell Activity” में बच्चे अपने राज्य का भोजन या परिधान दिखाते हैं — जिससे विविधता की समझ बनती है।
Culture (संस्कृति) का मतलब है – किसी समाज की जीवन शैली, रीति-रिवाज, परंपराएँ और कला।
भारत की संस्कृति बहुत प्राचीन (ancient) और विविध (diverse) है।
राष्ट्रीय त्यौहार (National Festivals): स्वतंत्रता दिवस (Independence Day), गणतंत्र दिवस (Republic Day), गांधी जयंती (Gandhi Jayanti)।
धार्मिक त्यौहार (Religious Festivals): दीपावली, ईद, क्रिसमस, गुरुपर्व, ओणम, पोंगल।
ताजमहल (आगरा), कुतुब मीनार (दिल्ली), लाल किला, चारमीनार, सूर्य मंदिर।
ये हमारी Historical Heritage (ऐतिहासिक धरोहर) हैं।
Classical Dance (शास्त्रीय नृत्य): भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, ओडिसी।
Music (संगीत): हिन्दुस्तानी व कर्नाटक शैली।
Daily Life Example:
स्कूल के Cultural Function में बच्चे अलग-अलग राज्यों के नृत्य और पोशाक दिखाते हैं — यह “Unity in Diversity” का प्रतीक है।
भारत में लोग अलग-अलग भाषा, धर्म और संस्कृति के हैं, फिर भी सब एक साथ मिलकर रहते हैं।
इसे कहते हैं Unity in Diversity (विविधता में एकता)।
यह भावना हमें एक-दूसरे का सम्मान (mutual respect) सिखाती है।
इससे देश में भाईचारा और शांति (peace & harmony) बनी रहती है।
Classroom Example:
जब स्कूल में हर त्यौहार सब बच्चे मिलकर मनाते हैं — जैसे दीपावली और ईद दोनों — तो यह Unity in Diversity का सुंदर उदाहरण है।
✅ भारत का पूरा नाम – Republic of India (भारतीय गणराज्य)।
✅ राजधानी – नई दिल्ली (New Delhi)।
✅ भारत में – 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश।
✅ भारत के पड़ोसी देश – Pakistan, China, Nepal, Bhutan, Bangladesh, Myanmar, Sri Lanka, Afghanistan, Maldives।
✅ विविधता (Diversity) – भाषा, भोजन, पहनावा, रीति-रिवाज, त्योहारों में।
✅ संस्कृति (Culture) – कला, संगीत, नृत्य, साहित्य भारत की पहचान हैं।
✅ राष्ट्रीय प्रतीक – तिरंगा, अशोक स्तंभ, बाघ, मोर, जन गण मन।
✅ Unity in Diversity – भारत की सबसे बड़ी ताकत (strength)।
🎯 CTET Concept Tip:
इस टॉपिक से पूछे जाने वाले प्रश्न सामान्यतः “देश की विविधता”, “राज्य-राजधानी पहचान”, या “Unity in Diversity” से जुड़े होते हैं।
उत्तर लिखते समय – उदाहरण अवश्य जोड़ें (festivals, clothes, food)।
बहुत पुराने समय के मनुष्यों को Early Humans (प्राचीन मनुष्य) कहा जाता है।
ये मनुष्य लगभग लाखों वर्ष पहले (lakhs of years ago) पृथ्वी पर रहते थे।
उस समय ना खेती थी, ना घर थे, ना कपड़े, और ना ही आग या पहिए का ज्ञान।
प्रारंभिक मनुष्य गुफाओं (caves) या जंगलों (forests) में रहते थे।
वे जानवरों का शिकार (hunting) करते थे और फलों, पत्तों व जड़ों को खाते थे।
इसलिए उन्हें Hunter-Gatherers (शिकारी-संग्राहक) कहा जाता है।
Example:
बिलकुल वैसे जैसे कोई बच्चा खेलते समय चीज़ें इकट्ठा करता है, वैसे ही वे खाने की चीज़ें जंगल से इकट्ठा करते थे।
शुरुआती मनुष्य पत्थरों से बने औज़ार (Stone Tools) का प्रयोग करते थे।
औज़ारों का उपयोग –
जानवरों का शिकार करने में
मांस काटने में
पेड़ों से फल तोड़ने में
खुद की सुरक्षा (protection) के लिए
Sharp Stones (तेज़ पत्थर): मांस काटने या लकड़ी छीलने के लिए।
Hammer Stones (हथौड़े जैसे पत्थर): चीज़ें तोड़ने के लिए।
Spears & Arrows (भाले और तीर): बाद में लकड़ी और पत्थर को जोड़कर बनाए।
पहले औज़ार कच्चे पत्थरों (rough stones) से बने होते थे।
बाद में उन्होंने तेज़ धार वाले औज़ार (sharper tools) बनाए।
धीरे-धीरे उन्होंने धातु (metal) से औज़ार बनाना सीखा।
Daily Example:
आज जैसे हम अलग-अलग कामों के लिए अलग औज़ार (tools) इस्तेमाल करते हैं — जैसे कैंची, चाकू, हथौड़ा — वैसे ही वे भी अपने समय में ज़रूरत के अनुसार औज़ार बनाते थे।
एक दिन पत्थरों को आपस में टकराने से चिंगारी (spark) निकली।
इससे सूखी घास (dry grass) जल गई — इस तरह आग (fire) की खोज हुई।
Cooking (खाना पकाने के लिए):
कच्चा मांस या जड़ें पकाकर खाना सीखा।
इससे खाना स्वादिष्ट और पचने में आसान हुआ।
Protection (सुरक्षा के लिए):
आग से जंगली जानवर (wild animals) डरते थे।
रात में आग जलाकर वे सुरक्षित महसूस करते थे।
Warmth (गर्मी पाने के लिए):
ठंडे मौसम में आग से गर्मी (heat) मिलती थी।
Light (प्रकाश के लिए):
अंधेरे में आग से रोशनी (light) मिलती थी।
Classroom Example:
जब बच्चे Science Activity में माचिस जलाते हैं और देखते हैं कि लकड़ी कैसे जलती है — यह आग की खोज के शुरुआती प्रयोग जैसा है।
वे गुफाओं (caves) या घने पेड़ों के नीचे रहते थे।
गुफाएँ उन्हें बारिश, ठंड और जानवरों से बचाती थीं।
समय के साथ उन्होंने झोपड़ियाँ (huts) बनाना सीखा –
लकड़ी, पत्ते और मिट्टी से।
धीरे-धीरे स्थायी घरों (permanent houses) की शुरुआत हुई।
Daily Life Connection:
बच्चे जब मिट्टी या LEGO से झोपड़ी बनाते हैं, तो यह समझने में मदद मिलती है कि शुरुआत में घर कैसे बने होंगे।
जब प्राचीन मनुष्यों ने देखा कि गिरे हुए बीज (seeds) मिट्टी में अंकुरित होकर पौधे बन जाते हैं —
तब उन्हें खेती का विचार आया।
खेती से उन्हें स्थायी भोजन का स्रोत (permanent food source) मिला।
अब उन्हें हर दिन शिकार पर नहीं जाना पड़ता था।
उन्होंने जानवरों को पालतू (domesticated animals) बनाना शुरू किया।
Example:
गाय, बकरी, कुत्ता आदि को पालतू बनाया गया — जैसे आज हमारे गाँवों में होता है।
शुरुआत में वे इशारों (gestures) और आवाज़ों (sounds) से बात करते थे।
बाद में उन्होंने चित्रों (pictures or cave paintings) से अपनी बातें व्यक्त कीं।
गुफाओं में जानवरों, शिकार और दैनिक जीवन के चित्र बनाए जाते थे।
ये चित्र उनके जीवन का इतिहास (record of life) बताते हैं।
Example:
आज बच्चे “drawing class” में जो चित्र बनाते हैं, वैसा ही शुरुआती मनुष्य अपने जीवन को दिखाने के लिए गुफा की दीवारों पर बनाते थे।
✅ Early Humans (प्राचीन मनुष्य) – जंगलों में रहते थे, शिकार करते थे, फलों और जड़ों पर निर्भर थे।
✅ Tools (औज़ार) – पत्थरों से बने; शिकार, सुरक्षा और भोजन तैयार करने में उपयोग होते थे।
✅ Fire Discovery (आग की खोज) – पत्थरों की टकराहट से हुई; उपयोग – खाना पकाने, सुरक्षा, रोशनी, गर्मी के लिए।
✅ Shelter (आवास) – गुफाएँ → झोपड़ियाँ → स्थायी घर।
✅ Farming (खेती) – बीज बोने की प्रक्रिया सीखी, जानवरों को पालतू बनाया।
✅ Communication (संचार) – इशारों और चित्रों से → भाषा का विकास हुआ।
✅ Cave Paintings (गुफा चित्र) – जीवन के अनुभव और शिकार के दृश्य दिखाते थे।
🎯 CTET Concept Tip:
इस टॉपिक से आमतौर पर प्रश्न आते हैं —
🔹 आग की खोज कैसे हुई?
🔹 प्राचीन मनुष्यों के औज़ार कैसे थे?
🔹 गुफा चित्रों का महत्व क्या था?
🔹 शिकार से खेती की ओर बदलाव क्यों हुआ?
📋 Topics:-
Meaning: कोई भी बड़ी घटना जो अचानक होती है और इंसानों, जानवरों या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती है।
यह प्राकृतिक (natural) या मानव-निर्मित (man-made) दोनों हो सकती है।
Example:
भूकंप, बाढ़ या आग लगना — ये सभी disasters कहलाते हैं।
Meaning: अपने आप को और दूसरों को किसी खतरे या नुकसान से बचाने की प्रक्रिया।
Example:
स्कूल में बच्चों को सड़क पार करने के safety rules सिखाए जाते हैं।
Meaning: किसी भी खतरे से पहले जो कदम उठाए जाते हैं ताकि नुकसान न हो।
Example:
गैस चूल्हा जलाने से पहले यह देखना कि गैस लीकेज नहीं है — एक precaution है।
Meaning: ऐसी स्थिति जिसमें तुरंत मदद या कार्रवाई की ज़रूरत होती है।
Example:
अगर किसी बच्चे को स्कूल में चोट लग जाए तो उसे emergency room में ले जाया जाता है।
Meaning: जब किसी खतरनाक जगह से लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है।
Example:
बाढ़ आने पर सरकार गाँव के लोगों की evacuation कराती है।
Meaning: पृथ्वी की प्लेटों के हिलने से ज़मीन का कांपना।
Example:
भूकंप आने पर घर की दीवारें हिलने लगती हैं — यह एक earthquake है।
Meaning: भूकंप के दौरान या उसके पहले महसूस होने वाली हल्की ज़मीन की हिलावट।
Example:
रात में अचानक मेज़ हिली — यह भूकंप का tremor हो सकता है।
Meaning: समुद्र के ऊपर बनने वाली तेज़ घूमती हुई हवाओं और बारिश की भयंकर आँधी।
Example:
ओडिशा और बंगाल में हर साल कई cyclones आते हैं।
Meaning: जब नदी या झील का पानी आसपास के क्षेत्रों में फैल जाता है।
Example:
लगातार बारिश से गाँव में flood आ गई।
Meaning: किसी घायल या बीमार व्यक्ति को तुरंत दी जाने वाली शुरुआती सहायता।
Example:
अगर किसी बच्चे को चोट लगी है तो first aid box से पट्टी बाँधनी चाहिए।
Meaning: ऐसी फ़ोन सेवा जिससे ज़रूरत पड़ने पर तुरंत मदद मिल सके।
Example:
आग लगने पर fire helpline number 101 पर कॉल करें।
Meaning: एक उपकरण जो छोटी आग को तुरंत बुझाने में मदद करता है।
Example:
हर स्कूल और ऑफिस में एक fire extinguisher होना चाहिए।
Meaning: जब शरीर में बिजली का प्रवाह होता है और नुकसान पहुँचाता है।
Example:
गीले हाथों से स्विच छूने पर electric shock लग सकता है।
Meaning: किसी आपदा के दौरान क्या करना है, इसका अभ्यास करवाना ताकि लोग तैयार रहें।
Example:
स्कूल में हर साल earthquake mock drill कराई जाती है।
Meaning: एक ही जगह रहने वाले लोगों का समूह जो एक-दूसरे की मदद करता है।
Example:
आपदा के समय गाँव का पूरा community मिलकर राहत कार्य करता है।
Meaning: आपदा के बाद लोगों को अस्थायी रूप से ठहराने की जगह।
Example:
चक्रवात के बाद सरकार ने कई relief camps लगाए।
Meaning: किसी विषय के बारे में समझ और जानकारी होना।
Example:
बच्चों में fire safety awareness बढ़ाना ज़रूरी है।
Meaning: संसाधनों, जीवन या पर्यावरण को बचाने की प्रक्रिया।
Example:
सड़क सुरक्षा के लिए traffic rules का पालन करना conservation of life है।
Meaning: कोई ऐसी ध्वनि, आवाज़ या चिन्ह जो खतरे के बारे में पहले से बताता है।
Example:
तूफ़ान आने से पहले warning signal दिया जाता है ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।
Meaning: कोई भी ऐसी चीज़ या स्थिति जिससे नुकसान हो सकता है।
Example:
गीली फ़र्श पर चलना एक hazard है क्योंकि फिसल सकते हैं।
Disaster (आपदा): अचानक होने वाली नुकसानदायक घटना।
Safety (सुरक्षा): खतरे से बचने की प्रक्रिया।
Precaution (सावधानी): पहले से लिया गया सुरक्षित कदम।
Fire extinguisher रखें।
Electric wires से दूर रहें।
सड़क पार करते समय zebra crossing का उपयोग करें।
Gas leakage पर matchstick न जलाएँ।
आग लगने पर 101 पर कॉल करें।
Blanket या sand से आग ढकें।
Earthquake में – Drop, Cover, Hold।
Flood में – ऊँचे स्थान पर जाएँ।
Cyclone में – घर के अंदर रहें, खिड़कियाँ बंद करें।
People मिलकर राहत कार्य (relief work) करते हैं।
Community centers में राहत शिविर (relief camps) लगाए जाते हैं।
Volunteers (स्वयंसेवक) भोजन, पानी और दवाइयाँ वितरित करते हैं।
First Aid Box
Fire Extinguisher
Emergency Kit
Helpline Numbers
🎯 CTET Focus Tip:
CTET में अक्सर ये पूछा जाता है —
“Disaster के समय community का क्या role होता है?”
“Safety at home के लिए कौन-सी precaution सही है?”
“Fire safety के लिए कौन-सी चीज़ जरूरी है?”
घर वह जगह है जहाँ हम सबसे ज़्यादा समय बिताते हैं, पर यहाँ भी कई accidents (दुर्घटनाएँ) हो सकती हैं अगर हम सावधानी न बरतें।
Sharp Objects (तेज़ चीज़ों) से सावधानी:
जैसे चाकू (knife), कैंची (scissors), ब्लेड आदि से खेलना नहीं चाहिए।
ये वस्तुएँ चोट पहुँचा सकती हैं।
Example: छोटे बच्चे अगर चाकू से फल काटने की कोशिश करें तो हाथ कट सकता है।
Electric Appliances (बिजली के उपकरणों) का सही उपयोग:
गीले हाथों से बिजली के स्विच को नहीं छूना चाहिए।
खुले तारों (open wires) से दूर रहना चाहिए।
Example: गीले हाथ से मिक्सर का प्लग लगाने पर बिजली का झटका लग सकता है।
Fire Safety (आग से सुरक्षा):
गैस स्टोव (gas stove) का इस्तेमाल करते समय माचिस या लाइटर का ध्यान रखें।
अगर आग लग जाए तो water नहीं, बल्कि wet cloth या sand (गीला कपड़ा या रेत) का उपयोग करें।
Example: अगर किचन में आग लगे तो बच्चों को तुरंत बड़ों को बुलाना चाहिए।
Medicines & Chemicals (दवाइयाँ और रसायन):
इन्हें हमेशा ऊँचे स्थान पर रखें ताकि बच्चे न छू सकें।
बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लेनी चाहिए।
Slippery Floors (फिसलन वाली ज़मीन):
गीले फर्श पर दौड़ना नहीं चाहिए।
फर्श सूखा रखें ताकि गिरने का खतरा न हो।
स्कूल बच्चों के सीखने और खेलने की जगह है, पर यहाँ भी safety rules (सुरक्षा नियम) का पालन ज़रूरी है।
Discipline (अनुशासन) बनाए रखें:
सीढ़ियों पर धक्का-मुक्की न करें।
स्कूल की कतार (queue) में चलें।
Example: लंच टाइम या छुट्टी के समय बच्चों को एक लाइन में निकलना चाहिए।
Playground Safety (खेल के मैदान में सुरक्षा):
खेलते समय एक-दूसरे को धक्का न दें।
टूटी या खुरदरी वस्तुओं से दूर रहें।
Example: अगर झूला टूटा हुआ है तो उस पर न बैठें।
Science Lab Safety (विज्ञान प्रयोगशाला में सुरक्षा):
प्रयोग करते समय शिक्षक के निर्देशों का पालन करें।
किसी भी रासायनिक पदार्थ (chemical) को सूंघें या छुएँ नहीं।
Emergency Situations (आपातकालीन स्थिति):
आग, भूकंप या किसी दुर्घटना के समय शांत रहें (Stay calm) और शिक्षक की बात मानें।
तुरंत Emergency Exit (निकास द्वार) से बाहर निकलें।
Example: स्कूल में जब फायर ड्रिल होती है, तो बच्चे orderly तरीके से बाहर निकलना सीखते हैं।
First Aid (प्राथमिक उपचार):
छोटी चोट लगने पर तुरंत First Aid Box का उपयोग करें।
घाव पर एंटीसेप्टिक लगाएँ और साफ पट्टी बाँधें।
सड़क पर रोज़ाना कई दुर्घटनाएँ होती हैं, इसलिए हर व्यक्ति को Road Safety Rules (सड़क सुरक्षा नियम) जानना ज़रूरी है।
Use Zebra Crossing (ज़ेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग):
सड़क पार करने के लिए केवल ज़ेब्रा क्रॉसिंग से ही जाएँ।
पहले दाएँ, फिर बाएँ और फिर दाएँ देखकर सड़क पार करें।
Example: स्कूल के बाहर बनी ज़ेब्रा लाइन बच्चों को सुरक्षित रूप से सड़क पार करने में मदद करती है।
Traffic Lights (यातायात संकेत):
Red (लाल) – रुकना है।
Yellow (पीला) – तैयार रहो।
Green (हरा) – चलो।
Example: ट्रैफिक सिग्नल देखकर गाड़ियाँ रुकती या चलती हैं।
Walk on Footpath (फुटपाथ पर चलना):
सड़क के किनारे फुटपाथ पर चलें, बीच सड़क पर नहीं।
चलते समय मोबाइल का प्रयोग न करें।
Seat Belt & Helmet (सीट बेल्ट और हेलमेट):
गाड़ी चलाते समय Helmet (हेलमेट) और कार में Seat Belt (सीट बेल्ट) ज़रूर लगाएँ।
Example: पुलिस हेलमेट न पहनने पर चालान काटती है क्योंकि यह आपकी सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।
Avoid Over Speed (तेज़ गति से बचें):
तेज़ गाड़ी चलाना दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है।
हमेशा स्पीड लिमिट का पालन करें।
Follow Traffic Rules (यातायात नियमों का पालन करें):
ट्रैफिक सिग्नल, साइन बोर्ड और पुलिस के इशारों का पालन करें।
बच्चों को साइकिल चलाते समय सड़क के बाएँ तरफ चलना सिखाएँ।
Minor Cuts (छोटी चोट): एंटीसेप्टिक लगाकर पट्टी बाँधें।
Burn (जलना): जलने वाली जगह पर ठंडा पानी डालें और ointment लगाएँ।
Nose Bleeding (नाक से खून आना): बच्चे को बैठाकर सिर थोड़ा आगे झुकाएँ और ठंडा कपड़ा रखें।
Insect Bite (कीड़े का काटना): प्रभावित जगह पर नींबू या बर्फ़ लगाएँ।
Immediate Help: गंभीर चोट या बेहोशी की स्थिति में तुरंत Doctor (डॉक्टर) या Emergency Number (जैसे 108) पर कॉल करें।
✅ Safety at Home:
तेज़ वस्तुओं और बिजली से सावधानी।
आग से बचाव — sand/wet cloth का प्रयोग।
दवाइयाँ ऊँचे स्थान पर रखें।
✅ Safety at School:
सीढ़ियों पर धक्का-मुक्की नहीं।
Playground में सावधानी।
Fire Drill और First Aid का ज्ञान।
✅ Safety on Road:
Zebra Crossing और Traffic Lights का पालन।
Helmet और Seat Belt लगाएँ।
तेज़ गति से गाड़ी न चलाएँ।
✅ First Aid:
छोटी चोट → एंटीसेप्टिक लगाएँ।
जलने पर → ठंडा पानी डालें।
Nose Bleeding → सिर आगे झुकाएँ, ठंडा कपड़ा रखें।
🎯 CTET Exam Focus Tip:
🔹 Safety से जुड़े प्रश्न अक्सर “awareness” या “correct behaviour” पर पूछे जाते हैं।
जैसे:
“सड़क पार करते समय सबसे पहले क्या करना चाहिए?”
“आग लगने पर हमें क्या नहीं करना चाहिए?”
“बिजली के झटके से कैसे बचा जा सकता है?”
Meaning: Disaster का मतलब है — ऐसी प्राकृतिक या मानव-निर्मित घटना जो अचानक होती है और लोगों, जानवरों, संपत्ति या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती है।
Types:
Natural Disasters (प्राकृतिक आपदाएँ): भूकंप, बाढ़, चक्रवात आदि।
Man-made Disasters (मानवजनित आपदाएँ): आग, दुर्घटनाएँ, प्रदूषण आदि।
आज हम तीन मुख्य प्राकृतिक आपदाओं — Earthquake (भूकंप), Flood (बाढ़), और Cyclone (चक्रवात) — के बारे में पढ़ेंगे।
भूकंप पृथ्वी के अंदर के tectonic plates (भूपर्पटी प्लेट्स) के हिलने से होता है।
जब ये प्लेट्स आपस में टकराती या खिसकती हैं, तो ज़मीन हिलने लगती है।
Stay Calm (शांत रहें):
घबराएँ नहीं, शांत रहना सबसे ज़रूरी है।
Drop, Cover, Hold (झुको, ढक लो, पकड़ लो):
झुककर किसी मज़बूत मेज़ के नीचे बैठें।
सिर को अपने हाथों से ढकें।
मेज़ का पैर पकड़कर बैठें।
Example: कक्षा में भूकंप आने पर बच्चे बेंच या डेस्क के नीचे बैठ जाते हैं।
Stay Away from Windows (खिड़कियों से दूर रहें):
शीशा टूटकर चोट पहुँचा सकता है।
If Outside – Open Space (अगर बाहर हों):
पेड़ों, बिजली के तारों या इमारतों से दूर खुली जगह में रहें।
After Shaking Stops (भूकंप रुकने के बाद):
इमारत से धीरे-धीरे बाहर निकलें।
लिफ्ट (lift) का प्रयोग न करें, सीढ़ियाँ इस्तेमाल करें।
घायल लोगों की मदद करें।
दौड़ें नहीं या चिल्लाएँ नहीं।
बिजली, गैस या मोमबत्ती तुरंत न जलाएँ।
ऊँची इमारत की छत या बालकनी पर न जाएँ।
जब नदियाँ, झीलें या नाले overflow (उफान) में आ जाते हैं और आसपास का क्षेत्र पानी में डूब जाता है, उसे बाढ़ कहते हैं।
Causes (कारण):
भारी बारिश (heavy rainfall)
बांध टूटना (dam failure)
नालों की सफाई न होना
Move to Higher Ground (ऊँचे स्थान पर जाएँ):
पानी से बचने के लिए छत या ऊँचे इलाके में जाएँ।
Turn Off Electricity & Gas (बिजली व गैस बंद करें):
पानी और बिजली साथ होने से करंट लग सकता है।
Use Clean Water (स्वच्छ पानी पिएँ):
बाढ़ का पानी दूषित होता है, इसलिए उबालकर पानी पिएँ।
Listen to Warnings (सरकारी सूचना सुनें):
रेडियो या मोबाइल पर मौसम विभाग की जानकारी लेते रहें।
Help Others (दूसरों की मदद करें):
बच्चों, बुज़ुर्गों और जानवरों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाएँ।
Example:
ग्रामीण क्षेत्रों में जब नदी उफान पर होती है, तो लोग छतों पर जाकर सुरक्षित रहते हैं और सरकारी बोट से बचाव होता है।
पानी भरे रास्ते या पुल से न गुज़रें।
बिजली के खंभे या खुले तारों के पास न जाएँ।
अफवाहों (rumours) पर विश्वास न करें।
चक्रवात एक तेज़ घूमती हुई storm (आंधी/तूफ़ान) होती है, जिसमें तेज़ हवाएँ और भारी बारिश होती है।
यह समुद्र के ऊपर बनने वाली हवा के दबाव के अंतर से उत्पन्न होती है।
Stay Indoors (अंदर रहें):
तूफ़ान के समय बाहर न निकलें।
सभी दरवाज़े-खिड़कियाँ बंद रखें।
Switch Off Electricity (बिजली बंद करें):
बिजली से आग या शॉक लग सकता है।
Emergency Kit तैयार रखें:
इसमें टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक उपचार (first aid), सूखा खाना, और पीने का पानी रखें।
Evacuation (निकासी) पर ध्यान दें:
अगर सरकार सुरक्षित स्थान पर जाने को कहे तो तुरंत जाएँ।
Stay Informed (जानकारी प्राप्त करें):
रेडियो या समाचार से मौसम की स्थिति जानें।
Example:
ओडिशा या पश्चिम बंगाल में जब चक्रवात आता है, तो स्कूलों को अस्थायी राहत केंद्र (relief camps) बनाया जाता है।
खिड़कियाँ खोलकर बाहर झाँकना नहीं।
बिजली के खंभों, पेड़ों या खुले इलाके में न रहें।
समुद्र या नदी के पास न जाएँ।
Emergency Numbers याद रखें:
Fire – 101, Police – 100, Ambulance – 108
Disaster Helpline – 1078
Family Safety Plan (परिवार की सुरक्षा योजना):
परिवार में तय करें कि आपदा के समय कहाँ मिलेंगे।
Emergency Kit (आपदा किट):
टॉर्च, बैटरी, सूखा भोजन, दवाइयाँ, पहचान पत्र, पीने का पानी रखें।
Mock Drill (आपदा अभ्यास):
स्कूलों में बच्चों को सिखाया जाता है कि आपदा के समय कैसे व्यवहार करना चाहिए।
Example:
CTET syllabus के अनुसार स्कूलों में “Mock Drill Activity” कराई जाती है ताकि बच्चों को emergency में panic न हो।
झुको, ढक लो, पकड़ लो (Drop, Cover, Hold)।
खिड़कियों और बिजली से दूर रहें।
लिफ्ट का उपयोग न करें।
ऊँचे स्थान पर जाएँ।
बिजली और गैस बंद करें।
साफ पानी उबालकर पिएँ।
पानी भरे रास्तों से न गुजरें।
घर के अंदर रहें, दरवाज़े-खिड़कियाँ बंद रखें।
Emergency kit तैयार रखें।
बिजली के खंभों या पेड़ों से दूर रहें।
हेल्पलाइन नंबर याद रखें।
परिवार की Safety Plan बनाएं।
Mock Drill में भाग लें।
🎯 CTET Exam Focus:
✅ सवाल अक्सर “correct safety behaviour” या “what to do / not do” के रूप में आते हैं।
जैसे –
“भूकंप के समय क्या करना चाहिए?”
“बाढ़ आने पर सबसे पहले कौन-सा कदम उठाना चाहिए?”
“Cyclone में घर के अंदर क्या तैयारी करनी चाहिए?”
📋 Topics:-
Meaning:
“Integrated” का अर्थ है — विभिन्न विषयों या ज्ञान क्षेत्रों को आपस में जोड़कर सिखाना।
EVS में इसका मतलब है कि Science, Social Studies और Environmental Awareness को मिलाकर पढ़ाया जाता है, ताकि बच्चे वास्तविक जीवन की समस्याओं को समग्र रूप से समझें।
Example:
जब शिक्षक “Water” पढ़ाते हैं — तो वह पानी का Science (sources, uses), Social (water conservation in community) और Environmental (pollution) पहलू साथ में पढ़ाते हैं।
👉 यह है Integrated approach।
Meaning:
“Interdisciplinary” का मतलब है — एक विषय से दूसरे विषय को जोड़कर सीखना।
इसमें बच्चे समझते हैं कि हर विषय एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है, अलग नहीं है।
Example:
“Seasons” पढ़ाते समय बच्चा Science से तापमान समझता है, Geography से मौसम के प्रकार, और Art से मौसम का चित्र बनाता है।
👉 यह सीखना Interdisciplinary nature कहलाता है।
Meaning:
“Holistic” का अर्थ है — पूरे बच्चे का विकास (Overall Development), सिर्फ जानकारी देना नहीं।
EVS बच्चों में ज्ञान (Knowledge), कौशल (Skills), और मूल्यों (Values) — तीनों का विकास करता है।
Example:
पौधों की देखभाल सिखाते समय बच्चा जानकारी (Knowledge) लेता है, पौधा लगाना (Skill) सीखता है, और जीवों के प्रति दया (Value) विकसित करता है।
Meaning:
“Observation” का मतलब है – ध्यान से देखना, सुनना और महसूस करना ताकि सटीक जानकारी मिल सके।
यह बच्चे की sense organs (इंद्रियाँ) का उपयोग करने की क्षमता है।
Example:
बच्चा पौधे के पत्ते को ध्यान से देखकर कहता है कि “यह चिकना है और हरा है” — यह Observation skill है।
Meaning:
“Classification” का मतलब है – चीज़ों या विचारों को समानता और भिन्नता के आधार पर समूह में बाँटना।
इससे बच्चों में तार्किक सोच (Logical Thinking) आती है।
Example:
फल और सब्जियों को अलग-अलग टोकरी में रखना — यह Classification है।
Meaning:
“Analysis” का मतलब है – किसी चीज़ को समझने के लिए उसे भागों में बाँटकर देखना और कारण ढूँढना।
यह बच्चों में Critical Thinking (आलोचनात्मक सोच) बढ़ाता है।
Example:
बच्चा सोचता है कि “कुछ पौधे छाँव में क्यों नहीं बढ़ते?”
वह कारण खोजने की कोशिश करता है — यही Analysis है।
Meaning:
“Child-centered” शिक्षण का मतलब है — पाठ्यक्रम और शिक्षण बच्चों की रुचि, अनुभव और क्षमता के अनुसार होना चाहिए।
इसमें बच्चा सीखने की प्रक्रिया का मुख्य भाग (active learner) होता है, सिर्फ सुनने वाला नहीं।
Example:
शिक्षक “Water Conservation” पढ़ाते समय बच्चों से पूछते हैं कि वे घर में पानी कैसे बचाते हैं।
बच्चे अपने अनुभव बताते हैं — यह है child-centered learning।
Meaning:
“Activity-based” का मतलब है — करके सीखना (Learning by Doing)।
बच्चे केवल किताब से नहीं, बल्कि games, experiments, role-play, field visit आदि से सीखते हैं।
Example:
“Clean surroundings” सिखाने के लिए शिक्षक बच्चों से स्कूल का आँगन साफ़ करवाते हैं।
बच्चे सफाई के महत्व को अनुभव से सीखते हैं।
Meaning:
“Inquiry-based learning” में बच्चे खुद प्रश्न पूछते हैं (Why, How) और उनके उत्तर खोजने की कोशिश करते हैं।
इससे बच्चों में सोचने की आदत (Thinking habit) विकसित होती है।
Example:
बच्चा पूछता है — “बारिश सिर्फ बादलों से ही क्यों होती है?”
फिर शिक्षक उसे प्रयोग और चर्चा से समझाते हैं।
Meaning:
“Environmental Awareness” का मतलब है — प्रकृति और पर्यावरण के प्रति समझ और जिम्मेदारी की भावना विकसित करना।
EVS का मुख्य उद्देश्य बच्चों में environmental sensitivity (संवेदनशीलता) लाना है।
Example:
बच्चों को सिखाना कि “पेड़ काटने से हवा प्रदूषित होती है” — यह environmental awareness है।
Meaning:
“Value Education” का मतलब है — सही व्यवहार, नैतिकता (morality) और दूसरों के प्रति सम्मान की भावना सिखाना।
EVS केवल facts नहीं सिखाता, बल्कि empathy (सहानुभूति) और respect for nature (प्रकृति के प्रति आदर) भी विकसित करता है।
Example:
बच्चा घायल चिड़िया को पानी देता है — यह value-based learning है।
Meaning:
“Experiential Learning” का मतलब है — अनुभव के माध्यम से सीखना।
बच्चा जब खुद अनुभव करता है तो उसे सीखना याद रहता है।
Example:
बच्चों को खेत दिखाने ले जाना ताकि वे फसल उगाने की प्रक्रिया देख सकें।
Meaning:
EVS में शिक्षक का काम केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि सीखने की प्रक्रिया को आसान बनाना (to facilitate learning) है।
शिक्षक बच्चों को प्रेरित (motivate) करता है कि वे खुद सोचें और खोजें।
Example:
शिक्षक बच्चों से प्रश्न पूछता है: “क्या तुम बता सकते हो कि पौधों को पानी की ज़रूरत क्यों होती है?”
👉 वह facilitator की भूमिका निभा रहा है।
Meaning:
यह एक राष्ट्रीय शिक्षण रूपरेखा है जो बताती है कि शिक्षा का केंद्र बच्चा (child) होना चाहिए।
EVS में यह integrated, child-centered और activity-based approach को बढ़ावा देता है।
Example:
EVS में पाठ्यक्रम real-life situations से जोड़ा गया है — जैसे My Family, Water, Shelter आदि।
Meaning:
नई शिक्षा नीति 2020 में कहा गया है कि शिक्षा को experiential, competency-based और joyful बनाया जाए।
बच्चों को environmental awareness, values, और 21st century skills सिखाई जाएँ।
Example:
“Learn by doing” की भावना — जैसे बच्चों को प्रयोग या field visit के जरिए सीखाना।
Integrated Approach: EVS combines Science + Social + Environmental concepts.
Interdisciplinary: Concepts connected across subjects.
Observation: Watch carefully using senses.
Classification: Group things based on similarities.
Analysis: Find causes and relationships.
Child-centered: Focus on learner’s experience and curiosity.
Activity-based: Learning by doing, not rote memorization.
Inquiry-based: Ask questions and find answers.
Environmental Awareness: Understanding and protecting nature.
Values in EVS: Empathy, cooperation, respect for all life.
NCF 2005: Child-centered, integrated, activity-based learning.
NEP 2020: Experiential, joyful, holistic, competency-based learning.
Teacher’s Role: Guide (Facilitator), motivator, and environment creator.
📘 Topic: Meaning, Nature & Scope of EVS (Integrated & Interdisciplinary)
EVS का पूरा नाम है Environmental Studies (पर्यावरण अध्ययन)।
इसका मतलब है – हमारे आसपास के वातावरण और हमारे जीवन से जुड़े तत्वों का अध्ययन करना।
EVS में बच्चे nature (प्रकृति), plants (पौधे), animals (जानवर), people (लोग) और things (वस्तुएँ) — इन सबके आपसी संबंध (interrelationships) को समझते हैं।
EVS हमें यह सिखाता है कि मनुष्य और प्रकृति एक-दूसरे पर निर्भर हैं (interdependent)।
EVS बच्चों को सिर्फ जानकारी नहीं देता, बल्कि values (मूल्य), attitudes (रवैये) और responsibility (जिम्मेदारी) भी सिखाता है कि हमें पर्यावरण की रक्षा करनी है।
🧩 Example:
बच्चा पेड़ लगाना सीखता है और समझता है कि पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं।
वह समझता है कि पानी बर्बाद करना गलत है क्योंकि यह प्रकृति का हिस्सा है।
Child-centered (बाल-केंद्रित):
EVS बच्चे के अनुभवों और जिज्ञासाओं पर आधारित होता है।
बच्चा अपने आस-पास के माहौल से सीखता है।
Example: “माँ कपड़े कैसे धोती है?”, “बिजली कहाँ से आती है?” — ऐसे सवाल EVS की जिज्ञासा का हिस्सा हैं।
Activity-based (क्रियात्मक):
EVS सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि activities (गतिविधियों) के माध्यम से सिखाया जाता है।
Example: बच्चों से पौधा लगवाना या बाजार भ्रमण करवाना।
Environment-oriented (पर्यावरण उन्मुख):
इसका मुख्य केंद्र environment (वातावरण) होता है – प्राकृतिक और सामाजिक दोनों।
Example: मौसम का परिवर्तन देखना, या पड़ोसी समुदाय की आदतें समझना।
Value-based (मूल्यपरक):
EVS बच्चों में पर्यावरण संरक्षण (environment protection), सहयोग (cooperation) और जिम्मेदारी (responsibility) जैसे मूल्य विकसित करता है।
Experiential (अनुभवात्मक):
बच्चे अपने अनुभवों से सीखते हैं।
Example: अगर बच्चा देखता है कि गंदे पानी से बीमारी होती है, तो वह साफ-सफाई का महत्व समझता है।
Holistic (समग्र दृष्टिकोण):
EVS किसी एक विषय तक सीमित नहीं है। यह जीवन के हर पहलू को जोड़कर समझाता है।
Example: भोजन का विषय – विज्ञान (nutrition), समाज (किसान), पर्यावरण (फसलें), और अर्थशास्त्र (बाजार) — सबको जोड़ता है।
Natural Environment (प्राकृतिक पर्यावरण):
जैसे – पेड़, पौधे, जानवर, जल, वायु, मिट्टी।
Example: बच्चों को बताया जाता है कि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
Social Environment (सामाजिक पर्यावरण):
परिवार, मित्र, स्कूल, पड़ोसी, समाज।
Example: “हमारा परिवार कैसे सहयोग करता है?”
Cultural Environment (सांस्कृतिक पर्यावरण):
त्यौहार, परंपराएँ, रीति-रिवाज।
Example: दीपावली में घर की सफाई करना और दीये जलाना – सांस्कृतिक सीख है।
Economic Environment (आर्थिक पर्यावरण):
रोजगार, वस्तुएँ, संसाधन उपयोग।
Example: किसान, मजदूर, दुकानदार – यह सब समाज के आर्थिक अंग हैं।
Scientific Understanding (वैज्ञानिक दृष्टि):
EVS विज्ञान से जुड़ा हुआ है – जैसे मौसम, ऊर्जा, पौधों की वृद्धि, पानी का चक्र आदि।
Moral and Ethical Scope (नैतिक और आचरणात्मक क्षेत्र):
बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना जगाना।
Example: पेड़ काटना गलत है, यह सिखाना EVS का हिस्सा है।
Meaning:
EVS में अलग-अलग विषयों (Subjects) को एक साथ जोड़कर पढ़ाया जाता है ताकि बच्चा “समग्र समझ” विकसित करे।
Integrated (समेकित) का अर्थ है — “एक साथ जोड़कर सीखना”।
Example:
“पानी” पर एक पाठ पढ़ाने में —
Science से: पानी के स्रोत और रूप।
Geography से: नदियाँ, वर्षा।
Civics से: पानी की बचत में नागरिक की भूमिका।
Language से: पानी पर कविता या कहानी।
👉 इस तरह बच्चा “एक विषय – कई दृष्टि से” समझता है।
यह तरीका बच्चे को holistic learning (समग्र अधिगम) देता है और rote learning (रटने) से बचाता है।
Meaning:
जब EVS के विषयों को दूसरे विषयों (जैसे गणित, भाषा, कला, सामाजिक अध्ययन) के साथ जोड़ा जाता है, तो उसे interdisciplinary कहा जाता है।
Example:
पौधों की गिनती = Math connection
पेड़ पर कविता लिखना = Language connection
वृक्षारोपण अभियान = Moral value + Art integration
Interdisciplinary approach बच्चों को दिखाती है कि सारे विषय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और जीवन में सबका प्रयोग होता है।
यह बच्चों को अपने आस-पास की दुनिया को समझने में मदद करता है।
यह Observation (अवलोकन) और Questioning (प्रश्न पूछने) की आदत विकसित करता है।
यह बच्चों में environmental awareness (पर्यावरण जागरूकता) बढ़ाता है।
यह values, cleanliness, safety, respect जैसे गुण सिखाता है।
EVS बच्चों में problem-solving और creative thinking विकसित करता है।
Topic: “Plants Around Us”
बच्चे स्कूल के बगीचे में जाकर पौधों के नाम लिखते हैं (Observation).
गिनते हैं कि कितने फूलों वाले और बिना फूलों वाले पौधे हैं (Math link).
कविता लिखते हैं “हरियाली हमारा जीवन” (Language link).
👉 यह EVS का integrated + interdisciplinary learning है।
EVS = Environmental Studies = हमारे वातावरण और जीवन का अध्ययन।
Nature of EVS: Child-centered, Activity-based, Experiential, Value-oriented.
Scope of EVS: Natural, Social, Cultural, Economic, Scientific, Moral areas.
Integrated Approach: एक विषय के कई पहलुओं को जोड़ना।
Interdisciplinary Approach: EVS को अन्य विषयों (Math, Language, Art) से जोड़ना।
Importance:
Environmental awareness
Values and responsibility
Holistic understanding
Life skills and curiosity
🎯 CTET Exam Tip:
Paper 1 (EVS Pedagogy) में प्रश्न अक्सर इस प्रकार आते हैं:
“EVS is an integrated subject because…”
“The nature of EVS is child-centered and activity-based.”
“EVS helps children to develop environmental awareness.”
📘 Topic: Objectives of Teaching EVS – Knowledge, Skills, Values
Objectives (उद्देश्य) का मतलब है — EVS पढ़ाने का मुख्य मकसद या लक्ष्य (main purpose or goal) क्या है।
EVS सिखाने का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं है, बल्कि बच्चों में समझ (understanding), कौशल (skills) और मूल्य (values) विकसित करना है।
EVS बच्चों को अपने पर्यावरण से जोड़ता है और उन्हें जिम्मेदार नागरिक (responsible citizens) बनने में मदद करता है।
🧩 Example:
जब बच्चा स्कूल के बगीचे में पौधे लगाता है, वह सिर्फ पौधों के नाम नहीं सीखता —
वह यह भी सीखता है कि पेड़ हमारे जीवन के लिए जरूरी हैं (Knowledge), पौधे की देखभाल कैसे करनी है (Skill), और प्रकृति से प्रेम रखना चाहिए (Value)।
EVS के उद्देश्य तीन मुख्य भागों में बाँटे जाते हैं:
Knowledge (ज्ञान संबंधी उद्देश्य)
Skills (कौशल संबंधी उद्देश्य)
Values (मूल्य संबंधी उद्देश्य)
यह उद्देश्य बच्चों को environment (पर्यावरण) और उसके संबंधों (relationships) को समझाने पर केंद्रित हैं।
Understanding the Environment (पर्यावरण की समझ):
बच्चे अपने आसपास की चीज़ों — जैसे पौधे, जानवर, लोग, वस्तुएँ — को पहचानें और समझें कि ये सब आपस में जुड़े हुए हैं।
🧩 Example: बच्चा समझे कि पेड़, जानवर और मनुष्य सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
Knowledge about Natural Phenomena (प्राकृतिक घटनाओं की जानकारी):
बच्चे मौसम, दिन-रात, वर्षा, हवा जैसी प्राकृतिक घटनाओं को पहचानें और उनके कारण जानें।
🧩 Example: “बारिश कैसे होती है?” – यह EVS में सिखाया जाता है।
Understanding Human Environment (मानवीय पर्यावरण की समझ):
बच्चा अपने घर, स्कूल, पड़ोस, और समाज में लोगों की भूमिका को समझे।
🧩 Example: बच्चा देखता है कि डॉक्टर, पुलिस, किसान – सब समाज में जरूरी हैं।
Awareness of Resources (संसाधनों की जानकारी):
बच्चों को यह सिखाया जाए कि पानी, हवा, मिट्टी, पेड़ आदि सीमित संसाधन हैं और इन्हें संभालकर इस्तेमाल करना चाहिए।
🧩 Example: “पानी बर्बाद मत करो” – यह ज्ञान EVS देता है।
Scientific Temper (वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना):
बच्चे कारण-परिणाम (cause-effect) की सोच अपनाएँ, और हर चीज़ को तर्क (reason) से समझें।
🧩 Example: “पेड़ हवा क्यों हिलाते हैं?” – बच्चा जानने की कोशिश करता है, यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण है।
EVS में बच्चों में observation (अवलोकन), exploration (अन्वेषण), communication (संचार) और decision-making (निर्णय लेने) जैसी life skills विकसित की जाती हैं।
Observation Skills (अवलोकन कौशल):
बच्चे चीजों को ध्यान से देखना और उनमें फर्क पहचानना सीखें।
🧩 Example: बच्चा दो पेड़ों की पत्तियों में अंतर बता सके।
Exploration & Investigation (अन्वेषण और खोज):
बच्चे सवाल पूछना और उत्तर ढूँढना सीखें।
🧩 Example: “चिड़िया घोंसला क्यों बनाती है?” — बच्चा देखकर जानता है।
Classification & Comparison (वर्गीकरण और तुलना):
चीजों को समूह में बाँटना या तुलना करना सीखना।
🧩 Example: “जानवरों को खाने के आधार पर शाकाहारी और मांसाहारी में बाँटना।”
Communication Skills (संचार कौशल):
बच्चे अपने विचारों को बोलकर या चित्र बनाकर व्यक्त कर सकें।
🧩 Example: “My Family” पर चार्ट बनाना या बोलकर बताना।
Problem Solving Skills (समस्या समाधान कौशल):
बच्चे रोज़मर्रा की समस्याओं का हल निकालना सीखें।
🧩 Example: अगर स्कूल में पानी टपक रहा है, तो उसे कैसे ठीक करवाया जाए?
Decision-making & Responsible Action (निर्णय लेने और जिम्मेदारी से कार्य करने की क्षमता):
बच्चे अच्छे-बुरे का फर्क समझें और सही निर्णय लें।
🧩 Example: कूड़ा सड़क पर न फेंककर डस्टबिन में डालना।
EVS बच्चों में सद्भाव (harmony), जिम्मेदारी (responsibility) और सहयोग (cooperation) जैसे जीवन मूल्यों को विकसित करता है।
Environmental Awareness (पर्यावरण जागरूकता):
बच्चे प्रकृति की रक्षा करने की आदत सीखें।
🧩 Example: “पेड़ मत काटो, लगाओ” – यह भाव EVS सिखाता है।
Respect for All Living Beings (सभी जीवों के प्रति सम्मान):
बच्चा समझे कि हर जीव महत्वपूर्ण है।
🧩 Example: जानवरों को चोट न पहुँचाना।
Cooperation & Teamwork (सहयोग और टीम भावना):
समूह में काम करना और दूसरों की मदद करना सीखना।
🧩 Example: स्कूल सफाई अभियान में सब मिलकर भाग लेना।
Responsibility & Care (जिम्मेदारी और देखभाल):
अपने घर, स्कूल और आस-पास के पर्यावरण की देखभाल करना।
🧩 Example: पौधों को रोज़ पानी देना।
Empathy & Compassion (सहानुभूति और दया):
दूसरों की तकलीफ़ को समझना और मदद करना।
🧩 Example: घायल जानवर की सहायता करना।
National and Social Values (राष्ट्रीय और सामाजिक मूल्य):
समाज और देश के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना।
🧩 Example: राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना, “स्वच्छ भारत” अभियान में भाग लेना।
Lesson: "Clean Water, Healthy Life"
Knowledge: बच्चा सीखता है कि गंदा पानी बीमारियाँ फैलाता है।
Skill: वह सीखता है कि पानी को उबालकर या छानकर कैसे साफ किया जाता है।
Value: वह यह मूल्य अपनाता है कि सबको साफ पानी मिलना चाहिए और पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए।
👉 इस तरह EVS में तीनों उद्देश्य – Knowledge, Skill, Value – एक साथ पूरे होते हैं।
EVS Objectives = Knowledge + Skills + Values.
Knowledge Objectives:
Environment & natural phenomena समझना
Resources की जानकारी
Scientific attitude विकसित करना
Skill Objectives:
Observation, exploration, communication
Problem-solving & decision-making
Value Objectives:
Environmental care, cooperation, empathy
Responsibility & social awareness
EVS बच्चों को responsible, aware और sensitive citizen बनाता है।
🎯 CTET Exam Tips:
Paper 1 में अक्सर प्रश्न इस प्रकार आते हैं —
“The main objective of teaching EVS is to develop—”
👉 Environmental awareness and life skills.
“EVS helps children in developing—”
👉 Observation and problem-solving skills.
“Values like cooperation and responsibility are developed through—”
👉 EVS activities and experiences.
📘 Topic: EVS & NCF 2005, NEP 2020 – Child-centered, Activity-based
EVS (Environmental Studies) एक ऐसा विषय है जो बच्चे को अपने आसपास की दुनिया से जोड़ता है।
इसका मकसद है कि बच्चा देखे, समझे, सोचे और अनुभव करे – यानी उसे rote learning (रटने) से निकालकर experiential learning (अनुभवात्मक सीख) की ओर ले जाना।
इसी उद्देश्य से NCF 2005 (National Curriculum Framework 2005) और NEP 2020 (National Education Policy 2020) में EVS को child-centered (बाल-केंद्रित) और activity-based (क्रियात्मक/गतिविधि-आधारित) विषय के रूप में विकसित करने पर ज़ोर दिया गया है।
🧩 Example:
जब बच्चा स्कूल के बगीचे में जाकर पौधे लगाता है, तो वह किताब से नहीं, अनुभव से सीखता है – यह NCF 2005 और NEP 2020 का मूल विचार है।
Integrated Approach (समेकित दृष्टिकोण):
EVS को Science और Social Studies दोनों का मिश्रण माना गया है।
🧩 Example: “Water” topic में बच्चा विज्ञान भी सीखता है (जल का महत्व) और समाज भी (जल का उपयोग)।
Child-centered Learning (बाल-केंद्रित शिक्षा):
शिक्षण का केंद्र बच्चा है, न कि शिक्षक।
बच्चा अपने अनुभवों, सवालों और जिज्ञासाओं के आधार पर सीखता है।
🧩 Example: बच्चा पूछता है, “इंद्रधनुष क्यों बनता है?” — शिक्षक उसकी जिज्ञासा को सीखने का माध्यम बनाते हैं।
Activity-based Learning (गतिविधि-आधारित शिक्षण):
EVS में सीखने का तरीका “करके सीखना” (learning by doing) है।
🧩 Example: “Clean Water” पाठ में बच्चों को पानी छानकर दिखाने की गतिविधि करवाई जाती है।
Experiential Learning (अनुभव से सीखना):
बच्चे अपने अनुभवों से ज्ञान प्राप्त करें।
🧩 Example: स्कूल के आसपास घूमकर “Our Neighbourhood” देखना — यही अनुभवात्मक शिक्षा है।
Environment as a Living Laboratory (पर्यावरण एक जीवित प्रयोगशाला):
बच्चे को classroom से बाहर निकालकर environment में सिखाया जाए।
🧩 Example: पौधों, कीड़ों या पक्षियों का निरीक्षण करवाना।
Linking Learning to Life (सीख को जीवन से जोड़ना):
EVS में concepts बच्चों के daily life situations (दैनिक जीवन स्थितियों) से जुड़े हों।
🧩 Example: “Waste Management” में घर के कचरे को अलग-अलग करना सिखाना।
Interdisciplinary & Thematic Learning (अंतरविषयी और विषयक शिक्षा):
EVS के विषयों को themes (जैसे – Water, Family, Shelter, Travel) के माध्यम से सिखाया जाए, ताकि सब विषय एक-दूसरे से जुड़े रहें।
Holistic Learning (समग्र शिक्षा):
बच्चे को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखकर, जीवन के हर पहलू से जोड़ना।
🧩 Example: “Food” topic में बच्चे को सिखाना कि खाना कहाँ से आता है, कौन बनाता है, और बर्बादी कैसे रोकें।
Experiential & Activity-based Pedagogy (अनुभवात्मक व गतिविधि आधारित शिक्षण):
बच्चे करके, देखकर, सुनकर और महसूस करके सीखें।
🧩 Example: “Rain” topic में बच्चों को बारिश में बाहर जाकर अनुभव करना।
Learning by Doing & Discovery (करके और खोजकर सीखना):
शिक्षक को facilitator (मार्गदर्शक) बनना चाहिए, जो बच्चे की खोज की प्रक्रिया में सहायता करे।
🧩 Example: “Air” topic में बच्चा खुद प्रयोग करे – गुब्बारे में हवा भरकर देखे कि वह जगह घेरती है।
Competency-based Learning (कौशल आधारित शिक्षण):
NEP 2020 कहती है कि EVS में बच्चों को वास्तविक कौशल सिखाना चाहिए – जैसे अवलोकन, समस्या-समाधान, सहयोग, पर्यावरण संरक्षण।
Environmental Awareness & Sustainable Living (पर्यावरण जागरूकता और सतत जीवन):
बच्चों में पर्यावरण की रक्षा और जिम्मेदारी की भावना विकसित की जाए।
🧩 Example: “Save Water” अभियान में बच्चों की भागीदारी करवाना।
Integration with Art, Local Culture & Life Skills (कला, संस्कृति व जीवन कौशल के साथ एकीकरण):
EVS को स्थानीय संस्कृति और कला से जोड़ना।
🧩 Example: गाँव में बच्चों को पारंपरिक जल संग्रहण पद्धतियाँ सिखाना।
Use of Local Resources (स्थानीय संसाधनों का उपयोग):
NEP 2020 में कहा गया है कि शिक्षण बच्चों के आस-पास के वातावरण और संसाधनों पर आधारित होना चाहिए।
🧩 Example: “Soil” पढ़ाते समय स्कूल के पास की मिट्टी दिखाना।
Child as a Constructor of Knowledge (ज्ञान का निर्माता):
बच्चा खुद अपने अनुभवों से सीखता है; शिक्षक सिर्फ मार्गदर्शन करता है।
🧩 Example: बच्चा खुद अनुभव करे कि पौधे धूप में तेजी से बढ़ते हैं।
Freedom to Ask, Explore, and Discover (पूछने और खोजने की स्वतंत्रता):
बच्चे को प्रश्न पूछने और नए प्रयोग करने का अवसर दिया जाए।
🧩 Example: बच्चा पूछे “सूरज पूर्व से ही क्यों उगता है?” – शिक्षक उसे सोचने और ढूँढने के लिए प्रेरित करे।
Learning by Doing (करके सीखना):
सीखना तभी पक्का होता है जब बच्चा खुद काम करे।
🧩 Example: “Air occupies space” सिखाने के लिए बच्चों से बोतल में पानी डालने का प्रयोग करवाना।
No Fear Learning Environment (भय-मुक्त वातावरण):
बच्चे को गलती करने का डर न हो; वह सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा बने।
🧩 Example: अगर बच्चा गलत जवाब देता है तो शिक्षक उसे सुधार के लिए प्रेरित करे, न कि डाँटे।
Learning through Activities (गतिविधियों से सीखना):
हर concept को किसी न किसी गतिविधि के माध्यम से सिखाना चाहिए।
🧩 Example: “Our Helpers” पढ़ाते समय बच्चों से पोस्ट ऑफिस या अस्पताल का दौरा करवाना।
Types of Activities:
Observation (अवलोकन) – चीज़ों को ध्यान से देखना
Experimentation (प्रयोग) – सरल प्रयोग करना
Field Visit (क्षेत्र भ्रमण) – आसपास का निरीक्षण
Project Work – समूह में काम करना
Drawing/Model Making – कला के माध्यम से सीखना
Benefits of Activity-based Learning:
Learning becomes interesting (रुचिकर)
Concepts become clear (स्पष्ट)
Children become active participants (सक्रिय भागीदार)
Promotes teamwork, observation, creativity
Topic: “Clean Air”
Activity: बच्चों से स्कूल के आसपास की सड़क और पार्क का निरीक्षण करवाओ।
Child-centered: बच्चे खुद बताएँ कि कहाँ ज्यादा धुआँ है और क्यों।
Learning Outcome: बच्चा समझे कि धुआँ प्रदूषण फैलाता है और पौधे हवा को शुद्ध करते हैं।
NCF 2005: EVS = Integrated + Child-centered + Activity-based.
NEP 2020: EVS = Experiential, Competency-based, Environment-focused.
Child-centered Learning:
Child = Active learner
Learning by doing
Fear-free classroom
Activity-based Learning:
Observation, field trip, experiment, project work
Goal: To make children aware, responsible, and environment-friendly citizens.
EVS connects school learning with real life.
🎯 CTET Exam Focus:
“According to NCF 2005, EVS should be—” → Integrated, child-centered, activity-based.
“NEP 2020 promotes EVS teaching through—” → Experiential and competency-based learning.
“In EVS, the teacher acts as—” → Facilitator or guide.
📘 Topic: Process Skills in EVS – Observation, Classification, Analysis
EVS (Environmental Studies) में बच्चों को केवल जानकारी नहीं दी जाती, बल्कि उन्हें सोचने, देखने और समझने की प्रक्रिया सिखाई जाती है।
यह तभी संभव है जब बच्चों में Process Skills (प्रक्रियात्मक कौशल) विकसित किए जाएँ।
Process Skills का मतलब है — वे बुनियादी कौशल जिनकी मदद से बच्चा अपने आसपास की दुनिया को समझता है।
EVS में मुख्य Process Skills हैं –
Observation (अवलोकन)
Classification (वर्गीकरण)
Analysis (विश्लेषण)
🧩 Simple Example:
जब बच्चा बगीचे में जाकर अलग-अलग पत्तियों को देखता है (Observation),
उन्हें आकार या रंग के आधार पर समूह बनाता है (Classification),
और सोचता है कि ऐसा अंतर क्यों है (Analysis) —
तो वह EVS की Process Skills का उपयोग कर रहा है।
Observation का मतलब है – ध्यान से देखना, महसूस करना और जानकारी जुटाना।
यह EVS में सीखने की पहली और सबसे जरूरी प्रक्रिया (first step of learning) है।
बच्चा अपने इंद्रियों (senses) – देखना, सुनना, सूंघना, छूना, चखना – का उपयोग करके चीज़ों को समझता है।
Observation बच्चों में जिज्ञासा (Curiosity) और ध्यान देने की क्षमता (Concentration) बढ़ाता है।
यह बच्चे को अपने आसपास के पर्यावरण को समझने में मदद करता है।
बच्चों में Scientific attitude (वैज्ञानिक दृष्टिकोण) विकसित करता है।
शिक्षक बच्चों को पौधों के पत्ते दिखाते हैं और कहते हैं, “इनके रंग, आकार और बनावट को ध्यान से देखो।”
बच्चा ध्यानपूर्वक देखकर अंतर बताता है – कुछ पत्तियाँ बड़ी हैं, कुछ छोटी, कुछ हरी, कुछ पीली।
👉 यही है Observation skill का प्रयोग।
जब बच्चा कहता है, “आज आसमान में बादल हैं, शायद बारिश होगी,” — वह Observation कर रहा है।
Classification का मतलब है – चीज़ों या जानकारियों को समानता (similarity) और भिन्नता (difference) के आधार पर समूहों में बाँटना।
यह बच्चों को संगठित रूप से सोचने और concept समझने में मदद करता है।
Classification से बच्चे में logical thinking (तार्किक सोच) विकसित होती है।
यह उन्हें patterns (ढर्रे) और relationships (संबंध) पहचानने में मदद करता है।
यह scientific inquiry (वैज्ञानिक खोज) की दिशा में पहला कदम है।
शिक्षक बच्चों से कहता है: “फल और सब्जियाँ अलग-अलग टोकरी में रखो।”
बच्चा समान वस्तुओं को अलग करता है — यह Classification है।
आगे बढ़कर, वह कच्ची और पकी सब्जियाँ, या बीजवाले और बिना बीज वाले फल भी अलग कर सकता है।
बच्चा अपने खिलौनों को गाड़ियों, गुड़ियों और blocks में बाँट देता है – यह भी Classification है।
शिक्षक को ऐसी गतिविधियाँ करनी चाहिए जो बच्चों को similar-different, living-nonliving, heavy-light, rough-smooth जैसी श्रेणियाँ पहचानने में मदद करें।
Analysis का मतलब है – किसी चीज़ को गहराई से समझने के लिए उसे भागों में बाँटकर देखना और कारण ढूँढना।
EVS में इसका अर्थ है – देखी गई चीज़ों को सोच-समझकर उनके कारण और परिणाम जानना।
Analysis से बच्चे में critical thinking (आलोचनात्मक सोच) विकसित होती है।
यह बच्चों को why (क्यों) और how (कैसे) पूछने के लिए प्रेरित करता है।
इससे बच्चे समस्या-समाधान (Problem solving) की क्षमता सीखते हैं।
शिक्षक बच्चों से पूछता है: “पौधे धूप में तेजी से क्यों बढ़ते हैं?”
बच्चा सोचता है कि धूप से पौधे photosynthesis (प्रकाश संश्लेषण) करते हैं।
👉 यह Analysis skill का उदाहरण है।
बच्चा सोचता है कि “गर्मियों में बर्फ जल्दी क्यों पिघलती है?”
वह कारण खोजने की कोशिश करता है — यह Analysis है।
शिक्षक को बच्चों से क्यों और कैसे वाले प्रश्न पूछने चाहिए।
उदाहरण:
“पानी ज़्यादा ठंडा क्यों लगता है?”
“दिन और रात क्यों होते हैं?”
इससे बच्चे सोचने और तर्क करने की आदत सीखते हैं।
Observation → Classification → Analysis
यह तीनों skills एक क्रम में काम करती हैं।
बच्चा पहले देखता है (Observation)
फिर समूह बनाता है (Classification)
और अंत में कारण समझता है (Analysis)
🧠 Example:
विषय – “Leaves”
बच्चा अलग-अलग पत्तियाँ देखता है (Observation)
उन्हें आकार या रंग के आधार पर बाँटता है (Classification)
सोचता है कि कुछ चौड़ी, कुछ पतली क्यों हैं (Analysis)
👉 इस तरह EVS में बच्चा real learning करता है।
Activity-based learning (गतिविधि आधारित शिक्षण):
शिक्षक को ऐसी गतिविधियाँ करवानी चाहिए जिनमें बच्चे खुद देखें, छुएँ, प्रयोग करें।
Questioning (प्रश्न पूछना):
शिक्षक को open-ended questions (खुले प्रश्न) पूछने चाहिए जैसे — “तुम्हें क्या लगा?”, “ऐसा क्यों हुआ?”
Field Visit / Observation Trip:
बच्चों को बगीचे, नदी या बाजार में ले जाकर वास्तविक पर्यावरण का अनुभव करवाना।
Encouragement (प्रोत्साहन):
बच्चे की छोटी-छोटी खोजों की सराहना करें ताकि उनमें आत्मविश्वास बढ़े।
Process Skills in EVS: Observation, Classification, Analysis
Observation:
ध्यान से देखना और महसूस करना
Sense organs का उपयोग
Example: पत्तियों का रंग और आकार देखना
Classification:
समानता/अंतर के आधार पर समूह बनाना
Example: फल और सब्जियाँ अलग करना
Analysis:
कारण ढूँढना और गहराई से समझना
Example: पौधे धूप में तेजी से क्यों बढ़ते हैं?
Teacher’s Role:
बच्चों को देखने, सोचने और पूछने के लिए प्रोत्साहित करना
Activities, observation trips और questioning से process skills विकसित होती हैं।
🎯 CTET Exam Focus:
“Process skills in EVS include—” → Observation, Classification, Analysis
“Observation skill helps in—” → Developing curiosity and attention
“Analysis skill helps in—” → Critical thinking and reasoning
“Teacher’s main role in process skill development—” → Facilitator of learning through activities.
📋 Topics:-
किसी मुख्य विचार या विषय (central idea) के इर्द-गिर्द सीखने की प्रक्रिया को theme कहते हैं।
Example: अगर "Water" थीम है, तो बच्चे विज्ञान में जल चक्र, समाज में जल का उपयोग, और भाषा में जल पर कविता — सब एक ही थीम से सीखते हैं।
अलग-अलग विषयों को जोड़कर (combine करके) सीखना।
Example: “Plants” थीम पर Science में photosynthesis और Art में plant drawing।
जब कई विषय (subjects) मिलकर एक concept सिखाते हैं।
Example: “Pollution” concept को EVS, Hindi poem, और drawing — तीनों मिलकर समझाएं।
बच्चे को चीज़ों को अलग-अलग हिस्सों में नहीं, बल्कि पूरे के रूप में (as a whole) समझने में मदद करना।
Example: “Our Environment” topic में पेड़, जानवर, पानी, हवा — सबको जोड़कर सिखाना।
कोई ऐसा कार्य जिसे लक्ष्य के साथ बच्चे खुद योजना बनाकर करते हैं।
Example: “Clean School Project” – बच्चे योजना बनाकर स्कूल सफाई अभियान चलाते हैं।
कार्य को करने से पहले सोच-समझकर step-by-step तरीका तय करना।
Example: बच्चे तय करते हैं कि कौन sweeping करेगा, कौन posters बनाएगा।
बनाई गई योजना को वास्तव में लागू करना।
यह देखना कि परियोजना का परिणाम क्या रहा।
Example: क्या सफाई के बाद स्कूल स्वच्छ दिख रहा है?
कहानी के ज़रिए बच्चे मन में चित्र बना कर सीखते हैं।
Example: “Sun and Wind” की कहानी से बच्चा सीखेगा कि हवा का दबाव कैसे काम करता है।
कहानी में छिपा हुआ संदेश या सीख।
Example: “Honesty is the best policy” जैसी कहानियाँ।
बच्चों को सिखाने का तरीका जिसमें खेल-खेल में ज्ञान दिया जाता है।
Example: “Parts of body” सिखाने के लिए “Simon Says” खेल खेलना।
जब सीखने की प्रक्रिया मज़ेदार होती है, तो बच्चे बेहतर याद रखते हैं।
जब बच्चा प्रश्न पूछकर खुद उत्तर ढूंढता है।
Example: “Why do leaves fall in winter?” — बच्चा कारण खोजने की कोशिश करता है।
बच्चा पहले अनुमान लगाता है कि कारण क्या हो सकता है।
Example: “शायद ठंड के कारण पौधे सूख जाते हैं।”
दो या अधिक लोगों के बीच विचार-विमर्श से सीखना।
Example: “Plastic – boon or bane?” पर कक्षा में बच्चों की चर्चा।
जब बच्चा तथ्यों (facts) और मतों (opinions) में अंतर कर पाता है।
Example: “क्या केवल पेड़ लगाना ही पर्यावरण बचाने के लिए पर्याप्त है?”
वह कार्य जिससे बच्चा खुद अनुभव करके सीखता है।
Example: पौधा लगाना, पानी उबालकर भाप देखना, आदि।
बच्चों को कक्षा से बाहर वास्तविक स्थान पर ले जाकर सिखाना।
Example: “Post Office Visit” – बच्चे पत्र भेजने की प्रक्रिया देखते हैं।
किसी अवधारणा (concept) को परखने के लिए किया गया कार्य।
Example: मोमबत्ती और गिलास प्रयोग से “Air is needed for burning” सीखना।
ध्यानपूर्वक किसी चीज़ को देखना और समझना।
Example: सुबह सूरज उगने की दिशा नोट करना।
जब बच्चा अपने अनुभवों से ज्ञान का निर्माण करता है।
बच्चे को केवल सुनने नहीं, बल्कि स्वयं करने के अवसर देना।
Example: “Sink and Float” activity – बच्चे खुद चीज़ें पानी में डालकर देखते हैं।
शिक्षक द्वारा दी गई थोड़ी सहायता, जिससे बच्चा कठिन कार्य कर सके।
Example: शिक्षक पहले प्रयोग करके दिखाता है, फिर बच्चा खुद करता है।
वह क्षेत्र जहाँ बच्चा थोड़ी मदद से सीख सकता है।
बच्चा स्वयं खोजकर निष्कर्ष निकालता है।
Example: बच्चे प्रयोग से खुद समझते हैं कि पौधे को धूप चाहिए।
कहा – “Children actively construct knowledge.”
Emphasis on Cognitive Development (संज्ञानात्मक विकास)।
कहा – “Learning is a social process.”
Concept: ZPD, Scaffolding, Language in learning.
कहा – “Learning happens through discovery.”
Stages: Enactive → Iconic → Symbolic.
✅ Thematic Approach: Theme-based learning; real-life linkage.
✅ Integrated Approach: Combines different subjects → holistic understanding.
✅ Project-based: Plan → Do → Present → Evaluate (hands-on, real-life learning).
✅ Storytelling Method: Develops imagination & moral values.
✅ Play-way: Learning through fun & games.
✅ Inquiry Method: Based on curiosity & questioning.
✅ Discussion Method: Promotes logical & critical thinking.
✅ Activity-based Learning: Observation, field trips, experiments — experiential learning.
✅ Constructivism: Learner constructs knowledge → Learning by doing.
✅ Piaget – Cognitive Development, Vygotsky – Social Learning (ZPD), Bruner – Discovery Learning.
📚 Teaching Tip (For CTET Pedagogy):
अगर CTET question पूछे –
“EVS में कौन-सा दृष्टिकोण बच्चे को अनुभव के माध्यम से सीखने का अवसर देता है?”
👉 उत्तर होगा: Activity-based / Constructivist / Project-based Approach.
📘 Topic: Thematic Approach, Integrated Approach, Project-based Approach
EVS (Environmental Studies) पढ़ाने का उद्देश्य है — बच्चों को अपने आसपास के पर्यावरण से जोड़ना, सोचने और समझने की क्षमता बढ़ाना, और व्यावहारिक रूप से सीखने (learning by doing) के अवसर देना।
इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न Teaching Approaches (शिक्षण दृष्टिकोण) का प्रयोग किया जाता है।
इनमें से सबसे महत्वपूर्ण तीन हैं —
Thematic Approach (थीमैटिक दृष्टिकोण)
Integrated Approach (समेकित दृष्टिकोण)
Project-based Approach (परियोजना आधारित दृष्टिकोण)
Theme (विषय-वस्तु) के आधार पर शिक्षण किया जाता है।
इसका अर्थ है — किसी मुख्य विषय (central theme) के चारों ओर अलग-अलग अवधारणाओं (concepts) को जोड़ना।
बच्चे को एक ही विषय से संबंधित विभिन्न पहलू एक साथ सीखने को मिलते हैं।
Theme-based Learning:
पाठ एक मुख्य विषय पर आधारित होता है, जैसे — Water, My Family, Plants, Festivals आदि।
Connected Concepts:
एक ही थीम से जुड़े Science, Social Studies, Geography, Art, Values आदि के पहलू मिलाकर पढ़ाए जाते हैं।
Holistic Understanding (समग्र समझ):
बच्चे एक विषय को कई दृष्टिकोणों से समझते हैं — केवल एक विषय की तरह नहीं।
Active Learning (सक्रिय सीखना):
बच्चे चर्चा, गतिविधि, चित्र बनाना, कहानी सुनना आदि से सीखते हैं।
Suitable for Primary Level:
छोटे बच्चों के लिए बहुत प्रभावी तरीका है क्योंकि वे चीज़ों को अलग-अलग विषयों में नहीं बाँटते।
👉 Theme – “Water”
Science: Water cycle, forms of water
Social Studies: Sources of water, need to save water
Language: Poem on rain
Art: Drawing clouds and rivers
➡️ बच्चे एक ही विषय से जुड़े विभिन्न पहलू सीखते हैं।
“Integrated” का मतलब है — विभिन्न विषयों को जोड़कर सिखाना (linking different subjects together)।
यह EVS का सबसे महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है, क्योंकि EVS खुद एकीकृत विषय (integrated subject) है।
Combines Multiple Subjects:
EVS में Science + Social Studies + Environmental Awareness को एक साथ सिखाया जाता है।
Real-life Connection:
बच्चे सीखते हैं कि जीवन में विषय अलग-अलग नहीं होते — वे आपस में जुड़े होते हैं।
Example-based Learning:
पाठ्यक्रम जीवन की वास्तविक स्थितियों से जुड़ा होता है।
Promotes Deeper Understanding:
बच्चे यह समझते हैं कि किसी समस्या का समाधान करने के लिए कई दृष्टिकोणों से सोचना ज़रूरी है।
Encourages Curiosity:
बच्चे “क्यों” और “कैसे” जैसे प्रश्न पूछते हैं, जिससे inquiry-based learning बढ़ती है।
👉 Topic – “Plants around us”
Science: Parts of plants, photosynthesis
Social Studies: Use of plants in our community
Value Education: Importance of trees for environment
Art: Leaf printing
➡️ बच्चे को एक साथ कई विषयों का जुड़ाव समझ आता है।
“Project-based learning” का मतलब है — किसी विषय पर वास्तविक कार्य (real-life task) करके सीखना।
इसमें बच्चे खुद खोज करते हैं, जानकारी एकत्र करते हैं, और परिणाम प्रस्तुत करते हैं।
इसका उद्देश्य है — learning by doing (करके सीखना)।
Practical Learning (व्यावहारिक सीखना):
बच्चे किसी विषय पर कार्य या गतिविधि करते हैं।
जैसे — सर्वे करना, मॉडल बनाना, रिपोर्ट लिखना आदि।
Team Work (टीम वर्क):
बच्चे समूहों में काम करते हैं, जिससे सहयोग (cooperation) और communication skills विकसित होती हैं।
Problem-solving Skills:
बच्चे किसी समस्या की पहचान करते हैं, समाधान सोचते हैं और प्रयोग करते हैं।
Develops Responsibility:
प्रत्येक बच्चा अपने हिस्से का कार्य करता है — इससे जिम्मेदारी की भावना आती है।
Outcome-based:
प्रोजेक्ट का एक परिणाम (final product) होता है — जैसे रिपोर्ट, मॉडल, चार्ट या प्रस्तुति।
👉 Project – “Clean Our School”
बच्चे स्कूल में गंदगी के स्थानों की पहचान करते हैं।
एक योजना बनाते हैं — सफाई दिवस आयोजित करते हैं।
पोस्टर बनाते हैं “Keep your classroom clean.”
➡️ इस तरह बच्चे cleanliness की importance को अनुभव से सीखते हैं।
| Approach | Key Idea | Example |
|---|---|---|
| Thematic | एक “theme” से सब कुछ जोड़ना | Theme – Water |
| Integrated | अलग-अलग विषयों को एक साथ जोड़ना | Science + Social + Value |
| Project-based | करके सीखना, real-life work | Cleanliness drive, survey project |
Thematic Approach:
Theme (central idea) पर आधारित शिक्षण।
बच्चों की समग्र समझ (holistic understanding) बढ़ती है।
Example – “Water” या “My Family” theme पर activities।
Integrated Approach:
Different subjects को जोड़कर सिखाना।
EVS का मुख्य दृष्टिकोण — Science + Social + Environment का मेल।
Life-oriented learning।
Project-based Approach:
“Learning by doing” का तरीका।
बच्चे वास्तविक समस्याओं पर काम करते हैं।
Develops cooperation, problem-solving, creativity।
तीनों Approaches का उद्देश्य:
बच्चे में concept clarity, skills, और values विकसित करना।
सीखना रोचक (interesting) और अनुभवात्मक (experiential) बनाना।
EVS (Environmental Studies) का उद्देश्य है – बच्चों को अपने पर्यावरण से जोड़ना, सोचने-समझने की क्षमता विकसित करना और अनुभव से सीखना (learning by doing)।
इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए EVS में विभिन्न Teaching Methods (शिक्षण विधियाँ) अपनाई जाती हैं, ताकि सीखना रोचक, व्यावहारिक और बाल-केंद्रित हो।
इस विधि में शिक्षक किसी concept या value को कहानी (story) के माध्यम से सिखाता है।
बच्चे कहानी सुनकर concept समझते हैं, कल्पना करते हैं और उससे value सीखते हैं।
Imaginative Learning (कल्पनाशक्ति का विकास):
कहानी से बच्चे के मन में चित्र बनते हैं, जिससे concept लंबे समय तक याद रहता है।
Moral & Emotional Connection:
कहानी में नैतिक मूल्य (values) और भावनाएँ जुड़ी होती हैं।
जैसे — “पानी बचाने वाली चिड़िया” की कहानी से बच्चे conservation सीखते हैं।
Easy Concept Learning:
कठिन बातें सरल रूप में समझ आती हैं।
जैसे — Water Cycle को “बादल की यात्रा” कहानी से सिखाया जा सकता है।
Interactive Teaching:
शिक्षक बच्चों से सवाल पूछ सकता है — “अगर तुम उस कहानी में होते तो क्या करते?”
इससे critical thinking (आलोचनात्मक सोच) विकसित होती है।
Topic: “Saving Trees”
Story: “एक छोटा लड़का जो रोज़ पेड़ को पानी देता था, और पेड़ उसे छाँव देता था।”
Concept: Plants are our friends, we must care for them.
इस विधि में बच्चों को खेल (play) के माध्यम से सिखाया जाता है।
यह child-centered (बाल-केंद्रित) और activity-based तरीका है।
Learning by Playing:
खेलों में बच्चे बिना दबाव के सीखते हैं।
जैसे “Clean or Dirty” sorting game से hygiene सिखाया जा सकता है।
Joyful Learning Environment:
यह विधि बच्चों में रुचि (interest) और motivation पैदा करती है।
Develops Team Spirit & Cooperation:
समूह में खेल खेलने से teamwork और social values सिखाई जाती हैं।
Helps in Concept Clarity:
खेलों के माध्यम से बच्चे अनुभव करते हैं, जो समझ को मजबूत बनाता है।
Topic: “Traffic Rules”
Game: “Traffic Light Game” — बच्चे लाल बत्ती पर रुकते हैं, हरी पर चलते हैं।
Concept: Road safety rules सीखना खेल के माध्यम से।
Inquiry (अन्वेषण) का अर्थ है — प्रश्न पूछना, खोज करना, और उत्तर ढूँढना।
बच्चे स्वयं प्रश्न पूछकर, निरीक्षण (observation) और प्रयोग (experimentation) द्वारा सीखते हैं।
Child as a Discoverer:
शिक्षक सिर्फ मार्गदर्शक (facilitator) होता है, खोज बच्चे स्वयं करते हैं।
Develops Curiosity (जिज्ञासा):
बच्चे “क्यों?” “कैसे?” जैसे प्रश्न पूछते हैं, जिससे सोचने की क्षमता बढ़ती है।
Active Learning:
सीखना केवल सुनने तक सीमित नहीं, बल्कि करने और देखने तक बढ़ता है।
Real-life Connection:
बच्चे अपने आसपास की चीज़ों से सीखते हैं।
Topic: “Which materials float or sink?”
Activity: बच्चे पानी में लकड़ी, पत्थर, प्लास्टिक डालकर देखते हैं।
Concept: Density और floating concept बच्चों को अपने अनुभव से समझ आता है।
Discussion का मतलब है — समूह में विचारों का आदान-प्रदान (exchange of ideas)।
इसमें बच्चे किसी विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हैं और दूसरों को सुनते हैं।
Promotes Thinking and Expression:
बच्चे सोचते हैं, बोलते हैं और दूसरों के विचारों को सुनना सीखते हैं।
Democratic Learning Environment:
सभी को बोलने का अवसर मिलता है, जिससे mutual respect (आपसी सम्मान) की भावना आती है।
Concept Clarification:
बच्चे चर्चा के दौरान गलतफहमियाँ दूर करते हैं।
Helps in Value Education:
चर्चा के माध्यम से बच्चे सामाजिक और नैतिक मूल्यों को सीखते हैं।
Topic: “Why should we not waste food?”
Discussion: बच्चे कारण बताते हैं — “क्योंकि कुछ लोगों को खाना नहीं मिलता,” “खाना भगवान का आशीर्वाद है।”
Concept: Gratitude, conservation, empathy.
कहानी के माध्यम से concept सिखाना।
बच्चों की कल्पना और नैतिक मूल्यों का विकास।
Example: “Cloud’s journey” story for water cycle.
खेल के माध्यम से सीखना।
आनंदमय और बाल-केंद्रित तरीका।
Example: “Traffic light game” for road safety.
बच्चे स्वयं प्रश्न पूछकर खोज करते हैं।
“Learning by finding out” तरीका।
Example: “Float or sink” experiment.
समूह में विचार साझा करना।
सोचने, बोलने, सुनने की क्षमता विकसित होती है।
Example: “Why we should not waste food?” discussion.
EVS teaching में इन methods का उद्देश्य है —
👉 Concept clarity
👉 Curiosity and observation skills
👉 Value development
👉 Joyful & child-centered learning
NCF 2005 और NEP 2020 दोनों में इन विधियों को activity-based learning के रूप में बढ़ावा दिया गया है।
Activity-based Learning (ABL) का मतलब है —
“Learning by Doing” (करके सीखना)।
इस पद्धति में बच्चे केवल सुनते नहीं, बल्कि स्वयं गतिविधियों में भाग लेकर अनुभव से सीखते हैं।
यह विधि child-centered (बाल-केंद्रित) और experience-based (अनुभव-आधारित) होती है।
Active Participation (सक्रिय भागीदारी):
बच्चे खुद कुछ करते हैं, जिससे concept लंबे समय तक याद रहता है।
Example: पौधे की बढ़त देखने के लिए बच्चे खुद बीज बोते हैं।
Learning through Experience (अनुभव के माध्यम से सीखना):
जब बच्चे किसी चीज़ को खुद महसूस करते हैं, तो ज्ञान गहरा होता है।
Example: मिट्टी में बीज डालकर germination देखना।
Develops Skills:
Observation (निरीक्षण), Questioning (प्रश्न करना), Classification (वर्गीकरण) जैसी skills विकसित होती हैं।
Joyful & Meaningful Learning:
बच्चे आनंद से सीखते हैं, और उन्हें विषय अपने जीवन से जुड़ा महसूस होता है।
Field Trip का मतलब है — कक्षा के बाहर जाकर वास्तविक जीवन में सीखना।
यह EVS का बहुत महत्वपूर्ण भाग है क्योंकि इससे बच्चे अपने पर्यावरण को प्रत्यक्ष रूप से (directly) देखते और समझते हैं।
Real-life Experience:
बच्चे जो textbook में पढ़ते हैं, उसे खुद देख और महसूस करते हैं।
Example: “Water sources” के लिए बच्चे पास के तालाब या नदी पर ले जाए जा सकते हैं।
Observation Skills विकसित करना:
बच्चे आसपास की चीज़ों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करना सीखते हैं।
Social & Environmental Awareness:
बच्चे प्रकृति, समाज और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील बनते हैं।
Example: “Zoo visit” से जानवरों के संरक्षण का महत्व समझ आता है।
Teamwork & Cooperation:
समूह में घूमने से सहयोग (cooperation) और discipline (अनुशासन) की भावना विकसित होती है।
Topic: “Plants around us”
Activity: पास के गार्डन या खेत में बच्चों को पौधों के प्रकार देखने ले जाना।
Concept: Leaf shape, flower color, tree type – सभी concepts वास्तविक रूप में सीखना।
Experiment का मतलब है — किसी तथ्य या सिद्धांत को खुद करके सत्यापित करना (verify by doing).
EVS में प्रयोगों के ज़रिए बच्चे वैज्ञानिक दृष्टिकोण (scientific attitude) विकसित करते हैं।
Learning through Doing:
बच्चे केवल पढ़ने की बजाय खुद करते हैं, जिससे उनकी समझ गहरी होती है।
Concept Clarity:
Experiments से बच्चे cause-effect (कारण-परिणाम) समझते हैं।
Example: “Evaporation” को दिखाने के लिए पानी को धूप में रखकर देखना।
Encourages Curiosity:
“क्या होगा अगर...?” ऐसे प्रश्नों से बच्चे में जिज्ञासा बढ़ती है।
Develops Scientific Temper (वैज्ञानिक दृष्टिकोण):
बच्चे सोचते हैं, तुलना करते हैं, निष्कर्ष निकालते हैं।
Topic: “Air is needed for burning”
Experiment: एक मोमबत्ती को ग्लास से ढकने पर बुझ जाना।
Concept: Air helps in burning.
Topic: “Plants need sunlight”
Experiment: एक पौधा धूप में और दूसरा अंधेरे में रखो; फर्क देखो।
Observation का मतलब है — चीज़ों को ध्यान से देखना, सुनना, और समझना।
यह EVS की सबसे मूलभूत skill (basic skill) है।
Foundation of Scientific Learning:
हर वैज्ञानिक खोज की शुरुआत observation से होती है।
Sharpens Senses:
बच्चे देखना, सुनना, महसूस करना सीखते हैं।
Example: “Which sounds are natural?” activity से बच्चे आसपास की ध्वनियों को पहचानते हैं।
Encourages Noticing Details:
बच्चे छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना सीखते हैं।
Example: “Ants are carrying food” — यह noticing behavior है।
Record Keeping:
Observation के बाद बच्चे नोट्स बनाते हैं या drawing करते हैं।
इससे उनके recording और reporting skills विकसित होते हैं।
Topic: “Weather changes”
Activity: रोज़ मौसम का निरीक्षण करना और चार्ट बनाना।
Concept: Weather observation से daily changes समझना।
Meaning: Learning by doing.
Focus: Child-centered, experiential learning.
Benefits: Interest, participation, real-life understanding.
Learning outside classroom – direct experience.
Develops: Observation, awareness, cooperation.
Example: Visit to zoo, garden, museum.
Verify concept through practical activity.
Develops: Curiosity, scientific thinking.
Example: Air helps in burning, plants need sunlight.
Careful watching and noticing details.
Develops: Attention, recording skill, awareness.
Example: Weather, sounds, plants, insects.
EVS में Activity-based Learning बच्चे को active learner बनाता है।
इससे knowledge + skill + attitude – तीनों का विकास होता है।
यह NCF 2005 और NEP 2020 की child-centered, joyful learning की अवधारणा को पूरा करता है।
Constructivism (संरचनावाद) एक ऐसा सिद्धांत है जिसमें कहा गया है कि —
“Child actively constructs (बनाता है) knowledge through experience and interaction.”
यानी ज्ञान शिक्षक द्वारा दिया नहीं जाता, बल्कि बच्चा स्वयं अपने अनुभवों से बनाता है।
Learner is active (सीखने वाला सक्रिय होता है):
बच्चा केवल सुनता नहीं, बल्कि सोचता, करता और अनुभव करता है।
Example: अगर बच्चा बारिश के बाद मिट्टी में खेलता है, तो वह खुद सीखता है कि मिट्टी गीली होकर चिपचिपी हो जाती है।
Learning by Doing (करके सीखना):
ज्ञान तब स्थायी होता है जब बच्चा खुद किसी कार्य को करके समझे।
Example: पौधे लगाने की activity से बच्चा पौधे की ज़रूरतें (sunlight, water) खुद समझता है।
Learning is a Social Process (सीखना सामाजिक प्रक्रिया है):
बच्चा अपने साथियों, शिक्षक और वातावरण से बातचीत कर के सीखता है।
Teacher is a Facilitator (सुविधादाता):
शिक्षक ज्ञान देने वाला नहीं, बल्कि बच्चों को सीखने का वातावरण प्रदान करने वाला होता है।
Jean Piaget ने कहा कि बच्चे actively construct knowledge through interaction with environment।
उन्होंने सीखने की प्रक्रिया को “Cognitive Development (संज्ञानात्मक विकास)” कहा।
Sensory-Motor Stage (0–2 years):
बच्चा इंद्रियों (senses) और क्रियाओं से सीखता है।
Example: चीज़ छूकर या मुँह में लेकर पहचानना।
Pre-Operational Stage (2–7 years):
बच्चा कल्पना करता है, परंतु तर्क (logic) सीमित होता है।
Example: सोचता है कि सूरज उसके साथ चलता है।
Concrete Operational Stage (7–11 years):
बच्चा वास्तविक चीज़ों के आधार पर तर्क करना सीखता है।
Example: जब वह पानी को अलग-अलग बर्तन में डालता है तो समझता है कि मात्रा वही रहती है।
Formal Operational Stage (11 years & above):
बच्चा अमूर्त (abstract) और वैज्ञानिक सोचने लगता है।
Topic: Water Cycle
बच्चे खुद drawing और evaporation-condensation experiment करके concept बनाते हैं।
(शिक्षक केवल मार्गदर्शन देता है।)
Lev Vygotsky ने कहा कि सीखना एक Social Process (सामाजिक प्रक्रिया) है।
बच्चे अपने interaction (संवाद) और language (भाषा) के माध्यम से सीखते हैं।
Zone of Proximal Development (ZPD – निकटतम विकास क्षेत्र):
वह क्षेत्र जिसमें बच्चा थोड़ी सहायता (scaffolding) से नया ज्ञान प्राप्त कर सकता है।
Example: बच्चा साइकिल चलाना नहीं जानता, लेकिन किसी के साथ पकड़े हुए चलाना सीख सकता है।
Scaffolding (सहायक संरचना):
शिक्षक या साथी थोड़ी सहायता देकर बच्चे को स्वतंत्र रूप से कार्य करने योग्य बनाता है।
Example: शिक्षक पहले विज्ञान प्रयोग करके दिखाता है, फिर बच्चे को खुद करने देता है।
Language as a Tool:
भाषा सोचने और समझने का मुख्य माध्यम है।
Classroom Example: चर्चा (discussion) और group work में बच्चे एक-दूसरे से सीखते हैं।
Jerome Bruner ने कहा कि बच्चे खुद खोजकर (discover करके) सीखते हैं।
Learning तब meaningful होती है जब बच्चा खुद निष्कर्ष (conclusion) तक पहुँचता है।
Enactive Stage (क्रियात्मक):
बच्चा करके सीखता है (Learning by doing)।
Example: गेंद को पकड़कर या फेंककर गति (motion) समझना।
Iconic Stage (चित्रात्मक):
बच्चा चित्रों और visuals से सीखता है।
Example: पौधे की life cycle को चित्रों से समझना।
Symbolic Stage (प्रतीकात्मक):
बच्चा शब्दों, चिन्हों और भाषा से सीखता है।
Example: "H2O" देखकर समझना कि यह पानी है।
Topic: Air is needed for burning
शिक्षक बच्चे को स्वयं experiment करने देता है।
बच्चा खुद निष्कर्ष निकालता है कि – “Air is necessary for burning.”
Facilitator बनना:
मार्गदर्शन देना, उत्तर नहीं बताना।
Child-centered Activities:
Projects, experiments, observation-based learning देना।
Discussion और Group Work को बढ़ावा देना:
सहयोग से बच्चे एक-दूसरे से सीखते हैं।
Real-life Context देना:
Learning को जीवन से जोड़ना।
Example: “Clean environment” topic के लिए बच्चों को स्कूल परिसर साफ करने की activity देना।
Knowledge is constructed by learner through experience.
Focus: Learning by doing, exploration, collaboration.
Teacher → Facilitator.
Cognitive development stages (4): sensory-motor → pre-operational → concrete → formal.
Learning = interaction with environment.
Learning is social.
ZPD (Zone of Proximal Development) and Scaffolding are key concepts.
Language is main learning tool.
Discovery Learning: Student learns by finding out.
Learning stages: Enactive → Iconic → Symbolic.
Activity-based learning, group work, questioning, and observation-based tasks.
Teacher creates environment for exploration, not rote learning.
जब EVS question में पूछा जाए — “EVS में कौन-सा दृष्टिकोण (approach) बच्चों को actively भाग लेने का अवसर देता है?”
👉 उत्तर होगा — Constructivist / Activity-based / Child-centered Approach.
📋 Topics:-
Meaning: जब किसी एक विषय (Subject) को समझने या सिखाने में कई अलग-अलग विषयों (जैसे Science, Maths, Social Science, Language) का एक साथ उपयोग किया जाता है, तो उसे Multidisciplinary Approach कहते हैं।
👉 मतलब – एक ही विषय कई विषयों से जुड़ा होता है।
Example (Classroom):
जब शिक्षक “Water” पर अध्यापन करते हैं और उसमें –
Science से → जल का चक्र (Water Cycle),
Social Science से → नदी संस्कृति,
Maths से → जल माप (Measurement of water),
Language से → “जल ही जीवन है” कविता सिखाते हैं,
तो यह Multidisciplinary Approach कहलाती है।
📘 CTET Tip: EVS की पढ़ाई हमेशा Integrated & Multidisciplinary होती है।
Meaning: Linkages का मतलब है किसी चीज़ को दूसरी चीज़ से जोड़ना या उसके बीच संबंध बनाना।
👉 EVS में हम सीखते हैं कि पर्यावरण (Environment) का हर हिस्सा किसी न किसी चीज़ से जुड़ा है।
Example:
पौधे (Plants) सूर्य, पानी, और मिट्टी से जुड़े हैं।
किसान (Human) पौधों से और बाज़ार से जुड़ा है।
यह सब मिलकर Environmental Linkages कहलाते हैं।
📘 CTET Tip: EVS का मुख्य उद्देश्य बच्चों को linkages between natural and social world सिखाना है।
Meaning: Conservation का मतलब है – प्राकृतिक संसाधनों (Natural Resources) जैसे पानी, हवा, मिट्टी, पेड़-पौधे आदि का संरक्षण करना यानी उनका सोच-समझकर उपयोग करना ताकि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बचे रहें।
Example (Daily Life):
नल खुला न छोड़ना (Save Water)
पेड़ न काटना
बिजली व्यर्थ न जलाना
📘 CTET Tip: Conservation EVS का प्रमुख मूल्य (Core Value) है — “Use but don’t misuse nature.”
Meaning: जब कोई व्यक्ति किसी चीज़ की सही जानकारी रखता है और उसका असर समझता है, तो उसे Awareness कहते हैं।
👉 EVS में “Environmental Awareness” का मतलब है — पर्यावरण की समस्याओं को पहचानना और उनके समाधान के लिए सजग रहना।
Example:
बच्चे यह जानें कि प्लास्टिक का ज़्यादा उपयोग पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है — यह है Awareness।
स्कूल में “Earth Day” मनाना भी जागरूकता बढ़ाने का तरीका है।
📘 CTET Tip: EVS में “awareness” हमेशा “action” से जुड़ी होती है — समझो और उस पर काम करो।
Meaning: ऐसा विकास (Development) जो वर्तमान ज़रूरतें पूरी करे लेकिन आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों से समझौता न करे, उसे Sustainable Development कहते हैं।
👉 मतलब – “विकास ऐसा हो जो पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाए।”
Example (Daily Life):
सौर ऊर्जा (Solar Energy) का उपयोग करना।
पेड़ लगाकर निर्माण करना।
एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से बचना।
📘 CTET Tip: NEP 2020 और EVS दोनों में Sustainability (सततता) को ज़ोर दिया गया है।
Meaning: जब स्थानीय लोग (Parents, Villagers, Local Authorities) स्कूल की गतिविधियों में भाग लेते हैं, तो उसे Community Participation कहते हैं।
👉 यह बच्चों के सीखने को “जीवन से जोड़ने” में मदद करता है।
Example:
गाँव के किसान बच्चों को “Crops” के बारे में सिखाते हैं।
माता-पिता बच्चों के “Cleanliness Drive” में शामिल होते हैं।
📘 CTET Tip: EVS pedagogy में यह बहुत पूछा जाता है — “Learning Beyond Classroom = Community Participation”
Meaning: जब दो या दो से अधिक चीज़ें एक-दूसरे पर निर्भर होती हैं, तो उसे Interdependence कहते हैं।
👉 प्रकृति में हर चीज़ किसी न किसी चीज़ पर निर्भर है।
Example:
पौधे सूर्य और पानी पर निर्भर हैं।
जानवर पौधों पर निर्भर हैं।
मनुष्य दोनों पर निर्भर है।
📘 CTET Tip: EVS में Interdependence बच्चों को “Balance in Nature” समझने में मदद करता है।
Meaning: किसी वस्तु, घटना या परिवर्तन को ध्यानपूर्वक देखना और समझना Observation कहलाता है।
👉 यह EVS में सबसे ज़रूरी “Process Skill” है।
Example (Classroom):
बच्चे पौधे के बढ़ने की प्रक्रिया रोज़ देखकर नोट करें — यह Observation है।
मौसम बदलते समय बादल, तापमान और हवा में फर्क देखना।
📘 CTET Tip: Observation = First Step of Scientific Thinking.
Meaning: जब हम किसी और की स्थिति या भावना को महसूस करते हैं और उसे समझने की कोशिश करते हैं, तो यह Empathy कहलाती है।
👉 EVS में यह सामाजिक और नैतिक मूल्य सिखाने में मदद करती है।
Example:
जानवरों के साथ प्यार से पेश आना।
झोपड़पट्टी में रहने वाले बच्चों की कठिनाई समझना।
📘 CTET Tip: Empathy develops emotional and social learning in EVS.
Meaning: Citizenship का मतलब है – समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी और भागीदारी की भावना रखना।
👉 EVS बच्चों को “Responsible Citizenship” की भावना सिखाता है।
Example (Classroom):
बच्चे ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं।
स्कूल के आसपास सफाई अभियान में भाग लेते हैं।
📘 CTET Tip: EVS का मुख्य लक्ष्य है “Responsible & Environment-friendly Citizenship.”
✅ Multidisciplinary Approach:
EVS कई विषयों (Science, Social Science, Maths, Language) को जोड़कर सिखाता है।
✅ Linkages:
Nature, society और environment के बीच संबंध को समझना।
✅ Conservation:
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सोच-समझकर उपयोग।
✅ Awareness:
पर्यावरण की समस्याओं को पहचानना और समाधान की दिशा में काम करना।
✅ Sustainability:
ऐसा विकास जो आने वाली पीढ़ियों को नुकसान न पहुँचाए।
✅ Community Participation:
School और Local Community का सहयोग बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में।
✅ Interdependence:
प्रकृति के हर तत्व का एक-दूसरे पर निर्भर होना।
✅ Observation:
EVS की आधारभूत कौशल (Core Process Skill)।
✅ Empathy:
दूसरों के प्रति संवेदनशीलता और करुणा की भावना।
✅ Responsible Citizenship:
बच्चों में सामाजिक, पर्यावरणीय और नैतिक जिम्मेदारी विकसित करना।
Multidisciplinary (बहुविषयी) का अर्थ है — कई विषयों (subjects) को एक साथ जोड़कर सिखाना, ताकि बच्चा चीज़ों को समग्र रूप (holistic way) में समझे।
EVS (Environmental Studies) ऐसा विषय है जो Science, Social Science, Maths, Language – सभी से जुड़ा हुआ है।
यह बच्चों को real-life learning (वास्तविक जीवन से जुड़ा अधिगम) प्रदान करता है।
🧩 Example:
जब शिक्षक "Water" पढ़ाता है —
Science में → जल का चक्र (Water cycle)
Social Studies में → नदियाँ और उनका महत्व
Maths में → जल की मात्रा मापना (Measurement in litres)
Language में → “जल पर कविता” या “Water story writing”
इस तरह एक ही concept से बच्चे कई विषयों का ज्ञान पाते हैं।
EVS का मुख्य भाग science concepts पर आधारित है – जैसे plants, animals, air, water, weather, body, energy आदि।
यह बच्चों में Observation (अवलोकन) और Experimentation (प्रयोग) की भावना विकसित करता है।
EVS में बच्चे reasoning (तर्कशीलता) सीखते हैं – “क्यों हुआ?” “कैसे हुआ?” जैसे प्रश्न पूछते हैं।
🧪 Example:
Topic: “Air Around Us”
→ बच्चे मोमबत्ती और गिलास प्रयोग से समझते हैं कि “Air is needed for burning.”
Topic: “Plants”
→ बच्चे पत्तियों में रंग देखकर chlorophyll का महत्व समझते हैं।
📘 CTET Tip: EVS का science linkage बच्चों में curiosity (जिज्ञासा) और exploration (अन्वेषण) की भावना जगाता है।
EVS बच्चों को अपने परिवार (family), समाज (society), संस्कृति (culture) और पर्यावरण (environment) से जोड़ता है।
यह सिखाता है कि मनुष्य और प्रकृति एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं।
यह citizenship values (नागरिकता मूल्य) और social responsibility (सामाजिक उत्तरदायित्व) विकसित करता है।
🌏 Example:
Topic: “Our Neighbourhood” → बच्चे समझते हैं कि समाज में अलग-अलग लोग (doctor, teacher, farmer) कैसे काम करते हैं।
Topic: “Food We Eat” → समाज में विभिन्न जगहों पर खाने की विविधता (diversity in food) को समझना।
Topic: “Festivals” → सांस्कृतिक विविधता और एकता (unity in diversity) का अनुभव।
📘 CTET Tip: EVS बच्चों को “Social awareness (सामाजिक जागरूकता)” और “Community participation (सामुदायिक सहभागिता)” सिखाता है।
EVS में कई अवधारणाएँ ऐसी हैं जहाँ गणित का उपयोग होता है।
यह बच्चों में numerical skills (संख्यात्मक कौशल) और measurement skills (मापन कौशल) विकसित करता है।
बच्चे गणना, तुलना, आकृतियाँ, और पैटर्न जैसी बातें EVS के माध्यम से सीखते हैं।
🔢 Examples:
Topic: “Water” → पानी की मात्रा मापना (litres, millilitres)।
Topic: “Travel & Distance” → दूरी मापना (km, metres)।
Topic: “Plants Growth” → पौधे की ऊँचाई मापना (measurement chart)।
Topic: “Weather” → तापमान को thermometer से पढ़ना (numerical reading)।
📘 CTET Tip: EVS और Maths का linkage बच्चों को “Practical Maths (व्यवहारिक गणित)” सिखाता है – यानी गणित का जीवन में उपयोग।
भाषा (Language) सीखने का सबसे अच्छा माध्यम है EVS topics, क्योंकि बच्चे nature और surroundings पर बात करना पसंद करते हैं।
EVS बच्चों को communication (संप्रेषण) और expression (अभिव्यक्ति) के अवसर देता है।
EVS पढ़ते समय बच्चे reading, writing, listening, speaking — चारों language skills विकसित करते हैं।
🗣️ Examples:
Topic: “Animals” → बच्चे जानवरों पर छोटी कहानियाँ (stories) या poems लिखते हैं।
Topic: “Seasons” → मौसम पर role play करते हैं।
Topic: “Our Body” → parts of body का नाम सीखते हैं और sentence बनाते हैं।
Teacher EVS के lesson में vocabulary (शब्दावली) सिखाता है — जैसे “evaporation, pollution, recycle।”
📘 CTET Tip: EVS के माध्यम से भाषा सिखाने से बच्चे “context-based learning (संदर्भ आधारित अधिगम)” करते हैं — यानी भाषा को अर्थ के साथ जोड़कर सीखते हैं।
Holistic Learning (समग्र अधिगम): बच्चे एक ही concept को विभिन्न दृष्टिकोणों से समझते हैं।
Meaningful Learning (अर्थपूर्ण अधिगम): बच्चे चीज़ों को अपने अनुभव से जोड़ पाते हैं।
Interest & Curiosity (रुचि और जिज्ञासा): विषयों को जोड़ने से सीखना मज़ेदार बनता है।
Skill Development (कौशल विकास): Observation, communication, reasoning, calculation — सब साथ विकसित होते हैं।
Real-life Connection (जीवन से जुड़ाव): बच्चे यह समझते हैं कि सीखा हुआ ज्ञान वास्तविक जीवन में कैसे काम आता है।
🧩 Example:
Topic – “Clean Water”
→ Science: Filtration experiment
→ Social Science: Government’s role in providing clean water
→ Maths: Quantity of water used per day
→ Language: Paragraph writing on “Save Water”
✅ Multidisciplinary Linkages = Connecting EVS with other subjects for holistic learning.
✅ Science Link: Observation, experiments, reasoning – e.g., Air, Water, Plants.
✅ Social Science Link: Society, family, festivals, duties, values.
✅ Maths Link: Measurement, counting, distance, temperature.
✅ Language Link: Reading, writing, speaking through EVS topics.
✅ Importance:
Makes learning meaningful and life-based.
Develops multiple skills (thinking, speaking, measuring).
Encourages curiosity and creativity.
✅ CTET Question Tip:
If question asks – “Which approach helps in connecting EVS with other subjects?”
👉 Answer: Integrated / Multidisciplinary Approach.
Environmental Awareness का मतलब है — हमें यह जानकारी (awareness) और समझ (understanding) हो कि हमारा पर्यावरण (environment) क्या है और उसकी रक्षा क्यों ज़रूरी है।
इसका उद्देश्य बच्चों को यह सिखाना है कि वे प्रकृति (nature) के साथ सामंजस्य (harmony) में रहें, न कि उसे नुकसान पहुँचाएँ।
जागरूकता का मतलब केवल जानकारी रखना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से व्यवहार करना (responsible behavior) भी है।
🌱 Example:
अगर बच्चा समझे कि प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान होता है और वह कपड़े का थैला उपयोग करे — यही environmental awareness है।
शिक्षक बच्चों से प्रश्न पूछे – “हमारे घर के पास पेड़ कम क्यों हैं?” → इससे बच्चे सोचने लगते हैं।
📘 CTET Tip: Awareness का पहला कदम है जानना (knowing) और दूसरा कदम है करना (acting)।
Conservation का अर्थ है — किसी चीज़ का सही उपयोग (judicious use) और संरक्षण (protection) ताकि वह भविष्य में भी बनी रहे।
यह न केवल पेड़-पौधों और जानवरों का संरक्षण है, बल्कि पानी, मिट्टी, हवा, ऊर्जा (energy) आदि संसाधनों का भी है।
Conservation सिखाता है कि “Use but don’t misuse” (उपयोग करो, दुरुपयोग नहीं)।
💧 Example:
पानी को व्यर्थ न बहाना।
लाइट या पंखा बंद कर देना जब ज़रूरत न हो।
कागज़ के दोनों तरफ़ उपयोग करना।
📘 CTET Tip: Conservation value बच्चों में responsibility (ज़िम्मेदारी) और care (देखभाल) की भावना लाता है।
EVS (Environmental Studies) का मूल उद्देश्य है – बच्चे अपने आसपास के वातावरण (surroundings) को समझें और उसकी रक्षा करना सीखें।
बच्चों में observation (अवलोकन) और sensitivity (संवेदनशीलता) विकसित करना ज़रूरी है।
जब बच्चे यह समझते हैं कि उनका जीवन पर्यावरण पर निर्भर है, तब उनमें protective attitude (संरक्षक दृष्टिकोण) आता है।
🌍 Example (Classroom Activity):
शिक्षक बच्चों को स्कूल गार्डन में ले जाकर पौधों की देखभाल करवा सकते हैं।
बच्चे स्कूल के पेड़ों को नाम दे सकते हैं और “My Tree” प्रोजेक्ट चला सकते हैं।
📘 CTET Tip: EVS का उद्देश्य है – “Learning to live in harmony with nature (प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर जीना)।”
Pollution (प्रदूषण): हवा, पानी, मिट्टी और ध्वनि में गंदगी फैलना।
Deforestation (वनों की कटाई): पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण असंतुलित होता है।
Global Warming (वैश्विक ऊष्मीकरण): पृथ्वी का तापमान बढ़ना।
Waste Disposal (कचरा प्रबंधन): कचरे को सही तरीके से न फेंकना।
Water Scarcity (जल संकट): जल का अत्यधिक दुरुपयोग।
♻️ Example:
बच्चे स्कूल में “No Plastic Day” या “Plant a Tree Week” मनाकर awareness फैला सकते हैं।
कक्षा में चर्चा (discussion) कर सकते हैं कि ध्वनि प्रदूषण कैसे कम किया जा सकता है।
Respect for Nature (प्रकृति के प्रति सम्मान): हर जीव और पौधे का मूल्य समझना।
→ Example: चींटी या पेड़ को नुकसान न पहुँचाना।
Care and Empathy (देखभाल और सहानुभूति): जीव-जंतुओं और पर्यावरण की ज़रूरतों को समझना।
→ Example: पक्षियों के लिए पानी रखना।
Responsibility (ज़िम्मेदारी): पर्यावरण की रक्षा में अपनी भूमिका पहचानना।
→ Example: स्कूल में “Green Monitor” बनना जो lights/fans चेक करे।
Simplicity and Non-wastefulness (सादगी और अपव्यय न करना): केवल उतना उपयोग करना जितना ज़रूरी हो।
→ Example: खाना प्लेट में उतना लेना जितना खा सकें।
Cooperation (सहयोग): सब मिलकर पर्यावरण की रक्षा करना।
→ Example: स्कूल और समुदाय मिलकर सफाई अभियान चलाना।
📘 CTET Tip: Conservation values EVS में “values-based education (मूल्य-आधारित शिक्षा)” का हिस्सा हैं।
Field Visits (क्षेत्र भ्रमण): बच्चों को पार्क, नदी, खेत, या जंगल दिखाना।
→ Example: “Visit to a Water Treatment Plant.”
Project Work (प्रोजेक्ट कार्य):
→ Example: “My Clean Classroom Project” या “Compost Making Project.”
Storytelling & Drama (कहानी व नाटक):
→ Example: “The Tree Who Gave Everything” जैसी कहानी बच्चों को प्रकृति का महत्व समझाती है।
Observation & Experiment (अवलोकन और प्रयोग):
→ Example: पौधे को धूप और पानी न देने पर क्या असर होता है, यह दिखाना।
Celebration of Environmental Days:
→ Example: Earth Day, World Environment Day, Van Mahotsav आदि।
📘 CTET Tip: “Learning by doing (करते हुए सीखना)” – environmental education में सबसे प्रभावी तरीका है।
✅ Environmental Awareness:
बच्चों में पर्यावरण की समझ और उसकी रक्षा की भावना विकसित करना।
✅ Conservation:
प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग करना। (“Use, don’t misuse.”)
✅ EVS में भूमिका:
बच्चे अपने आसपास के वातावरण को देखकर सीखते हैं और उसकी रक्षा के लिए कार्य करते हैं।
✅ Main Problems:
Pollution, Deforestation, Global Warming, Waste Disposal, Water Scarcity.
✅ Conservation Values:
Respect for nature, Responsibility, Simplicity, Empathy, Cooperation.
✅ Teaching Methods:
Field trips, projects, storytelling, celebration of eco-days, observation.
✅ CTET Focus:
Environmental awareness = Knowledge + Attitude + Action
यानी – जानना, समझना और पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्य करना।
Community Participation का मतलब है – जब स्थानीय समुदाय (local community) जैसे माता-पिता, ग्रामवासी, बुज़ुर्ग, या स्थानीय संस्थाएँ स्कूल की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल (actively involved) होती हैं।
EVS में यह बहुत ज़रूरी है क्योंकि बच्चे अपने आसपास के समाज (surroundings) से ही सबसे ज़्यादा सीखते हैं।
इसका उद्देश्य है कि शिक्षा केवल कक्षा (classroom) तक सीमित न रहे, बल्कि जीवन (real life) से जुड़ जाए।
🌱 Example:
गाँव में बच्चों को पास के किसान से खेती के बारे में सिखाना।
नगर में किसी सफाई कर्मचारी से “Waste Management” के बारे में जानकारी लेना।
📘 CTET Tip: Community participation से EVS experiential learning (अनुभवात्मक अधिगम) बनती है — यानी बच्चे देखकर, करके और लोगों से बात करके सीखते हैं।
Practical Learning (व्यावहारिक अधिगम): बच्चे किताबों से नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन से सीखते हैं।
→ Example: बच्चे नदी सफाई अभियान में भाग लेकर “Water Pollution” को समझते हैं।
Cultural Awareness (सांस्कृतिक जागरूकता): स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं को जानना।
→ Example: गाँव की “वन महोत्सव” परंपरा से पौधारोपण का महत्व समझना।
Life Skills Development (जीवन कौशल विकास): समूह में काम करना, जिम्मेदारी लेना, समस्या समाधान सीखना।
Values and Sensitivity (मूल्य और संवेदनशीलता): समाज के प्रति सहयोग, सहानुभूति और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी विकसित होती है।
Bridging the Gap (अंतर कम करना): स्कूल और समुदाय के बीच एक मजबूत संबंध बनता है।
📘 CTET Tip: Community participation EVS को “contextual learning (संदर्भ आधारित अधिगम)” बनाता है — यानी बच्चे वही सीखते हैं जो उनके जीवन में होता है।
EVS में स्कूल और समुदाय मिलकर कई परियोजनाएँ (projects) चला सकते हैं, जिससे बच्चे “Learning by Doing (करते हुए सीखना)” के सिद्धांत को अपनाते हैं।
पेड़ लगाना (Tree Plantation Drive)
स्कूल के आसपास सफाई अभियान (Clean Surroundings Project)
पानी बचाओ अभियान (Save Water Campaign)
💡 Example: बच्चे मोहल्ले में “Plastic Free Zone” का अभियान चलाते हैं।
स्कूल हैंडवॉश डे (Handwashing Day)
“Clean Toilet, Clean School” अभियान
💡 Example: बच्चे और माता-पिता मिलकर स्कूल टॉयलेट साफ रखने की जिम्मेदारी लेते हैं।
“Know Your Village” Project – गाँव के व्यवसाय, खेती, जल स्रोत आदि का अध्ययन।
“Traditional Occupations” – माता-पिता से उनके कामकाज के बारे में सीखना।
📘 CTET Tip: ऐसे प्रोजेक्ट्स EVS में interdisciplinary learning (अंतरविषयक अधिगम) को बढ़ाते हैं — बच्चे समाज, विज्ञान और भाषा तीनों को साथ में जोड़ते हैं।
Parents (अभिभावक) बच्चे की पहली और सबसे प्रभावशाली शिक्षिका/शिक्षक होते हैं।
EVS में उनका सहयोग बहुत उपयोगी होता है।
Home–School Connection (घर और स्कूल का संबंध):
जब माता-पिता और शिक्षक मिलकर बच्चे की शिक्षा में शामिल होते हैं, तो सीखना ज़्यादा प्रभावी होता है।
Ways of Involvement (शामिल होने के तरीके):
बच्चे के प्रोजेक्ट में जानकारी या सामग्री देना।
बच्चों के साथ स्कूल टूर में भाग लेना।
बच्चों को अपने अनुभव (experience) बताना, जैसे — खेती, खाना बनाना, कामकाज।
स्कूल में “Career Day” या “Occupation Exhibition” में भाग लेना।
🌍 Examples:
पिता बच्चों को अपने काम (जैसे – बढ़ईगिरी या बिजली कार्य) सिखाते हैं।
माता बच्चों को पौधे लगाने या पानी बचाने के बारे में बताती हैं।
📘 CTET Tip: Parental involvement EVS में cooperative learning (सहयोगात्मक अधिगम) को बढ़ाता है।
Link Creator (संपर्क सेतु): शिक्षक स्कूल और समुदाय के बीच सेतु का काम करता है।
Planner (योजना निर्माता): शिक्षक ऐसी गतिविधियाँ तैयार करता है जो स्थानीय समस्याओं से जुड़ी हों।
Motivator (प्रेरक): बच्चों, माता-पिता और समाज को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।
Guide (मार्गदर्शक): बच्चों को परियोजनाओं के दौरान दिशा और सहायता देता है।
Evaluator (मूल्यांकनकर्ता): यह देखता है कि बच्चों ने क्या सीखा और वे समाज में क्या बदलाव ला रहे हैं।
💡 Example:
शिक्षक “Waste Management Project” के लिए बच्चों और अभिभावकों की बैठक रखता है, सब मिलकर योजना बनाते हैं और उसे स्कूल व समुदाय में लागू करते हैं।
📘 CTET Tip: शिक्षक का काम है – Community को Classroom में लाना और Classroom को Community से जोड़ना।
सीखना जीवन से जुड़ा (life-linked) और अनुभवात्मक (experiential) बनता है।
बच्चों में social values (सामाजिक मूल्य) जैसे सहयोग, जिम्मेदारी, और सहानुभूति विकसित होती है।
बच्चों को real-life exposure (वास्तविक अनुभव) मिलता है।
स्कूल और समाज के बीच संबंध (bond) मजबूत होता है।
शिक्षा का लोकतांत्रिक दृष्टिकोण (democratic approach) विकसित होता है — सबकी भागीदारी।
✅ Community Participation:
स्कूल की गतिविधियों में स्थानीय लोगों और अभिभावकों की भागीदारी।
✅ Importance:
सीखना वास्तविक, सामाजिक और मूल्य आधारित बनता है।
✅ School–Community Projects:
Tree Plantation, Cleanliness Drive, Water Saving, Health Awareness आदि।
✅ Parent Involvement:
घर और स्कूल का सहयोग, बच्चों के प्रोजेक्ट्स में सक्रिय भूमिका।
✅ Teacher’s Role:
Link creator, motivator, planner, evaluator.
✅ Outcome:
बच्चों में सामाजिक, पर्यावरणीय और नैतिक मूल्यों का विकास।
✅ CTET Key Concept:
Community Participation = “Learning Beyond Classroom”
(सीखना केवल किताबों से नहीं, समाज से भी।)
📋 Topics:-
Meaning:
Curriculum का अर्थ है – विद्यालय में बच्चों को सिखाने के लिए तय की गई सीखने की पूरी योजना (plan of learning)।
इसमें केवल पाठ्यपुस्तक नहीं, बल्कि गतिविधियाँ, field visit, projects और evaluation भी शामिल होते हैं।
Example:
अगर “Water” पर EVS unit में बच्चे drawing, poem, experiment और field visit — सब कुछ करते हैं,
तो वह पूरा “Water Curriculum” का हिस्सा है।
Meaning:
इस approach में विषयों को बार-बार दोहराया जाता है (repeated) लेकिन हर बार थोड़ा ऊँचे स्तर (higher level) पर पढ़ाया जाता है।
यानी – पहले basic concept सिखाया जाता है, फिर बाद में उसी को और detail में।
Example:
Class 2 में “Plants” का topic – पौधे के भाग सिखाना।
Class 4 में वही topic – पौधों की जरूरतें, Photosynthesis तक बढ़ाया जाता है।
Meaning:
EVS curriculum बनाने के लिए कुछ मूलभूत विचार (basic ideas) जिन पर यह आधारित होता है।
जैसे – Child-centered learning, Learning by doing, Environmental awareness, Integration with life आदि।
Example:
“Save Water” topic में बच्चे स्वयं पानी बचाने की गतिविधि करते हैं — यह “Learning by Doing” principle को दर्शाता है।
Meaning:
Objective बताता है कि शिक्षण के बाद बच्चे को क्या आना चाहिए (expected learning outcome)।
यह lesson का goal (लक्ष्य) होता है।
Example:
Lesson Objective – “बच्चे पानी के तीन रूपों (solid, liquid, gas) को पहचान सकें।”
Meaning:
वह कार्य जिनके द्वारा बच्चे सक्रिय रूप से सीखते (learn by doing) हैं।
Activities बच्चों को concept समझने और खुद अनुभव करने का अवसर देती हैं।
Example:
“Water cycle” समझाने के लिए – glass jar में evaporation experiment करवाना।
Meaning:
Lesson के अंत में बच्चों ने क्या सीखा — यह Learning Outcome कहलाता है।
यह measurable और clear होना चाहिए।
Example:
Lesson के बाद बच्चा कह सके — “मैं बता सकता हूँ कि बारिश कैसे बनती है।”
Meaning:
वे सामग्री या साधन जो हमारे आसपास के वातावरण में आसानी से उपलब्ध हों और शिक्षण में मदद करें।
Example:
पेड़ की पत्तियाँ, मिट्टी, पत्थर, स्थानीय नक्शा, किसान से बातचीत आदि।
Meaning:
ऐसे शिक्षण साधन जो कम पैसे या waste material से बनाए जा सकें और concept को सरल बनाएं।
Example:
पुराने cardboard से “Food Chain” का chart बनाना, बोतल से “Rain gauge” तैयार करना।
Meaning:
वे सामग्री जो शिक्षण को अधिक दृश्य (visual) और रुचिकर (interesting) बनाती हैं।
जैसे – charts, models, maps, flashcards, videos।
Example:
“Solar system” पढ़ाते समय planets का 3D model दिखाना।
Meaning:
शिक्षा में technology का उपयोग करना ताकि सीखना modern, interactive और joyful बने।
Example:
Smartboard या projector से “Pollution types” का animation दिखाना।
Meaning:
जब एक विषय को दूसरे विषयों से जोड़कर सिखाया जाता है।
EVS में integration से बच्चे real life से connect होकर सीखते हैं।
Example:
“Plants” topic को Maths (counting leaves), Language (poem on tree), Art (leaf painting) से जोड़ना।
Meaning:
जब बच्चा देखकर सीखता है — videos, pictures, charts के माध्यम से।
यह तरीका concepts को जल्दी और स्थायी रूप से याद कराता है।
Example:
“Types of houses” दिखाने के लिए विभिन्न घरों की तस्वीरें दिखाना।
Meaning:
शिक्षक अब केवल information देने वाला नहीं, बल्कि learning process को guide करने वाला बनता है।
Example:
Teacher बच्चों को खुद experiment करने देता है, खुद नतीजे सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है।
Meaning:
सीखने के बाद बच्चे ने कितना और क्या सीखा — इसका आकलन (assessment) करना।
Example:
Worksheet, quiz या oral questions के माध्यम से समझ की जाँच।
Meaning:
जब पारंपरिक शिक्षण (chalk & talk) और ICT दोनों का संतुलित प्रयोग (balanced use) किया जाता है।
Example:
पहले board पर “Air Pollution” समझाना और फिर video दिखाकर reinforcement करना।
✅ Curriculum = सीखने की संपूर्ण योजना, सिर्फ किताब नहीं।
✅ Spiral Approach = हर स्तर पर विषयों की पुनरावृत्ति (repetition with depth)।
✅ Key Principles = Child-centered, Learning by Doing, Integration, Awareness।
✅ Objectives = “क्या सिखाना है” – clear, measurable goals।
✅ Activities = “कैसे सिखाना है” – doing-based tasks।
✅ Learning Outcomes = “बच्चे ने क्या सीखा” – observable results।
✅ Local Resources = आस-पास उपलब्ध सामग्री का प्रयोग।
✅ Low-cost Aids = waste material से सस्ते शिक्षण उपकरण।
✅ ICT in EVS = Smartboards, videos, internet-based learning।
✅ Integration = EVS को Maths, Language, Art आदि से जोड़ना।
✅ Facilitator = शिक्षक = मार्गदर्शक, बच्चों को खोजने व सोचने में मदद।
✅ Blended Learning = Traditional + ICT methods का संयोजन।
✅ Evaluation = सीखने का निरंतर मूल्यांकन (Continuous Assessment)।
Meaning of EVS Curriculum
Objectives of EVS Curriculum at Primary Level
Key Principles of EVS Curriculum
Spiral Approach – Meaning & Features
Importance of Spiral Approach in EVS
Classroom Examples of Spiral Approach
Summary / Revision Points
EVS (Environmental Studies) का अर्थ है — बच्चे को अपने आस-पास के पर्यावरण (surroundings) के बारे में समझाना और उससे जुड़ना।
EVS Curriculum वह योजनाबद्ध प्रक्रिया (planned process) है जिसके माध्यम से बच्चे
प्राकृतिक (natural), सामाजिक (social) और मानवीय (human) वातावरण के बीच के संबंधों को सीखते हैं।
📘 Keyword:
EVS Curriculum = “Planned learning about child’s environment (बच्चे के पर्यावरण से जुड़ा योजनाबद्ध अध्ययन)”
Example:
बच्चे “Water” के बारे में किताब से पढ़ते हैं, घर में उसका उपयोग देखते हैं, स्कूल में प्रयोग करते हैं —
ये सब EVS Curriculum का हिस्सा हैं।
Awareness (जागरूकता): बच्चे अपने आसपास के पर्यावरण को जानें और समझें।
Sensitivity (संवेदनशीलता): पर्यावरण की देखभाल करने की भावना विकसित हो।
Interdependence (आपसी निर्भरता): यह समझें कि मनुष्य, पशु, पौधे और प्रकृति एक-दूसरे से जुड़े हैं।
Problem-solving: पर्यावरणीय समस्याओं को पहचानना और हल खोजने की क्षमता।
Scientific Temper (वैज्ञानिक दृष्टिकोण): बच्चों में प्रश्न पूछने, जाँचने और सोचने की प्रवृत्ति।
Values & Responsibility: पर्यावरण संरक्षण (environmental conservation) के प्रति जिम्मेदारी।
Example:
जब बच्चे “Clean and Dirty Water” का प्रयोग करते हैं, वे science + social awareness दोनों सीखते हैं।
EVS Curriculum NCF-2005 के अनुसार कुछ प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है 👇
EVS पाठ्यक्रम बच्चे के अनुभवों, रुचियों और सोच पर आधारित होना चाहिए।
Learning बच्चे के जीवन से जुड़ा होना चाहिए।
Example:
अगर बच्चे गाँव में रहते हैं, तो खेती, पशुपालन आदि विषयों को उदाहरणों में शामिल करना।
EVS बच्चों को करके (by doing) सीखने का अवसर देता है।
अनुभव आधारित (experiential) शिक्षण सबसे प्रभावी होता है।
Example:
पौधे के भाग सिखाने के लिए बच्चों से बीज बोने को कहना।
EVS में Science + Social Science + Environmental Awareness का मिश्रण होता है।
Example:
“Water” – विज्ञान से (गुण), समाजशास्त्र से (उपयोग), भाषा से (कविता/कहानी)।
विषय बच्चों के local environment से जुड़ा होना चाहिए।
Example:
“Transport” सिखाते समय बच्चों के गाँव/शहर के साधनों पर चर्चा करना।
EVS में बच्चे स्वयं चीज़ों को देखकर, छूकर, और प्रश्न पूछकर सीखते हैं।
Example:
“Leaves” topic में बच्चों से अलग-अलग पत्तियाँ इकट्ठा करवा कर तुलना करवाना।
EVS बच्चों में eco-friendly habits विकसित करता है जैसे – जल संरक्षण, वृक्ष लगाना आदि।
Example:
बच्चों को “Plastic Free Lunch” day में भाग लेने को कहना।
सीखने की प्रक्रिया निरंतर (continuous) होनी चाहिए और सभी पहलुओं को कवर करे – ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण।
Spiral Approach का मतलब है – किसी विषय को बार-बार, लेकिन गहराई (increasing depth) में सिखाना।
बच्चा पहले concept को सरल रूप में सीखता है, फिर अगली कक्षाओं में उसी विषय को थोड़ा और विस्तार (expanded form) में पढ़ता है।
📘 Keyword: Spiral Approach = “Revisiting same concept at deeper levels (एक ही अवधारणा को गहराई से बार-बार सिखाना)”
Reinforcement (पुनर्बलन): पहले सीखी चीज़ें दोहराई जाती हैं, जिससे समझ मज़बूत होती है।
Continuity in Learning (निरंतरता): बच्चा पिछले ज्ञान से नया ज्ञान जोड़ता है।
Deep Understanding (गहन समझ): हर बार concept को थोड़ा और विस्तृत रूप में समझता है।
Child-friendly Progression: कठिन विषयों को धीरे-धीरे आसान से कठिन की ओर ले जाया जाता है।
Integration: विषय एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।
| Concept | कक्षा-3 | कक्षा-4 | कक्षा-5 |
|---|---|---|---|
| Water | जल के स्रोत (Rain, River, Well) | जल का उपयोग और संरक्षण | जल प्रदूषण और उसका प्रभाव |
| Plants | पौधे के भाग | पौधों की वृद्धि और उपयोग | पौधों की रक्षा और पर्यावरण में भूमिका |
| Family & Community | परिवार के सदस्य | रिश्ते और पेशे | समाज में सहयोग और जिम्मेदारी |
Explanation:
बच्चा पहले concept को पहचानता है (Identification) →
फिर उसका उपयोग समझता है (Application) →
अंत में उसके सामाजिक/पर्यावरणीय महत्व को जानता है (Understanding & Values)।
Concept Clarity (अवधारणा की स्पष्टता) बढ़ती है।
Interest और Motivation बना रहता है क्योंकि विषय दोहराया नहीं, बल्कि गहराया जाता है।
Retention (स्मरणशक्ति) मजबूत होती है।
Linkage with Real-life बेहतर होता है।
Foundation for Higher Learning (आगे की पढ़ाई) मज़बूत बनती है।
✅ EVS Curriculum बच्चों को प्राकृतिक + सामाजिक + मानवीय पर्यावरण से जोड़ता है।
✅ इसका उद्देश्य है — Awareness, Sensitivity, Scientific thinking & Values का विकास।
✅ EVS Curriculum के सिद्धांत —
Child-centered
Activity-based
Integrated
Linked with daily life
Value-oriented
✅ Spiral Approach = Concept को बार-बार, पर गहराई से सिखाना।
✅ इससे सीखने में continuity, depth और clarity आती है।
✅ EVS में Spiral Approach से बच्चे की सोच और अनुभव क्रमशः बढ़ते हैं।
✅ Example – “Water” → Sources → Use → Pollution → Conservation
Meaning of Lesson Plan (पाठ योजना का अर्थ)
Importance of Lesson Planning (महत्व)
Components of Lesson Plan (मुख्य घटक)
(a) Objectives
(b) Activities
(c) Learning Outcomes
Qualities of a Good Lesson Plan
Example of Lesson Planning in EVS
Summary / Revision Points
Lesson Plan एक systematic and organized plan (सुव्यवस्थित योजना) होती है जिसे शिक्षक किसी विशेष विषय या पाठ को पढ़ाने से पहले तैयार करता है।
इसमें यह तय किया जाता है कि —
क्या पढ़ाना है (What),
कैसे पढ़ाना है (How),
और बच्चों ने क्या सीखा (Learning outcomes)।
📘 Keyword:
Lesson Plan = Teaching roadmap (शिक्षण की रूपरेखा)
Example:
अगर शिक्षक “Water Sources” पढ़ाने जा रहे हैं, तो वे पहले से तय करेंगे –
Objectives: बच्चे पानी के स्रोतों को पहचानें।
Activity: चित्रों के माध्यम से स्रोत दिखाना।
Outcome: बच्चे चित्र देखकर स्रोतों को पहचान सकें।
Clarity of Purpose (उद्देश्य की स्पष्टता):
शिक्षक को यह स्पष्ट रहता है कि उसे क्या सिखाना है और क्यों।
Effective Classroom Management (कक्षा का प्रबंधन):
Lesson Plan से समय, सामग्री और गतिविधियों का अच्छा संतुलन बना रहता है।
Confidence to Teacher (आत्मविश्वास):
जब शिक्षक को अपनी योजना पता होती है, तो वह आत्मविश्वास से पढ़ाता है।
Systematic Learning (संगठित अधिगम):
बच्चे step-by-step सीखते हैं; कोई confusion नहीं रहता।
Achievement of Objectives (लक्ष्य प्राप्ति):
हर गतिविधि एक निश्चित उद्देश्य से जुड़ी होती है।
Evaluation Easy (मूल्यांकन सरल):
शिक्षक आसानी से देख सकता है कि बच्चों ने क्या सीखा।
Example:
अगर “Air and its uses” पढ़ाना है –
Lesson Plan से शिक्षक पहले प्रयोग (experiment) करवाता है, फिर बच्चों से प्रश्न पूछकर learning check करता है।
यह बताते हैं कि बच्चे ने पाठ समाप्त होने तक क्या सीखा होगा।
Objectives हमेशा clear, measurable और achievable होने चाहिए।
CTET में प्रायः Bloom’s Taxonomy (ब्लूम का वर्गीकरण) पर आधारित उद्देश्यों का ज़िक्र होता है।
📘 Types of Objectives:
Knowledge Objective (ज्ञानात्मक):
बच्चे नए तथ्य या जानकारी सीखें।
Example: “Students will identify sources of water.”
Skill Objective (कौशल):
बच्चे कुछ नया कार्य या प्रयोग कर सकें।
Example: “Students will demonstrate how to purify water using a cloth filter.”
Attitude / Value Objective (भावात्मक / मूल्य):
बच्चे में सकारात्मक व्यवहार या मूल्य विकसित हों।
Example: “Students will show care towards saving water.”
EVS या किसी भी विषय की आत्मा (core) हैं — “Learning by Doing.”
Activities का उद्देश्य है – बच्चे खुद भाग लें, अनुभव करें और समझें।
📘 Types of Activities:
Introduction Activities (परिचयात्मक गतिविधियाँ):
पाठ का आरंभ बच्चों की रुचि जगाने के लिए।
Example: “Show a picture of rain to start a lesson on Water.”
Exploration / Main Activities (मुख्य गतिविधियाँ):
विषय को गहराई से समझने के लिए।
Example: “Take students outside to identify nearby water sources.”
Assessment / Conclusion Activities (मूल्यांकन व निष्कर्ष गतिविधियाँ):
यह देखने के लिए कि बच्चों ने क्या सीखा।
Example: “Ask students to draw sources of water in their notebooks.”
📗 Tip: Activities हमेशा child-centered, interesting, safe, and context-based होनी चाहिए।
यह बताते हैं कि बच्चों ने वास्तव में क्या सीखा और कितना सीखा।
ये परिणाम observable (देखे जा सकने वाले) और measurable (मापे जा सकने वाले) होने चाहिए।
📘 Examples of Learning Outcomes:
“Child identifies 3 local sources of water.”
“Child explains importance of clean water.”
“Child shows habit of turning off the tap after use.”
📗 Note:
Learning Outcomes = Objectives का परिणाम (Result of objectives)
→ जो शिक्षक ने सिखाने का उद्देश्य रखा था, वही Outcome में दिखता है।
Child-centered (बाल-केन्द्रित):
बच्चों की रुचि और जरूरतों पर आधारित हो।
Clear Objectives (स्पष्ट उद्देश्य):
क्या सिखाना है, यह पहले से तय हो।
Linked with Previous Knowledge (पूर्व ज्ञान से जोड़ना):
नया ज्ञान पुराने ज्ञान से जुड़ा होना चाहिए।
Activity-based (गतिविधि आधारित):
बच्चों को करके सीखने का अवसर दे।
Flexible (लचीला):
परिस्थिति के अनुसार बदलाव किया जा सके।
Evaluation Oriented (मूल्यांकन पर केंद्रित):
यह जांचे कि बच्चे ने क्या समझा और कहाँ सुधार की ज़रूरत है।
Time-bound (समय के अनुरूप):
हर चरण के लिए उचित समय का निर्धारण हो।
Example:
अगर बिजली चली जाए तो “video activity” की जगह “drawing activity” करवाई जा सके — यही flexibility है।
Topic: “Plants Around Us”
Class: 3
Objectives:
बच्चे पौधों के प्रकार पहचानें।
पौधों के उपयोग बताएँ।
पौधों की रक्षा के प्रति जिम्मेदारी समझें।
Activities:
बच्चों को स्कूल गार्डन में ले जाकर विभिन्न पौधे दिखाना।
पौधों की पत्तियाँ एकत्र करना और उन्हें समूह में वर्गीकृत करना।
पौधों के उपयोगों पर चर्चा करना।
Learning Outcomes:
बच्चे कम से कम 3 प्रकार के पौधे पहचान पाएं।
वे पौधों के उपयोग गिना सकें।
पौधों की देखभाल करने का व्यवहार प्रदर्शित करें।
✅ Lesson Plan = Teaching roadmap (शिक्षण की रूपरेखा)
✅ यह “What, How, Why” of teaching को स्पष्ट करता है।
✅ मुख्य घटक: Objectives – Activities – Learning Outcomes
✅ Objectives तीन प्रकार के होते हैं – Knowledge, Skill, Attitude
✅ Activities बच्चे की भागीदारी और अनुभव पर आधारित होती हैं।
✅ Learning Outcomes observable और measurable होते हैं।
✅ अच्छी Lesson Plan की विशेषताएँ – Child-centered, Clear, Flexible, Activity-based
✅ EVS Lesson Plan में “Learning by Doing” को सबसे ज़्यादा महत्व।
✅ Lesson Plan → Effective teaching → Active learning → Better outcomes.
Meaning of Local Resources (स्थानीय संसाधनों का अर्थ)
Importance of Using Local Resources in Teaching (महत्व)
Meaning of Low-cost Teaching Aids (कम खर्चीले शिक्षण सहायक उपकरण)
Advantages of Low-cost Aids (लाभ)
Examples of Local & Low-cost Aids in EVS Classroom
Role of Teacher
Summary / Revision Points
Local Resources का मतलब है — वे सभी materials (सामग्री), people (लोग), places (स्थान) या experiences (अनुभव) जो बच्चे के स्थानीय वातावरण (local environment) में उपलब्ध हों।
इनका प्रयोग शिक्षक शिक्षण को real-life से जोड़ने (link with real life) के लिए करते हैं।
📘 Keyword:
Local Resources = आसपास उपलब्ध शिक्षण सामग्री / अनुभव
Example:
मिट्टी, पौधे, पत्ते, पत्थर, पानी, बर्तन, गाँव का तालाब, खेत, डाकघर, किसान, बढ़ई, आदि।
“Our Helpers” पढ़ाते समय स्थानीय डॉक्टर या किसान को बुलाना भी एक local resource है।
Relatable Learning (संबंधित अधिगम):
बच्चे अपने अनुभवों से जुड़कर जल्दी समझते हैं।
👉 Example: अगर शिक्षक "Water Conservation" पढ़ा रहा है और पास का तालाब दिखाता है, तो बच्चा तुरंत समझता है।
Activity-based Learning (गतिविधि आधारित अधिगम):
Local resources से बच्चे करके सीखते हैं (Learning by doing)।
Cost-effective (कम खर्च वाला):
स्कूल को महंगे models की आवश्यकता नहीं — आसपास की वस्तुएँ ही शिक्षण सामग्री बन सकती हैं।
Environmental Awareness (पर्यावरण जागरूकता):
बच्चे अपने स्थानीय पर्यावरण को पहचानते हैं और उसकी रक्षा का भाव सीखते हैं।
Inclusive Education (समावेशी शिक्षा):
हर क्षेत्र के बच्चे अपने स्थानीय परिवेश से सीख सकते हैं — चाहे गाँव हो या शहर।
Promotes Observation & Inquiry (अवलोकन व जिज्ञासा बढ़ाता है):
जब बच्चा चीजें खुद देखता है, छूता है या प्रयोग करता है — तो उसकी सोचने की शक्ति (thinking skills) बढ़ती है।
Example:
EVS कक्षा में “Soil types” पढ़ाते समय — शिक्षक स्कूल के गार्डन की मिट्टी, खेत की मिट्टी और गमले की मिट्टी दिखाकर तुलना करवाए।
Low-cost Teaching Aids का मतलब है — ऐसी शिक्षण सामग्री जो कम पैसे में, स्थानीय स्तर पर आसानी से बनाई जा सके।
ये ready-made नहीं, बल्कि शिक्षक और बच्चों द्वारा स्वयं निर्मित (self-made) होती हैं।
📘 Keyword:
Low-cost Aids = सस्ती, स्थानीय और रचनात्मक शिक्षण सामग्री
Examples:
पुराने कार्डबोर्ड से बनाए गए flashcards
बोतल के ढक्कन से गणना कराना
मिट्टी के मॉडल
पुरानी किताबों की कटिंग से चार्ट
Economical (आर्थिक):
स्कूल के बजट पर बोझ नहीं पड़ता।
Creative Learning (रचनात्मक अधिगम):
बच्चे खुद सामग्री बनाते हैं, जिससे उनकी सृजनात्मकता (creativity) बढ़ती है।
Participatory Approach (सहभागी दृष्टिकोण):
बच्चे और शिक्षक दोनों साथ मिलकर सामग्री तैयार करते हैं।
👉 इससे learning joyful बनती है।
Better Retention (स्मरणशक्ति बेहतर):
जब बच्चा खुद बनाता है, तो उसे याद लंबे समय तक रहता है।
Easily Available (सुलभ):
स्थानीय चीज़ें जैसे — लकड़ी, मिट्टी, बोतल, बीज, कपड़ा — हर जगह मिल जाते हैं।
Environment-friendly (पर्यावरण हितैषी):
Local and recycled materials का उपयोग waste को कम करता है।
Example:
बच्चे “Parts of Plant” समझने के लिए गमले से पौधा निकालकर उसकी जड़ें, तना और पत्तियाँ दिखाते हैं — बिना किसी महंगे chart के।
स्थानीय नदियाँ या तालाब – “Water Sources” पढ़ाने में
स्कूल गार्डन – “Plants & Animals” पढ़ाने में
किसान, माली, डॉक्टर – “Community Helpers” में
मंदिर या मस्जिद – “Places of Worship” समझाने में
Cardboard models: पौधों या मानव शरीर के अंग दिखाने के लिए।
Bottle caps: गिनती या grouping कराने में।
Clay models: पर्वत, नदियाँ या मिट्टी के प्रकार दिखाने के लिए।
Old newspapers: चार्ट और scrapbooks बनाने में।
Resource Finder (संसाधन खोजक):
शिक्षक को आसपास की चीज़ों को शिक्षण सामग्री में बदलने की समझ होनी चाहिए।
Guide & Facilitator (मार्गदर्शक):
शिक्षक बच्चों को सामग्री तैयार करने और उसका उपयोग सिखाए।
Innovator (नवोन्मेषक):
जो उपलब्ध वस्तुएँ हैं, उनसे नए तरीके से पढ़ाने के उपाय निकाले।
Safety Ensurer (सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला):
किसी भी गतिविधि में बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखे।
Evaluator (मूल्यांकनकर्ता):
यह जाँचे कि local aids के प्रयोग से बच्चे ने क्या और कैसे सीखा।
Example:
शिक्षक बच्चों को “Waste Segregation” activity करवाते हैं — सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करना। इसमें शिक्षक “guide + evaluator” दोनों की भूमिका निभाता है।
✅ Local Resources = आसपास उपलब्ध शिक्षण सामग्री, व्यक्ति या स्थान।
✅ ये सीखने को वास्तविक जीवन (real-life) से जोड़ते हैं।
✅ Low-cost Teaching Aids = सस्ती, स्थानीय और पुनःप्रयुक्त (recycled) सामग्री।
✅ दोनों का उद्देश्य — Effective, Joyful & Context-based Learning.
✅ लाभ – सस्ता, रचनात्मक, पर्यावरण हितैषी, भागीदारी बढ़ाने वाला।
✅ शिक्षक की भूमिका – खोज, मार्गदर्शन, नवाचार, सुरक्षा और मूल्यांकन।
✅ EVS में इनका उपयोग “Learning by Doing” और “Activity-based Education” को प्रोत्साहित करता है।
Meaning of ICT in EVS
Importance of ICT in Teaching EVS
Various ICT Tools used in EVS
Advantages of ICT Integration
Challenges in Using ICT
Role of Teacher
Summary / Revision Points
ICT का full form है Information and Communication Technology – यानी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी।
यह वह तकनीक है जिससे शिक्षक और विद्यार्थी जानकारी प्राप्त (access), साझा (share) और प्रस्तुत (present) कर सकते हैं।
EVS (Environmental Studies) में ICT का मतलब है — पर्यावरण से जुड़ी शिक्षा को digital tools (डिजिटल साधनों) की मदद से अधिक रुचिकर (interesting) और प्रभावी (effective) बनाना।
📘 Keywords:
ICT = Information + Communication + Technology
EVS = Environmental Studies (पर्यावरण अध्ययन)
Example:
“Water Pollution” विषय पर YouTube वीडियो दिखाना।
“Seasons” समझाने के लिए animated PowerPoint presentation बनाना।
Visual Learning (दृश्य अधिगम):
बच्चे visuals देखकर जल्दी समझते हैं।
👉 Example: “Life cycle of butterfly” की animation देखकर बच्चा sequence याद रखता है।
Concept Clarity (स्पष्ट समझ):
ICT tools abstract topics को real बना देते हैं।
👉 Example: “Rotation & Revolution” topic को 3D globe animation से समझाना।
Interactive Learning (संवादी शिक्षण):
जब बच्चे smart board पर quiz या simulation करते हैं — तो वे actively participate करते हैं।
Access to Global Knowledge (वैश्विक ज्ञान तक पहुँच):
बच्चे internet के माध्यम से दुनिया भर की environmental जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Joyful Learning (आनंददायक अधिगम):
ICT शिक्षा को मनोरंजक बनाती है।
👉 Example: “Save Environment” पर cartoon video दिखाकर message देना।
Audio Tools (श्रव्य उपकरण):
जैसे – radio, podcast, recorded speeches।
👉 Example: “Sounds of different animals” सुनाना।
Visual Tools (दृश्य उपकरण):
जैसे – charts, slides, photos, animations, PowerPoint।
👉 Example: “Water cycle” का video दिखाना।
Audio-Visual Tools (श्रव्य-दृश्य उपकरण):
जैसे – TV, YouTube, smart board videos, educational movies।
👉 Example: “Deforestation” पर documentary दिखाना।
Internet-based Tools (ऑनलाइन उपकरण):
जैसे – Google Earth, educational apps, online quizzes, virtual tours।
👉 Example: “Amazon Rainforest” की virtual field trip करवाना।
Computer/Tablet/Smartboard:
Digital presentations या interactive worksheets बनाने के लिए।
Mobile Apps:
जैसे – “Science Kids”, “Khan Academy Kids”, “Byju’s” आदि।
👉 ये EVS topics को game के रूप में सिखाते हैं।
Enhances Understanding (समझ बढ़ाता है):
Abstract topics को visual बना देता है।
Saves Time (समय की बचत):
एक concept कई बच्चों को एक साथ सिखाया जा सकता है।
Motivates Students (प्रेरणा देता है):
Multimedia content बच्चों की curiosity (जिज्ञासा) बढ़ाता है।
Promotes Self-learning (स्व-अधिगम को बढ़ावा):
बच्चे अपने मोबाइल या लैपटॉप पर भी revision कर सकते हैं।
Eco-friendly Learning:
ICT के माध्यम से paperless learning संभव है।
Collaborative Learning (सहयोगात्मक अधिगम):
ICT tools से बच्चे group work या online project पर मिलकर काम कर सकते हैं।
Example:
बच्चे “Water Conservation” पर एक digital poster बनाते हैं — यह creativity, collaboration और awareness तीनों बढ़ाता है।
Lack of Infrastructure (सुविधाओं की कमी):
कई स्कूलों में computer, internet या projector नहीं होते।
Teacher Training (शिक्षक प्रशिक्षण की कमी):
कुछ शिक्षक ICT tools का उपयोग नहीं जानते।
Electricity & Connectivity Issues (बिजली/नेटवर्क समस्या):
ग्रामीण क्षेत्रों में यह एक बड़ी बाधा है।
Cost Factor (लागत का मुद्दा):
Smart board या projector महंगे हो सकते हैं।
Over-dependence (अधिक निर्भरता):
ICT पर अत्यधिक निर्भरता से बच्चों की creativity कम हो सकती है।
Example:
अगर शिक्षक हर विषय सिर्फ वीडियो से सिखाए, तो बच्चा स्वयं सोचने और करने की प्रक्रिया से दूर हो सकता है।
Facilitator (मार्गदर्शक):
ICT को एक सहायक साधन (support tool) की तरह उपयोग करे, न कि पूरी शिक्षा का स्थानापन्न (substitute)।
Designer (रचनाकार):
अपनी lesson plan में ICT को सोच-समझकर जोड़े – जैसे PPT, video, online quiz आदि।
Guide for Safe Use (सुरक्षित प्रयोग का मार्गदर्शन):
बच्चों को responsible internet use और cyber safety सिखाए।
Evaluator (मूल्यांकनकर्ता):
ICT-based learning के परिणामों को देखे – क्या बच्चे वास्तव में concept समझ रहे हैं या नहीं।
Blended Learning Promoter (मिश्रित अधिगम बढ़ाने वाला):
ICT को पारंपरिक तरीकों (chalk-board) के साथ मिलाकर प्रयोग करे।
Example:
शिक्षक पहले board पर “Pollution types” समझाए, फिर short video दिखाकर revision करवाए।
✅ ICT = Information and Communication Technology — modern tools used for learning.
✅ EVS में ICT का उपयोग concepts को visual, interactive, joyful बनाता है।
✅ ICT tools – Audio, Visual, Audio-Visual, Internet-based, Smartboard, Mobile Apps।
✅ लाभ – समझ बढ़ाना, समय बचाना, जिज्ञासा बढ़ाना, पर्यावरण अनुकूल अधिगम।
✅ चुनौतियाँ – उपकरणों की कमी, प्रशिक्षण की कमी, बिजली की समस्या।
✅ शिक्षक की भूमिका – मार्गदर्शक, रचनाकार, सुरक्षित उपयोग सिखाने वाला, मूल्यांकनकर्ता।
✅ ICT का उद्देश्य — Active, Engaging, Real-life Learning Experience देना।
📋 Topics:-
Meaning:
Evaluation का मतलब है — किसी बच्चे के सीखने (learning) की गुणवत्ता और प्रगति (quality and progress) को समझना।
यह केवल marks देने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह देखना कि बच्चा कितना, क्या और कैसे सीख रहा है।
Example:
Teacher बच्चे के EVS project, answers, participation सब देखकर decide करता है कि वह “Understanding of environment” में कितना आगे बढ़ा है।
Meaning:
Assessment का अर्थ है — बच्चे की सीखने की प्रक्रिया (learning process) को लगातार observe और measure करना।
यह “learning के दौरान” किया जाता है ताकि बच्चे को सुधार का मौका मिले।
Example:
Teacher जब class में बच्चों से oral questions पूछता है या notebook check करता है, तो वह assessment कर रहा होता है।
Meaning:
यह learning के बीच में किया जाने वाला continuous assessment है,
जिससे teacher को पता चलता है कि बच्चे की समझ कहाँ तक पहुँची है।
इसका उद्देश्य बच्चों की learning को improve करना है, न कि केवल marks देना।
Example:
“Water Cycle” topic के बीच में teacher बच्चों से chart बनवाता है और mistakes को तुरंत ठीक करवाता है।
Meaning:
यह assessment learning के अंत (end) में किया जाता है —
ताकि बच्चे की कुल उपलब्धि (total achievement) को मापा जा सके।
यह usually term-end test या final exam के रूप में होता है।
Example:
EVS का half-yearly test जिसमें सभी chapters से questions आते हैं।
Meaning:
CCE का मतलब है — बच्चे की सतत (continuous) और व्यापक (comprehensive) यानी हर दिशा में प्रगति का मूल्यांकन।
यह केवल academic नहीं बल्कि behaviour, creativity, participation आदि सभी पहलुओं को शामिल करता है।
Example:
Teacher बच्चे की attendance, teamwork, cleanliness habits, drawing skill — सबका record रखता है।
Meaning:
इसमें teacher assessment को सुधार के उपकरण (tool for improvement) के रूप में उपयोग करता है।
इसका उद्देश्य teaching strategies को modify करना होता है।
Example:
अगर teacher को लगे कि बच्चे “Pollution causes” में गलती कर रहे हैं,
तो वह अगले दिन एक practical activity करवाता है — यही “assessment for learning” है।
Meaning:
यह assessment बताता है कि बच्चा कितना सीख चुका है।
यह ज़्यादातर exam या test के रूप में होता है।
Example:
Term-end test या EVS project marks देना — यह “assessment of learning” है।
Meaning:
इसमें बच्चा खुद अपनी learning को observe करता है — यानी self-assessment करता है।
यह बच्चों में reflection (आत्मचिंतन) और self-improvement की आदत डालता है।
Example:
बच्चा खुद अपनी notebook check करता है कि उसने diagram सही बनाया या नहीं।
Meaning:
Observation का अर्थ है — बच्चों के व्यवहार, क्रिया, या सीखने की प्रक्रिया को ध्यान से देखना।
यह सबसे natural और useful assessment tool है।
Example:
Teacher देखता है कि group activity में कौन बच्चा actively participate कर रहा है और कौन नहीं।
Meaning:
Checklist एक list होती है जिसमें teacher कुछ criteria (मापदंड) लिखता है
और फिर check करता है कि कौन-सा student कौन-सा काम पूरा कर पाया।
Example:
“Plant Observation Activity” के लिए checklist:
🌱 नाम लिखा है?
🌱 चित्र सही है?
🌱 निष्कर्ष लिखा है?
👉 Teacher check mark लगाता जाता है।
Meaning:
Portfolio का मतलब है — बच्चे की learning journey का collection of work।
इसमें notebooks, drawings, assignments, worksheets, project reports शामिल होते हैं।
Example:
बच्चे की EVS copy में पूरे साल के projects और worksheets का संग्रह — यह उसका portfolio है।
Meaning:
Project एक task-based learning method है जिसमें बच्चा खुद explore करता है और knowledge बनाता है।
यह practical learning को बढ़ावा देता है।
Example:
“Sources of Water” पर survey करके report बनाना — यह project work है।
Meaning:
यह process बच्चों की learning difficulties पहचानने के लिए होती है —
यानी कौन सा concept बच्चा नहीं समझ पा रहा और क्यों।
Example:
बच्चा “Air has weight” नहीं समझ पा रहा → teacher balloon activity से कारण जानने की कोशिश करता है।
Meaning:
यह process है बच्चे की learning problem को दूर करने के लिए corrective teaching देना।
यह diagnosis के बाद किया जाता है।
Example:
बच्चा “Seasons” confuse करता है → teacher calendar और pictures से फिर से सिखाता है।
Meaning:
Rubrics एक scoring guide (अंक निर्धारण दिशा) होती है —
जो बताती है कि किसी activity या project को किस आधार पर अंक दिए जाएंगे।
Example:
EVS project के लिए rubrics:
Content accuracy – 5 marks
Creativity – 3 marks
Neatness – 2 marks
Meaning:
यह एक short written note होती है —
जिसमें teacher बच्चे के किसी खास व्यवहार या घटना को नोट करता है।
Example:
“Ravi helped his friend clean the class garden” → teacher इसे social behaviour के रूप में लिखता है।
Meaning:
यह एक scale होता है (जैसे 1 to 5) जिससे teacher बच्चे की performance को rate करता है।
Example:
Participation in group activity →
1 (Poor) to 5 (Excellent)
Meaning:
जब बच्चे एक-दूसरे का काम देखकर feedback देते हैं,
उसे peer assessment कहते हैं।
Example:
Riya अपने friend के chart को देखकर बताती है कि spelling ठीक करनी चाहिए।
Meaning:
जब बच्चा खुद अपनी learning का मूल्यांकन करता है —
यह उसे responsible learner बनाता है।
Example:
बच्चा खुद चेक करता है कि उसने EVS notebook पूरी की या नहीं।
Meaning:
ऐसी process जो लगातार चलती रहती है।
CCE में “continuous” का अर्थ है – बच्चे की learning का निरंतर मूल्यांकन।
Example:
Teacher हर सप्ताह बच्चे की progress observe करता है।
Meaning:
ऐसा evaluation जो सभी क्षेत्रों (cognitive, affective, psychomotor) को कवर करे।
Example:
CCE में केवल marks नहीं, behaviour और participation भी देखे जाते हैं।
✅ Evaluation = Learning की quality मापना।
✅ Assessment = Learning process को observe और improve करना।
✅ Formative = Continuous, during learning.
✅ Summative = Final, after learning.
✅ CCE = Continuous + Comprehensive = all-round growth.
✅ Assessment for learning = Teacher uses assessment to improve teaching.
✅ Assessment of learning = Final judgement (marks).
✅ Assessment as learning = Student reflects & self-assesses.
✅ Observation / Checklist / Portfolio / Projects = Major tools of assessment.
✅ Diagnostic teaching = Problem पहचानना।
✅ Remedial teaching = Problem दूर करना।
✅ Rubrics / Rating Scale / Anecdotal Records = Recording and evaluating tools.
✅ Peer & Self-Assessment = Learning में participation और reflection बढ़ाते हैं।
✅ Continuous = Regular & ongoing.
✅ Comprehensive = Academic + Non-academic aspects दोनों शामिल।
1️⃣ Evaluation का अर्थ है – बच्चे ने क्या सीखा, कैसे सीखा और कितना सीखा, इसका समग्र मूल्यांकन (overall assessment) करना।
2️⃣ यह केवल marks देना नहीं, बल्कि बच्चे की प्रगति (progress), रुचि (interest) और सीखने के तरीके (learning style) को समझना भी है।
3️⃣ EVS में evaluation का उद्देश्य होता है कि बच्चा पर्यावरण को समझे, सोच सके और उसका सम्मान करे।
🪴 Example:
Teacher बच्चों से पूछता है – “अगर हमारे इलाके में पेड़ काट दिए जाएँ तो क्या होगा?”
👉 इससे teacher को पता चलता है कि बच्चे में environmental awareness विकसित हुई या नहीं।
1️⃣ हर बच्चे की सीखने की गति (pace of learning) अलग होती है — मूल्यांकन से यह पता चलता है कि कौन बच्चा कहाँ कठिनाई महसूस कर रहा है।
2️⃣ इससे teacher को अपनी teaching strategies सुधारने (improve teaching) का मौका मिलता है।
3️⃣ Evaluation से बच्चे की conceptual understanding और application skill का पता चलता है।
4️⃣ EVS में यह सुनिश्चित करता है कि बच्चा केवल रट न रहा हो, बल्कि सोच-समझकर (reasoning) सीख रहा हो।
🪴 Example:
बच्चों से “How do trees help us?” पूछना — इससे केवल जानकारी नहीं, बल्कि सोचने की क्षमता भी जाँची जाती है।
EVS में तीन मुख्य प्रकार के मूल्यांकन होते हैं —
👉 (1) CCE (Continuous and Comprehensive Evaluation)
👉 (2) Formative Evaluation
👉 (3) Summative Evaluation
1️⃣ CCE का मतलब है कि बच्चे का मूल्यांकन पूरे वर्ष लगातार (continuously) किया जाए, केवल परीक्षा के समय नहीं।
2️⃣ इसमें बच्चे के ज्ञान (knowledge) के साथ-साथ उसके कौशल (skills), दृष्टिकोण (attitude) और मूल्य (values) का भी आकलन किया जाता है।
Continuous (सतत): सीखने की प्रक्रिया के दौरान नियमित रूप से मूल्यांकन करना।
Comprehensive (व्यापक): बच्चे के सभी पहलुओं — बौद्धिक, सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक — का मूल्यांकन करना।
Teacher हर हफ्ते EVS की activity नोट करता है — जैसे participation, observation, discussion skills आदि।
👉 इससे बच्चे की overall growth का पता चलता है।
1️⃣ Formative Evaluation सीखने की प्रक्रिया के दौरान किया जाता है।
2️⃣ इसका उद्देश्य है बच्चे की सीखने की कमियों को पहचानना और उसे सुधारने (improve) में मदद करना।
3️⃣ यह diagnostic (त्रुटि पहचानने वाला) और supportive (सहायता देने वाला) होता है।
Observation (अवलोकन)
Oral questions (मौखिक प्रश्न)
Worksheets
Assignments
Classroom discussions
Teacher “Water Pollution” lesson पढ़ाते समय बच्चों से पूछता है –
“क्या तुमने कभी गंदा नाला देखा है? क्या उसमें मछलियाँ रहती हैं?”
👉 यह प्रश्न concept clear करने और सोचने की क्षमता जाँचने के लिए है।
बच्चों की learning gaps तुरंत पता चलती हैं।
शिक्षक teaching method में बदलाव कर सकता है।
बच्चों का confidence बढ़ता है क्योंकि यह परीक्षा जैसा दबाव नहीं बनाता।
1️⃣ Summative Evaluation किसी निर्धारित अवधि (जैसे term या year-end) के बाद किया जाता है।
2️⃣ इसका उद्देश्य है यह देखना कि बच्चे ने कितना सीखा (extent of learning achieved)।
3️⃣ यह सामान्यतः exams, tests या projects के रूप में किया जाता है।
Term-end test में EVS के प्रश्न जैसे –
“List 3 ways to save electricity at home.”
👉 यह बच्चे की याददाश्त और समझ दोनों को मापता है।
यह learning process पर कम और result पर ज़्यादा ध्यान देता है।
बच्चे पर examination pressure बढ़ जाता है।
| Formative (गठनात्मक) | Summative (सारांशात्मक) |
|---|---|
| सीखने की प्रक्रिया के दौरान | सीखने की प्रक्रिया के अंत में |
| सुधार (improvement) पर केंद्रित | परिणाम (result) पर केंद्रित |
| नियमित, अनौपचारिक (continuous) | कभी-कभी, औपचारिक (periodic) |
| Example: Observation, quiz | Example: Term-end test, final project |
🪴 In short:
Formative helps to improve learning,
Summative helps to judge learning.
1️⃣ बच्चों का समग्र विकास (holistic development) समझना।
2️⃣ Continuous observation रखना – केवल marks नहीं, व्यवहार और participation भी।
3️⃣ बच्चों को feedback देना (constructive feedback) ताकि वे सुधार कर सकें।
4️⃣ मूल्यांकन के लिए विभिन्न तकनीकें (multiple tools) इस्तेमाल करना – worksheets, role plays, oral questions आदि।
5️⃣ बच्चों को self-assessment की आदत डालना।
🪴 Example:
Teacher कहता है – “आज की activity में किसने सबसे ज़्यादा सहयोग किया?”
👉 इससे बच्चे खुद अपनी और दूसरों की performance सोचते हैं।
1️⃣ Observation record – व्यवहार, teamwork, curiosity note करना।
2️⃣ Anecdotal record – विशेष घटनाओं का विवरण जैसे किसी बच्चे ने समूह में leadership दिखाई।
3️⃣ Checklists / Rating scales – बच्चों के कौशलों को mark करना।
4️⃣ Portfolios – बच्चों के कार्यों का संग्रह (collection)।
5️⃣ Peer & Self-assessment – बच्चे खुद या साथी का मूल्यांकन करें।
📘 Lesson: “Our Helpers”
Formative: बच्चे role-play करें (Doctor, Postman, Teacher)। Teacher observation note करे।
Summative: Worksheet दें – “Match the helpers with their tools.”
👉 दोनों से बच्चे का ज्ञान + कौशल दोनों assess होते हैं।
✅ Evaluation = Learning process को समझना + सुधार करना।
✅ CCE = Continuous + Comprehensive → सालभर का holistic evaluation।
✅ Formative = During learning → सुधार (improvement) के लिए।
✅ Summative = After learning → परिणाम (result) के लिए।
✅ Formative tools: Observation, quiz, assignment, project, oral test।
✅ Summative tools: Written exam, test, report project।
✅ Teacher’s Role: Feedback देना, सुधार करवाना, continuous observation।
✅ CCE EVS में बच्चे के ज्ञान + कौशल + मूल्य (values) तीनों को मापता है।
✅ EVS Evaluation का मुख्य उद्देश्य:
👉 Conceptual understanding, environmental sensitivity, responsible behaviour।
1️⃣ Assessment (मूल्यांकन) का अर्थ है – बच्चे ने क्या सीखा, कैसे सीखा और वह सीखने की प्रक्रिया में कहाँ है, यह जानना।
2️⃣ यह केवल marks देने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि सीखने को सुधारने (improve learning) और समझने (understand learning) का माध्यम है।
3️⃣ Assessment EVS सहित सभी subjects में बच्चे के ज्ञान (knowledge), कौशल (skills) और रवैये (attitude) को मापने का तरीका है।
🪴 Example:
Teacher पूछता है – “अगर बारिश न हो तो किसानों को क्या समस्या होगी?”
👉 इससे teacher को बच्चे की सोचने और जोड़ने की क्षमता (reasoning ability) का पता चलता है।
Assessment को तीन भागों में बाँटा गया है —
👉 Assessment for Learning
👉 Assessment of Learning
👉 Assessment as Learning
ये तीनों learning process के अलग-अलग stages और उद्देश्यों को दर्शाते हैं।
1️⃣ यह मूल्यांकन सीखने की प्रक्रिया के दौरान (during learning) किया जाता है।
2️⃣ इसका उद्देश्य है बच्चे की सीखने में मदद करना (to improve learning) और शिक्षक को यह समझना कि बच्चे कहाँ कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
3️⃣ यह Formative Assessment (गठनात्मक मूल्यांकन) जैसा होता है।
“Assessment for Learning = Improve Learning”
Feedback देना (timely feedback)।
Teaching method बदलना अगर बच्चा समझ नहीं पा रहा है।
बच्चों को self-correction का मौका देना।
EVS lesson “Our Plants” में teacher बच्चों से कहता है –
“तुम्हारे घर में कौन-कौन से पौधे हैं? क्या सब एक जैसे दिखते हैं?”
👉 इस सवाल से teacher को पता चलता है कि बच्चों को classification समझ आया या नहीं।
अगर नहीं आया तो वह फिर से आसान example लेकर समझाता है।
बच्चों में confidence बढ़ता है।
शिक्षक को अपनी teaching सुधारने में मदद मिलती है।
बच्चे actively सीखने में भाग लेते हैं।
1️⃣ यह मूल्यांकन सीखने की प्रक्रिया के बाद (after learning) किया जाता है।
2️⃣ इसका उद्देश्य है यह देखना कि बच्चे ने कितना सीखा (extent of learning achieved)।
3️⃣ यह सामान्यतः Summative Assessment (सारांशात्मक मूल्यांकन) से जुड़ा होता है।
“Assessment of Learning = Measure Achievement”
बच्चे की performance को grade या marks देना।
अगले learning level के लिए तैयार करना।
बच्चों की learning outcomes को compare करना।
EVS lesson “Water Conservation” के बाद teacher test देता है —
प्रश्न: “Write any 3 ways to save water at home.”
👉 इससे बच्चे की जानकारी (knowledge recall) और समझ (understanding) दोनों मापी जाती हैं।
Formal in nature (औपचारिक होता है)।
Term-end test, unit test, project report आदि इसके रूप हैं।
Result-oriented evaluation होता है।
1️⃣ यह मूल्यांकन तब होता है जब बच्चा खुद अपनी सीखने की प्रक्रिया में शामिल होता है (student becomes active participant)।
2️⃣ इसका उद्देश्य है बच्चे को self-assessment (स्व-मूल्यांकन) और reflection (चिंतन) की आदत डालना।
3️⃣ यह बच्चे को “मैं कैसे सीख रहा हूँ?” और “मुझे कहाँ सुधार की ज़रूरत है?” सोचने पर मजबूर करता है।
“Assessment as Learning = Self & Reflective Learning”
बच्चों को guide करना कि वे अपने सीखने को कैसे monitor करें।
उन्हें feedback देना, लेकिन decision लेने देना।
Peer-assessment (साथी मूल्यांकन) को प्रोत्साहित करना।
EVS में “Our Neighborhood” पढ़ाते समय teacher बच्चों से कहता है –
“अब बताओ, तुमने क्या नया सीखा? और क्या चीज़ समझ में नहीं आई?”
👉 इससे बच्चे खुद सोचते हैं कि उन्हें कहाँ improvement की ज़रूरत है।
Self-confidence बढ़ता है।
Critical thinking विकसित होती है।
बच्चे independent learner बनते हैं।
तीनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं —
Assessment for learning → learning को support करता है।
Assessment as learning → बच्चे को reflective बनाता है।
Assessment of learning → सीखने का परिणाम दिखाता है।
📘 Simple understanding:
“पहले सीखने में मदद करो (For),
फिर बच्चे को खुद अपनी learning समझने दो (As),
और अंत में उसकी सीखने का परिणाम देखो (Of)।”
1️⃣ Planner (योजनाकार) – तय करे कि कब और कैसे मूल्यांकन होगा।
2️⃣ Observer (अवलोकनकर्ता) – बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को ध्यान से देखे।
3️⃣ Feedback giver (प्रतिपुष्टि देने वाला) – बच्चों को सही समय पर सुझाव दे।
4️⃣ Guide (मार्गदर्शक) – बच्चों को self-assessment करना सिखाए।
5️⃣ Reflective practitioner – अपने teaching methods पर भी चिंतन करे।
🪴 Example:
Teacher EVS की class में पूछता है – “किसने group work में अच्छे ideas दिए?”
👉 इससे teacher बच्चों की participation भी देखता है और उन्हें खुद को evaluate करने देता है।
1️⃣ EVS में बच्चे केवल facts नहीं, बल्कि environmental awareness, attitude और values भी सीखते हैं।
2️⃣ इसलिए Assessment को holistic होना चाहिए — यानी बच्चे के सोचने, समझने, करने और महसूस करने — सभी पहलुओं को कवर करे।
3️⃣ Assessment for, of, and as learning तीनों मिलकर child-centered education (बाल-केंद्रित शिक्षा) का आधार बनाते हैं।
✅ Assessment = सीखने की प्रक्रिया को समझना और सुधारना।
✅ Assessment for Learning → Learning के दौरान, सुधार के लिए (Formative)।
✅ Assessment of Learning → Learning के बाद, परिणाम देखने के लिए (Summative)।
✅ Assessment as Learning → Self-evaluation, बच्चे को reflective learner बनाता है।
✅ Teacher’s Role: Observe, guide, feedback देना, encourage reflection।
✅ EVS में यह तीनों जरूरी हैं क्योंकि यह बच्चे को aware, active, responsible बनाते हैं।
✅ Simple formula to remember:
For → Improve Learning
Of → Judge Learning
As → Reflect Learning
1️⃣ Assessment Tools वे तरीके या साधन हैं जिनसे शिक्षक यह पता लगाता है कि बच्चे ने क्या और कैसे सीखा।
2️⃣ ये सिर्फ marks देने के लिए नहीं, बल्कि बच्चे के व्यवहार (behavior), समझ (understanding) और कौशल (skills) को समझने के लिए उपयोग होते हैं।
3️⃣ EVS में इन tools का उपयोग बच्चे की activity-based learning को आंकने के लिए किया जाता है।
🪴 Example:
अगर बच्चा “Water Conservation” पर project बना रहा है, तो teacher उसके observation, participation और creativity को tool की मदद से देख सकता है।
👉 Observation
👉 Checklist
👉 Projects
👉 Portfolio
1️⃣ Observation का मतलब है – बच्चे के व्यवहार, भागीदारी और सीखने की प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक देखना।
2️⃣ यह सबसे natural tool (स्वाभाविक उपकरण) है क्योंकि बच्चे को उसके वास्तविक स्थिति में देखा जाता है, बिना दबाव के।
बच्चे की रुचि, आदतें, और सीखने का तरीका समझना।
यह जानना कि बच्चा group work, discussion या activity में कैसे perform करता है।
Continuous Comprehensive Evaluation (CCE) का अहम हिस्सा।
EVS की class में बच्चे “Our Environment” पर chart बना रहे हैं।
Teacher देखता है —
कौन बच्चा actively काम कर रहा है?
कौन दूसरों की मदद करता है?
किसे निर्देश समझ में नहीं आ रहे?
👉 यह सारी जानकारी teacher को बच्चे की learning process के बारे में बताती है।
Continuous process है (लगातार चलने वाली)।
Qualitative information देता है।
Natural classroom setting में किया जा सकता है।
1️⃣ Checklist एक सूची होती है जिसमें शिक्षक यह mark करता है कि कोई विशेष व्यवहार या कौशल मौजूद है या नहीं (present or absent)।
2️⃣ यह “Yes / No” या “Done / Not Done” जैसे विकल्पों से काम करता है।
बच्चे की specific skills और learning outcomes को record करना।
Evaluation को objective (निष्पक्ष) और organized बनाना।
EVS Activity: “Growing a Plant” 🌱
Checklist Example:
क्या बच्चे ने बीज लगाया? ✅
क्या उसने पानी दिया? ✅
क्या उसने daily observation किया? ❌
👉 इससे teacher को साफ पता चलता है कि बच्चे ने कौन-कौन से steps पूरे किए हैं।
आसान और समय बचाने वाला तरीका।
Record रखना सरल।
हर बच्चे की progress को compare किया जा सकता है।
1️⃣ Project का मतलब है किसी विषय पर बच्चे द्वारा कार्य (task) करना, ताकि वह वास्तविक जीवन से जुड़कर सीख सके।
2️⃣ EVS में projects बच्चे को experience-based learning (अनुभव आधारित शिक्षा) देते हैं।
Problem-solving ability विकसित करना।
Creativity और responsibility बढ़ाना।
Group learning को प्रोत्साहित करना।
Individual Project: एक बच्चा खुद करता है।
Group Project: कई बच्चे मिलकर करते हैं।
Project Topic: “Waste Segregation (कचरे का अलगाव)”
Children collect dry and wet waste at home and prepare a small report.
👉 इससे उन्हें environmental awareness + practical experience दोनों मिलते हैं।
Real-life learning होती है।
Teamwork और leadership skills बढ़ते हैं।
बच्चे अपने environment से connect होते हैं।
1️⃣ Portfolio एक collection (संग्रह) होता है – जिसमें बच्चे के पूरे session या term के कार्य, projects, drawings, reports, worksheets, feedback आदि शामिल होते हैं।
2️⃣ यह बच्चे की progress को एक timeline में दिखाता है – यानी “बच्चा पहले क्या कर पाता था और अब क्या कर पा रहा है?”
बच्चे की growth और development को track करना।
Learning process को visualize करना।
Continuous assessment का आधार बनाना।
एक EVS Portfolio में ये शामिल हो सकते हैं –
Leaf collection activity report 🍂
Drawing of food chain diagram
Teacher feedback sheets
Self-reflection notes (“मैंने इस topic में क्या सीखा?”)
बच्चे को अपने सीखने पर गर्व महसूस होता है।
Teacher और parents दोनों को बच्चे की progress दिखती है।
Learning को holistic (समग्र) रूप में दिखाता है।
1️⃣ EVS में learning hands-on और experience-based होती है, इसलिए पारंपरिक exam पर्याप्त नहीं।
2️⃣ ये tools बच्चे की observing, questioning, exploring, experimenting, communicating skills को evaluate करने में मदद करते हैं।
3️⃣ ये child-centered evaluation (बाल-केंद्रित मूल्यांकन) को प्रोत्साहित करते हैं।
4️⃣ इनसे teacher को diagnostic feedback (कमज़ोरी और सुधार के क्षेत्र) की जानकारी मिलती है।
🪴 Example:
Teacher “Our Neighbourhood” पढ़ाते समय observation और checklist दोनों का उपयोग करता है —
देखता है कि कौन बच्चा सही जगहों की पहचान कर पा रहा है और कौन नहीं।
👉 इससे उसे पता चलता है कि किसे extra support की ज़रूरत है।
✅ Assessment Tools = बच्चे की सीखने की प्रगति मापने के साधन।
✅ Observation → प्राकृतिक रूप से बच्चे के व्यवहार का अध्ययन।
✅ Checklist → Yes/No आधारित record, आसान और objective।
✅ Projects → Real-life tasks जो problem-solving और creativity बढ़ाते हैं।
✅ Portfolio → बच्चे के पूरे session के काम का संग्रह, progress दिखाता है।
✅ ये सभी tools continuous, child-friendly, process-based होते हैं।
✅ EVS में इनका उपयोग बच्चे की समझ (understanding), कौशल (skills), और दृष्टिकोण (attitude) मापने के लिए किया जाता है।
1️⃣ Diagnostic (नैदानिक) शब्द का अर्थ है – रोग का कारण पता लगाना।
शिक्षा में इसका अर्थ है — बच्चे की सीखने में आने वाली कठिनाइयों (learning difficulties) का पता लगाना।
2️⃣ यह प्रक्रिया यह जानने में मदद करती है कि –
बच्चा किस भाग में, किस concept में या किस skill में कमजोर है।
3️⃣ Diagnostic teaching का उद्देश्य केवल यह जानना नहीं कि बच्चा गलती कर रहा है,
बल्कि यह समझना कि वह गलती क्यों कर रहा है।
🪴 Example:
EVS के “Water Cycle” अध्याय में बच्चा evaporation और condensation में गड़बड़ कर देता है।
👉 Teacher यह जानने की कोशिश करता है कि क्या बच्चे को “heat effect” समझ में नहीं आया या diagram confusing है।
1️⃣ Identification (पहचान):
बच्चे की learning difficulty को पहचानना।
Example: बच्चा पौधों के parts को सही क्रम में नहीं बता पा रहा।
2️⃣ Analysis (विश्लेषण):
कारण पता लगाना कि गलती क्यों हो रही है।
Example: बच्चे को roots और stems का difference स्पष्ट नहीं।
3️⃣ Diagnosis (निदान):
Learning gap का सही कारण निर्धारित करना।
Example: उसे real plant दिखाकर समझाया नहीं गया था।
4️⃣ Remedy Plan बनाना:
बच्चे की गलती सुधारने के लिए activity-based solution तैयार करना।
Example: plant parts पर observation activity कराना।
1️⃣ Remedial Teaching (उपचारात्मक शिक्षण) का अर्थ है —
“बच्चे की सीखने की समस्या को दूर करने के लिए दी गई विशेष शिक्षण सहायता (special teaching support)”。
2️⃣ यह diagnosis के बाद का step है —
पहले समस्या पहचानी जाती है (diagnostic),
फिर उसे ठीक किया जाता है (remedial)।
3️⃣ इसका उद्देश्य है —
बच्चे की learning difficulty को दूर करना,
Confidence बढ़ाना,
और basic concepts को मज़बूत करना।
🪴 Example:
अगर बच्चा “Sources of Water” में confusion रखता है,
तो teacher उसे nearby pond, tap, well दिखाने ले जा सकता है — यानी real-life example से clear करना।
1️⃣ Re-teaching (पुनः शिक्षण):
Concept को दूसरे तरीके से फिर से सिखाना।
Example: सिर्फ पढ़ाने की जगह picture chart या role play से सिखाना।
2️⃣ Drill and Practice (अभ्यास):
Repetition और exercises से concept पक्का करना।
Example: “Animals and their homes” पर बार-बार matching games करवाना।
3️⃣ Individual Attention (व्यक्तिगत ध्यान):
कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देना।
Example: small group teaching या peer help देना।
4️⃣ Use of Teaching Aids (शिक्षण-सामग्री का प्रयोग):
Visual aids, models, local resources का प्रयोग।
Example: “Air pollution” topic में short video या poster use करना।
5️⃣ Motivation and Confidence Building (प्रेरणा व आत्मविश्वास बढ़ाना):
बच्चे की छोटी-छोटी सफलता पर उसकी प्रशंसा करना।
इससे बच्चा सीखने के प्रति सकारात्मक बनता है।
1️⃣ EVS में concepts nature और surroundings से जुड़े होते हैं — बच्चे में concept clarity जरूरी है।
2️⃣ Diagnostic teaching से पता चलता है कि बच्चा कहाँ और क्यों अटक रहा है।
3️⃣ Remedial teaching से उस difficulty को दूर किया जा सकता है practical examples से।
4️⃣ इससे learning child-centered (बाल-केंद्रित) बनती है क्योंकि हर बच्चे की जरूरत अलग होती है।
5️⃣ यह teaching को inclusive (समावेशी) बनाता है — कोई बच्चा पीछे न छूटे।
🪴 Example:
अगर कोई बच्चा “Seasons” का concept नहीं समझ पा रहा,
तो teacher उसे बाहर ले जाकर sunlight और weather change का real observation करवाता है —
👉 यही remedial teaching का बेहतरीन तरीका है।
1️⃣ बच्चे की कमजोरियों को समझना, दोष नहीं निकालना।
2️⃣ Learning gap को identify करके child-friendly remedies देना।
3️⃣ Teaching को flexible और need-based बनाना।
4️⃣ Observation, oral questioning और worksheets से feedback लेना।
5️⃣ Progress track करना – क्या remedial steps से improvement हुआ या नहीं।
🪴 Example:
Teacher weekly observation sheet में नोट करता है कि कौन-सा बच्चा “Food habits of animals” पर अभी भी confused है।
👉 फिर उसे next class में picture cards के माध्यम से सिखाया जाता है।
| Diagnostic Teaching | Remedial Teaching |
|---|---|
| Learning difficulty पहचानना | Learning difficulty दूर करना |
| “What and Why of problem” पर ध्यान | “How to solve problem” पर ध्यान |
| पहले किया जाता है | इसके बाद किया जाता है |
| Example: बच्चा evaporation नहीं समझ पा रहा | Example: उसे water heating activity कराना |
(⚠️ केवल समझाने हेतु — तालिका न समझकर इसे याद करने योग्य संक्षिप्त तुलना समझें)
1️⃣ कमजोर छात्रों को सुधारने का अवसर मिलता है।
2️⃣ Concepts स्पष्ट होते हैं और learning meaningful बनती है।
3️⃣ बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।
4️⃣ Classroom environment supportive बनता है।
5️⃣ Teacher को भी अपने teaching methods सुधारने का मौका मिलता है।
✅ Diagnostic Teaching → Learning difficulty पहचानने की प्रक्रिया।
✅ Remedial Teaching → Difficulty दूर करने की प्रक्रिया।
✅ Diagnostic = Find the problem, Remedial = Fix the problem.
✅ Steps → Identification → Analysis → Diagnosis → Remedy → Evaluation.
✅ Use teaching aids, local examples, activities, re-teaching & motivation.
✅ EVS में ये दोनों approaches बच्चे की concept clarity, confidence और participation बढ़ाते हैं।
✅ Teacher का role है — सहायक, पर्यवेक्षक और प्रेरक (facilitator, observer, motivator)।
📋 Topics:-
Meaning:
Inclusion का अर्थ है — हर बच्चे को, चाहे उसकी क्षमता (ability), पृष्ठभूमि (background) या स्थिति (disability) कुछ भी हो, एक ही कक्षा में बराबरी से सीखने का अवसर देना।
यह भेदभाव-रहित (non-discriminatory) शिक्षा पर जोर देता है।
Example:
कक्षा में एक बच्चा सुन नहीं सकता (hearing impaired) है, तो शिक्षक उसकी मदद के लिए visual charts और gestures का प्रयोग करता है — यह inclusive classroom है।
Meaning:
Equity का मतलब “समान व्यवहार (equal treatment)” नहीं, बल्कि “न्यायपूर्ण अवसर (fair opportunity)” है।
हर बच्चे को उसकी ज़रूरत के अनुसार सहायता देना।
Example:
अगर एक बच्चे को पढ़ने में कठिनाई है, तो उसे extra time देना — यह equity है।
Meaning:
ऐसे बच्चे जिन्हें किसी शारीरिक (physical), मानसिक (mental), या भावनात्मक (emotional) कठिनाई के कारण सीखने में विशेष सहयोग की जरूरत होती है।
Example:
Dyslexia (पढ़ने में कठिनाई) वाले बच्चे के लिए शिक्षक बड़े अक्षरों में worksheets देता है।
Meaning:
Accessibility का अर्थ है कि सभी बच्चों के लिए स्कूल की इमारत, शिक्षण सामग्री और गतिविधियाँ सुगम और उपयोगी हों।
Example:
व्हीलचेयर वाले बच्चों के लिए रैम्प बनाना या Braille किताबें उपलब्ध कराना।
Meaning:
ऐसी शिक्षण विधि जिसमें शिक्षक बच्चों की जरूरत, रुचि और स्तर के अनुसार अलग-अलग तरीके से पढ़ाता है।
Example:
किसी topic को कुछ बच्चों को कहानी के रूप में, और कुछ को चित्रों के माध्यम से समझाना।
Meaning:
Gender sensitization का अर्थ है — लड़के और लड़कियों दोनों के प्रति समान सम्मान, समझ और व्यवहार विकसित करना।
Example:
शिक्षक कहे – “लड़कियाँ भी science experiment कर सकती हैं।”
→ यह gender sensitization है।
Meaning:
जब किसी समूह के बारे में एक तय सोच बना ली जाती है, उसे stereotype कहते हैं।
Example:
“लड़के रोते नहीं” या “लड़कियाँ खेल नहीं सकतीं” — ये gender stereotypes हैं।
Meaning:
किसी एक लिंग या समूह के प्रति झुकाव या अनुचित व्यवहार करना।
Example:
अगर शिक्षक सिर्फ लड़कों को बोलने का मौका दे और लड़कियों को न दे — तो यह gender bias है।
Meaning:
Equality = सबको एक जैसा देना।
Equity = हर किसी को उसकी जरूरत के अनुसार देना।
Example:
सभी को समान किताब देना Equality है,
लेकिन दृष्टिबाधित (visually impaired) बच्चे को Braille किताब देना Equity है।
Meaning:
Empowerment का अर्थ है – किसी को निर्णय लेने और अपनी जिंदगी सुधारने की शक्ति देना।
Example:
लड़कियों को स्कूल में नेतृत्व की भूमिका देना – जैसे मॉनिटर बनाना।
Meaning:
हर बच्चे में सीखने की गति, रुचि, बुद्धि, भाषा और व्यक्तित्व अलग-अलग होते हैं। इसे ही individual differences कहते हैं।
Example:
एक बच्चा जल्दी गणित सीखता है, दूसरा चित्रकला में अच्छा है — यह व्यक्तिगत भिन्नता है।
Meaning:
हर बच्चा अलग तरीके से सीखता है —
कुछ सुनकर (auditory), कुछ देखकर (visual), और कुछ करके (kinesthetic)।
Example:
EVS topic “Water Cycle” में कुछ बच्चे animation देखकर समझते हैं, कुछ drawing बनाकर।
Meaning:
ऐसी शिक्षण विधि जिससे कमजोर या कठिनाई झेल रहे बच्चों को extra सहायता दी जाती है।
Example:
जो बच्चा spelling में कमजोर है, उसे अलग से phonics practice देना।
Meaning:
Howard Gardner का सिद्धांत, जिसमें कहा गया कि हर बच्चे में अलग-अलग प्रकार की बुद्धि होती है —
जैसे linguistic, musical, logical, bodily, social आदि।
Example:
कोई बच्चा गणित में नहीं, पर संगीत में बहुत अच्छा है — वह भी बुद्धिमान है, बस अलग तरीके से।
Meaning:
ऐसी सोच जो सिर्फ याद करने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि सोचने, विश्लेषण करने, और नए विचार लाने में मदद करती है।
Example:
“अगर बारिश बंद हो जाए तो लोग कैसे जिएँगे?” — ऐसे प्रश्न से HOTS विकसित होते हैं।
Meaning:
तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर सोचने और निर्णय लेने की क्षमता।
Example:
“क्या हर शहर को मेट्रो चाहिए?” — बच्चा इसके फायदे और नुकसान दोनों सोचता है।
Meaning:
किसी समस्या को पहचानना, कारण ढूँढना और उसका व्यावहारिक हल निकालना।
Example:
“हमारे स्कूल में कचरा बढ़ रहा है — क्या करें?”
→ बच्चे सोचते हैं: dustbin लगाएँ, compost बनाएं।
Meaning:
नए, मौलिक और उपयोगी विचार या चीज़ बनाना।
Example:
पुरानी बोतलों से पौधों के गमले बनाना — यह creativity है।
Meaning:
एक समूह में बिना आलोचना किए, किसी समस्या के कई विचार इकट्ठे करना।
Example:
“कैसे हम अपने स्कूल को eco-friendly बना सकते हैं?”
→ सब बच्चे अपने-अपने विचार देते हैं।
Meaning:
ऐसे प्रश्न जिनके एक से ज़्यादा सही उत्तर हो सकते हैं और जो सोचने को प्रेरित करते हैं।
Example:
“अगर तुम प्रधान मंत्री होते तो पर्यावरण के लिए क्या करते?”
✅ Inclusion → सभी बच्चों को एक साथ सीखने का अवसर देना।
✅ Equity ≠ Equality → ज़रूरत के अनुसार मदद देना ही सच्ची समानता है।
✅ CWSN → Children with Special Needs – जिन्हें विशेष सहायता चाहिए।
✅ Gender Sensitization → लड़का-लड़की दोनों के प्रति समान दृष्टिकोण।
✅ Stereotype / Bias → गलत स्थिर धारणाएँ जो समानता में बाधा बनती हैं।
✅ Individual Differences → हर बच्चे की क्षमता, रुचि, गति अलग होती है।
✅ Remedial Teaching → कमजोर बच्चों के लिए विशेष सहायता।
✅ Multiple Intelligences (Gardner) → हर बच्चा अलग तरीके से बुद्धिमान है।
✅ HOTS → Critical Thinking + Problem Solving + Creativity = Deep Learning.
✅ Critical Thinking → तर्कसंगत निर्णय लेना।
✅ Problem Solving → व्यावहारिक समाधान ढूँढना।
✅ Creativity → नए और मौलिक विचार बनाना।
🌱 CTET याद रखो Line:
“सच्ची शिक्षा वही है जो हर बच्चे को शामिल करे, सोचने का अवसर दे, और उसे अपने वातावरण के प्रति संवेदनशील बनाए।”
1️⃣ Meaning (अर्थ)
Inclusive Education का मतलब है — ऐसा शिक्षण तंत्र जिसमें सभी बच्चे एक साथ, समान अवसरों (equal opportunities) के साथ सीख सकें,
चाहे वे सामान्य बच्चे हों या CWSN (Children With Special Needs)।
यह “Education for All (सबके लिए शिक्षा)” की भावना पर आधारित है।
🧩 Example:
एक ही कक्षा में सुनने में कठिनाई वाला बच्चा, दृष्टिबाधित (visually impaired) बच्चा और सामान्य बच्चे — सब साथ में सीख रहे हैं, यह inclusive education है।
2️⃣ Basic Idea (मुख्य विचार)
प्रत्येक बच्चे की individual difference (व्यक्तिगत भिन्नता) को स्वीकार करना।
सभी के लिए equal participation (समान भागीदारी) सुनिश्चित करना।
शिक्षा का उद्देश्य सभी के लिए “learning with dignity (गरिमा के साथ सीखना)” बनाना।
🧩 Example:
Teacher class में charts, gestures और sign language — सभी का प्रयोग करती है ताकि हर बच्चा समझ सके।
3️⃣ Inclusive Education ≠ Special Education
Special Education (विशेष शिक्षा) = अलग स्कूल या केंद्र में केवल विकलांग बच्चों को पढ़ाना।
Inclusive Education (सामावेशी शिक्षा) = सामान्य स्कूल में सभी बच्चों को साथ पढ़ाना,
उनकी ज़रूरतों के अनुसार सहायता देना।
🧩 Example:
Special school अलग होता है, लेकिन inclusive school में सब बच्चे साथ होते हैं।
1️⃣ Equality and Human Rights (समानता और मानवाधिकार)
हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार (Right to Education – RTE, 2009) है।
किसी भी बच्चे को उसकी शारीरिक, मानसिक या सामाजिक स्थिति के आधार पर बाहर नहीं किया जा सकता।
🧩 Example:
अगर किसी स्कूल में “wheelchair ramp” बनाया गया है ताकि दिव्यांग बच्चा भी जा सके — यह समान अवसर का उदाहरण है।
2️⃣ Holistic Development (समग्र विकास)
Inclusive environment बच्चे के सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक (social, emotional, intellectual) विकास को बढ़ाता है।
बच्चे सहयोग (cooperation), सहानुभूति (empathy) और acceptance (स्वीकार्यता) सीखते हैं।
🧩 Example:
Normal बच्चे जब visually impaired बच्चे के साथ group work करते हैं, तो empathy विकसित होती है।
3️⃣ Reduction of Discrimination (भेदभाव में कमी)
Inclusive education “We” feeling विकसित करता है — यानी कोई “special” या “different” नहीं होता।
इससे समाज में समानता (equality) और समावेशिता (inclusiveness) बढ़ती है।
🧩 Example:
कक्षा में सबको समान अवसर मिलने से कोई बच्चा “अलग” महसूस नहीं करता।
4️⃣ Improved Learning for All (सभी के लिए बेहतर सीखना)
जब शिक्षक विविध शिक्षण विधियाँ (multiple teaching methods) अपनाता है,
तो सबके learning outcomes बेहतर होते हैं।
🧩 Example:
Teacher visual aids, real objects, and activities का प्रयोग करती है — सभी बच्चों को फायदा होता है।
1️⃣ Meaning (अर्थ)
CWSN वे बच्चे हैं जिन्हें किसी शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक कठिनाई (difficulty) के कारण
सीखने में अतिरिक्त सहायता (special support) की आवश्यकता होती है।
2️⃣ Major Categories (मुख्य प्रकार)
Visual Impairment (दृष्टिबाधित) – देखने में कठिनाई।
🧩 Example: Braille script या tactile charts का प्रयोग।
Hearing Impairment (श्रवणबाधित) – सुनने में कठिनाई।
🧩 Example: Sign language, lip reading।
Locomotor Disability (गतिशीलता बाधा) – चलने-फिरने में कठिनाई।
🧩 Example: Wheelchair ramp, accessible seating।
Learning Disability (सीखने में कठिनाई) – जैसे Dyslexia (पढ़ने में कठिनाई)।
🧩 Example: सरल शब्दों में लिखित सामग्री देना।
Intellectual Disability (बौद्धिक अक्षमता) – समझने की क्षमता कम होना।
🧩 Example: Repetition और short steps में सिखाना।
Emotional/Behavioral Difficulty (भावनात्मक या व्यवहारिक कठिनाई)
🧩 Example: Positive reinforcement और counseling द्वारा मदद करना।
1️⃣ Flexible Curriculum (लचीला पाठ्यक्रम)
सभी बच्चों की जरूरतों के अनुसार curriculum में परिवर्तन किया जाता है।
यह rigid नहीं होता — activities और content को child’s ability के अनुसार modify किया जाता है।
🧩 Example:
EVS में visually impaired बच्चे को plant observation के बजाय leaf texture touch कराना।
2️⃣ Differentiated Instruction (भिन्नीकृत शिक्षण)
एक ही topic को सिखाने के अलग-अलग तरीके (multiple ways) अपनाए जाते हैं ताकि हर बच्चा समझ सके।
🧩 Example:
“Water cycle” को कुछ बच्चों के लिए drawing, कुछ के लिए video, कुछ के लिए poem के रूप में सिखाना।
3️⃣ Use of Teaching Aids (शिक्षण सहायक सामग्री का प्रयोग)
Low-cost & ICT-based aids जैसे charts, models, videos, tactile cards,
सभी बच्चों की participation बढ़ाते हैं।
🧩 Example:
Hearing impaired बच्चों के लिए animated video with subtitles दिखाना।
4️⃣ Peer Support and Group Learning (सहपाठी सहयोग)
साथियों द्वारा सहयोग से confidence और social skills विकसित होते हैं।
🧩 Example:
Class monitor visually impaired बच्चे की notebook पढ़कर सुनाता है।
5️⃣ Teacher Sensitization (शिक्षक संवेदनशीलता)
शिक्षक को inclusive values समझना चाहिए और bias-free attitude (पूर्वाग्रह-रहित दृष्टिकोण) रखना चाहिए।
Teacher को training (प्रशिक्षण) दी जानी चाहिए ताकि वह हर बच्चे की जरूरत पहचान सके।
🧩 Example:
Teacher learning disability वाले बच्चे को extra time देती है।
6️⃣ Resource Room / Special Educator Support
स्कूल में special educator या resource room की मदद से individual support दी जा सकती है।
🧩 Example:
Speech therapist hearing-impaired बच्चे की मदद करता है।
7️⃣ Parent and Community Involvement (अभिभावक एवं समुदाय की भागीदारी)
घर और समाज दोनों का सहयोग जरूरी है ताकि बच्चा regular schooling में comfortable रहे।
🧩 Example:
Parents को सिखाना कि घर पर बच्चे की homework में कैसे मदद करें।
8️⃣ Use of ICT (Information and Communication Technology)
ICT tools जैसे talking books, audio lessons, screen readers, e-content learning को आसान बनाते हैं।
🧩 Example:
Visually impaired बच्चा “Talking Textbook” से EVS chapter सुनता है।
1️⃣ Facilitator (सहायक बनना) – हर बच्चे को सीखने का अवसर देना।
2️⃣ Observer (अवलोकनकर्ता) – बच्चों की जरूरतें पहचानना।
3️⃣ Motivator (प्रेरक) – सभी में आत्मविश्वास बढ़ाना।
4️⃣ Planner (योजनाकार) – lesson plan को flexible बनाना।
5️⃣ Collaborator (सहयोगी) – parents, peers, experts से सहयोग लेना।
🧩 Example:
Teacher visually impaired बच्चे के लिए tactile chart तैयार करती है और साथ में normal बच्चों से discussion कराती है।
✅ Inclusive Education = सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा का अधिकार।
✅ CWSN = Children with Special Needs (विशेष आवश्यकता वाले बच्चे)।
✅ Need = Equality, empathy, holistic growth, social harmony.
✅ Difference – Special education = अलग स्कूल; Inclusive = साथ में पढ़ाना।
✅ Strategies:
Flexible curriculum
Differentiated instruction
Teaching aids & ICT
Peer support
Teacher sensitization
Parental involvement
✅ Teacher’s role: Facilitator, observer, motivator, planner, collaborator.
✅ Aim: Learning for all – “No child left behind.”
1️⃣ Gender (लिंग)
Gender का मतलब केवल पुरुष या महिला (male or female) होना नहीं है,
बल्कि यह समाज द्वारा बनाए गए रोल्स (roles), व्यवहार (behaviours), अपेक्षाएँ (expectations) और अवसर (opportunities) से जुड़ा होता है।
यानी समाज यह तय करता है कि “लड़के क्या करें” और “लड़कियाँ क्या करें।”
🧩 Example:
अगर कहा जाए कि “लड़कियाँ खाना बनाती हैं और लड़के खेलते हैं” — तो यह gender stereotype (लैंगिक रूढ़िवादिता) है।
2️⃣ Gender Issues (लैंगिक मुद्दे)
ऐसे सामाजिक, शैक्षणिक या व्यवहारिक अंतर जो लड़कों और लड़कियों के बीच असमानता (inequality) पैदा करते हैं।
शिक्षा में ये अंतर अवसरों, व्यवहार, भागीदारी, और मूल्यांकन (opportunities, behaviour, participation, evaluation) के स्तर पर दिखते हैं।
🧩 Example:
अगर शिक्षक सिर्फ लड़कों से सवाल पूछते हैं और लड़कियों को कम बोलने देते हैं — तो यह gender bias है।
1️⃣ Gender Bias (लैंगिक पक्षपात)
जब शिक्षक, अभिभावक या समाज एक लिंग के प्रति झुकाव (preference) दिखाता है और दूसरे को कम महत्व देता है।
🧩 Example:
किसी बच्चे से कहना — “लड़के मत रोओ” या “लड़कियाँ विज्ञान में कमजोर होती हैं।”
2️⃣ Gender Stereotypes (लैंगिक रूढ़िवादिता)
ये स्थायी धारणाएँ (fixed ideas) हैं कि लड़के और लड़कियाँ क्या कर सकते हैं या नहीं कर सकते।
ऐसे विचार बच्चों के आत्मविश्वास (self-confidence) को कम करते हैं।
🧩 Example:
कहना कि “लड़कियाँ डॉक्टर बनें और लड़के इंजीनियर।”
3️⃣ Impact on Learning (सीखने पर प्रभाव)
लड़कियाँ classroom में बोलने से डर सकती हैं।
लड़के भावनाएँ व्यक्त करने में झिझकते हैं।
विषयों (जैसे Science, Maths, EVS) में भागीदारी असमान हो जाती है।
🧩 Example:
Teacher अगर लड़कों को प्रयोग (experiments) करने देती है और लड़कियों को केवल notes लिखने को कहती है, तो यह असमानता है।
1️⃣ Meaning (अर्थ)
Gender Equity (लैंगिक समानता) का अर्थ है — हर बच्चे को समान अवसर (equal opportunities), सम्मान (respect) और भागीदारी (participation) का अधिकार देना,
चाहे वह लड़का हो या लड़की।
🧩 Example:
कक्षा में project work के लिए लड़के और लड़कियाँ दोनों को समान जिम्मेदारी दी जाए।
2️⃣ Difference between Equality & Equity
Equality (समानता): सबको एक जैसा देना।
Equity (न्यायपूर्ण समानता): हर बच्चे को उसकी जरूरत के अनुसार अवसर देना।
🧩 Example:
अगर एक बच्चा धीमी गति से लिखता है तो उसे extra time देना — यह equity है।
3️⃣ Need for Gender Equity in EVS (EVS में समानता की आवश्यकता)
EVS विषय जीवन, समाज और पर्यावरण से जुड़ा है।
अगर बच्चे gender roles को समझेंगे, तभी वे समाज में समानता और न्याय (equality and justice) का व्यवहार सीख पाएंगे।
🧩 Example:
EVS पाठ “हमारा परिवार” में अगर teacher लड़के और लड़कियों दोनों की household responsibilities पर चर्चा कराती है, तो बच्चों में समानता का भाव विकसित होता है।
1️⃣ Gender-neutral Teaching (लैंगिक-तटस्थ शिक्षण)
शिक्षण सामग्री, भाषा और गतिविधियाँ ऐसी हों जो किसी लिंग के प्रति भेदभाव न करें।
🧩 Example:
“Doctor = male” या “Nurse = female” कहने की बजाय — दोनों professions में लड़के-लड़कियाँ दिखाए जाएँ।
2️⃣ Inclusive Curriculum (सर्वसमावेशी पाठ्यक्रम)
EVS पुस्तकों में female scientists, explorers, environmentalists के उदाहरण शामिल हों।
🧩 Example:
Dr. Sunita Williams या Medha Patkar जैसे उदाहरण शामिल करना।
3️⃣ Equal Participation in Activities (समान भागीदारी)
Classroom activities, projects, games में लड़के और लड़कियाँ दोनों समान रूप से शामिल हों।
🧩 Example:
Field visit या cleaning drive में सभी को समान भूमिका दी जाए।
4️⃣ Gender-sensitive Language (संवेदनशील भाषा का प्रयोग)
शिक्षक की भाषा ऐसी न हो जो किसी लिंग को कमजोर या श्रेष्ठ दिखाए।
🧩 Example:
“लड़कियाँ डरपोक होती हैं” जैसे वाक्य कभी न कहें।
5️⃣ Breaking Stereotypes through Examples (रूढ़ियों को तोड़ना)
ऐसे real-life examples दें जो gender bias को चुनौती दें।
🧩 Example:
Lady pilots, male nurses, women scientists के चित्र और कहानियाँ दिखाएँ।
6️⃣ Encouraging Sharing of Responsibilities (जिम्मेदारी बाँटना सिखाना)
बच्चों को घर और स्कूल दोनों में साझा जिम्मेदारी (shared responsibility) का महत्व समझाएँ।
🧩 Example:
EVS lesson में “घर का काम” activity में सब बच्चे बर्तन धोने, झाड़ू लगाने, खाना पकाने के कार्य बाँटें।
7️⃣ Teacher’s Attitude and Behaviour (शिक्षक का दृष्टिकोण)
शिक्षक को unbiased (पूर्वाग्रह रहित) होना चाहिए।
हर बच्चे से समान व्यवहार करें और सभी को बोलने का मौका दें।
🧩 Example:
Teacher group discussion में पहले उन लड़कियों को बोलने का मौका देती है जो आमतौर पर चुप रहती हैं।
8️⃣ Parental and Community Awareness (अभिभावक एवं समुदाय की जागरूकता)
School को parents और community को gender equality के महत्व के बारे में बताना चाहिए।
🧩 Example:
School exhibition में “Beti Padhao” या “Equal Opportunities” जैसे विषय शामिल करें।
1️⃣ Role Model बनना:
Teacher खुद समानता का व्यवहार करे ताकि बच्चे भी वैसा सीखें।
2️⃣ Classroom Environment:
ऐसा माहौल बनाना जहाँ हर बच्चा स्वतंत्र रूप से विचार व्यक्त कर सके।
3️⃣ Activity-based Learning:
Group work, projects, discussions — सबमें लड़के-लड़कियों की समान भागीदारी।
4️⃣ Observation and Reflection:
शिक्षक ध्यान रखें कि कहीं किताबों या व्यवहार में gender bias तो नहीं।
5️⃣ Use of ICT and Media:
ऐसे videos या presentations दिखाना जो gender equality सिखाएँ।
✅ Gender = सामाजिक रूप से तय roles और अपेक्षाएँ।
✅ Gender Issues = असमान अवसर और पक्षपात की स्थितियाँ।
✅ Gender Bias = किसी लिंग के प्रति झुकाव या भेदभाव।
✅ Gender Stereotype = तय धारणा कि लड़के-लड़कियाँ क्या कर सकते हैं।
✅ Gender Equity = हर बच्चे को उसकी जरूरत के अनुसार समान अवसर देना।
✅ Equality ≠ Equity: Equality = सबको समान; Equity = सबको उनकी जरूरत के अनुसार।
✅ EVS में समानता क्यों जरूरी: समाज में न्याय, सम्मान और सहानुभूति के मूल्य विकसित करने के लिए।
✅ Strategies:
Gender-neutral teaching
Inclusive curriculum
Equal participation
Sensitive language
Teacher’s unbiased attitude
Parent-community awareness
✅ Goal: “Learning for All, Respect for All.”
1️⃣ Individual Differences (व्यक्तिगत भिन्नताएँ) का मतलब है —
हर बच्चा अलग (different) होता है — सोचने, सीखने, महसूस करने, और काम करने के तरीके में।
किसी की learning speed तेज होती है, किसी की धीमी।
किसी को गणित पसंद है, किसी को चित्रकारी।
कोई बच्चा बोलने में आत्मविश्वासी है, कोई चुप रहता है।
👉 यानी हर बच्चा unique (अद्वितीय) है और उसकी सीखने की ज़रूरतें भी अलग होती हैं।
🧩 Example:
कक्षा में एक बच्चा जल्दी प्रश्न हल कर लेता है, जबकि दूसरा बच्चा उसी प्रश्न को समझने में अधिक समय लेता है — यह व्यक्तिगत भिन्नता है।
1️⃣ Heredity (वंशानुगत कारण)
बच्चे के कुछ गुण जैसे बुद्धि (intelligence), शारीरिक संरचना (body type), स्वभाव (temperament) आदि माता-पिता से प्राप्त होते हैं।
🧩 Example:
अगर माता-पिता संगीत में रुचि रखते हैं, तो बच्चे में भी संगीत की समझ विकसित हो सकती है।
2️⃣ Environment (पर्यावरणीय कारण)
जिस माहौल में बच्चा बड़ा होता है — घर, स्कूल, समाज — वह उसकी सोच और व्यवहार को प्रभावित करता है।
🧩 Example:
एक बच्चे को घर में किताबें और चर्चा का माहौल मिलता है, तो वह सीखने में अधिक रुचि दिखाएगा।
3️⃣ Socio-economic Conditions (सामाजिक-आर्थिक स्थिति)
गरीब या अमीर परिवार, शिक्षा का स्तर, भोजन और स्वास्थ्य की स्थिति — सब सीखने पर असर डालते हैं।
🧩 Example:
कम आय वाले परिवार का बच्चा किताबें या डिजिटल साधन नहीं खरीद पाता, जिससे उसकी सीखने की गति धीमी हो सकती है।
4️⃣ Interest and Motivation (रुचि और प्रेरणा)
अगर बच्चे को किसी विषय में रुचि है, तो वह उसे जल्दी और अच्छे से सीखता है।
🧩 Example:
जिस बच्चे को पौधों में रुचि है, वह EVS के “पौधे” अध्याय को अधिक ध्यान से पढ़ेगा।
5️⃣ Physical and Mental Health (शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य)
थकान, बीमारी, तनाव या डर बच्चे की सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
🧩 Example:
अगर बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है, तो उसकी उपस्थिति कम होगी और सीखने में कठिनाई होगी।
1️⃣ Intellectual Differences (बौद्धिक भिन्नताएँ)
हर बच्चे की सोचने-समझने की क्षमता (intelligence level) अलग होती है।
🧩 Example:
कुछ बच्चे कठिन प्रश्न जल्दी हल कर लेते हैं, कुछ को अधिक अभ्यास की ज़रूरत होती है।
2️⃣ Emotional Differences (भावनात्मक भिन्नताएँ)
कुछ बच्चे भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं, जबकि कुछ जल्दी दुखी या डर जाते हैं।
🧩 Example:
एक बच्चा टीचर की डाँट के बाद तुरंत संभल जाता है, दूसरा पूरे दिन उदास रहता है।
3️⃣ Social Differences (सामाजिक भिन्नताएँ)
बच्चों का व्यवहार और दूसरों से जुड़ने की क्षमता अलग-अलग होती है।
🧩 Example:
कोई बच्चा बहुत मिलनसार है, कोई शर्मीला है।
4️⃣ Physical Differences (शारीरिक भिन्नताएँ)
बच्चों की ऊँचाई, ताकत, दृष्टि, श्रवण, या शारीरिक क्षमता में फर्क होता है।
🧩 Example:
किसी बच्चे को चलने में कठिनाई है या सुनने में समस्या है।
5️⃣ Learning Style Differences (सीखने की शैली में भिन्नता)
कुछ बच्चे देखकर (visual learners), कुछ सुनकर (auditory learners), और कुछ करके (kinesthetic learners) बेहतर सीखते हैं।
🧩 Example:
एक बच्चा वीडियो देखकर समझता है, जबकि दूसरा बच्चा प्रयोग करके सीखता है।
1️⃣ हर बच्चा अलग है, इसलिए एक जैसी teaching method सबके लिए काम नहीं करती।
2️⃣ अगर शिक्षक बच्चों की जरूरतें नहीं समझेगा, तो कुछ बच्चे पीछे रह जाएँगे।
3️⃣ इससे inclusive classroom (सर्वसमावेशी कक्षा) का माहौल बनता है।
4️⃣ यह बच्चों में आत्मविश्वास (self-confidence) और सकारात्मक दृष्टिकोण (positive attitude) बढ़ाता है।
🧩 Example:
अगर शिक्षक धीमी गति से सीखने वाले बच्चे को extra time देता है, तो वह भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
अलग-अलग बच्चों के लिए अलग teaching method या activity का उपयोग।
🧩 Example:
EVS में एक बच्चे को चित्र बनवाएँ, दूसरे को कहानी सुनाने को कहें, तीसरे से प्रयोग करवाएँ।
समान रुचि या क्षमता वाले बच्चों को एक साथ समूह में काम करने देना।
समूह समय-समय पर बदले जा सकते हैं।
🧩 Example:
“पानी का संरक्षण” विषय पर तेज सीखने वाले बच्चे और धीमी गति वाले बच्चे को एक साथ समूह में रखो ताकि दोनों एक-दूसरे से सीख सकें।
जो बच्चा पीछे है, उसे शिक्षक अलग से समझाए या पुनः गतिविधि करवाए।
🧩 Example:
पाठ खत्म होने के बाद teacher उस बच्चे को दोबारा concept समझाती है जो समझ नहीं पाया।
चित्र, वीडियो, मॉडल, चार्ट, role play आदि का प्रयोग ताकि सभी प्रकार के learners सीख सकें।
🧩 Example:
EVS lesson “पौधे” सिखाने के लिए वीडियो, असली पत्ते, और चित्र सबका उपयोग करना।
बच्चे की प्रगति को अलग-अलग तरीकों से और नियमित रूप से आंकना।
🧩 Example:
केवल परीक्षा नहीं, बल्कि observation, project, portfolio से भी मूल्यांकन करना।
बच्चे के छोटे-छोटे प्रयासों की भी सराहना करना।
🧩 Example:
धीरे बोलने वाले बच्चे की हिम्मत बढ़ाने के लिए शिक्षक कहे — “बहुत अच्छा, तुमने आज बहुत अच्छा जवाब दिया।”
बच्चे एक-दूसरे से सीखें।
🧩 Example:
अच्छा लिखने वाला बच्चा दूसरे बच्चे को सिखाए। इससे दोनों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
डिजिटल सामग्री जैसे वीडियो, simulations, interactive games का प्रयोग कर बच्चों की रुचि और गति के अनुसार सिखाना।
🧩 Example:
एक बच्चा EVS का concept video देखकर समझे, दूसरा quiz खेलकर — दोनों की learning style को respect किया गया।
1️⃣ हर बच्चे को समान अवसर (equal opportunity) देना।
2️⃣ बच्चों के strengths और weaknesses पहचानना।
3️⃣ Flexible teaching methods अपनाना।
4️⃣ Positive environment बनाना जहाँ हर बच्चा खुद को स्वीकार महसूस करे।
5️⃣ बच्चों की progress पर नजर रखना और जरूरत पड़ने पर सहायता देना।
🧩 Example:
Teacher ध्यान रखे कि कोई बच्चा अकेला या पीछे न महसूस करे; सब activities में भाग लें।
1️⃣ कक्षा में बच्चों की संख्या अधिक होना।
2️⃣ समय की कमी।
3️⃣ संसाधनों (resources) की कमी।
4️⃣ शिक्षक का प्रशिक्षण और समझ की कमी।
🧩 Example:
अगर 50 बच्चों की कक्षा है, तो हर बच्चे की learning need पर अलग ध्यान देना कठिन होता है।
✅ Individual Differences = हर बच्चा अपनी सोच, रुचि, क्षमता, और सीखने की शैली में अलग है।
✅ Causes = वंशानुगति, पर्यावरण, सामाजिक स्थिति, स्वास्थ्य, रुचि।
✅ Types = बौद्धिक, भावनात्मक, सामाजिक, शारीरिक, सीखने की शैली।
✅ Need = हर बच्चे को सीखने का समान अवसर देना।
✅ Strategies =
Differentiated instruction
Flexible grouping
Individual support
Multiple teaching aids
Continuous evaluation
Positive reinforcement
Peer learning
Use of ICT
✅ Teacher’s Role = संवेदनशील, सहयोगी और समावेशी दृष्टिकोण रखना।
✅ Goal = “हर बच्चा सीख सकता है – लेकिन अपने तरीके से।”
(HOTS = Higher Order Thinking Skills / उच्च स्तरीय चिंतन कौशल)
1️⃣ HOTS (Higher Order Thinking Skills) का मतलब है —
ऐसी सोचने की क्षमता जो सिर्फ याद करने तक सीमित नहीं होती, बल्कि समझने, विश्लेषण करने (analyze), मूल्यांकन करने (evaluate) और नई चीज़ें बनाने (create) में मदद करती है।
2️⃣ EVS में HOTS का उद्देश्य है कि बच्चा सोच-समझकर निर्णय लेना सीखे, समस्याओं का हल खोजे, और नवाचार (innovation) करे।
🧩 Example:
अगर बच्चों से पूछा जाए — “अगर गाँव में पानी की कमी हो जाए तो क्या उपाय किए जा सकते हैं?”
तो बच्चे सोचेंगे, विश्लेषण करेंगे, और नए समाधान सुझाएँगे — यह HOTS का उपयोग है।
1️⃣ EVS का उद्देश्य सिर्फ तथ्यों को याद करवाना नहीं है, बल्कि बच्चों को पर्यावरण को समझने और सुधारने की सोच देना है।
2️⃣ HOTS बच्चों को:
जिज्ञासु (curious) बनाता है।
स्वतंत्र सोचने (independent thinking) की आदत डालता है।
Responsible citizen (जिम्मेदार नागरिक) बनने में मदद करता है।
🧩 Example:
अगर बच्चा सोचता है कि “कचरा कैसे कम किया जाए?”, और फिर compost pit बनाने का सुझाव देता है — तो यह HOTS का सही प्रयोग है।
HOTS के तीन प्रमुख भाग हैं –
Meaning:
Critical thinking का मतलब है — किसी बात को अंधाधुंध मान लेना नहीं, बल्कि तथ्यों (facts) और तर्कों (logic) के आधार पर विचार करना।
🧩 Example:
अगर EVS में पूछा जाए –
“क्या सभी पेड़ों को काटकर शहर बनाना सही है?”
→ बच्चा सोचता है कि इससे पर्यावरण, जीव-जंतु, और मनुष्यों पर क्या असर होगा।
→ फिर वह तर्कसंगत जवाब देता है — “पेड़ काटने से पर्यावरण असंतुलित होगा, इसलिए हमें संतुलित विकास करना चाहिए।”
In Classroom:
शिक्षक बच्चों से ऐसे प्रश्न पूछे जो “Why” या “How” से शुरू हों।
जैसे –
“Why should we save water?”
“How can we reduce pollution in our area?”
Meaning:
Problem solving का अर्थ है — किसी समस्या को पहचानना, उसके कारणों का पता लगाना और व्यावहारिक समाधान (practical solution) खोजना।
🧩 Example:
Topic – “Water pollution”
शिक्षक पूछते हैं – “अगर हमारे आसपास की नदी गंदी हो जाए तो क्या करें?”
बच्चे सोचते हैं –
गंदगी फेंकना बंद करें,
awareness campaign चलाएँ,
पानी को filter करें —
यह सब समस्या समाधान की प्रक्रिया है।
Steps of Problem Solving:
1️⃣ समस्या को पहचानना (Identify the problem)
2️⃣ कारणों को समझना (Find the cause)
3️⃣ विकल्प सोचकर समाधान चुनना (Choose best possible solution)
4️⃣ परिणाम देखना (Check the result)
In Classroom:
EVS project – “Save Electricity”
→ बच्चे अपने घरों में बिजली बचाने के तरीके ढूँढते हैं — जैसे LED bulb का प्रयोग, पंखा बंद करना आदि।
Meaning:
Creativity का अर्थ है – नई, मौलिक (original) और उपयोगी (useful) विचार या तरीका निकालना।
यह सोचने और करने दोनों में दिखता है।
🧩 Example:
EVS topic “Recycling Waste” में बच्चे अपने पुराने बोतलों से पेन स्टैंड बना रहे हैं – यह creativity है।
In Classroom:
शिक्षक बच्चों को encourage करे कि वे अपने ideas शेयर करें —
जैसे “अगर तुम्हें स्कूल का बगीचा डिजाइन करना हो, तो कैसा बनाओगे?”
Creativity में बच्चे को गलत होने का डर नहीं होना चाहिए।
इसलिए शिक्षक को “freedom to think and explore” देना चाहिए।
1️⃣ Questioning Skills (प्रश्न पूछने की कला)
शिक्षक को ऐसे प्रश्न पूछने चाहिए जो बच्चे को सोचने पर मजबूर करें।
🧩 Example: “If all trees disappear, what will happen?”
2️⃣ Encourage Discussion (चर्चा को बढ़ावा देना)
बच्चों को समूह में बात करने और अपनी राय व्यक्त करने का अवसर दें।
🧩 Example: “Discuss in group – What can we do if it doesn’t rain for many days?”
3️⃣ Project-Based Learning (परियोजना आधारित शिक्षण)
बच्चों को वास्तविक जीवन से जुड़ी परियोजनाएँ दें जहाँ वे अपने विचार और समाधान दें।
🧩 Example: “Make a model to show how rainwater can be collected.”
4️⃣ Freedom to Explore (अन्वेषण की स्वतंत्रता देना)
बच्चों को नई चीजें खोजने, प्रयोग करने, और गलती से सीखने का मौका देना।
5️⃣ Use of ICT Tools (तकनीकी साधनों का उपयोग)
वीडियो, simulations, interactive games के माध्यम से सोचने और समस्या सुलझाने की क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
6️⃣ Positive Environment (सकारात्मक माहौल)
बच्चों को बिना डर अपने विचार साझा करने का माहौल देना।
1️⃣ Open-ended Questions (खुले प्रश्न)
जैसे – “अगर स्कूल में पानी खत्म हो जाए तो तुम क्या करोगे?”
→ एक प्रश्न के कई सही उत्तर हो सकते हैं।
2️⃣ Case Studies (घटनाओं का अध्ययन)
बच्चों को किसी पर्यावरणीय समस्या का उदाहरण देकर समाधान सोचने को कहें।
3️⃣ Debate (वाद-विवाद)
जैसे – “क्या हमें प्लास्टिक पूरी तरह बंद कर देना चाहिए?”
4️⃣ Role Play (भूमिका निर्वाह)
बच्चे अलग-अलग भूमिकाएँ निभाकर पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करें।
5️⃣ Brainstorming (विचार मंथन)
किसी विषय पर बच्चों से कई नए विचार एकत्र करना — बिना आलोचना किए।
🧩 Example: “How can we make our classroom eco-friendly?”
6️⃣ Creative Art & Poster Making
EVS विषयों पर चित्र, नारा, या मॉडल बनाना।
1️⃣ बच्चे में आलोचनात्मक सोच (critical thinking) विकसित होती है।
2️⃣ समस्या समाधान की क्षमता (problem solving ability) बढ़ती है।
3️⃣ रचनात्मकता (creativity) और नवाचार की भावना आती है।
4️⃣ बच्चा स्वतंत्र रूप से सोचने (independent learning) लगता है।
5️⃣ Teamwork और सहयोग (collaboration) की भावना विकसित होती है।
6️⃣ वास्तविक जीवन से जुड़ा सीखना होता है, जो दीर्घकालिक (long-term) होता है।
✅ HOTS (Higher Order Thinking Skills) → सोचने, विश्लेषण करने, मूल्यांकन करने, और नई चीजें बनाने की क्षमता।
✅ Main Components:
Critical Thinking → तथ्य व तर्क के आधार पर सोचना।
Problem Solving → समस्या पहचानकर समाधान निकालना।
Creativity → मौलिक व उपयोगी विचार पैदा करना।
✅ Teacher’s Role:
Thought-provoking questions पूछना।
Discussion, projects, ICT, and exploration को प्रोत्साहन देना।
✅ Classroom Activities:
Open-ended questions, debate, case studies, brainstorming, creative art.
✅ Benefits:
Independent thinking, logical reasoning, innovation, and lifelong learning.
🌱 CTET Key Line to Remember:
👉 “EVS teaching should not focus only on facts, but on thinking, doing, and creating.”